नये साल 2018 में “शनि देवता” किसको करेंगे मालामाल,किसको करेंगे कंगाल

क्या आप जानना चाहते हैं कि साल 2018 आपके लिए कैसा रहेगा ? क्या आप इस वर्ष सफलता प्राप्त कर सकेंगे? क्या आपको इस साल मनोवांछित फल मिलेगा ? इस वर्ष क़ामयाबी और समृद्धि पाने के लिए आप क्या उपाय कर सकते हैं ? यदि ये प्रश्न आपके दिलो-दिमाग़ में घूम रहे हैं, तो आज हम आपको देंगें इन सारे प्रश्नों के उत्तर और इसके साथ ही बतायेंगें वर्ष 2018 को उत्तम बनाने के उपाय.

शनि को हमेशा से ही ऐसे ग्रह के तौर पर जाना जाता रहा है जिसकी चाल किसी के लिए खुशियां तो किसी के लिए गम ला सकती है. शनि को हमेशा से ही क्रोधी प्रवृत्ति का माना जाता है. जब शनि की बात हो तो वह कौन से भाव में तथा किस धातु के पाद में है यह जानना अति आवश्यक हो जाता है. क्योंकि इससे जीवन में शुभ-अशुभ, हानि-लाभ, घटना-दुर्घटना, उत्थान-पतन आदि के बारे में संकेत मिलते हैं.

आप भी जानिए कि साल 2018 में आपकी राशि के किस भाव में किस धातु में और किस धातु के पाये में शनि रहेंगे और उसका आप पर क्या प्रभाव पड़ेगा.

मेष राशि (Aries)- नवें भाव में रजत के पाये पर शनि के होने से लाभ, शुभ, सफलता और आर्थिक वृद्धि होगी.

वृषभ राशि (Taurus)- आठवें भाव में लौह के पाये पर शनि के भ्रमण से कष्ट, दुख, परिवार आदि में कलह, अड़चनों का संकेत, शनि की ढैय्या से प्रभावित होंगे.

मिथुन राशि (Gemini )- सातवें भाव में तांबे के पाये पर शनि के होने पर धन-सम्पदा, लाभ देवी लक्ष्मी की कृपा के योग बन रहे हैं. वैवाहिक जीवन का प्रारंभ होगा तथा पत्नी सुख, शांति, आरोग्य काया और उन्नति मिलेगी.

कर्क राशि (Cancer)- छठें भाव में सुवर्ण पाद पर शनि का भ्रमण सुख-दुख, लाभ-हानि, श्रम-संघर्ष की समान स्थिति रहेगी. पारिवारिक सुख में बाधा उत्पन्न होगी. धोखे का भय सताएगा. लगातार कई उतार चढ़ाव से परेशान रहेंगे.

कन्या- चतुर्थ भाव में लौह पाद पर शनि से अशांति, कलह और अड़चनें रहेंगी. व्यवसाय में लाभ कम, हानि अधिक होगी. सिर दर्द और छोटी-मोटी बीमारियों से परेशान रहेंगे.

तुला- तीसरे भाव में ताम्र के पाये में शनि भ्रमण से देवी लक्ष्मी की कृपा, उद्योग, व्यापार में उन्नति होगी. सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. इस राशि के जातकों को शनि की कृपा से सभी श्रेष्ठमय, सुखमय स्थिति प्राप्त होगी.

वृश्चिक- द्वितीय भाव में रजत पाद पर शनि तथा पैरों की ओर से उतरती शनि की साढ़ेसाती शुभ, मंगल, लाभकारी, अर्थोपार्जन में वृद्धि होगी. प्रसन्नता रहेगी. मकान, वाहन, जमीन, प्रॉपर्टी में विस्तार, व्यापार में लाभ होगा.

धनु- प्रथम भाव में सुवर्ण पाद पर शनि रहेंगे. ह्रदय के मध्य भाग पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव सुखद नहीं है. आय से अधिक व्यय होगा. व्यापार में हानि के योग बनेंगे. श्रम तथा संघर्ष अधिक होगा. स्वास्थ्य की चिंता सताएगी. कहीं बाधा, कहीं असंतोष रहेगा. परिवार में अशांति होगी.

मकर- बारहवें भाव में लौह पाद पर शनि का भ्रमण. सिर पर शनि की साढ़ेसाती का दुखद प्रभाव रहेगा. कलह, कष्ट, विघ्न-बाधा के साथ-साथ परिवार के किसी सदस्य का विछोह संभव है. उद्योग व्यापार में अनिश्चितता रहेगी.

कुंभ- ग्याहरवें भाग में सुवर्ण पाद पर शनि रहेंगे. संघर्ष के बावजूद सफलता अनिश्चित रहेगी. मानसिक उद्विग्नता, उदासी, अशांति लेकिन व्यवसाय उद्योग में उन्नति के योग बन रहे हैं.

मीन- दसवें भाव में ताम्र पाद पर शनि भ्रमण करेंगे. धनाभाव से मुक्ति मिलेगी और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करेंगे. स्त्री सुख, परिवार में शांति बनी रहेगी. स्वास्थ्य लाभ, सहयोगी, मित्रों से प्रसन्नता के संबंध बने रहेंगे.

इस वेबसाइट में जो भी जानकारिया दी जा रही हैं, वो हमारे घरों में सदियों से अपनाये जाने वाले घरेल नुस्खे हैं जो हमारी दादी नानी या बड़े बुज़ुर्ग अक्सर ही इस्तेमाल किया करते थे, आज कल हम भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में इन सब को भूल गए हैं और छोटी मोटी बीमारी के लिए बिना डॉक्टर की सलाह से तुरंत गोली खा कर अपने शरीर को खराब कर देते हैं। तो ये वेबसाइट बस उसी भूले बिसरे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लक्षय से बनाई गयी है। आप कोई भी उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर से या वैद से परामर्श ज़रूर कर ले। यहाँ पर हम दवाएं नहीं बता रहे, हम सिर्फ घरेलु नुस्खे बता रहे हैं। कई बार एक ही घरेलु नुस्खा दो व्यक्तियों के लिए अलग अलग परिणाम देता हैं। इसलिए अपनी प्रकृति को जानते हुए उसके बाद ही कोई प्रयोग करे। इसके लिए आप अपने वैद से या डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करे।

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