एक कहावत है ‘पहला सुख निरोगी काया’। स्वस्थ शरीर स्वस्थ दिमाग के निर्माण में सहायक होता है। स्वस्थ रहने की पहली शर्त है आपकी पाचन शक्ति का सुदृढ़ होना। भोजन के उचित पाचन के अभाव में शरीर अस्वस्थ हो जाता है, मस्तिष्क शिथिल हो जाता है और कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। जिस प्रकार व्यायाम में अनुशासन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार भोजन में भी अनुशासन महत्वपूर्ण है। अधिक खाना, अनियमित खाना, देर रात तक जागना, ये सारी स्थितियां आपके पाचन तंत्र को प्रभावित करती हैं। अतः यह आवश्यक हो जाता है कि पाचन शक्ति को दुर्बल होने से बचाएं। पाचन तंत्र की दुर्बलता दूर करने के लिए खाना खाने के बाद पेट मे खाना पचेगा या खाना सड़ेगा ये जानना बहुत जरुरी है। अगर सड़ता है तो फिर भले ही डाइट चार्ट बनाकर खाया जा रहा हो, सब बेकार है।
अमाशय
खाना सबसे पहले इसी में आता है। रोटी, दाल सब्जी, दही लस्सी, दूध, छाछ, फल आदि, यह सब कुछ भोजन के रूप में ग्रहण करने के बाद हमें एनर्जी मिलती है। और पेट इस एनर्जी को आगे ट्रांसफर करता है। पेट में एक छोटा सा हिस्सा होता है जिसे अमाशय कहते हैं। ये एक थैली की तरह होता है और हमारे शरीर में सबसे महत्वपूर्ण है।
जठराग्नि क्या है और क्या करती है?
आमाशय में प्रदीप्त होने वाली अग्नि को जठराग्नि कहते है। ऐसा ही पेट में भी होता है, जैसे ही आपने खाना खाया नहीं कि जठराग्नि तुरंत प्रदीप्त हो गई। यानी यह पूरी तरह से ऑटोमेटिक है। ये अग्नि तब तक जलती है, जब तक आपके द्वारा खाना पच नहीं जाता है।
इसलिए नहीं पीना चाहिए खाने के बाद पानी
कई लोगों को खाना खाने के बाद पानी पीने की आदत होती है, लेकिन जब आप खाना खाने के तुरंत बाद पानी पी लेते है, खासकर खूब ठंडा पानी तो जठराग्नि में जलने वाली अग्नि बुझ जाती है। और आग के बुझ जाने पर खाने की पचने की क्रिया भी रुक जाती है।
आखिर कैस पचता है खाना
पेट में दो ही क्रिया होती है, एक जिसे हम पाचन कहते हैं और दूसरा फर्मेंटेशन जिसका मतलब खाने का सड़ना होता है। आयुर्वेद के हिसाब से आग जलेगी तो खाना पचेगा, खाना पचेगा तो उससे रस बनेगा। और रस बनने से मांस, बोन मेरो, ब्लड, वीर्य, हड्डियां, मल, मूत्र और अस्थि बनेंगे और सबसे अंत मे फैट बनता है। ये तभी होगा जब खाना पचेगा।
क्या होता है खाने का सड़ना?
अब जब खाना सड़ेगा तब क्या होगा..? यह जानना भी जरूरी है। खाने के सड़ने पर सबसे पहला जहर यूरिक एसिड के रूप में बनता है। कई बार हम घुटने या कंधे-कमर में दर्द के लिए डॉक्टर के पास जाते है। तब डॉक्टर हमें बताता हैं कि यह दर्द यूरिक एसिड के कारण है। यूरिक एसिड के अलावा दूसरा विष एलडीएल है, यानी खराब कोलेस्ट्रॉल। और कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने पर हाई बीपी की समस्या होती है। साथ ही सबसे खतरनाक विष यानी वीएलडीएल भी खाने के सड़ने के कारण बनता है।
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खाना सड़ने पर शरीर को नुकसान
यूरिक एसिड सहित ऐसे 103 विष खाने के सड़ने से बनते हैं। खाना पचने पर मांस, बोन मेरो, ब्लड, वीर्य, हड्डियां, मल, मूत्र और अस्थि बनते हैं और न पचने पर यूरिक एसिड, कोलेस्ट्रोल आदि विष बनने लगते हैं। जिस कारण शरीर रोगों का घर बन जाता है।
दिल को घेर लेती है बीमारियां
पेट मे बनने वाला यही जहर जब ज्यादा बढ़कर ब्लड में आता है तो ब्लड दिल की नाड़ियों में से निकल नहीं पाता और रोज थोड़ा-थोड़ा कचरा जो खून मे आता है वह इकट्ठा होता रहता है और एक दिन नाड़ी को ब्लॉक कर देता है। और इसकी ब्लॉक नाड़ी को हार्ट अटैक कहते हैं। इसलिए खाने का सही से पचना बेहद जरूरी है।
आखिर खाना पचाने के लिए क्या करें
सबसे पहले यह जान लें कि खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर है। इसलिए खाने के तुरंत बाद पानी कभी मत पीएं। साथ ही यह जानना भी जरूरी हैं कि कितनी देर पानी नहीं पीना चाहिए। जब हम खाना खाते हैं तो जठराग्नि द्वारा सब एक दूसरे में मिक्स होता है और फिर खाना पेस्ट मे बदलता हैं। पेस्ट मे बदलने की क्रिया होने तक पौने दो घंटे का समय लगता है। पेस्ट बनने के बाद शरीर में रस बनने की प्रक्रिया शुरू होती है। तब आप जितना इच्छा हो उतना पानी पिये।