नहाने से पहले जो व्यक्ति अपने शरीर में नियमित रूप से तेल की मालिश करता है, उसके शरीर को पुष्टि मिलती है। जी हाँ, शरीर में तेल लगाकर भरपूर मालिश करने के बाद नहाने से जो लाभ होता है उसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते हैं। आपको बता दें कि नहाने से ठीक पहले शरीर में मालिश के लिए आप सरसों के तेल, जैतून के तेल और नारियल के तेल में से किसी को भी चुन सकते हैं। बहरहाल आज हम आपको इसी के लाभ बताने जा रहे हैं। इसके अलावा हम आज आपको यह भी जानकारी देंगे कि आख़िर वो कौन सा दुर्लभ क्षण है जब हमें शरीर में तेल की मालिश नहीं करनी चाहिए।
आपको बता दें कि ऐसे लोग जो अपनी बॉडी बनाना चाहते हैं अथवा शरीर में बल का विकास करना चाहते हैं और उसे स्वस्थ रखना चाहते हैं, वो लोग इस नियम का ज़रूर पालन करें कि नहाने से पहले अपने शरीर में नारियल के तेल से या जैतून के तेल से या फिर सरसों के तेल में जमकर मालिस करें और फिर 10-15 मिनट तक रुकने के बाद नहा लें। इससे उनको आश्चर्यजनक फ़ायदे होंगे।
दिलचस्प है कि नहाने से पहले शरीर में रोज़ाना तेल लगाने से शरीर की विशेष रूप से वृद्धि होती है, शरीर पुष्ट होता है, शरीर बलवान बनता है और आपकी धातुयें भी पुष्ट होती हैं। चूँकि हमारा शरीर पूरी तरह से त्वचा से ढका हुआ है। यही वायु का मुख्य स्थान भी है। इसलिए त्वचा में तेल की मालिश करने से आपके शरीर को भोजन की अपेक्षा अधिक तर्पण मिलता है और बढ़ी हुयी वायु से भी लाभ मिलता है।
शरीर में तेल लगाकर नहाने के मामले में आयुर्वेद विशेष जोर देता है, क्योंकि इससे हमारे शरीर की शिराएँ और स्नायु को भरपूर तर्पण मिलता है। हालाँकि आपको बता दें कि जिन्हें बुखार है, दस्त है या अधिक पसीना आता है अथवा महिलाओं को मासिक धर्म के समय तेल नहीं लगाना चाहिए।
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वैसे तो स्वस्थ त्वचा के लिए तेल मालिश करना नियमित दिनचर्या है लेकिन सप्ताह में कुछ दिन जैसे- रविवार, मंगलवार और शुक्रवार को तेल मालिश नहीं करनी चाहिए। क्यों?…
शास्त्रों के अनुसार रविवार का दिन सूर्य से संबंधित है। सूर्य से गर्मी उत्पन्न होती है। इसलिए इस दिन शरीर में पित्त अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक होना स्वाभाविक है। तेल से मालिश करने से भी गर्मी उत्पन्न होती है। इसलिए रविवार को तेल से मालिश करने से रोग होने का भय रहता है।
मंगल ग्रह का रंग लाल है। इस ग्रह का प्रभाव हमारे रक्त पर पड़ता है। इस दिन शरीर में रक्त का दबाव अधिक होने से खुजली, फोड़े-फुंसी आदि त्वचा रोगों का डर रहता है।
इसी तरह शुक्र ग्रह का संबंध वीर्य तत्व से रहता है। इस दिन मालिश करने से वीर्य संबंधी रोग हो सकते हैं।
अगर रोजाना मालिश करनी हो तो तेल में रविवार को फूल, मंगलवार को मिट्टी और शुक्रवार को गाय का मूत्र डाल लेने से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।
तेल मालिश करने से बुढ़ापा, थकान और वायुरोग नहीं होते। आंखों की ज्योति तेज होती है और नींद भी अच्छी आती है। त्वचा भी सुन्दर होने से शरीर का सौन्दर्य भी निखरता है।