आयुर्वेद द्वारा बढ़ती उम्र के लक्षणों को नियंत्रित करें |

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बढ़ती उम्र के साथ बालों का सफ़ेद होना, जल्दी थकान हो जाना, और चेहरे पर झुर्रियां आ जाना प्रकृतिक है। हर व्यक्ति बढ़ती उम्र के साथ तंदुरुस्त रहना पसंद करता है ताकि वह एक आनंदमई जीवन जी सके और ऐसा मुमकिन है, यदि आप अपने जीवन में दो चीज़ों को जोड़ ले – योग व आयुर्वेद।

बढ़ती उम्र के साथ त्वचा की देखभाल करना सबसे कठिन कार्य बन जाता है और ऐसी स्थिति में आयुर्वेदिक औषधियाँ किसी भी व्यक्ति को अपनी उम्र से कहीं ज़्यादा छोटा दिखने में मदद कर सकती है। आयुर्वेद भारत में प्रचलित सबसे प्राचीन चिकित्सा परंपराओं में से एक है। इसमें त्वचा के स्वास्थ्य और सौंदर्य को बनाए रखने के लिए कहीं उपाय है। आयुर्वेद के कुछ साहित्यों में लगभग 200 से अधिक जड़ी बूटियों, खनिजों और वसा का वर्णन हैं जो की शारीरिक व मानसिक दोनों रूप से बहुत लाभदायक है।

लोगों का रुझान अब आधुनिक चिकित्साओं से हट कर धीरे-धीरे आयुर्वेद के प्रति बढ़ता जा रहा है क्यूँकि यह प्रक्रिया बिना किसी साइड-इफ़ेक्ट के सौंदर्य प्रदान करती है। लोगों की मांग को पूरा करने के लिए, श्री श्री आयुर्वेद पंचकर्म एक विशेष श्रेणी की चिकित्सा प्रदान करता है जो विभिन्न प्राकृतिक तकनीकों के माध्यम से त्वचा में कसाव और सुंदरता प्रदान करती है।

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इस तरह की एक विशेष और प्रसिद्ध चिकित्सा में से एक ‘काया लेपम’। काया लेप दूध, चावल का सत्त और हर्बल पाउडर का प्राकृतिक मिश्रण है। यह लेप मृत कोशिकाओं को खत्म करने में मदद करता है, चेहरे के रंग-रूप को सुधरता है और त्वचा में कसाव लाता है। यह पुरानी आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रकृति से प्राप्त जड़ी-बूटियों के साथ तैयार की जाती है और तत्काल उपयोग के लिए ताजा-ताज़ा पीस कर तैयार की जाती है।

इसके अतिरिक्त, अन्य आयुर्वेदिक त्वचा की देखभाल संबंधी उपचार है, जो कि पुरुषों और महिलाओं की सभी प्रकार की त्वचा के लिए बने हैं। कुछ उपचार जिसमें शामिल हैं:

  • दरवी लेपम य हल्दी बॉडी लेप : यह एक आयुर्वेदि लेप है जो कि विशेष रूप से हरिद्रा खंड और विदेशी जड़ी बूटियों के संयोजन के साथ विकसित किया गया है। यह पुरुष और महिला दोनों के लिए एक प्राकृतिक शुद्धिकरण के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो कि त्वचा को निखारता है और पूरे शरीर को पोषण प्रदान करता है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा का रंग-रुप उज्ज्वल हो जाता है।
  • हरितकालेपम य क्लोरोफिल बॉडी लेप : इस लेप को मैरिंगा ओलाइफेरा(सहजन) की पत्तियों से तैयार किया जाता है। पत्तियों को श्री श्री आयुर्वेद के चिकित्सीय उद्यान से हाथों से चुना जाता है और पवित्र सुखोष्ण(गंध व स्वाद रहित) जल के साथ ताज-ताजा पीस कर सुगंधित पेस्ट बनाया जाता है। विटामिन, प्रोटीन और खनिजों के समृद्ध श्रृंखलासमूह के साथ, हरितकालेप त्वचा की कोशिकाओं के लिए एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है, साथ ही साथ त्वचा को नमी, पोषण प्रदान करता है और शुद्ध करता है।
  • कायालेपम : यह चावल का सत्त , हर्बल पाउडर, नारियल और बादाम के दूध के एक अद्वितीय संयोजन से तैयार किया जाता है जो त्वचा में कसाव लाता है। यह लेप मृत कोशिकाओं को समाप्त करता है, रंग-रुप सुधारता है और त्वचा में कसाव लाता है।
  • शहद और तिल बॉडी लेप : स्वदेशी शहद और तिल के साथ तैयार सौम्य प्राकृतिक बॉडी लेप, निष्क्रिय त्वचा कोशिकाओं की परत उतारता है।
  • नीम बॉडी लेप : नीम के पत्तों से एक शीतल गाढ़ा घोल तैयार किया जाता है। नीम जिसकी दैवीय उत्पत्ति ‘अमृत’ की बूंदों से मानी जाती है, नीलगिरी के तेल के साथ मिलाकर दर्द को दूर करने और सूरज की किरणों के अत्यधिक सम्पर्क में रहने से क्षतिग्रस्त हुई त्वचा की परत को उतारने में प्रयोग करते हैं, जिससे आपकी त्वचा चिकनी और उज्ज्वल हो जाती है।
  • फलों का बॉडी लेप : ताजा जैविक फलों के गूदे और तेलों के सम्मिश्रण से तैयार विषहरण और जलयोजित लेप जो कि त्वचा को टोन करता है व अनुकूल बनाता है।यह आपके शरीर को तरुण चमक व रेशमी कोमल अहसास के साथ कसा हुआ व स्वस्थ बनाता है।
  • सब्जियों का बॉडी लेप : इस बॉडी लेप को एंटीऑक्सिडेंट समृद्ध सब्जियों के गूदे तथा सब्जियों के सत्त से तैयार करते हैं। यह त्वचा को टोन करता है और कोशिकाओं में कसाव लाता है। इन सामग्रियों को साथ में मिलाने से त्वचा में एक युवा चमक आती है।
  • चंदन बॉडी लेप : ताजे पिसे हुए चंदन पेस्ट से तैयार एक उन्नत बॉडी लेप, एक एंटी-जैविक तत्व है जिससे त्वचा से झाईयों को साफ किया जाता है, त्वचा को नमी प्रदान करने के साथ कान्तिमय चमक देता है।

इन मौलिक परम्पराओं के परिणामस्वरूप त्वचा मुलायम, तरोताज़ा और कांतिमय बनती है; आपमें आयुवृद्धि के कोई संकेत नहीं दिखाई देते, आप नवयुवा व ताज़ा दिखते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, बहुत से कारक हैं जो त्वचा के स्वास्थ्य को निर्धारित करते हैं।

इनमें शामिल हैं, उचित नमी संतुलन (कफ असंतुलन), चयापचय तंत्रों का प्रभावी कामकाज जो त्वचा की सभी विभिन्न रसायनिक और हार्मोनल अभिक्रियाओं (पित्त असंतुलन) का प्रभावी समन्वय करता है और त्वचा की विभिन्न परतों में रक्त और पोषक तत्वों का प्रभावी परिसंचरण (वात असंतुलन)।

एक प्रभावी आयुर्वेदिक आयुवृद्धि विरोधी कॉस्मेटिक इन सभी तीन क्षेत्रों को समर्थन प्रदान करता है। वात त्वचा को युवा रखने के लिए, त्वचा को पोषित किया जाना चाहिए और झुर्रियाँ और समय से पूर्व आयुवृद्धि से बचने के लिए पुन: हाइड्रेट किया जाना चाहिए। इसमें गर्म तेल से स्वयं मालिश और सभी प्राकृतिक नमीप्रदायक क्रीम मददगार हैं। पित्त त्वचा के लिए, सूरज से सुरक्षा के लिए अच्छे धूपरोधक का और बेहतरीन चेहरे की त्वचा के तेलों का रोजाना इस्तेमाल किया जाना चाहिए। कफ त्वचा के लिए, प्रतिदिन गर्म तेल की मालिश और कोमलता के साथ परत उतारते हुए त्वचा की सफाई की सलाह दी जाती है।

Source: https://www.artofliving.org

शेविंग करने का सबसे अच्छा तरीका

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अक्सर लोग घर में शेविंग करने से घबराते हैं और सैलून में जाकर पैसे खर्च करके शेविंग करवाते हैं। यदि आप हफ्ते में एक से ज्यादा बार शेविंग करते हैं तो घर में यह शेविंग करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। बस आपको शेविंग करने का सही तरीका और कुछ जरूरी प्रोडक्ट्स की जरूरत होती है। यदि शेविंग क्रीम लगाना नहीं पसंद करते तो भी आप कई तरह से शेविंग कर सकते हैं। इतना ही नहीं, बल्कि आप शेविंग के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखेंगे तो आपका चेहरा और भी ग्लो करने लगेगा।

शेविंग करने से पुरूषों की त्वचा में निखार आता है। कई बार शेविंग करते हुए पुरूषों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पडता है जैसे त्वचा का छिलना, कटना और संक्रमण आदि। शेविंग करने से पहले और शेविंग के बाद क्या उपाय अपनाने चाहिए, जिससे त्वचा संबंधी समस्याओं से बच सकते हैं और मुलायम त्वचा पा सकते हैं।

शेविंग के दौरान आने वाली परेशानियों से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके

1. तेल की मालिश

शेविंग करने से पहले आप बादाम तेल से गर्दन और चेहरे पर मालिश करें। इससे त्वचा को विटामिन्स मिलते हैं। जिससे त्वचा स्वस्थ और मुलायम बनती है। रात को सोने से पहले बादाम तेल को चेहरे पर लगाएं इससे त्वचा नरम बन जाती है जिससे आसानी से शेविंग हो जाती है। और त्वचा स्वस्थ और मुलायम हो जाती है।

2. गर्म पानी

शेविंग करने से पहले आप गर्म पानी से नहाएं। गर्म पानी त्वचा के बालों को मुलायम और अलग-अलग करती है। जिससे आसानी से शेविंग हो जाती है। यदि गर्म पानी से नहाने का समय न हो तो गीले तौलिये को दस मिनट तक अपने चेहरे पर लगाएं और फिर शेव करें।

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3. शेव उल्टी दिशा में न करें

जब भी आप रेजर से शेव करें तो एक ही दिशा में ब्लेड या रेजर को चलाएं। उल्टी दिशा में शेव करने से आपकी त्वचा छिलती है और निशान भी पड़ जाते हैं।

4. रूखी त्वचा न करें शेविंग

यदि आपकी त्वचा रूखी है तो ऐसे में कुछ जरूरी बातों ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यदि रूखी त्वचा पर शेविंग करेंगे तो आपका चेहरे की रौनक नहीं रहेगी। त्वचा पर ज्यादा प्रभावित होती है। इससे आपको परेशानी हो सकती है। इसके लिए आपको एक दिन पहले रात में सरसों या बादाम तेल लगाकर सोए। सुबह उठने के बाद गर्म पानी को लेकर अपने दाढ़ी पर लगाएं। तब शेविंग करें।

5. एलोवेरा

दाढ़ी बनाने के बाद आपको किसी भी तरह की महंगी क्रीम को लगाने की जरूरत नहीं है। इसके लिए आप एलोवेरा के पत्तों को काटकर उसके जेल को शेविंग करने के बाद चेहरे पर लगाएं। इससे त्वचा में जलन नहीं होती है।

6. चेहरे के छिलने या कट जाने पर

यदि शेविंग के दौरान चेहरा छिल या कट जाता है तो आप हल्दी का पेस्ट बनाएं और उसे चेहरे पर लगाएं। हल्दी में एंटी-फ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबाइल गुण होते हैं। जो त्वचा को संक्रमण से बचाते हैं।

इन 5 चीजों को खाने से लोगों को हो रहा कैंसर

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आज हम आपके लिए कुछ विशेष अंक ले कर आए हैं , आज हम आपसे बात करेंगे की क्यों यह कैंसर फैल रहा है ऐसा क्या है जिसका उपयोग लोग निरंतर कर रहे हैं और उनको पता नहीं चल रहा है की यह कैंसर कारी है । आज जिधर देखो उधर यह सुनने में आ रहा है की लोगों को कैंसर हो रहा है । लोग खुद ले कर लापरवाह भी बहुत है उनको यदि कैंसर का पता चल भी जाता है तो भी वह खुद पर ध्यान नही देते है और उसको बढ़ावा देते रहते हैं उनकी इन्ही लपरवाहियों के चलते यह बीमारी फैलती जा रही है ।

आज के समय में कुछ ऐसी चीज़ें हैं जिंका सेवन करने से लोगों को कैंसर की बीमारी सबसे ज्यादा हो रही है । लोग सिगरेट , एल्कोहल को आरोप देते हैं की इनकी वजह से कैंसर हो रहा है हाँ यह सच है पर यह तो सीधा जहर हुआ आज जो लोग इनका सेवन नहीं करते हैं उनको भी कैंसर हो रहा है और उसका कारण भी हमको मालूम नहीं होता याही कारण आज हम आपको बताने जा रहे हैं आइये जानते हैं की कौनसी 5 चीज़ें ऐसी है जिंका सेवन करने से कैंसर हो रहा है ।

चाय कॉफी का बहुत ज्यादा सेवन करना और साथ ही बहुत ज्यादा गरम चाय का सेवन करना कैंसर का कारण बनता है । इसमें रंग और खुशबू के लिए कई तरह के केमिकल का उपयोग किया जाता है जिसके कारण यह कैंसर का कारण बन रहा है ।

माइक्रोवेव से बना खाना :- आज कल लोग जल्द बाजी के चक्कर में या तो माइक्रोवेव का बना खाना खा रहे हैं या खाने को इसमें रख कर गरम कर उसका सेवन कर रहे हैं जो की उस खाने को ठीक ढंग से प्रोसेस नहीं करता और माइक्रोवेव की किरणे खाने को नुखसान पहुँचती है और यही प्रक्रिया कैंसर का कारण बनती है ।

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सोडे का सेवन :- बहुत से ऐसे लोग हैं जो सोडा या कोल्ड ड्रिंक का सेवन लगातार करते हैं और रोज रोज इसका सेवन अल्सर का कारण बनता है हाल ही में किए गए शोध में यह बात सामने आई है की जिस चीज़ से सोडा बन रहा है वह लोगों के लिए कैंसर कारी है इसलिए इसका सेवन ना ही करें तो बेहतर होगा ।

नॉन स्टिक में बना खाना :- आज कल लोग कम तेल और घी का इस्तेमाल खाने में हो इस चक्कर में नॉन स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए कर रहे है पर उस बर्तन पर चढ़ी हुई परत खाने के साथ में उतार कर हमारे भोजन का अंग बन रही है और यह भी आज बहुत ज्यादा कैंसर का कारण बन रहा है ।

2018 दिसंबर में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में यह शोध किया गया जिसमें यह बात सामने आई कि बॉलीवुड के ज्यादातर सितारों में कैंसर इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि बॉलीवुड के ज्यादातर सितारे रेड मीट का सेवन करते हैं, इसका सेवन करने से चेहरे में ज्यादा चमक आती है जिसकी वजह से बॉलीवुड के कई बड़े बड़े सुपरस्टार को लेकर आपने कैंसर की खबर सुनी होगी ।

बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के 7 लक्षण, खुद से पता करे

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कोलेस्ट्रॉल का स्तर : कोलेस्‍ट्रॉल एक प्रकार का लुब्रीकेंट है, जो ब्‍लड सेल्‍स में पाया जाता है। हार्मोंस के निर्माण, शरीर में कोशिकाओं को स्वस्थ और ठीक रखने का काम करता है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर खून का गाढ़ा होना, आर्टरी ब्लॉकेज, स्टोक्स, हार्ट अटैक और दिल की अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए शरीर में सही मात्रा में कोलेस्ट्राल होना बहुत जरूरी है। हालांकि, बॉडी में हाई कॉलेस्‍ट्रॉल की मात्रा देखने के लिए टेस्‍ट करवाना होता है लेकिन कुछ आसान लक्षणों के द्वारा भी आपको पता चल सकता है कि शरीर में कोलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ रही है। इसे पहचानकर आप समय रहते शरीर में कोलेस्ट्राल लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं शरीर में कोलेस्ट्रोल लेवल बढ़ने के कुछ संकेत।

कितनी होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल की मात्रा?

शरीर में नार्मल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा (200 mg/dL या इससे कम) होनी चाहिए। बॉर्डर लाइन कोलेस्ट्रॉल (200 से 239 mg/dL) के बीच और हाई कोलेस्ट्रॉल (240mg/dL) होना चाहिए। गुड कोलेस्ट्रॉल कोरोनरी हार्ट डिसीज और स्ट्रोक को रोकता है। यह कोलेस्ट्रॉल को कोशिकाओं से वापस लीवर में ले जाता है। लीवर में जाकर या तो यह टूट जाता है या फिर व्यर्थ पदार्थों के साथ शरीर के बाहर निकाल जाता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण

सांस फूलना

थोड़ा चलने पर भी सांस फूलना या थकावट होना, बॉडी में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने का संकेत हैं। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण आप ज्यादा काम किए बिना ही थकावट महसूस करने लगते हैं। ऐसे में आपको देरी किए बिना डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए।

सीने में दर्द या बैचेनी होना

बिना किसी कारण या भोजन के बाद सीने में दर्द या बेचैनी सी महसूस होने लगे तो इसकी वजह भी हाई कोलेस्ट्रोल हो सकता है।

सिर में तेज दर्द

भागदौड़ भरी लाइफ के कारण आजकल लोगों में सिरदर्द की समस्या आम देखने को मिलती है लेकिन लगातार सिरदर्द रहना हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत होता है। जब आपके ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का मात्रा बढ़ जाता है तो दिमागी वेन्‍स में ब्लड की सप्लाई नहीं हो पाती। इसके कारण आपको सिर में लगातार तेज दर्द रहने लगता है।

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धड़कने तेज होना

अगर आपका दिल जोर-जोर से धड़कता है तो भी आपको तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए। कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने के कारणदिल तक खून की सप्लाई ठीक से नहीं हो पाती, जिसके कारण दिल की धड़कने तेज हो जाती है।

जरूरत से ज्‍यादा पसीना आना

गर्मी में पसीना आना आम बात है लेकिन जरूरत से ज्यादा पसीना आना आपके लिए गंभीर संकेत हो सकती है। इसे नजरअंदाज करने की बजाए आपको तुरंत अपने कोलेस्‍ट्रॉल चेक करवाना चाहिए।

पैरों में लगातार दर्द

बेवजह पैरों में दर्द रहना भी हाई कोलेस्ट्रॉल का लक्षण होता है। ऐसे में आपको दर्द दूर करने के लिए पेनकिलर नहीं लेनी चाहिए बल्कि तुरंत अपना चेकअप करवाना और जल्द से जल्द इलाज शुरू करना चाहिए।

वजन बढ़ना

अचानक से लगातार वजन बढ़ना या भारी-भारी महसूस होने का कारण भी कोलेस्ट्रोल का बढ़ना हो सकता है। इस लक्षण को नजरअंदाज ना करें और तुरंत अपना चेकअप करवाएं।

बॉईल निकलना

शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर आंख के नीचे या गर्दन पर छोटे से बॉईल या स्किन टैग निकल आते हैं। ऐसी स्थित में आपको डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए।

ब्लड प्रैशर का बढ़ना

ब्लड प्रैशर का अचानक सामान्य से अधिक होन जाना कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने के कारण होता है। बढ़ते हुए कोलेस्ट्रोल के इस लक्षण को हल्के में लेने की बजाए तुरंत चेकअप करवाएं।

जोड़ों में दर्द

पीठ, घुटनों, कमर या जोड़ों में अचानक दर्द रहने लगे तो समझ लेना चहिए कि कोलेस्‍ट्रॉल चेक करवाने का समय आ गया है।

आयुर्वेद के अनुसार, नहाने का कौन सा पानी चुने

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यूं तो नहाने के लिए ठंडे या गर्म पानी का चुनाव व्‍यक्तिपरक होता है, लेकिन किसी भी निष्‍कर्ष पर आने से पहले, आपको चल रहे मौसम, अपनी उम्र, आदतों, सदियों पुरानी प्रथाओं, बीमारी आदि जैसे कारकों पर विचार करना चाहिए। हालांकि गर्म या ठंडे पानी दोनों से नहाने के अपने कई फायदे हैं। आइए इस आर्टिकल के माध्‍यम से विस्‍तार से जानकारी लेते हैं।

ठंडे पानी से नहाने के फायदे

सुबह के समय ठंडे पानी से नहाने से आलस्‍य से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
ठंडे पानी से नहाने से डिप्रेशन को दूर करने वाले बीटा एंडोर्फिन नामक केमिकल के रिलीज में मदद कर अवसाद को दूर करता है।
अध्‍ययनों के अनुसार ठंडे पानी से नहाने से टेस्‍टोस्‍टेरोन के रिलीज में मदद होती है जिससे पुरुषों में प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार होता है।
यह फेफड़ों के कार्यों में भी सुधार लाने में मदद करता है।
ठंडे पानी का स्नान शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और लसीका को उत्तेजित करता है जिससे संक्रमण के खिलाफ लड़ने के लिए कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ता है।

गर्म पानी से नहाने के फायदे

जैसा की हम सभी जानते हैं कि गर्म तापमान कीटाणुओं को अधिक तेजी से मारता है। इस तरह गर्म पानी से नहाने से शरीर साफ होता है।
कई अध्‍ययनों से पता चला है कि गर्म पानी मांसपेशियों के लचीलेपन में सुधार और दर्द वाली मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है।
गर्म पानी से स्‍नान शरीर में शुगर के स्‍तर को कम करने और डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद करता है।
इसके अलावा यह भाप नली को साफ कर खांसी और सर्दी के इलाज के लिए फायदेमंद होता है।

आयुर्वेद के अनुसार ठंडे या गर्म पानी के बीच चयन कैसे करें

आयुर्वेद के अनुसार आपको शरीर के लिए गर्म पानी और आंखों और बालों के लिए ठंडे पानी का इस्‍तेमाल करना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार पानी के तापमान का निर्धारण निम्‍नलिखित कारकों के आधार पर किया जाना चाहिए।

1. उम्र पर आधारित
युवाओं और बुजुर्ग को ‍गर्म पानी से नहाने का सु‍झाव दिया जाता है। लेकिन अगर आप छात्र है और अपना ज्‍यादातर समय पढ़ने में लगाते हैं तो आपके ठंडे पानी से नहाना ज्‍यादा फायदेमंद होगा।

2. शारीरिक प्रकार पर आधारित 
अगर आपके शरीर का प्रकार पित्‍त है तो आपके लिए ठंडे पानी से नहाना बेहतर रहता है और अगर आपके शरीर का प्रकार कफ या वात है तो गर्म पानी का उपयोग करें।

3. रोगों पर आधारित
अगर आप पित्‍त से संबंधित किसी रोग जैसे अपच या लीवर संबंधित विकार से पीडि़त हैं, तो ठंडे पानी से नहाना आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत फायदेमंद होगा। और अगर आप कफ या वात से संबंधित विकारों से पीड़ि‍त हैं तो गर्म पानी से नहाना चाहिए। अगर आप मिर्गी रोगी हैं, तो गर्म और ठंडे पानी दोनों से नहाने के लिए मना किया जाता है इसकी बजाय, गुनगुने पानी से नहाना चाहिए।

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4. आदतों पर आधारित

अगर आप नियमित रूप से काम करते हैं तो गर्म पानी से नहाने का सुझाव दिया जाता है।

5. समय पर आधारित
अगर आप सुबह के समय नहाते हे तो ठंडे पानी से नहाना बेहतर रहता है। लेकिन अगर आप रात में नहाते हैं तोआराम महसूस करने के लिए गर्म पानी से नहाना चाहिए। चूंकि शाम के समय वात क प्रभुत्‍व होता है इसलिए गर्म पानी से नहाना फायदेमंद होगा।

आयुर्वेद के अनुसार कैसे नहायें

आयुर्वेद के अनुसार, “जल्‍दबाजी में नहाना जल्‍दबाजी में भोजन करने की तरह होता है और आपके शरीर को सभी लाभ नहीं मिल पाते। और आप जल्‍दी में नहाते है तो ठीक से शरीर की सफाई भी नहीं होती।“ ताजगी पाने के लिए नहाने का अच्‍छा अनुभव करना जरूरी होता है। आप इस प्रक्रिया का धीरे-धीरे का पालन करें ताकि आपके शरीर के हर हिस्से में पानी ठीक तरह से जा सके। आइए ठीक से नहाने के तरीके के बारे में जानें।

  • नहाने की शुरुआत अपने हाथ और पैरों को धोने से करें।
  • अगर आप ठंडे पानी से नहा रहे हैं तो आपको शुरुआत सिर से पांव से करनी चाहिए।
  • और अगर आप गर्म पानी से नहा रहे हैं तो आपको पैरों की उंगालियों से धोना शुरु करते हुए फिर सिर तक आना चाहिए।
  • आपको बाजार में उपलब्‍ध केमिकल युक्‍त साबुन से बचना चाहिए क्‍योंकि सभी केमिकल आपकी त्‍वचा अवशोषित कर सकती है।
  • नहाने से पहले सरसों के तेल या तिल के तेल की मसाज आपके शरीर के लिए फायदेमंद हो सकती है। यह मांसपेशियों को रिलैक्‍स करने और त्‍वचा की बनावट में सुधार करने में मदद करती है।
  • हालांकि स्‍नान करते समय जल्‍दी नहीं होनी चाहिए, लेकिन बहुत देर तक भी नहाना ठीक नहीं होता। इसके अलावा बेहतर स्‍वच्‍छता के लिए दिन में दो बार नहाना पर्याप्‍त रहता है।
  • आप नहाने के पानी के कुछ नीम मिलाकर कुछ समय मे लिए छोड़ सकते है। फिर इस पानी से नहाने से त्‍वचा के स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार होता है।

गोरा होने के लिए ये वीडियो जरूर देखे

Source: www.onlymyhealth.com

गंभीर बीमारियों से निजात दिलाता है काला चावल

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आपने सफेद और ब्राउन चावलो के बारें में तो खुब सूना होगा। जो हमारी सेहत के लिए फायदेमंद भी होते है। लेकिन आपने काले चावल के बारें में सुना है जो हमारी सेहत के लिए अन्य चावलों से ज्यादा फायदेमंद है। आप सोच रहे होगे कि यह चावल कहां से आ गए । आपको यह बता दूं कि यह चावल दूसरे चावलों से ज्यादा हेल्दी होते है। इनको खाने से आपको अधिक पोषण और सेहत से संबंधी कई समस्याओं को दूर करता है।

काला चावल एशिया महाद्वीप में प्रमुख रूप से खाया जाता है। पुराने समय की बात करें तो चीन के एक बेहद छोटे हिस्से में काले चावलों की खेती की जाती थी और ये चावल केवल राजा के लिए हुआ करते थे। लेकिन आज यह आसानी से सभी को मिल जाते है। यह अन्य चावलों की तुलना में स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद है। इनका स्वाद अन्य चावलों से अच्छा होता है।

काले चावल में अधिक मात्रा में प्रोटीन, आयरन, फाइबर, विटामिन बी के साथ-साथ इसमें अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो अन्य प्रकार के चावलों से अधिक होता है। इसको खाने से कई बीमारियों से आपका बचाव हो सकता है। जानिए इसको खाने से होने वाले फायदों के बारें में।

विषाक्त पदार्थों को शरीर से निकाले

काले चावल में  अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो हमारे शरीर के विषाक्त पदार्थो को निकाल देता है। वैसे तो कॉफी और चाय में एंटीऑक्सीडेंट पाय़ा जाता है, लेकिन काले चावल में इससे अधिक पाया जाता है। जिसके कारण यह हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाव करता रहता है।

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  • काले चावल खाने से आपके दिल भी सेहतमंद होता है। दिल से संबंधित बीमारियों को यह दूर रखता है। इसका मुख्य कारण है। इसमें मौजूद एंथोसाइनिन। जो हार्ट अटैक जैसे बीमारी को आने से रोकता है। यह एक ऐसा तत्व है जो हमारे हार्ट अटैक की वजह यानी कि हमारी धमनियों में प्लाक्स नहीं जमने देता है। जिसके कारण हम हार्ट अटैक से बच जाते है।
  • काले चावल में ऐसे तत्व पाए जाते है जो हमें अल्जाइमर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचाता है। इसलिए इसका सेवन करना चाहिए।
  • काले चावल में ऐसे फाइबर पाए जाते है जो आपके शरीर को सही रखते है जिसके कारण आपका मोटापा भी कंट्रोल हो सकता है।
  • कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को रोकने के लिए काले चावल काफी फायदेमंद है।
  • अगर आपको कमजोरी अधिक है तो इसका सेवन करने से आपको कमजोरी से निजात मिल जाएगी।

Source: www.hindi.indiatvnews.com

भूलकर भी कभी मेथी-पालक ना खाएं ऐसे लोग, सावधान!

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मेथी पालक की सब्जियां अक्सर हर घर में बनती हैं। ये हरी सब्जियां काफी हेल्दी होती हैं और इनके कई फायदे हैं। लेकिन हर हेल्दी चीज सबके लिए एक जैसे फायदे नहीं देती। राजीव दीक्षित बताते हैं जिनकी बॉडी में खून की कमी हो तो मेथी और पालक उनके लिए अच्छा है

इनसे तेजी से खून बनता है। लेकिन अगर कुछ लोगों को बार-बार बाथरूम जाना पड़ता है और पेट खराब है इन्हें मेथी पालक अवॉइड करना चाहिए। मेथी पालक इन लोगों के शरीर में जहर बना देता है जिससे आपकी मौत हो सकती है।

साथ ही किसी को अगर पेट में पथरी या किडनी की बीमारी हो उन्हें मेथी पालक खाना अवॉइड करना चाहिए। इसी तरह कुछ खास कंडीशन में मेथी-पालक भी नुकसान कर सकती हैं।

पालक

पालक एक ऐसी हरी भाजी है जो अपने गुणकारी असर के चलते सारे भारत में मशहूर है। पालक में विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’, ‘ई’ के अलावा प्रोटीन, सोडियम, कैल्शियम, फास्फोरस, क्लोरिन, थायामिन, फाइबर, राइबोफ्लैविन और लौह तत्व आदि पाए जाते हैं। आदिवासी इसे अनेक हर्बल नुस्खों के तौर पर अपनाते हैं। डाँग- गुजरात के आदिवासियों के अनुसार ककड़ी, पालक और गाजर की समान मात्रा का जूस तैयार कर पीने से बालों का बढ़ना प्रारंभ हो जाता है। हाइपोथायरॉइड होने पर एक प्याला पालक के रस के साथ एक चम्मच शहद और चौथाई चम्मच जीरे का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है। जिन्हें कोलाइटिस की समस्या हो, पालक और पत्तागोभी के पत्तों की समान मात्रा का रस तैयार कर कुछ दिनों तक लिया जाए तो आराम मिल जाता है।

आधुनिक शोध परिणामों पर गौर किया जाए तो जानकारी मिलती है कि निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) के रोगियों को प्रतिदिन पालक की सब्जी का सेवन करना चाहिए। माना जाता है कि यह रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है। पालक के एक गिलास जूस में स्वादानुसार सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से दमा और श्वास रोगों में खूब लाभ मिलता है। पालक हृदय रोगियों के लिए खास माना जाता है। हृदय विकारों में प्रतिदिन एक कप पालक के जूस के साथ 2 चम्मच शहद मिलाकर लेना चाहिए, ये बड़ा गुणकारी होता है। पातालकोट के आदिवासी पालक के जूस से कुल्ला करने की सलाह देते हैं, इनके अनुसार ऐसा करने से दाँतों की समस्याएं दूर हो जाते है। जिन्हें एनिमिया या रक्त अल्पता की शिकायत हो उन्हें प्रतिदिन पालक का रस (लगभग एक गिलास) दिन में 3 तीन बार अवश्य लेना चाहिए। पीलिया के दौरान रोगी को पालक का रस कच्चे पपीते में मिलाकर दिया जाए तो अच्छा होता है, डाँग- गुजरात के आदिवासी पीलिया होने पर रोगी को छिलके वाली मूंग की दाल में पालक डालकर तैयार की गयी सब्जी खिलाते है।

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मेथी

आयुर्वेद से लेकर मॉडर्न मेडिसिन साइंस ने मेथी के गुणों के बारे में खूब बखान किया है, इसकी पत्तियों की तरकारी औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसके बीजों में फॉस्फेट, लेसिथिन और न्यूक्लिओ-अलब्यूमिन होने से ये कॉड लिवर ऑयल जैसे पोषक और बल प्रदान करने वाले होते हैं। इसमें फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, नियासिन, थियामिन, कैरोटीन आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। मेथी पाचन शक्ति और भूख बढ़ाने में मदद करती है। न सिर्फ भाजी बल्कि इसके बीजों में भी भरपूर औषधीय गुण होते हैं। आधा चम्मच मेथी दाना को पानी के साथ निगलने से अपचन की समस्या दूर होती है। मेथी के बीज आर्थराइटिस और साईिटका के दर्द से निजात दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए एक ग्राम मेथी दाना पाउडर और सोंठ पाउडर को थोड़े से गर्म पानी के साथ दिन में दो-तीन बार लेने से लाभ होता है। इस रोग से दूर रहने के लिए प्रतिदिन 1 चम्मच मेथी दाना पाउडर पानी के साथ फांकें, इसके अलावा एक चम्मच मेथी दाना को एक कप पानी में भिगो कर रात भर के लिए छोड़ दीजिए, सुबह इसका पानी पिएं। इससे सीरम लिपिड लेवल कम होता है।

लंबे, घने, काले बाल के लिए कौन सा तेल लगाएं

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घने, लंबे बाल आजकल की भागमभाग में एक सपने की तरह हैं। ऐसा सपना, जिसे पूरा करने में खूब मेहनत है। जरा-सी लापरवाही हुई नहीं कि बाल झड़ने लगते हैं। अक्‍सर बाल झड़ने के पीछे कई कारण होते हैं, पर मां-दादी-नानी तो एक ही डांट लगाती हैं कि तेल न लगाने से बाल खराब हो रहे हैं। तो क्या वास्तव में तेल आपके बालों के लिए इतना जरूरी है? तेल कितना जरूरी है आपके बालों के लिए, बता रही हैं आरती मिश्रा

बचपन में आपकी मां ने आपके बालों में खूब तेल लगाया होगा। बाल धोने के अगले ही दिन तेल से सिर की खूब मालिश की जाती होगी। उस समय को याद करेंगी तो ये भी याद आएगा कि बचपन में आपके बाल आज जैसे टूटते भी नहीं थे। काले बालों की लंबी-लंबी चोटियां बनाए बचपन में आप इतराती फिरती होंगी। पर क्या सच में तेल आपके बालों के लिए इतना फायदेमंद है? क्या कंडीशनर या दूसरे उत्पाद तेल के पोषक तत्वों की भरपाई कर देते हैं?

दरअसल, तेल की मालिश आपके सिर के लिए उतनी ही जरूरी है, जितनी कि बालों की सफाई। फिर चाहे तेल कोई भी हो- सरसों, नारियल, बादाम, जैतून, जोजोबा या टी ट्री ऑयल। सभी तेल के अलग-अलग गुण होते हैं। सिर में तेल की मालिश से वहां रक्त संचार तेज होता है और आपके बालों को जड़ से पोषक तत्व मिलते हैं। अगर हर दिन संभव न हो तो कोशिश यह होनी चाहिए कि आप सप्ताह में कम-से-कम तीन दिन सिर में तेल जरूर लगाएं। रात भर के लिए तेल को बालों में लगा छोड़ दें। सुबह शैंपू करने से पहले गर्म पानी में तौलिये को डुबोकर उसे निचोड़ लें और तौलिये को आधे घंटे सिर में लपेटकर रखें। तेल बाल की जड़ों तक पहुंचेगा और आपको मिलेगा मजबूत और लंबे बालों का उपहार। पर सिर्फ तेल लगाने मात्र से ही काले-घने बालों की तमन्ना पूरी नहीं होगी। आपको पोषक तत्वों से भरपूर आहार भी लेना होगा।

डॉंक्टरों का भी मानना है कि तेल मालिश से सिर में रक्त का संचार सही तरीके से होता है और बालों की जड़ों से रूखापन समाप्त होता है। इससे बाल मजबूत होते हैं और दिन भर की थकावट और तनाव कम करने में सहायक होते हैं। तेल मालिश से आपके बाल धूप के खराब असर से भी बचे रहते हैं। दरअसल, बालों में तेल लगाने का उन पर कई तरीके से प्रभाव पड़ता है। इससे बाल जड़ से मजबूत होते हैं, बालों का रूखापन दूर होता है और साथ ही बाल बीच से टूटते भी कम हैं। बालों में तेल लगाने से उन पर एक परत बन जाती हैं। तेल की यह परत उस वक्त बालों के काम आती है, जब हम बालों की स्टाइलिंग के लिए हेयर ड्रायर जैसे तरह-तरह के उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। मसाज करने की पूरी प्रक्रिया भी आपके बाल और सिर के लिए फायदेमंद है। इन तेलों को भी आजमाएं

सरसों, नारियल और आंवले का तेल तो आमतौर पर सभी घरों में मिल जाते हैं। पर इनके अलावा कुछ और तेल भी आप आजमा सकती हैं:

बादाम के तेल से मालिश करने से बालों को कई पोषक तत्व मिलते हैं और वे मजबूत भी होते हैं।
जोजोबा ऑयल बालों को नमी प्रदान करने का काम करता है।
लैवेंडर के तेल में काफी खुशबू होती है। यह डैंड्रफ को हटाने में मददगार है और बालों का टूटना कम करता है।
रोजमेरी का तेल काफी खुशबू वाला होता है और यह सिर में जलन, खारिश आदि को कम करता है।
टी ट्री ऑयल बैक्टीरिया और फंगस की समस्या को दूर करता है। इसे दूसरे तेलों के साथ मिलाकर भी प्रयोग किया जाता है।
जोजोबा का तेल बालों को झड़ने से रोकने में मददगार होता है।
ऑलिव ऑयल लगाने से डीटीएच हार्मोस का बनना रुकता है, जिससे बाल झड़ने की समस्या कम होती है।

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ये नहीं होता ऑयलिंग से
तेल लगाने से बालों का झड़ना नहीं रुकता, क्योंकि बाल झड़ने के पीछे कई तरह के कारण हो सकते हैं। सिर्फ तेल न लगाने से बालों का झड़ना शुरू नहीं होता।

जैसे बाल वैसा ही तेल
सबसे पहले आपको अपने बालों की प्रकृति से वाकिफ होना होगा, तभी आप यह चुनाव कर सकेंगी कि कौन-सा तेल आपके लिए उपयुक्त है।

जोजोबा के तेल से बाल मुलायम बनते हैं। रूखे बाल वालों को विशेषज्ञ यह तेल लगाने की सलाह देते हैं।
जैतून का तेल हर तरह के बालों के लिए उपयुक्त है। यह बालों को मजबूत बनाता है।
नारियल के तेल में मैग्नीशियम, पोटेशियम, कैल्शियम व आयरन भरपूर मात्रा में होता है। यह रूखे बालों के लिए काफी फायदेमंद है।
तुलसी का तेल तैलीय बालों के लिए काफी अच्छा है। इसे नियमित लगाएं, इससे बाल तेजी से लंबे होते हैं।

क्या करता है तेल
तेल कंडीशनर का काम करता है। जब तेल लगाएं, उसे बालों में कम से कम 8 घंटे तक लगाकर रखें।
मसाज करने से दिमाग रिलैक्स होता है और बाल मुलायम होते हैं।
तेल आपके बालों को लंबा नहीं करता। यह केवल जड़ों को रूखेपन से बचाता है। अगर बाल स्वस्थ होंगे, तभी लंबे होंगे। इसके लिए आपको खानपान भी अच्छा रखना होगा।

आयुर्वेद में तेल
आयुर्वेद में यों तो कई प्रकार के तेलों का जिक्र किया गया है, पर आयुर्वेद के मुताबिक कुछ महत्वपूर्ण तेल ये हैं:

बादाम का तेल
इसमें विटामिन ई होता है और इससे बाल तेजी से बढ़ते हैं।

आंवले का तेल
नियमित रूप से आंवले का तेल लगाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।

भृंगराज का तेल
बाल जल्दी बढ़ते हैं और साथ ही गंजेपन को दूर करने में मददगार है।

ब्राह्मी का तेल
इसे जड़ों में लगाने से डैंड्रफ नहीं होता। इस मौसम में यह तेल आपको लगाना चाहिए।

इन्हें मिलाएं और लगाएं
ऑलिव ऑयल, नारियल तेल, अरंडी का तेल और बादाम के तेल को मिलाकर नियमित रूप से लगाएं। ये आपके बालों को सभी तरह के पोषक तत्व प्रदान करेगा। इस मिश्रण को तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखें कि और सभी तेल की मात्रा समान होनी चाहिए, पर अरंडी का तेल कम मात्रा में डालें। जैसे अगर आप सभी तेलों को एक-एक कप ले रही हैं, तो अरंडी का तेल आधा कप ही लें। आप चाहें तो यह मिश्रण तैयार करके भी रख सकती हैं। कई माह तक आप तेलों के इस मिश्रण को इस्तेमाल में ला सकती हैं। इस मिश्रण को लगाने से बाल झड़ने कम होते हैं, सफेद होना रुक जाते हैं और डैंड्रफ की समस्या से भी निजात मिलती है। आप इस मिश्रण को ठंडा ही लगा सकती हैं।

बचे हुए तेल का रियूज अगर आप भी करती हैं तो जरूर पढ़ें ये खबर

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बचे हुए तेल का रियूज अगर आप भी करती हैं तो जरूर पढ़ें: पूरी-कचौड़ी या पकौड़े जैसी चीजों को डीप फ्राई करने के बाद तेल बच ही जाता है। ऐसे में अक्सर महिलाए इस बचे हुए तेल को भोजन बनाने के लिए इस्तेमाल कर लेती हैं। मगर ऐसा कर आप कई बीमारियों को न्यौता दे रही हैं। बचत करने के लिए आप भला ही ऐसा करती हो लेकिन हाल ही में हुए सर्वे में कहा गया है कि तेल का रियूज करने से कैंसर जैसी घातक बीमारियों की संभावना बढ़ जाती हैं।

क्यों हानिकारक है बचा हुआ तेल?

रिसर्च में बताया गया कि बचे हुए तेल में फ्री रेडिकल्स बनने लगते हैं, जो आगे चलकर कई गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। वहीं बार-बार तेल गर्म करने से उसकी गंध खत्म हो जाती है और उसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स भी नहीं बचते, जिसके चलते उसमें कैंसर पैदा करने वाले तत्व पैदा हो जाते हैं।

इन बीमारियों का बनता है कारण

जब इस्तेमाल किए हुए तेल को दोबारा यूज किया जाता है तो इसमें मौजूद तत्व खाने में चिपक जाते हैं और स्वास्थ्य के लिए खतरा बन जाते हैं। इसके कारण एसिडिटी, दिल की बीमारी, कैंसर, स्ट्रोक, पार्किसंस और अलजाइमर जैसी घातक बीमारियों के होने की संभावना बनी रहती है। साथ ही इस तेल का खाना खाने से कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ सकता है।

कितनी बार कर सकते हैं तेल का इस्तेमाल

डीप फ्राई किए जाने वाले तेल को फिर से इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए लेकिन कुछ मामलों में ऐसा संभंव है। मगर ये इस बात पर निर्भर करता है कि किस तेल का उपयोग किया गया है और उसे कितनी बार इस्तेमाल किया जा चुका है।

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पहले करें जांच

अगर आप तेल को दोबारा इस्तेमाल करना ही चाहते हैं तो पहले उसके रंग व गाढ़ेपन को जांच लें। अगर उसमें गहरे रंग, चिपचिपाहट या अजीब गंध तो उसे फेंकना ही आपके लिए बेहतर होगा।

डीप फ्राई के लिए कौन-सा तेल है बेहतर

एक्सपर्ट का मानना है कि पकौड़े या अन्य चीजों को डीप फ्राई करने के लिए नारियल तेल बेहतर होता है। हालांकि बेहतर होगा कि अगर इसमें से भी बदबू आए तो आप इसका इस्तेमाल ना करें।

इन बातों पर भी दें ध्यान

डीप फ्राई करने या भोजन बनाने के लिए एक साथ कई तेलों का इस्तेमाल ना करें। एक समय में 1 तेल से ही भोजन पकाएं।
अगर तेल का रंग बदल गया है तो बेहतर होगा कि आप उसे फेंक दें।
किसी भी चीज को डीप फ्राई करने के लिए जैतून के तेल का इस्तेमाल ना करें क्योंकि कम मात्रा इसका सेवन ही सेहत के लिए फायदेमंद होता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप भोजन पकाने की लिए इसे यूज में लाएं।
सस्ते तेल जो जल्दी गर्म हो जाते हैं, लेकिन अगर उन्हें आंच पर रखते ही झाग बनने लगे तो उसका इस्तेमाल न करें। ये एडल्ट्रेटेड ऑयल होते हैं, जो शरीर के लिए हानिकारक होते हैं।
सभी तेल एक समान नहीं होते। कुछ तेल बहुत ज्यादा तापमान पर गर्म होते हैं जैसे- सोयाबीन, राइस ब्रैन, सरसों, मूंगफली, कैनोला और तिल का तेल।

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए ये 4 एक्सरसाइज करेंगे तो बुढ़ापे तक नहीं लगेगा चश्मा

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आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए 4 एक्सरसाइज, aankhon ki roshni badhane ke liye exercise in hindi- बदलते लाइफस्टाइल में जैसे जैसे जिंदगी आगे बढ़ रही है, मनोरंजन हमारे मोबाइल फोन पर सिमटता जा रहा है। आजकल लोग कंप्‍यूटर के सामने ज्‍यादा देर तक बैठे रहते हैं जिसका सीधा असर आंखों पर पड़ता है और आंखे कमजोर हो जाती है। लोग हेल्दी रहने के लिए बॉडी की एक्सरसाइज पर ध्यान देते हैं लेकिन आंखो की रोशनी को तेज बनाए रखने की कोई कोशिश नहीं करते। ऐसे में हम आपको कुछ योग के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें सिर्फ 10 मिनट करने से आप अपनी आंखो को लंबे समय तक हेल्दी रख सकते हैं।

एकाग्रता बनाए रखना

अपनी एक बांह को अपने सामने फैलाइए।  ढीली मुट्ठी बनाइए, जिसमें आपका अंगूठा ऊपर की तरफ हो। अपने अंगूठे पर ध्यान लगाने की कोशिश कीजिए। अपना ध्यान अंगूठे पर रखिए और अपने अंगूठे से नाक के पास से उस बिंदु तक तब तक घुमाइए, जब अंगूठा फोकस से गायब न हो जाए। अपनी बांहों को वापस अपनी मूल स्थिति में ले आइए। 10 से 12 बार इस एक्सरसाइज को दोहराए। यह एक्सरसाइज आंखों की हेल्थ को दुरुस्त रखने और एकाग्रता बनाए रखने के लिए बेहतरीन है।

 

पलक झपकाना

सबसे पहले अपनी आंखें खोलकर आरामदायक स्थिति में बैठिए। अपनी आंखों की पलकों को 10-15 बार जल्दी-जल्दी झपकाइए। केवल कुछ सेकंड्स के लिए अपनी आंखें बंद कीजिए और अपनी सांसों पर ध्यान लगाइए। इस एक्सरसाइज को 5 से 10 बार दोहराए। 10-15 मिनट के लिए ये एक्सरसाइज आंखों की हेल्थ को दुरुस्त रखने में आपकी मदद करेंगे और इससे आपके देखने की क्षमता में सुधार आएगा और नजर अच्छी होगी। यह अपनी नजर सुधारने का सबसे आसान तरीका है। आप इस एक्सरसाइज को ट्रेवल करते हुए भी कर सकती हैं या आप अपनी बिजी रूटीन में कॉफी ब्रेक के दौरान भी आंखों की पलकों को झपका कर इस योग को कर सकती हैं।

हथेलियों को आपस में रगड़ना

यह एक्सरसाइज आंखों की मसल्स को आराम पहुंचाने के लिए अच्छा है। दिन- भर के काम के बाद आंखों को दोबारा चुस्त-दुरूस्‍त करने का यह बेहतरीन तरीका होता है। सबसे पहले हथेलियों को आपस में तब तक रगड़ें, जब तक यह गर्म न हो जाए। फिर अपनी दोनों हथेलियों को आंखों पर तब तक रखिए, जब तक उनमें गर्मी महसूस हो। जब हथेलियों की गर्मी खत्म हो जाए तो आंखों से हाथों को हटा लीजिए। इस क्रिया को 3 से 4 बार दोहराए।

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आंखों की पुतलियों को साइड में घुमाना

यह आंखों की मसल्स को स्ट्रेच और मजबूत करने का बेहतरीन तरीका है। शुरुआत में अपनी आंखों को धीरे-धीरे एक साइड से दूसरी साइड में घुमाए। इसके बाद गोलाई में अपनी आंखें घुमाना शुरू कीजिए।  ध्यान रखें कि यह क्रिया करते वक्त गर्दन ना घूमें। इस तरह से 20 बार आंखों को घुमाइए।

Source: www.nari.punjabkesari.in

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