भारतीय पिप्पली से होगा कैंसर का इलाज, 3000 साल पुराना है ये मसाला

प्रमुख भारतीय मसालों में शामिल पिप्पली कैंसर का इलाज करने में सहायक हो सकता है। एक अध्ययन से पता चला है कि यह मसाला घातक बीमारी को नियंत्रित करने में प्रभावी है। इसका इस्तेमाल कैंसर की प्रभावी दवा तैयार करने में किया जा सकता है।

कैंसररोधी रसायन : अमेरिका स्थित यूटी साउथ-वेस्टर्न मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने भारतीय पिप्पली के पौधे में कैंसररोधी गुण पाए। उन्होंने अपने अध्ययन में पीपली के कैंसरोधी गुणों के लिए जिम्मेदार रासायनिक प्रक्रिया को उजागर किया। शोधकर्ताओं ने कहा, पीपली में ऐसा एक रसायन पाया गया, जो शरीर में उस एंजाइम का उत्पादन नहीं होने देता, जो आम तौर पर बड़ी संख्या में ट्यूमर में पाया जाता है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि इस रसायन को पीपरलोंगुमाइन (पीएल) कहते हैं। कई प्रकार के कैंसर में इसके औषधीय गुण प्रभावी दिखे। स्तन, प्रोस्टेट, फेफड़े, बड़ी आंत, आमाशय आदि में होने वाले कैंसर को नियंत्रित करने में यह उपयोगी पाया गया। लिंफोमा और ल्यूकेमिया जैसे रक्त से जुड़े कैंसर और मस्तिष्क में होने वाले शुरुआती ट्यूमर के उपचार में भी यह लाभकारी रहा।

जीन पर निशाना : पिप्पली का औषधीय मसाले के रूप मे सदियों पहले से इस्तेमाल होता रहा है। लेकिन इसके औषधीय गुणों को लेकर ऐसे पश्चिमी जगत में अध्ययन बहुत कम हुए हैं। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इसका पता लगाया कि खाने के बाद पीएल किस तरह बदलता है। उनके मुताबिक, खाने के बाद पीएल एचपीएल में बदल जाता है, जो किसी सक्रिय दवा की तरह काम करता है। एचपीएल जीएसटीपी1 नामक जीन को निष्क्रिय बना देता है।
जीएसटीपी1 जीन एक ऐसा एंजाइम पैदा करता है जो ट्यूमरों में काफी पाया जाता है। यूटी साउथ-वेस्टर्न मेडिकल सेंटर में जैव रसायन और विकिरण कैंसर के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर केनिथ वेस्टओवर ने कहा, हमें उम्मीद है कि अध्ययन से मिली जानकारी ऐसी प्रभावी दवा विकसित करने में मददगार होगी, जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के कैंसर के उपचार के लिए किया जा सकेगा। यह अध्ययन ‘जर्नल ऑफ बायोलॉजिकल कमेस्ट्री’ में प्रकाशित हुआ है।

आयुर्वेद में पिप्पली के फायदे

  1. पीपल, पीपलामूल, चित्रक, चव्य, सौंठ का काढ़ा बना कर पीने से thyroid की बीमारी कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है |
  2. पिप्पली का लगातार सेवन करने से मोटापा भी कम होता है |
  3. स्त्रियों की माहवारी यदि कम हो तो पिप्पली + पीपलामूल (पिप्पली की जड़)  डेढ़- डेढ़ ग्राम मिलाकर उसका काढ़ा बनाकर  पीयें ये लेने से दर्द भी कम  होता  है और माहवारी भी नियमित हो जाती हैं यह थोडा गर्म होने की वजेह से गर्मी में कुछ कम मात्रा में लें|
  4. पिप्पली का पावडर भूनकर नस्य लेने से सिरदर्द. नजला, जुकाम में आराम मिलता है|
  5. कफ वाली हर दवाई में पिप्पली का प्रयोग होता है | एक ग्राम पिप्पली के पावडर को दूध के साथ रात को सोते समय लेने से नींद अच्छी आती है और कफ में भी आराम मिलता है |अस्थमा में दो ग्राम पिप्पली का पावडर शहद के साथ लेंने से कुछ ही समय में कफ बनना बंद हो जाता है |
  6. पिप्पली को बारीक़ पीसकर उसमे देसी गौ का शुद्ध घी मिलाकर धूप की बत्ती की तरह बना लें और उसके धुआं को किसी मीती के बर्तन पर ले कर काजल बना लें उस काजल को रतौंधी के मरीज को लगाने से कुछ ही समय में रोग समाप्त हो जाता है और आँखें भी ठीक रहती हैं ।
  7. पिप्पली के पाउडर को शहद के साथ चाटने से स्वरभंग से छुटकारा मिलता है|
  8. हृदय रोग में पिप्पली + हरी इलायची एक एक ग्राम दूध के साथ लें या दूध में उबालकर लें यदि अर्जुन की छाल का पावडर भी मिला लें तो और भी फायदा है |
  9. बच्चों का दांत निकलते समय पिपली घिसकर शहद के साथ चाटने से दांत आराम से निकल आते हैं|
  10. नवप्रसूता माताएं तीन ग्राम शतावर +एक ग्राम पिप्पली का पावडर दूध बढ़ाने के लिए सुबह शाम ले सकती हैं . इससे शरीर भी जल्द  ही सामान्य स्थिति में आ जाएगा |
  11. पेट दर्द के लिए पिप्पली का एक ग्राम पावडर शहद के साथ चाटें |
  12. 5 ग्राम पिप्पली + 1 ग्राम पीपला मूल के काढ़े से मोटापा भी ठीक होता है |
  13. लीवर बढ़ा हुआ हो या लिवर में सोजिश हो तो  5 ग्राम पिप्पली + एक ग्राम पीपलामूल मिलाकर लें .यह दर्द के लिए भी अच्छा है|

आयुर्वेद हीलिंग एप्प के माध्यम से पाइए आयुर्वेद से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी, विभिन्न आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्ख़े, योगासनों की जानकारी। आज ही एप्प इंस्टॉल करें और पाएं स्वस्थ और सुखी जीवन। सबसे अच्छी बात ये है कि ऑफलाइन मोड का भी फीचर है मतलब एक बार अपने ये एप्प इनस्टॉल कर ली तो अगर आपका नेट पैक खत्म 🤣 भी हो जाता है तो भी आप हमारे घरेलू नुस्खे देख सकते है तो फिर देर किस बात की आज ही इनस्टॉल करे । नीचे दिए गए लाल रंग के लिंक में क्लिक करे और हमारी एप्प डाउनलोड करे
http://bit.ly/ayurvedhealing

NO COMMENTS

Leave a Reply

error: Content is protected !!