जानिए होंठों को हरे धनिया से कैसे गुलाबी करें

0

गुलाबी होंठ चेहरे को चमकदार बनाकर खूबसूरती मे चार चांद लगा देते हैं। होंठ चेहरे का नाजुक हिस्‍सा है जिनमें फैट ग्‍लैंड नहीं होते, इसलिए होंठों को कोमल बनाये रखने के लिए बाहरी ख्‍याल रखना जरूरी होता है। लेकिन कई बार सूरज की हानिकारक यू वी किरणें, धूम्रपान, एलर्जी, हार्मोन असंतुलन, निर्जलीकरण, विटामिन और फैटी एसिड की कमी और बढ़ती उम्र के कारण होंठ काले होने लगते हैं।

वैसे तो होंठों के कई तरह के लिपबाम उपलब्ध हैं लेकिन इनके हानिकारक असर से होंठों का कालापन और भी बढ़ने लगता है। इसलिए होंठों को गुलाबी बनाने के लिए घरेलू उपायों को अपनाना चाहिए। होंठों को आप शानदार घरेलू उपाय यानी हरे धनिया और गुलाब जल की मदद से गुलाबी बना सकते हैं। होंठों को मुलायम और गुलाबी बनाने का स्वस्थ, प्राकृतिक और आसान तरीका है क्‍योंकि यह मॉश्‍चराइजर के रूप में काम करता है। धनिया एक बहुत अच्छा एंटी- बैक्टीरियल एजेंट है और गुलाब जल एक क्लीजर के रूप में काम करता है। आइए इस आर्टिकल के माध्‍यम से जानें कि हरे धनिया की पत्तियों की मदद से होंठों को कैसे गुलाबी बनाया जा सकता है।

होंठों को गुलाबी बनाये धनिया पत्तियां और गुलाबजल

  • हरे धनिये की कुछ पत्तियों को लें।
  • फिर इन पत्तियों में थोड़ा सा गुलाबजल मिलाकर अच्‍छी तरह से पीस कर इसका बारीक पेस्‍ट बना लें।
  • अब इस पेस्‍ट को होंठों पर लगाकर 10 मिनट तक अच्‍छी तरह से मसाज करें।
  • 10 मिनट की मसाज के बाद 10 मिनट इस पेस्‍ट को ऐसे ही होंठों पर लगा रहने दें।
  • फिर होंठों को गुनगुने पानी से धो लें। धोने के लिए साबुन या फेस वॉश का प्रयोग न करें।
  • इसके बाद होंठों पर ऑलिव ऑयल, नारियल तेल या देसी घी लगा लें, इससे होंठ नर्म हो जाएंगे।
  • नियमित रूप से इस उपाय को करने से आपके गहरे काले होंठों को रंग धीरे-धीरे गुलाबी रंग में बदल जाएगा।
  • आप चेहरे पर चमक लाने के लिए भी इस उपाय को इस्‍तेमाल कर सकते हैं। लेकिन इस पेस्‍ट में आपको थोड़ा सा शहद भी मिलाना होगा।

इस आसान घरेलू नुस्खे को अपनाकर अपने होंठों को गुलाबी और आकर्षक बना सकते हैं। तो देर किस बात की आज ही ट्राई करें।

आयुर्वेद हीलिंग एप्प के माध्यम से पाइए आयुर्वेद से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी, विभिन्न आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्ख़े, योगासनों की जानकारी। आज ही एप्प इंस्टॉल करें और पाएं स्वस्थ और सुखी जीवन। सबसे अच्छी बात ये है कि ऑफलाइन मोड का भी फीचर है मतलब एक बार अपने ये एप्प इनस्टॉल कर ली तो अगर आपका नेट पैक खत्म 🤣 भी हो जाता है तो भी आप हमारे घरेलू नुस्खे देख सकते है तो फिर देर किस बात की आज ही इनस्टॉल करे । नीचे दिए गए लाल रंग के लिंक में क्लिक करे और हमारी एप्प डाउनलोड करे
http://bit.ly/ayurvedhealing

जानें मधुमेह के शुरूआती लक्षणों की पहचान कैसे करे

0

मधुमेह के शुरूआती लक्षणों की पहचान अगर हो जाए तो इसका इलाज बहुत ही जल्दी और आसानी से हो सकता है। आजकल मधुमेह एक आम समस्या बन गई है। कई लोगों में यह बीमारी शुरू में हो जाती है लेकिन, उनको इस बात का पता नहीं चल पाता है जिसके कारण यह बीमारी बहुत ही खतरनाक हो जाती है। दरअसल डायबिटीज लाइफस्टाइल संबंधी या वंशानुगत बीमारी है। जब शरीर में पैंक्रियाज नामक ग्रंथि इंसुलिन बनाना बंद कर देती है तब मधुमेह की समस्या होती है। इंसुलिन ब्लड में ग्लूकोज को नियंत्रित करने में मदद करता है। आइए हम आपको बताते हैं कि मधुमेह के शुरूआती लक्षण क्या हैं।

लगातार पेशाब लगना

मधुमेह होने पर बार-बार पेशाब आने लगता है। जब शरीर में ज्यादा मात्रा में शुगर इकट्ठा हो जाता है तो यह पेशाब के रास्ते से बाहर निकलता है, जिसके कारण मधुमेह रोगी को बार-बार पेशाब लगने की शिकायत शुरू हो जाती है।

थकान महसूस होना

डायबिटीज होने पर इसके शुरुआती दिनों में आपको सारा दिन थकान महसूस होगी। हर रोज भरपूर नींद लेने के बाद भी सुबह उठते ही आपको ऐसा लगेगा कि आपकी नींद पूरी नहीं हुई है और शरीर में थकान सी महसूस होगी। इससे यह पता चलता है की खून में शुगर का लेवल लगातार बढ़ रहा है।

आंखें कमज़ोर होना

मधुमेह रोग की शुरूआत में आंखों पर काफी प्रभाव पडता है। डायबिटीज के मरीज में रोग की शुरूआत में ही आंखों की रोशनी कम होने लगती है और धुंधला दिखाई पडने लगता है। किसी भी वस्तु को देखने के लिए उसे आंखों पर ज़ोर डालना पडता है।

अत्यधिक प्यास लगना

मधुमेह रोगी को बार-बार प्यास लगती है। चूंकि पेशाब के रास्ते से शरीर का पानी और शुगर बाहर निकल जाता है जिसके कारण हमेशा प्यास लगने जैसी स्थिति बनी रहती है। लोग अक्सर इस बात को हल्के में ले लेते हैं और समझ ही नहीं पाते कि उनकी बीमारी की शुरुआत अब हो चुकी है।

आयुर्वेद हीलिंग एप्प के माध्यम से पाइए आयुर्वेद से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी, विभिन्न आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्ख़े, योगासनों की जानकारी। आज ही एप्प इंस्टॉल करें और पाएं स्वस्थ और सुखी जीवन। सबसे अच्छी बात ये है कि ऑफलाइन मोड का भी फीचर है मतलब एक बार अपने ये एप्प इनस्टॉल कर ली तो अगर आपका नेट पैक खत्म 🤣 भी हो जाता है तो भी आप हमारे घरेलू नुस्खे देख सकते है तो फिर देर किस बात की आज ही इनस्टॉल करे । नीचे दिए गए लाल रंग के लिंक में क्लिक करे और हमारी एप्प डाउनलोड करे
http://bit.ly/ayurvedhealing

अचानक वज़न कम होना

मधुमेह रोग की शुरूआत में ही अचानक वज़न तेजी से कम होने लगता है। सामान्य दिनों की अपेक्षा आदमी का वजन एकाएक कम होने लगता है।

घाव का जल्दी भरना

अगर आपके शरीर में चोट या कहीं घाव लग जाए और यह जल्दी ना भरे, चाहे कोई छोटी सी खरोंच क्यों ना हो, वह धीरे-धीरे बडे़ घाव में बदल जाएगी और उसमें संक्रमण के लक्षण साफ-साफ दिखाई देने लगेंगे।

जोर से भूख लगना

डायबिटीज के मरीज का वजन तो कम होता है लेकिन भूख में बढोतरी भी होती है। अन्य दिनों की अपेक्षा आदमी की भूख कई गुना बढ जाती है। बार-बार खाना खाने की इच्छा होती है।

आनुवंशिक कारण

आपके परिवार में किसी अन्य सदस्य को भी मधुमेह की समस्या रही हो तब भी आपको सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि यह एक आनुवांशिक बीमारी है।

तबियत खराब रहना

डायबिटीज मरीज के शरीर में किसी भी तरह का संक्रमण जल्दी से ठीक नही होता है। अगर आपको वायरल, खॉसी-जुकाम या कोई भी बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाए तो आपको राहत नहीं मिलेगी। छोटे-छोटे संक्रमण जो आसानी से खुद ठीक हो जाते हैं बढे घाव बन जाते हैं।

त्वचा के रोग होना

मधुमेह की शुरूआत में त्वचा संबंधी कई रोग होने शुरू हो जाते हैं। त्वचा के सामान्य संक्रमण बडे घाव बन जाते हैं।

हालांकि डायबिटीज को पूरी तरह से खत्म तो नहीं किया जा सकता लेकिन इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि अपने डॉक्टर से सलाह लें और समय-समय पर शुगर लेवल का चेकअप करवाते रहें।

जानिए जौ के पानी से पेट की चर्बी कैसे कम करे

0

शादी के पहले सब लड़कियाँ घंटों अपने को आईने में निहारती रहती है। यह देखना चाहती हैं कि कहीं उनके पेट में चर्बी तो जमी नहीं है, वह स्लिम ट्रिम तो है! अगर ऐसा हो गया है तो घबराने की ज़रूरत नहीं है।आपको एक ऐसे घरेलू उपाय के बारे में बताते हैं, जिसको पीने से आपकी पेट की चर्बी कम होने के साथ वज़न भी कम होता है।

कैसे कम करता है मोटापा?

जौ एक किस्म का अनाज होता है जो देखने में गेंहू की तरह लगता है। जौ गेहूं की अपेक्षा हल्का होता है। जौ में लैक्टिक एसिड, सैलिसिलिक एसिड, फॉस्फोरिक एसिड, पोटैशियम और कैल्शियम होता है। अगर आपके पेट और उसके आसपास अधिक चर्बी जमा हो गई हो तो जौ के पानी का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसको पीने से आपकी पेट की चर्बी कम होने लगती है।

जौ घुलनशील और अघुलनशील फाइबर का स्रोत होता है। इस गुण के कारण आपको देर तक पेट भरा हुआ महसूस होता है।

इसको कैसे बनायें

दो लीटर पानी में दो बड़े चम्मच जौ डालकर उबालें। उबालने के वक्त ढक्कन को अच्छी तरह से लगा दें ताकि जौ के दाने अच्छी तरह से पक जायें। जब यह मिश्रण पानी के साथ घुलकर हल्के गुलाबी रंग का पारदर्शी मिश्रण बन जायें तो समझ जाना चाहिए कि यह पीने के लिए तैयार है, इसको छानकर रोज इसका सेवन करें। इसमें नींबू, शहद और नमक भी डाल सकते हैं। छिलके वाले में ज्यादा फाइबर होता है और पकाने में ज्यादा समय लगता है इसलिए बिना छिलके वाले पकाने में आसान हैं।

weight-loss-using-barley-water

आयुर्वेद हीलिंग एप्प के माध्यम से पाइए आयुर्वेद से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी, विभिन्न आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्ख़े, योगासनों की जानकारी। आज ही एप्प इंस्टॉल करें और पाएं स्वस्थ और सुखी जीवन। सबसे अच्छी बात ये है कि ऑफलाइन मोड का भी फीचर है मतलब एक बार अपने ये एप्प इनस्टॉल कर ली तो अगर आपका नेट पैक खत्म 🤣 भी हो जाता है तो भी आप हमारे घरेलू नुस्खे देख सकते है तो फिर देर किस बात की आज ही इनस्टॉल करे । नीचे दिए गए लाल रंग के लिंक में क्लिक करे और हमारी एप्प डाउनलोड करे
http://bit.ly/ayurvedhealing

अन्य फायदे

इस मिश्रण को पीने से पेट की चर्बी तो कम होगी साथ ही डीहाइड्रेशन की समस्‍या भी नहीं होगी। यह मूत्र संक्रमण (यूरिन इंफेक्‍शन) के उपचार में भी मददगार है। यह कब्ज़ को दूर करने के साथ-साथ अमा दोष (आयुर्वेद के अनुसार पेट के विषाक्त अवांछित पदार्थ) से भी राहत दिलाता है। इस अनाज में मूत्रवर्द्धक  गुण होता है जो विषाक्त पदार्थों के साथ शरीर के अतिरिक्त पानी को भी निकाल देता है।

जौ-चने के आटे की चपाती के सेवन से भी पेट और कमर ही नहीं सारे शरीर का मोटापा कम हो जाएगा।

खर्राटों को रोकने के घरेलू उपाय

0

खर्राटे लेने वाले को भले ही कुछ पता न चलें लेकिन उसके साथ सोने वाले की तो नींद खराब होती ही है। जीं हां नींद में खर्राटे लेने की आदत से आप न केवल अपने साथी की नाराजगी का शिकार हो सकते हैं, वरन इससे आपके शरीर पर अन्य बहुत से दुष्प्रभाव भी पड़ते हैं। इससे आपकी देखने की क्षमता पर बुरा असर पड़ने के साथ ही इसका सीधा संबंध दिल से जुड़ी कई बीमारियों से भी है। इसलिए अगर यह समस्‍या बहुत बढ़ गई है तो खर्राटे वाले को तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए। हालांकि खर्राटे की समस्‍या को प्रारंभिक अवस्‍था में घरेलू उपायों की मदद से पूरी तरह से दूर किया जा सकता है। आइए खर्राटे को दूर करने के घरेलू उपायों की जानकारी लेते हैं।

इलायची

इलायची सर्दी खांसी की दवा के रूप में काम करती हैं। यानी यह श्वसन तंत्र खोलने का काम करती है। इससे सांस लेने की प्रक्रिया सुगम होती है। रात को सोने से पहले इलायची के कुछ दानों को गुनगुने पानी के साथ मिलाकर पीने से समस्‍या से राहत मिलती है। सोने से पहले इस उपाय को कम से कम 30 मिनट पहले करें।

ilaychi-benefits-in-hindi

हल्दी

हल्दी में एंटी-सेप्ट‍िक और एंटी-बायोटिक गुणों के कारण, इसके इस्तेमाल से नाक का रास्‍ता साफ हो जाता है जिससे सांस लेना आसान हो जाता है। रात को सोने से पहले रोजाना हल्‍दी का दूध पीने से खर्राटों की समस्‍या से बचा जा सकता है।

turmeric-benefits-for-snoring-problem

ऑलिव ऑयल

ऑलिव ऑयल एक बहुत ही कारगर घरेलू उपाय है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण की मौजूदगी श्वसन तंत्र की प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखने में बहुत फायदेमंद होती है। साथ ही यह दर्द को कम करने में मदद करता है। एक आधा छोटी चम्‍मच ऑलिव ऑयल में सामान मात्रा में शहद मिलाकर, सोने से पहले नियमित रूप से लें। गले में कंपन को कम करने और खर्राटों को रोकने के लिए नियमित रूप से इस उपाय का प्रयोग करें।

olive-oil-benefit

लहसुन का प्रयोग

लहसुन, नासिका मार्ग में बलगम के निर्माण और श्वसन प्रणाली में सूजन को कम करने में मदद करता है। अगर आप साइनस रुकावट के कारण खर्राटे लेते हैं तो, लहसुन आपको राहत प्रदान करता है। लहसुन में हीलिंग गुण होते है। जो ब्लॉकेज को साफ करने के साथ ही श्वसन-तंत्र को भी बेहतर बनाते है। अच्छी और चैन की नींद के लिए लहसुन का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद है। एक या दो लहसुन की कली को पानी के साथ लें। इस उपाय को सोने से पहले करने से आप खर्राटों से राहत पा चैन की नींद ले सकते हैं।

garlic-health-benefit-for-snoring-problem

आयुर्वेद हीलिंग एप्प के माध्यम से पाइए आयुर्वेद से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी, विभिन्न आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्ख़े, योगासनों की जानकारी। आज ही एप्प इंस्टॉल करें और पाएं स्वस्थ और सुखी जीवन। सबसे अच्छी बात ये है कि ऑफलाइन मोड का भी फीचर है मतलब एक बार अपने ये एप्प इनस्टॉल कर ली तो अगर आपका नेट पैक खत्म 🤣 भी हो जाता है तो भी आप हमारे घरेलू नुस्खे देख सकते है तो फिर देर किस बात की आज ही इनस्टॉल करे । नीचे दिए गए लाल रंग के लिंक में क्लिक करे और हमारी एप्प डाउनलोड करे
http://bit.ly/ayurvedhealing

पुदीने का तेल

में कई ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो गले और नाक के छिद्रों की सूजन को कम करने का काम करते हैं। इससे सांस लेना आसान हो जाता है। सोने से पहले पिपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदों को पानी में डालकर उससे गरारे करें। इस उपाय को कुछ दिन तक करने से आपको जल्‍द ही फर्क दिखाई देने लगेगा।

peppermint-oil-benefit

गुड़ खायें अगर शरीर में आयरन की कमी हो

1

आयरन फेफड़ों से शरीर के अन्‍य अंगों में ऑक्‍सीजन पहुंचाने का काम करता है। आयरन यानी लौह तत्‍व एक खनिज लवण है, जो हमारे शरीर के लिए काफी जरूरी होता है। शरीर में हीमोग्‍लोबिन की कमी होना एनीमिया कहलाता है। आयरन हमारी मांसपेशियों में ऑक्‍सीजन का प्रयोग और उसे स्‍टोर करने में भी मदद करता है। आयरन कई एंजाइम्‍स का अहम हिस्‍सा होता है और कोशिकीय एंजाइम्‍स में भी इसका इस्‍तेमाल होता है। एंजाइम्‍स हमारे शरीर में भोजन पचाने में भी मदद करने के साथ ही कई महत्‍वपूर्ण काम करते हैं।

शरीर में अगर आयरन की पर्याप्‍त मात्रा न हो, तो इसका असर हमारे शरीर के कई अंगों पर पड़ता है। आयरन डेफिशियंसी उस परिस्थिति को कहते हैं, जब हमारे शरीर में आयरन की मात्रा बहुत कम हो जाती है। अमेरिका में एनीमिया की सबसे बड़ी वजह आयरन डेफिशियंसी ही है।

आयरन की कमी को दूर करने के लिए खानपान का सहारा लिया जा सकता है। यूं तो ऐसे बहुत से आहार हैं जिनके सेवन से आयरन की कमी दूर होती है लेकिन गुड़ एक ऐसा आहार है जिसमें आयरन बहुत अधिक पाया जाता है। आइये जानते हैं किस प्रकार गुड़ का सेवन आयरन की कमी को दूर कर सकता है।

गुड़ से होने वाले फायदे

गुड़ गन्ने से तैयार एक शुद्ध, अपरिष्कृत पूरी चीनी है। यह खनिज और विटामिन है जो मूल रूप से गन्ने के रस में ही मौजूद हैं। गुड़ को चीनी का शुद्धतम रूप माना जाता है। गुड़ आयरन का एक प्रमुख स्रोत है और रक्ताल्पता (एनीमिया) के शिकार व्यक्ति को चीनी के स्थान पर इसके सेवन की सलाह दी जाती है।

गुड़ का सेवन अधिकांश लोग ठंड में ही करते हैं वह भी थोड़ी मात्रा में इस सोच के साथ की ज्यादा गुड़ खाने से नुकसान होता है। इसकी प्रवृति गर्म होती है, लेकिन ये एक गलतफहमी है गुड़ हर मौसम में खाया जा सकता है और पुराना गुड़ हमेशा औषधि के रूप में काम करता है। आयुर्वेद संहिता के अनुसार यह शीघ्र पचने वाला, खून बढ़ाने वालाभूख बढ़ाने वाला होता है। इसके अतिरिक्त गुड़ से बनी चीजों के खाने से बीमारियों में राहत मिलती है।

गुड़ में सुक्रोज 59.7 प्रतिशत, ग्लूकोज 21.8 प्रतिशत, खनिज तरल 26 प्रतिशत तथा जल अंश 8.86 प्रतिशत मौजूद होते हैं। इसके अलावा गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा और ताम्र तत्व भी अच्छी मात्रा में मिलते हैं। इसलिए चाहे हर मौसम में आप गुड़ खाना न पसन्द करें लेकिन ठंड में गुड़ जरूर खाएं।

आयुर्वेद हीलिंग एप्प के माध्यम से पाइए आयुर्वेद से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी, विभिन्न आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्ख़े, योगासनों की जानकारी। आज ही एप्प इंस्टॉल करें और पाएं स्वस्थ और सुखी जीवन। सबसे अच्छी बात ये है कि ऑफलाइन मोड का भी फीचर है मतलब एक बार अपने ये एप्प इनस्टॉल कर ली तो अगर आपका नेट पैक खत्म 🤣 भी हो जाता है तो भी आप हमारे घरेलू नुस्खे देख सकते है तो फिर देर किस बात की आज ही इनस्टॉल करे । नीचे दिए गए लाल रंग के लिंक में क्लिक करे और हमारी एप्प डाउनलोड करे
http://bit.ly/ayurvedhealing

आयरन के लिए गुड़ का सेवन

  • गुड़ एक प्राकृतिक मिठाई है, जिसे खाने में से ब्‍लड में शुगर की समस्‍या नहीं होगी, बल्कि इसमें आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे यह आयरन की कमी भी दूर करता है।
  • भोजन के बाद गुड़ खा लेने से पेट में गैस नहीं बनती है।
  • एक चम्मच गुड़ में 3.2 मि.ग्रा. आयरन होता है। इसीलिए एनीमिया से ग्रस्त लोगों को रोज 100 ग्राम गुड़ जरूर खाना चाहिए।
  • खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ खाने से भी एनिमिया दूर होता है।
  • गुड़ को पिघलाकर मूंगफली के दाने मिला लें, और ठंडा करके गुड़ की पपड़ी बना लें। इसे सर्दियों में खाने से आयरन की भरपूर मात्रा मिल जाती है।
  • गुड़ के सेवन में यह बात जरूर ध्यान रखना चाहिए कि गुड़ पुराना हो।

जानिए कैसे तुलसी है औषधीय गुणों का खजाना

0

कहते हैं जिस घर के आंगन में तुलसी का पौधा होता हैं वह परिवार स्वस्थ और खुशहाल रहता हैं। भारतीय संस्कृति में तुलसी को पूजनीय माना जाता है, धार्मिक महत्व होने के साथ-साथ तुलसी औषधीय गुणों से भी भरपूर है। तुलसी ऐसी औषधि है जो ज्यादातर बीमारियों में काम आती है। इसका उपयोग सर्दी-जुकाम, खॉसी, दंत रोग और श्वास सम्बंधी रोग के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। तुलसी की खूबियां, आइये डालते हैं एक नजर।

श्वास की समस्या

श्वास संबंधी समस्याओं का उपचार करने में तुलसी खासी उपयोगी साबित होती है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों से बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा (एक तरह का बुखार) में फौरन राहत देता है।

गुर्दे की पथरी

तुलसी गुर्दे को मजबूत बनाती है। यदि किसी के गुर्दे में पथरी हो गई हो तो उसे शहद में मिलाकर तुलसी के अर्क का नियमित सेवन करना चाहिए। छह महीने में फर्क दिखेगा।

सर्दी जुकाम में लाभप्रद

सर्दी जुकाम होने पर तुलसी की पत्तियों को चाय में उबालकर पीने से राहत मिलती है। तुलसी का अर्क तेज बुखार को कम करने में भी कारगर साबित होता है। करीब सभी कफ सीरप को बनाने में तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी की पत्तियां कफ साफ करने में मदद करती हैं। तुलसी के कोमल पत्तों को चबाने से खांसी और नजले से राहत मिलती है।

संक्रमण और त्वचा रोग

अल्सर और मुंह के अन्य संक्रमण में तुलसी की पत्तियां फायदेमंद साबित होती हैं। रोजाना तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाने से मुंह का संक्रमण दूर हो जाता है। दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में तुलसी के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है। नैचुरोपैथों द्वारा  ल्यूकोडर्मा का इलाज करने में तुलसी के पत्तों को सफलता पूर्वक इस्तेमाल किया गया है।

सांसों की दुर्गध 

तुलसी की सूखी पत्तियों को सरसों के तेल में मिलाकर दांत साफ करने से सांसों की दुर्गध चली जाती है। पायरिया जैसी समस्या में भी यह खासा कारगर साबित होती है।

सिर का दर्द

सिर के दर्द में तुलसी एक बढि़या दवा के तौर पर काम करती है। तुलसी का काढ़ा पीने से सिर के दर्द में आराम मिलता है।

आंखों की समस्या 

आंखों की जलन में तुलसी का अर्क बहुत कारगर साबित होता है। रात में रोजाना श्यामा तुलसी के अर्क को दो बूंद आंखों में डालना चाहिए।

बच्चों के लिए रामबाण

बच्चों में बुखार, खांसी और उल्टी जैसी सामान्य समस्याओं में तुलसी बहुत फायदेमंद है।

पानी की शुद्धता के लिए

आदिवासी अंचलों मे पानी की शुद्धता के लिए तुलसी के पत्ते जल पात्र में डाल दिए जाते हैं और कम से कम एक से सवा घंटे पत्तों को पानी में रखा जाता है। कपड़े से पानी को छान लिया जाता है और फिर यह पीने योग्य माना जाता है।

झाइयां कम करने के लिए

इसकी पत्तियों का रस निकाल कर बराबर मात्रा में नींबू का रस मिलाएं और रात को चेहरे पर लगाएं, तो झाइयां नहीं रहतीं, फुंसियां ठीक होती हैं और चेहरे की रंगत में निखार आता है।

यौन शक्ति भी बढ़ाती है तुलसी में

यौन शक्ति बढ़ानी हो या यौन रोगों का उपचार करना हो, इसमें भी तुलसी को कारगर माना गया है। पुरुषों में यौन शक्ति बढ़ाने के लिए तो आयुर्वेद से उपचार करने वाले वैद्य तुलसी के बीजों का उपयोग लंबे समय से करते आ रहे हैं। यौन शक्ति की कमी ही नहीं,नपुंसकता जैसी कमियों को भी तुलसी के बीजों के सेवन से दूर किया जा सकता है। जिसको भी यौन शक्ति बढ़ानी हो, उसे सुबह तुलसी के दस बीजों का सेवन करना चाहिए।

आयुर्वेद हीलिंग एप्प के माध्यम से पाइए आयुर्वेद से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी, विभिन्न आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्ख़े, योगासनों की जानकारी। आज ही एप्प इंस्टॉल करें और पाएं स्वस्थ और सुखी जीवन। सबसे अच्छी बात ये है कि ऑफलाइन मोड का भी फीचर है मतलब एक बार अपने ये एप्प इनस्टॉल कर ली तो अगर आपका नेट पैक खत्म 🤣 भी हो जाता है तो भी आप हमारे घरेलू नुस्खे देख सकते है तो फिर देर किस बात की आज ही इनस्टॉल करे । नीचे दिए गए लाल रंग के लिंक में क्लिक करे और हमारी एप्प डाउनलोड करे
http://bit.ly/ayurvedhealing

गले की खराश

तुलसी की हरी पत्तियों को आग पर सेंक कर नमक के साथ खाने से खांसी तथा गला बैठना ठीक हो जाता है।

हृदय रोग

तुलसी खून में कोलेस्ट्राल के स्तर को घटाती है। ऐसे में हृदय रोगियों के लिए यह खासी कारगर साबित होती है।

बुखार(ज्वर) में

तुलसी, काली मिर्च, दालचीनी, लौंग, अदरक कूटकर पीसकर एक ग्लास पानी में इतना उबालें कि आधा रह जाए तो उतार कर नमक चीनी में इच्छानुसार डालकर पीयें, फिर ओढ़कर सो जाएं इससे बुखार ठीक हो जाता है। तुलसी सौंठ के साथ सेवन करने से लगातार आने वाला बुखार ठीक होता है।

तनाव

तुलसी की पत्तियों में तनाव रोधीगुण भी पाए जाते हैं। हाल में हुए शोधों से पता चला है कि तुलसी तनाव से बचाती है। तनाव को खुद से दूर रखने के लिए कोई भी व्यक्ति तुलसी के 12 पत्तों का रोज दो बार सेवन कर सकता है।

चेहरे की आभा बढ़ाये

तुलसी पत्रों को पीसकर चेहरे पर उबटन करने से चेहरे की आभा बढ़ती है।

शहद खाने के फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे

1

नियमित रूप से शहद का सेवन करने से शरीर को स्फूर्ति, शक्ति और ऊर्जा मिलती है। शहद से शरीर स्वस्थ, सुंदर और सुडौल बनता हैं। शहद मोटापा घटाता भी है और शहद मोटापा बढ़ाता भी है।शहद में विटामिन ए, बी, सी, आयरन, कैल्शियम, सोडीयम, फास्फोरस, आयोडीन पाए जाते हैं। रोजाना शहद का सेवन शरीर में शक्ति, स्फर्ति, और ताजगी पैदाकर रोगों से लड़ने की शक्ति भी बढ़ाता है। मीठे शहद के गुणों से रोगी व्यक्ति स्वस्थ हो सकता है। आइए जानें शहद के लाभ के बारे में।

  • कफ एवं अस्थमा को शहद के इस्तेमाल से दूर किया जा सकता है। अदरक के रस में शहद मिलाकर देने से खांसी में आराम मिलता है।
  • उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में शहद कारगर है।
  • रक्त को साफ करने यानी रक्त शुद्धि के लिए भी शहद का सेवन करना चाहिए।
  • शहद का सेवन झाइयां और मुंहासे को दूर कर चेहरे पर कांति लाता है। आप गुलाब जल, नींबू और शहद मिलाकर भी चेहरे पर लगा सकते हैं।
  • रोजाना शहद का सेवन करने से सेहत बनती है और शरीर मोटा होता है। दिमागी कमजोरियां दूर होती है।
  • दिल को मजबूत करने, हृदय को सुचारू रूप से कार्य करने और हृदय संबंधी रोगों से बचने के लिए प्रतिदिन शहद खाना अच्छा रहता है।
  • गर्मियों में रोजाना पानी के साथ शहद के सेवन से पेट हल्का रहता है।
  • शहद घाव को साफ करने, गंध और मवाद को दूर करने, दर्द को कम करने और तेजी से उपचार के लिए उपयोग होता है।
  • चेहरे की खुश्‍की दूर करने के लिए शहद, मलाई और बेसन का उबटन लगाना चाहिए। इससे चेहरे पर चमक भी आएगी।
  • रोजाना शहद के सेवन से किडनी और आंत ठीक रहते आती है।
  • शहद क्षतिग्रस्त त्वचा का उपचार करने में मददगार होता है। यह एक्जिमा, त्वचा की सूजन और अन्य त्वचा विकारों का भी प्रभावशाली तरीके से उपचार करता है।
  • टमाटर या संतरे के रस में एक चम्मच शहद डालकर प्रतिदिन लेने से कब्ज की शिकायत दूर होने लगती है।
  • शहद के एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुण कुछ बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकते हैं और इसलिए यह घावों, कटे और जले हुए स्थानों पर तथा खरोंच पर लगाया जाता है।
  • पके आम के रस में शहद मिलाकर लेने से पीलिया में लाभ मिलता है।

आयुर्वेद हीलिंग एप्प के माध्यम से पाइए आयुर्वेद से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी, विभिन्न आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्ख़े, योगासनों की जानकारी। आज ही एप्प इंस्टॉल करें और पाएं स्वस्थ और सुखी जीवन। सबसे अच्छी बात ये है कि ऑफलाइन मोड का भी फीचर है मतलब एक बार अपने ये एप्प इनस्टॉल कर ली तो अगर आपका नेट पैक खत्म 🤣 भी हो जाता है तो भी आप हमारे घरेलू नुस्खे देख सकते है तो फिर देर किस बात की आज ही इनस्टॉल करे । नीचे दिए गए लाल रंग के लिंक में क्लिक करे और हमारी एप्प डाउनलोड करे
http://bit.ly/ayurvedhealing

अजवाइन सिर्फ वजन ही कम नहीं करता है जानिए इसके और भी फायदे

1

भारतीय खानपान में अजवाइन का प्रयोग सदियों से होता आया है। आयुर्वेद के अनुसार अजवाइन पाचन को दुरुस्त रखती है। यह कफ, पेट तथा छाती का दर्द और कृमि रोग में फायदेमंद होती है। साथ ही हिचकी, जी मचलाना, डकार, बदहजमी, मूत्र का रुकना और पथरी आदि बीमारी में भी लाभप्रद होती है।

आयुर्वेद के अनुसार अजवाइन पाचक, रुचिकारक, तीक्ष्ण, गर्म, चटपटी, कड़वी और पित्तवर्द्धक होती है। पाचक औषधियों में इसका बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। अकेली अजवाइन ही सैकड़ों प्रकार के अन्न को पचाने वाली होती है। आइए हम आपको अजवाइन के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के बारे में जानकारी देते हैं।

मसूड़ों में सूजन

मसूड़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूंदों को गुनगुने पानी में डालकर कुल्ला करने से सूजन कम होती है। सरसों के तेल में अजवाइन डाल कर गर्म करें। इससे जोड़ों की मालिश करने पर दर्द से आराम मिलेगा।

सर्दी जुकाम में

बंद नाक या सर्दी जुकाम होने पर अजवाइन को दरदरा कूट कर महीन कपड़े में बांधकर सूंघें। सर्दी में ठंड लगने पर थोड़ी-सी अजावाइन को अच्छी तरह चबाएं और चबाने के बाद पानी के साथ निगल लें। ठंड से राहत मिलेगी।

खांसी होने पर

अजवाइन के रस में दो चुटकी काला नमक मिलाकर उसका सेवन करें और उसके बाद गर्म पानी पी लें। इससे आपकी खांसी ठीक हो जाएगी। आप काली खांसी से परेशान हैं तो जंगली अजवाइन के रस को सिरका और शहद के साथ मिलाकर दिन में 2-3 बार एक-एक चम्मच सेवन करें, राहत मिलेगी।

आयुर्वेद हीलिंग एप्प के माध्यम से पाइए आयुर्वेद से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी, विभिन्न आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्ख़े, योगासनों की जानकारी। आज ही एप्प इंस्टॉल करें और पाएं स्वस्थ और सुखी जीवन। सबसे अच्छी बात ये है कि ऑफलाइन मोड का भी फीचर है मतलब एक बार अपने ये एप्प इनस्टॉल कर ली तो अगर आपका नेट पैक खत्म 🤣 भी हो जाता है तो भी आप हमारे घरेलू नुस्खे देख सकते है तो फिर देर किस बात की आज ही इनस्टॉल करे । नीचे दिए गए लाल रंग के लिंक में क्लिक करे और हमारी एप्प डाउनलोड करे
http://bit.ly/ayurvedhealing

पेट खराब होने पर

पेट खराब होने पर अजवाइन को चबाकर खाएं और एक कप गर्म पानी पीएं। पेट में कीड़े हैं तो काले नमक के साथ अजवाइन खाएं। लीवर की परेशानी है तो 3 ग्राम अजवाइन और आधा ग्राम नमक भोजन के बाद लेने से काफी लाभ होगा। पाचन तंत्र में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर मट्ठे के साथ अजवाइन लें, आराम मिलेगा।

वजन कम करें

अजवाइन मोटापे कम करने में भी उपयोगी होती है। रात में एक चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह छान कर एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर पीने से लाभ होता है। इसके नियमित सेवन से मोटापा कम होता है।

मुंह की दुर्गंध

मुंह से दुर्गध आने पर थोड़ी सी अजवाइन को पानी में उबाल लें। इस पानी से दिन में दो से तीन बार कुल्ला करने पर मुंह की दुर्गंध समाप्‍त हो जाती है।

जानिए कैसे बहुत सी बीमारियों में फायदेमंद है लौंग

0

साधारण से सर्दी-जुकाम से लेकर कैंसर जैसे गंभीर रोग के उपचार में लौंग का इस्तेमाल किया जाता है। इसके गुण कुछ ऐसे हैं कि न सिर्फ आयुर्वेद बल्कि होम्योपैथ व एलोपैथ जैसी चिकित्सा विधाओं में भी बहुत अधिक महत्व आंका जाता है।
चाहे भोजन का जायका बढ़ाना हो या फिर दर्द से छुटकारा, छोटी सी लौंग को न सिर्फ अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है बल्कि इसके फायदे भी अनेक हैं।

मसाले के रूप में लौंग का इस्तेमाल शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें प्रोटीन, आयरन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम और हाइड्रोक्लोरिक एसिड भरपूर मात्रा में मिलते हैं। इसमें विटामिन ए और सी, मैग्नीज और फाइबर भी पाया जाता है।

लौंग के प्रकार

लौंग के दो प्रकार की होते हैं, पहली तेज सुगंध वाली और दूसरी नीले रंग की। नीले रंग की लौंग का तेल मशीनों से निकाला जाता है। इस तेल की महक तेज होती है और स्वाद में यह साधारण लौंग से तीखी होती है। लौंग के तेल को औषधि के रूप में इस्‍तेमाल किया जाता है। इसका तेल त्वचा पर लगाने से कीड़े मर जाते हैं और दांत में लगाने से दांत दर्द में आराम मिलता है। इस लेख के जरिए हम आपको बताते हैं लौंग के फायदों के बारे में।

लौंग के फायदे-

कैंसर

शोधकर्ताओं का मानना है कि लौंग के इस्तेमाल से फेफड़े के कैंसर और त्वचा के कैंसर को रोकने में काफी मदद मिल सकती है। इसमें मौजूद युजेनॉल नामक तत्व इस दिशा में काफी सहायक है।

दर्दनाशक गुण

लौंग एक बेहतरीन नैचुरल पेनकिलर है। इसमें मौजूद यूजेनॉल ऑयल दांतों के दर्द से आराम दिलाने में बहुत लाभदायक है। दांतो में कितना भी दर्द क्यों न हो, लौंग के तेल को उनपर लगाने से दर्द छूमंतर हो जाता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल विशेषता होती है जिस वजह से अब इसका इस्तेमाल कई तरह के टूथपेस्ट, माउथवाश और क्रीम बनाने में किया जाता है।

पाचन में फायदेमंद

भोजन में लौंग का इस्तेमाल कई पाचन संबंधी समस्याओं में आराम पहुंचाता है। इसमें मौजूद तत्व अपच, उल्टी गैस्ट्रिक, डायरिया आदि समस्याओं से आराम दिलाने में मददगार हैं।

बेहतरीन एंटीसेप्टिक

लौंग व इसके तेल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिससे फंगल संक्रमण, कटने, जलने, घाव हो जाने या त्वचा संबंधी अन्य समस्याओं के उपचार में इसका इस्तेमाल किया जाता है। लौंग के तेल को कभी भी सीधे त्वचा पर न लगाकर किसी तेल में मिलाकर लगाना चाहिए।

श्वास संबंधी रोगों में आराम

लौंग के तेल का अरोमा इतना सशक्त होता है कि इसे सूंघने से जुकाम, कफ, दमा, ब्रोंकाइटिस, साइनसाइटिस आदि समस्याओं में तुरंत आराम मिल जाता है।

गठिया में आराम

गठिया रोग में जोड़ों में होने वाले दर्द व सूजन से आराम के लिए भी लौंग बहुत फायदेमंद है। इसमें फ्लेवोनॉयड्स अधिक मात्रा में पाया जाता है। कई अरोमा एक्सपर्ट गठिया के उपचार के लिए लौंग के तेल की मालिश को महत्त्व  देते हैं।

आयुर्वेद हीलिंग एप्प के माध्यम से पाइए आयुर्वेद से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी, विभिन्न आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्ख़े, योगासनों की जानकारी। आज ही एप्प इंस्टॉल करें और पाएं स्वस्थ और सुखी जीवन। सबसे अच्छी बात ये है कि ऑफलाइन मोड का भी फीचर है मतलब एक बार अपने ये एप्प इनस्टॉल कर ली तो अगर आपका नेट पैक खत्म 🤣 भी हो जाता है तो भी आप हमारे घरेलू नुस्खे देख सकते है तो फिर देर किस बात की आज ही इनस्टॉल करे । नीचे दिए गए लाल रंग के लिंक में क्लिक करे और हमारी एप्प डाउनलोड करे
http://bit.ly/ayurvedhealing

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने में

इतना ही नहीं, लौंग का सेवन शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है और रक्त शुद्ध करता है। इसका इस्तेमाल मलेरिया, हैजा जैसे रोगों के उपचार के लिए दवाओं में किया जाता है। डायबिटीज में लौंग के सेवन से ग्लूकोज का स्तर कम होता है। लौंग का तेल पेन किलर के अलावा मच्छरों को भी दूर भगाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है।  लौंग कफ-पित्त नाशक होती है।

अन्य फायदे-

  • पाचन क्रिया को भी सीधी सीधी प्रभावित करती है लौंग।
  • लौंग के सेवन से भूख बढ़ती है, इससे पाचक रसों का स्राव बढ़ता है।
  • मितली आने और प्यास लगने पर लौंग का सेवन करना चाहिए।
  • यदि पेट में कीड़े हैं तो खाने में लौंग का सेवन राहत देता है।
  • लौंग को पीसकर मिश्री की चाशनी या शहद के साथ लेना भी लाभकारी है।
  • लौंग खाने से शरीर में श्‍वेत रक्‍त कण बढ़ते हैं, जिससे शरीर मजबूत होता है।
  • दमा रोग के इलाज में भी लौंग बहुत फायदेमंद है।
  • पेट में गैस होने पर एक कप उबलते हुए पानी में दो लौंग पीसकर डालें। उसके बाद पानी ठंडा होने के बाद पी लीजिए, पेट की गैस खत्‍म हो जाएगी।
  • दांतों में दर्द होने पर नींबू के रस में दो से तीन लौंग को घिसकर लगा लीजिए, दांत दर्द में राहत मिलेगी।
  • लौंग को हल्का भूनकर चबाने से मुंह की दुर्गंध खत्‍म हो जाती है।
  • मुंह में छाले होने पर लौंग चबाने से फायदा होता है।
  • गर्दन में दर्द या फिर गले में सूजन होने पर लौंग को सरसों के तेल के साथ मालिश करने पर दर्द खत्‍म हो जाता है।
  • लौंग पीसकर गर्म पानी के साथ खाने से जुकाम और बुखार ठीक होता है।

जाने क्या होता है 1 महीने के लिए रोज 2 केले खाने से

0

वैसे तो केला बारह ही महीने बाजार में उपलब्ध रहता है। लेकिन बरसात के सीजन में ये शरीर के लिए विशेष लाभदायक होता है। कच्चा केला मीठा, ठण्डी तासीर का, भारी, स्निग्ध, कफकारक,पित्त, रक्त विकार, जलन, घाववायु को नष्ट करता है।

पका हुआ केला स्वादिष्ट, शीतल, मधुर, वीर्यवर्ध्दक, पौष्टिक, मांस की वृध्दि करने वाला, रुचिकारक तथा भूख, प्यास, नेत्ररोग और प्रमेह का नाश करने वाला होता है।

केला शुगर और फाइबर का बेहतरीन स्रोत होता है। केले में थाइमिन, नियासिन और फॉलिक एसिड के रूप में विटामिन ए और बी पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है। केले को ऊर्जा का अच्छा स्रोत माना जाता है। साथ ही इसमें पानी की मात्रा 64.3 प्रतिशत, प्रोटीन 1.3 प्रतिशत, कार्बोहाईड्रेट 24.7 प्रतिशत तथा चिकनाई 8.3 प्रतिशत होती है। आइए हम आपको बताते हैं कि केला खाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।

बच्चों के लिए

बच्चों के विकास के लिए केला बहुत फायदेमंद होता है। केले में मिनरल और विटामिन पाया जाता है जिसका सेवन करने से बच्चों का विकास अच्छे से होता है। इसलिए बच्चों की डाइट में केले को जरूर शमिल करना चाहिए।

children-child-eating-banana

बुजुर्गों के लिए फायदेमंद

केला बुजुर्गों के लिए सबसे अच्छा फल है। क्योंकि इसे बहुत ही आसानी से छीलकर खाया जा सकता है। इसमें विटामिन-सी, बी6 और फाइबर होता है जो बढ़ती उम्र में जरूरी होता है। बुढ्ढों में पेट के विकार को भी यह समाप्त करता है।

दिल के लिए

दिल के मरीजों के लिए केला बहुत फायदेमंद होता है। हर रोज दो केले को शहद में डालकर खाने से दिल मजबूत होता है और दिल की बीमारियां नहीं होती हैं।

वजन बढ़ाने के लिए

वजन बढ़ाने के लिए केला बहुत मददगार होता है। हर रोज केले का शेक पीने से पतले लोग मोटे हो सकते हैं। इसलिए पतले लोगों को वजन बढाने के लिए केले का सेवन करना चाहिए।

नकसीर के लिए

अगर नाक से खून निकलने की समस्या है तो केले को चीनी मिले दूध के साथ एक सप्ताह तक इस्तेमाल कीजिए। नकसीर का रोग समाप्त हो जाएगा।

गर्भावती के लिए

गर्भावस्‍‍था के दौरान महिलाओं को सबसे ज्यादा विटामिन व मिनरल्स की आवश्यकता होती है। इसलिए गर्भवती को यह सलाह दी जाती है कि वह अपने आहार में केला अवश्य शामिल करें।

banana-benefits-during-pregnancy

आयुर्वेद हीलिंग एप्प के माध्यम से पाइए आयुर्वेद से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी, विभिन्न आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्ख़े, योगासनों की जानकारी। आज ही एप्प इंस्टॉल करें और पाएं स्वस्थ और सुखी जीवन। सबसे अच्छी बात ये है कि ऑफलाइन मोड का भी फीचर है मतलब एक बार अपने ये एप्प इनस्टॉल कर ली तो अगर आपका नेट पैक खत्म 🤣 भी हो जाता है तो भी आप हमारे घरेलू नुस्खे देख सकते है तो फिर देर किस बात की आज ही इनस्टॉल करे । नीचे दिए गए लाल रंग के लिंक में क्लिक करे और हमारी एप्प डाउनलोड करे
http://bit.ly/ayurvedhealing

केला खाने के अन्य लाभ

  • केले में ट्राइप्टोफान नामक एमिनो एसिड होता है जिससे मूड को रिलैक्स होता है।
  • ज्यादा शराब पीने से हैंगओवर को उतारने में केले का मिल्‍क शेक बहुत फायदेमंद होता है।
  • केले का शेक पेट को ठंडक पहुंचाता है।
  • केला ब्लड शुगर नियंत्रित करता है।
  • अल्सर के मरीजों के लिए केले का सेवन फायदेमंद होता है।
  • केले में पोटैशियम पाया जाता है, जो कि ब्लड प्रेशर के मरीज के लिए बहुत फायदेमंद है।
  • केला पाचन क्रिया को सुचारु करता है।
  • केले में आयरन भरपूर मात्रा में होता है, जिसके कारण खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है।
  • तनाव कम करने में भी मददगार है केला।
  • केले में काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है।

Most Popular

More
    error: Content is protected !!