25 साल पुरानी बवासीर की बीमारी ठीक हो गयी 5 दिन इसका प्रयोग करने से

हल्दी से बवासीर का इलाज इन हिंदी, haldi se bawaseer ka ilaj in hindi –बवासीर या पाइल्स मलद्वार के चारों ओर नसों के फूलने या सूजन को कहते हैं। इसमें गुदा पर मस्से जैसे उभार हो जाते हैं। मस्से या तो गुदा के अंदरूनी हिस्से पर होते हैं, या गुदा के चारों ओर। नसों में अंदरूनी सूजन ज्यादातर कम कष्टकारी होती है, परंतु वहीं नसें सूजकर बाहर तक उभर आती हैं, तो ये समस्या बेहद कष्टकारी हो जाती है। इसमें मलद्वार से रक्तस्त्राव होने से मरीज बेहद कमजोर हो जाता है। समस्या गंभीर रूप ले लेने पर मरीज की मौत तक हो सकती है। बवासीर के मरीज को बैठने में बेहद तकलीफ होती है, यहां तक कि दर्द से रात में नींद तक नहीं आती। यहां हम पढ़ेंगे कि, कैसे हल्दी का प्रयोग करके बवासीर जैसी समस्या छुटकारा पाया जा सकता है।

बवासीर के लक्षण

बवासीर में कब्ज की वजह से मल शुष्क हो जाता है। मस्से पहले कठोर होना शुरू होते हैं, जिससे गुदा में चुभन-सी होने लगती है। ध्यान न देने पर मस्से फूल जाते हैं और मल त्याग बेहद तकलीफदेह हो जाता है। स्थिति बिगड़ने पर मल के साथ खून भी आने लगता है।

बवसीर का कारण

बवासीर के कई कारण होते हैं, जिनमें से कब्ज, खराब खान-पान, खाने में फाइबर की कमी, ज्यादा देर तक बैठे रहना, मानसिक तनाव, भारी सामान उठाना प्रमुख हैं। गर्भावस्था में भी ये समस्या देखने को मिलती हैं।

हल्दी से बवासीर का इलाज

हल्दी में एंटी इन्फ्लेमेट्री यानी सूजन घटाने वाले गुण होते हैं। इसके साथ ही हल्दी एंटी-सेप्टिक होती है, जो कीटाणुओं को नष्ट करती है। वहीं हल्दी घाव भरने में भी सहायक होती है। पुराने समय से हल्दी को बवासीर का अचूक इलाज माना जाता है। यहां कुछ तरीके दिए हैं जिन्हें आजमाकर हल्दी से दर्दनाक बवासीर का इलाज किया जा सकता है।

1. एलोविरा और हल्दी

आधे चम्मच एलोविरा जेल में एक चम्मच पिसी हल्दी मिलाएं। इसको अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। पेस्ट को सोने से पहले मलद्वार के अंदरूनी और बाहरी हिस्से पर लगाएं। एक हफ्ते तक ये तरकीब आजमाने से बवासीर से राहत मिलेगी।

2. देसी घी और हल्दी

एक चम्मच देसी घी में आधा चम्मच हल्दी मिलाएं। इसको अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट बना लें। इस मिश्रण को रात को सोने से पहले अपनी गुदा के अन्दर और बाहर लगा लें। यह प्रक्रिया दो-तीन दिन आजमाने से आपको बवासीर से राहत मिल जाएगी।

3. दूध और हल्दी

बवासीर होने पर उसके उपचार के साथ इसका बचाव भी जरूरी है। रोजाना गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर पिएं इससे के संक्रमण से बचाव होगा साथ ही अच्छी नींद भी आएगी।
ये भी आजमाएं

4. काले नमक के साथ हल्दी

काले नमक में हल्दी का चूर्ण मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पिएं। बकरी के दूध में हल्दी और काला नमक मिलाकर पीने से भी बवासीर में लाभ होगा।

5. मूली और हल्दी

मूली को धोकर छील लें। अब इस पर हल्दी छिड़कर इसे दिन में दो-तीन बार खाएं।

6. टब मे गुनगुना पानी भरकर उसमें हल्दी डालें। इस पानी में निर्वस्त्र होकर आधे घंटे तक बैठें।

7. हल्दी, आक का दूध और शिरीष के बीजों को कूटकर बवासीर के मस्सों पर लगाएं। जलन और दर्द से आराम मिलेगा।

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8. किसी साफ रुमाल में बर्फ का टुकड़ा लपेट कर अपनी गुदा पर कुछ देर के लिए लगाएं। इससे दर्द और सूजन में बेहद राहत मिलेगी।

9. हल्दी से इलाज के साथ अपने खान-पान का भी ध्यान रखें। खाने में पानी की मात्रा बढ़ाएं और फाइबर युक्त पदार्थों का सेवन करें। दूध में ईसबगोल मिलाकर पिदएं। ज्यादा देर तक एक जगह पर न बैठें। व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। खाने में जैतून का तेल और घी भी शामिल करें। इसके आलावा नारियल पानी और दाने सहित अनार भी खाएं। तले-भुने गरिष्ठ भोजन से परहेज करें।

इस वेबसाइट में जो भी जानकारिया दी जा रही हैं, वो हमारे घरों में सदियों से अपनाये जाने वाले घरेल नुस्खे हैं जो हमारी दादी नानी या बड़े बुज़ुर्ग अक्सर ही इस्तेमाल किया करते थे, आज कल हम भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में इन सब को भूल गए हैं और छोटी मोटी बीमारी के लिए बिना डॉक्टर की सलाह से तुरंत गोली खा कर अपने शरीर को खराब कर देते हैं। तो ये वेबसाइट बस उसी भूले बिसरे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लक्षय से बनाई गयी है। आप कोई भी उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर से या वैद से परामर्श ज़रूर कर ले। यहाँ पर हम दवाएं नहीं बता रहे, हम सिर्फ घरेलु नुस्खे बता रहे हैं। कई बार एक ही घरेलु नुस्खा दो व्यक्तियों के लिए अलग अलग परिणाम देता हैं। इसलिए अपनी प्रकृति को जानते हुए उसके बाद ही कोई प्रयोग करे। इसके लिए आप अपने वैद से या डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करे।

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