होली से पहले तांबे के लोटे में पानी भर कर करे यह काम, कुंडली के सारे दोष होंगे दूर

पुण्य और शुभ फल पाने के लिए कई परंपरागत उपाय आज भी प्रचलित हैं। सर्वाधिक प्रचलित उपायों में से एक उपाय है देवी-देवताओं को जल अर्पित करना। यदि आपके घर के आसपास कोई मंदिर नहीं है या आप मंदिर जा नहीं पाते हैं, तो घर के मंदिर में इष्टदेवी-देवताओं की मूर्तियों पर हर रोज जल अर्पित करें। देवी-देवताओं पर जल चढ़ाने के साथ ही एक लोटा पानी अपनी राशि से संबंधित वृक्ष को अर्पित करें। ऐसा करेंगे तो कुंडली के दोषों का निवारण हो जाएगा। भाग्योदय में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं और धन संबंधी परेशानियां समाप्त हो सकती हैं।
ज्योतिष में सभी ग्रहों के लिए अलग-अलग वृक्ष बताए गए हैं। इन वृक्षों की विधि-विधान से पूजा करने पर कुंडली में स्थित सभी नौ ग्रहों के दोष दूर होते हैं। यदि आप विधिवत पूजा नहीं करवा पा रहे हैं तो प्रतिदिन केवल एक लोटा जल अपनी राशि से संबंधित वृक्ष में चढ़ाएं। ऐसा करने पर भी आपको सकारात्मक फल प्राप्त होंगे। जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए।

राशि अनुसार इन पेड़ों को करें एक लोटा जल अर्पित…

मेष एवं वृश्चिक- खैर
वृषभ एवं तुला- गूलर
मिथुन एवं कन्या- अपामार्ग
कर्क- पलाश
सिंह- आंकड़े का पौधा
धनु एवं मीन- पीपल
मकर एवं कुंभ- शमी

इन्हीं पेड़ों की लकड़ियों से संबंधित राशि के ग्रह स्वामी की शांति हेतु हवन भी किया जाता है।

इस वेबसाइट में जो भी जानकारिया दी जा रही हैं, वो हमारे घरों में सदियों से अपनाये जाने वाले घरेल नुस्खे हैं जो हमारी दादी नानी या बड़े बुज़ुर्ग अक्सर ही इस्तेमाल किया करते थे, आज कल हम भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में इन सब को भूल गए हैं और छोटी मोटी बीमारी के लिए बिना डॉक्टर की सलाह से तुरंत गोली खा कर अपने शरीर को खराब कर देते हैं। तो ये वेबसाइट बस उसी भूले बिसरे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लक्षय से बनाई गयी है। आप कोई भी उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर से या वैद से परामर्श ज़रूर कर ले। यहाँ पर हम दवाएं नहीं बता रहे, हम सिर्फ घरेलु नुस्खे बता रहे हैं। कई बार एक ही घरेलु नुस्खा दो व्यक्तियों के लिए अलग अलग परिणाम देता हैं। इसलिए अपनी प्रकृति को जानते हुए उसके बाद ही कोई प्रयोग करे। इसके लिए आप अपने वैद से या डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करे।

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