इन चीजों का दान कभी न करे , नहीं तो हो जायेंगे बर्बाद

आपने कबीर दास जी का ये दोहा तो सुना ही होगा कि, “चिड़ी चोंच भर ले गई नदि घटी ना नीर दान दिये धन ना घटे कह गये दास कबीर” हिंन्दू धर्म के अनुसार दान करने को बहुत महत्व दिया जाता है। संतो के अनुसार दान करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में लिखा है। जीवनभर मे किये गये पापों से दान करके ही छूटकारा पाया जा सकता है या उनका पश्चाताप किया जा सकता है। लेकिन इनके साथ ग्रंथों में दान करने की मान्यताओं को लेकर कुछ महत्वपूर्ण तथ्य भी बताये गये हैं। ग्रंथों में लेख के अनुसार दान करते समय भी कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान रखनी होती हैं। ऐसा ना करने पर किया गया दान फल ना देकर उल्टा हमारे जीवन को आर्थिक संकट में डाल सकता है। दरअसल हमारी राशि में ग्रहों के प्रभाव और उनके अनुसार ही हमें वस्तुओं का दान करना चाहिए आईये जानते हैं…

ग्रहों की शांति के लिये किया जाता है दान…

धार्मिक मान्याताओं के अनुसार हमारे जन्म कुंडली में कुछ दुष्ट ग्रहों की शांति के लिये और कुछ लुप्त ग्रहों की मजबूती के लिये हमें उनके अनुसार दान करना चाहिए इसलिये इनके अनुसार हमें ज्ञान होना जरूरी है।

सूर्य ग्रह

सूर्य मेष राशि में होने पर उच्च तथा सिंह राशि में होने पर अपनी स्वराशि का होता है। यदि किसी जातक की कुण्डली में सूर्य इन्हीं दो राशियों में से किसी एक में हो तो उसे लाल या गुलाबी रंग के पदार्थों का दान नहीं करना चाहिए। इसके अलावा गुड़, आटा, गेहूं, तांबा आदि दान नहीं करना चाहिए। सूर्य की ऐसी स्थिति में ऐसे जातक को नमक कम करके, मीठे का सेवन अधिक करना चाहिए।

चंद्र ग्रह

चन्द्र वृष राशि में उच्च तथा कर्क राशि में अपनी राशि का होता है। यदि किसी जातक की जन्मकुंडली में चंद्र ग्रह ऐसी स्थिति में हो तो, उसे खाद्य पदार्थों में दूध, चावल एवं आभूषणों में चांदी एवं मोती का दान नहीं करना चाहिए। ऐसे जातक के लिए माता या अपने से बड़ी किसी भी स्त्री से दुर्व्यवहार करना हानिकारक हो सकता है। किसी स्त्री का अपमान करने पर ऐसे जातक मानसिक तनाव का शिकार हो जाते हैं।

मंगल ग्रह

मंगल मेष या वृश्चिक राशि में हो तो स्वराशि का तथा मकर राशि में होने पर उच्चता को प्राप्त होता है। यदि आपकी कुण्डली में मंगल ग्रह ऐसी स्थिति में है तो, मसूर की दाल, मिष्ठान अथवा अन्य किसी मीठे खाद्य पदार्थ का दान ना करें।

बुध ग्रह

बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च तथा में स्वराशि कहलाता है। इन कुंडलियों से जुड़े लोगों को हरे रंग के वस्त्रों का कभी दान नहीं करना चाहिए यहां तक कि हरे रंग के खाद्य पदार्थों का दान, इन लोगों का ना तो कभी मछली पालना चाहिए और ना कभी मछलियों का दाना डालना चाहिए।

बृहस्पति ग्रह

कर्क राशि मे बृहस्पति ग्रह उच्च तथा धनु और मीन राशि मे स्वराशि का होता है। इन राशि से जुड़ी कुंडली के लोगों को उसे पीले रंग के पदार्थों का दान नहीं करना चाहिए। सोना, पीतल, केसर, धार्मिक साहित्य या वस्तुओं आदि का दान करना उनके लिये हानिकारक हो सकता है।

शुक्र ग्रह

शुक्र मीन राशि मे उच्च तथा वृष और तुला राशि में स्वराशि होता है। जिनकी कुंडली में ये स्थिती हो उन लोगों को सफेद रंग के सुगंधित पदार्थों का दान कभी नहीं करना चाहिए साथ ही नई खरीदी गई वस्तुओं का एवं दही, मिश्री, मक्खन, शुद्ध घी, इलायची आदि का दान भी नहीं करना चाहिए।

शनि ग्रह

मकर या कुम्भ राशि में हो तो स्वराशि तथा तुला राशि में हो तो उच्च राशि का होता है। जिनकी कुंडली मे शनि है तो भूलकर भी काले रंग के वस्त्र वस्तुओं का दान ना करें इसके अलावा लोहा, लकड़ी और फर्नीचर, तेल सामग्री, आदि का दान नहीं करना चाहिए।

राहू ग्रह

वृश्चक और मिथुन राशि मे उच्च तथा कन्या राशि में स्वराशि का होता है। इन राशि वालों को भूरे रंग के वस्त्रों, खाद्य पदार्थों का दान नहीं करना चाहिए तथा खाने का निरादर करना भी हानिकारक हो सकता है। अर्थात् इतना ही थाली में खाना लें जितनी भूख हो झूठन छोड़ना इनके लिये ठीक नहीं है।

केतू ग्रह

केतू ग्रह वृश्चक और धनु राशि में उच्च तथा मीन राशि में स्वराशि होता है। इन राशि वालें लोगों को कभी घर में पक्षी पालना चाहिए ऐसा करने से पैसा बेकार के कामों में बर्बाद होता जायेगा इसके अलावा भूरे, चित्र-विचित्र रंग के वस्त्र, कम्बल, तिल या तिल से निर्मित पदार्थ आदि का दान नहीं करना चाहिए।

NO COMMENTS

Leave a Reply

error: Content is protected !!