भूलकर भी कभी मेथी-पालक ना खाएं ऐसे लोग, सावधान!

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मेथी पालक की सब्जियां अक्सर हर घर में बनती हैं। ये हरी सब्जियां काफी हेल्दी होती हैं और इनके कई फायदे हैं। लेकिन हर हेल्दी चीज सबके लिए एक जैसे फायदे नहीं देती। राजीव दीक्षित बताते हैं जिनकी बॉडी में खून की कमी हो तो मेथी और पालक उनके लिए अच्छा है

इनसे तेजी से खून बनता है। लेकिन अगर कुछ लोगों को बार-बार बाथरूम जाना पड़ता है और पेट खराब है इन्हें मेथी पालक अवॉइड करना चाहिए। मेथी पालक इन लोगों के शरीर में जहर बना देता है जिससे आपकी मौत हो सकती है।

साथ ही किसी को अगर पेट में पथरी या किडनी की बीमारी हो उन्हें मेथी पालक खाना अवॉइड करना चाहिए। इसी तरह कुछ खास कंडीशन में मेथी-पालक भी नुकसान कर सकती हैं।

पालक

पालक एक ऐसी हरी भाजी है जो अपने गुणकारी असर के चलते सारे भारत में मशहूर है। पालक में विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’, ‘ई’ के अलावा प्रोटीन, सोडियम, कैल्शियम, फास्फोरस, क्लोरिन, थायामिन, फाइबर, राइबोफ्लैविन और लौह तत्व आदि पाए जाते हैं। आदिवासी इसे अनेक हर्बल नुस्खों के तौर पर अपनाते हैं। डाँग- गुजरात के आदिवासियों के अनुसार ककड़ी, पालक और गाजर की समान मात्रा का जूस तैयार कर पीने से बालों का बढ़ना प्रारंभ हो जाता है। हाइपोथायरॉइड होने पर एक प्याला पालक के रस के साथ एक चम्मच शहद और चौथाई चम्मच जीरे का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है। जिन्हें कोलाइटिस की समस्या हो, पालक और पत्तागोभी के पत्तों की समान मात्रा का रस तैयार कर कुछ दिनों तक लिया जाए तो आराम मिल जाता है।

आधुनिक शोध परिणामों पर गौर किया जाए तो जानकारी मिलती है कि निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) के रोगियों को प्रतिदिन पालक की सब्जी का सेवन करना चाहिए। माना जाता है कि यह रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है। पालक के एक गिलास जूस में स्वादानुसार सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से दमा और श्वास रोगों में खूब लाभ मिलता है। पालक हृदय रोगियों के लिए खास माना जाता है। हृदय विकारों में प्रतिदिन एक कप पालक के जूस के साथ 2 चम्मच शहद मिलाकर लेना चाहिए, ये बड़ा गुणकारी होता है। पातालकोट के आदिवासी पालक के जूस से कुल्ला करने की सलाह देते हैं, इनके अनुसार ऐसा करने से दाँतों की समस्याएं दूर हो जाते है। जिन्हें एनिमिया या रक्त अल्पता की शिकायत हो उन्हें प्रतिदिन पालक का रस (लगभग एक गिलास) दिन में 3 तीन बार अवश्य लेना चाहिए। पीलिया के दौरान रोगी को पालक का रस कच्चे पपीते में मिलाकर दिया जाए तो अच्छा होता है, डाँग- गुजरात के आदिवासी पीलिया होने पर रोगी को छिलके वाली मूंग की दाल में पालक डालकर तैयार की गयी सब्जी खिलाते है।

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मेथी

आयुर्वेद से लेकर मॉडर्न मेडिसिन साइंस ने मेथी के गुणों के बारे में खूब बखान किया है, इसकी पत्तियों की तरकारी औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसके बीजों में फॉस्फेट, लेसिथिन और न्यूक्लिओ-अलब्यूमिन होने से ये कॉड लिवर ऑयल जैसे पोषक और बल प्रदान करने वाले होते हैं। इसमें फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, नियासिन, थियामिन, कैरोटीन आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। मेथी पाचन शक्ति और भूख बढ़ाने में मदद करती है। न सिर्फ भाजी बल्कि इसके बीजों में भी भरपूर औषधीय गुण होते हैं। आधा चम्मच मेथी दाना को पानी के साथ निगलने से अपचन की समस्या दूर होती है। मेथी के बीज आर्थराइटिस और साईिटका के दर्द से निजात दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए एक ग्राम मेथी दाना पाउडर और सोंठ पाउडर को थोड़े से गर्म पानी के साथ दिन में दो-तीन बार लेने से लाभ होता है। इस रोग से दूर रहने के लिए प्रतिदिन 1 चम्मच मेथी दाना पाउडर पानी के साथ फांकें, इसके अलावा एक चम्मच मेथी दाना को एक कप पानी में भिगो कर रात भर के लिए छोड़ दीजिए, सुबह इसका पानी पिएं। इससे सीरम लिपिड लेवल कम होता है।

इस वेबसाइट में जो भी जानकारिया दी जा रही हैं, वो हमारे घरों में सदियों से अपनाये जाने वाले घरेल नुस्खे हैं जो हमारी दादी नानी या बड़े बुज़ुर्ग अक्सर ही इस्तेमाल किया करते थे, आज कल हम भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में इन सब को भूल गए हैं और छोटी मोटी बीमारी के लिए बिना डॉक्टर की सलाह से तुरंत गोली खा कर अपने शरीर को खराब कर देते हैं। तो ये वेबसाइट बस उसी भूले बिसरे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लक्षय से बनाई गयी है। आप कोई भी उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर से या वैद से परामर्श ज़रूर कर ले। यहाँ पर हम दवाएं नहीं बता रहे, हम सिर्फ घरेलु नुस्खे बता रहे हैं। कई बार एक ही घरेलु नुस्खा दो व्यक्तियों के लिए अलग अलग परिणाम देता हैं। इसलिए अपनी प्रकृति को जानते हुए उसके बाद ही कोई प्रयोग करे। इसके लिए आप अपने वैद से या डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करे।

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