क्या है पायरिया
दांतों की सही तरीके से अगर देखभाल न की जाए तो पायरिया हो सकता है। दांतों को सेहत और सुंदरता का आईना माना जाता है। लेकिन, खाने के बाद मुंह की साफ-सफाई न करने से दांतों में कई प्रकार की बीमारियां शुरू हो जाती हैं। दांतों की साफ सफाई में कमी के कारण जो बीमारी सबसे जल्दी होती है वो है पायरिया। सांसों की बदबू, मसूड़ों में खून और दूसरी तरह की कई परेशानियां पायरिया के लक्षण हैं। दातों की साफ-सफाई न करने के कारण पायरिया एक सामान्य बीमारी बन गई है। पायरिया के कारण असमय दांत गिर सकते हैं।
आखिर क्यों होता है पायरिया?
पायरिया शरीर में कैल्शियम की कमी होने, मसूड़ों की खराबी और दांत-मुंह की साफ सफाई में कमी रखने से होता है। इस रोग में मसूड़े पिलपिले और खराब हो जाते हैं और उनसे खून आता है। सांसों की बदबू की वजह भी पायरिया को ही माना जाता है।
असल में मुंह में 700 किस्म के बैक्टीरिया होते हैं। इनकी संख्या करोड़ों में होती है। अगर समय पर मुंह, दांत और जीभ की साफ-सफाई नहीं की जाए तो ये बैक्टीरिया दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। पायरिया होने पर दांतों को सपोर्ट करने वाले जॉ बोन को नुकसान पहुंचता है।
पायरिया के लक्षण
पायरिया होने पर सांसो में तेज दुर्गंध शुरू हो जाती है। मसूडों में सूजन होने लगती है। दांत कमजोर होकर हिलने लगते हैं। गर्म और ज्यादा ठंडा पानी पीने पर दांत संवेदनशील हो जाते हैं और लोग उसे बर्दास्त नही कर पाते हैं। पायरिया होने पर मसूडों से मवाद आना शुरू हो जाता है। मसूडों को दबाने में और छूने पर दर्द होता है। पायरिया की शिकायत होने पर मसूडों से खून निकलने लगता है। दो दांतों के बीच की जगह बढ जाती है, दांतों में गैप होने लगता है।
पायरिया का इलाज मुमकिन
पायरिया के बारे में एक गलत धारणा ये है कि इसका इलाज मुमकिन नहीं जबकि हकीकत ये है कि इसका इलाज मुमकिन है। पायरिया की वजह से हिलते दांतों को भी पक्का किया जा सकता है। अच्छी तरह से मुंह, दांत और जीभ की साफ-सफाई से ये बीमारी दूर हो सकती है। मसूड़ों को अगर ज्यादा नुकसान पहुंचा हो तो सर्जरी के जरिए उसे भी ठीक किया जा सकता है। अगर मसूड़ों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंच गया हो और दांत मसूड़ों से निकलने के करीब हों तो डेंटल इम्प्लांट के जरिए फिर से दांत लगाए जा सकते हैं।
अच्छे दांत सेहत और सुंदरता की निशानी होती है। इसलिए अपने दांतों का ख्याल जरूर रखें।
क्या है सावधानी
- मुंह की अंदरुनी साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- दांतों को अच्छी तरह साफ करें।
- रात को सोने से पहले भी ब्रश करें।
- जीभ को अच्छी तरह साफ करें।
- हार्ड टूथब्रश का इस्तेमाल नहीं करें।
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क्या है घरेलू उपचार
- आंवला जलाकर सरसों के तेल में मिलाएं । इसे मसूड़ों पर धीरे-धीरे मलें।
- नीम की पत्तियां, काली मिर्च और काला नमक मिलाकर पीस लें ।इसका नियमित सेवन करें।
- खस, इलायची और लौंग का तेल मिलाकर मसूड़ों में लगाएं।
- जीरा, सेंधा नमक, हरड़, दालचीनी, दक्षिणी सुपारी को समान मात्रा में लें ।इसे बंद बर्तन में जलाकर पीस लें इस मंजन का नियमित प्रयोग करें।
- फिटकरी और काला नमक बारीक पीसकर दांतों पर मलें।