आजकल पथरी रोग लोगों में एक आम समस्या बनता जा रहा है। इस समस्या के पीछे काफी हद तक जीनवशैली से जुड़ी अनियमितताएं ज़िम्मेदार होती हैं जैसे, ग़लत खान-पान व जरुरत से कम पानी पीने से भी गुर्दे की पथरी का निर्माण होता है। गुर्दे की पथरी सबसे अधिक होती है, जिसके प्रारंभिक चेतावनी संकेत भी हमें मिलते हैं। इस समस्या से बचने के लिए सबसे ज़रूरी होता है इन संकेतों को पहचानना और समय से इसका उपचार कराना। तो चलिये जानते हैं क्या हैं गुर्दे की पथरी के ये प्रारंभिक चेतावनी संकेत।
दरअसल गुर्दे की पथरी एक मूत्रतंत्र रोग है जिसमें गुर्दे के अन्दर छोटे-छोटे पत्थर जैसी कठोरता बन जाती हैं, जिन्हें पथरी कहा जाता है। आमतौर पर यह ये पथरियां मूत्र के रास्ते शरीर से बाहर निकाल दी जाती हैं। कई लोगों में पथरियां बनती हैं और बिना अधिक तकलीफ के निकल भी जाती हैं, लेकिन यदि पथरी बड़ी हो जाए तो मूत्रवाहिनी में अवरोध उत्पन्न कर देती है। इस स्थिति में मूत्रांगो के आसपास असहनीय दर्द होता है। मधुमेह रोगियों में को गुर्दे की पथरी होने की ज्यादा सम्भावना रहती है।
क्या होती है पथरी
विशेषज्ञों के अनुसार, पथरी का कारण अधिकतर किडनी में कुछ खास तरह के साल्ट्स का जमा हो जाना होता है। इसमें सबसे पहले स्टोन का छोटा खंड (निडस) बनता है, जिसके चारों ओर सॉल्ट जमा होता रहता है। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में पथरी होने की आशंका ज़्यादा होती है। इसके पथरी के कई जेनेटिक कारण, हाइपरटेंशन, मोटापा, मधुमेह और आंतों से जुड़ी कोई अन्य समस्या भी हो सकती हैं।
किडनी स्टोन के शुरुआती लक्षण
गुर्दे की पथरी से पीठ या पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द हो सकता है, जो कुछ मिनटो या घंटो तक बना रह सकता है। इसमें दर्द के साथ जी मिचलाने तथा उल्टी की शिकायत भी हो सकती है। यदि मूत्र संबंधी प्रणाली के किसी भाग में संक्रमण है तो इसके लक्षणों में बुखार, कंपकंपी, पसीना आना, पेशाब आने के साथ-साथ दर्द होना आदि भी शामिल हो सकते हैं मूत्र में रक्त भी आ सकता है। चलिये विस्तार से जानें इसके संकेत-
यूरीन में ब्लड
किडनी स्टोन से पीड़ित लोगों का यूरीन अक्सर गुलाबी, लाल या भूरे रंग का आने लगता है। और स्टोन के बढ़ने से मूत्रमार्ग ब्लॉक हो जाता है, किडनी में पथरी वाले लोगों के मूत्र में रक्त के टिग्नेस आ सकते हैं।
दर्द के साथ बार-बार यूरीन आना
किडनी स्टोन से पीड़ित लोग अक्सर लगातार या दर्द के साथ यूरीन आने की शिकायत करते हैं। ऐसा तब होता है जब किडनी स्टोन मूत्रमार्ग से मूत्राशय में चले जाते है। ये बेहद दर्दनाक होता है और यह अक्सर मूत्र पथ के संक्रमण (यूरिनरी ट्रेक्ट इंफैक्शन) का कारण भी बनता है।
मतली और उल्टी
पेट में गड़बड़ महसूस करना और मिचली आना किडनी स्टोन के शुरूआती संकेतों में से एक है और इसमें उल्टियां भी हो सकती हैं। उल्टियां दो कारणों से आती हैं, पहला स्टोन के स्थानांतरण के कारण तथा दूसरा किडनी शरीर के भीतर की गंदगी (टॉक्सिक) को बाहर करने में मदद करते हैं और जब स्टोन के कारण अवरुद्ध हो जाते हैं तो इन टॉक्सिकों को शरीर से बाहर निकालने के लिए उल्टी ही एकमात्र रास्ता बचता है।
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बदबूदार यूरीन
किडनी में स्टोन के साथ मूत्र के रंग के बिगाड़ने के साथ यूरीन मटमैला और दुर्गंधयुक्त प्रतीत होता है। ऐसा यूरीन में हार्ड केमिकल की मौजूदगी जो शरीर में रहते हैं जो वास्तविक रूप क्रिस्टल बनाते हैं।
पीठ दर्द
गंभीर दर्द होना किडनी स्टोन से पीड़ित लोगों की आम समस्या है, विशेषकर कमर और कमर के निचले हिस्से में। दर्द पेट के निचले हिस्से से पेट और जांध के बीच के भाग में जा सकता है। यह दर्द कुछ मिनटो या घंटो तक बना रहता है तथा बीच-बीच में आराम मिलता है।
बुखार और ठंड महसूस होना
किडनी स्टोन को अनुपचारित छोड़ने पर, अक्सर तेज बुखार और ठंड लगने की समस्या बनी रहती है। इसका कारण मूत्र पथ के संक्रमण (या यूटीआई) की संभावना बढ़ जाती है। इस अवस्था में रोगी को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
बैठने में परेशानी
किडनी स्टोन के बड़े या काफी उत्तेजक होने पर उस क्षेत्र पर दबाव पड़ने के कारण रोगी को बैठने में परेशानी होती है। यहां तक कि वह आरामदायक स्थिति में लेटने में असमर्थ महसूस करता है। यही कारण है जिसके चलते किडनी स्टोन से पीड़ित कई लोग अक्सर खड़े रहते हैं।
किडनी और पेट में सूजन
बड़े स्टोन मूत्र प्रवाह को ब्लॉक कर किडनी में दर्दनाक सूजन पैदा कर देता है। किडनी डायाफ्राम के निकट शरीर के नीचे दोनों ओर स्थित होती हैं और स्टोन होने पर आप इस क्षेत्र या पेट और कमर के क्षेत्र में सूजन महसूस कर सकते हैं।