कमजोरी के कारण शरीर बीमारियों का शिकार हो जाता है। लेकिन यदि हम थोड़ी सी सावधानी बरतकर और आयुर्वेद को अपनाए तो अपने स्वास्थ्य की सही तरह से देखभाल कर ही पाएंगे। साथ ही शरीर का कायाकल्प भी करने में आसानी होगी। त्रिफला ऐसी ही आयुर्वेदिक औषधी है जो शरीर का कायाकल्प कर सकती है। त्रिफला के सेवन से बहुत फायदे हैं। स्वस्थ रहने के लिए त्रिफला चूर्ण महत्वपूर्ण है। त्रिफला सिर्फ कब्ज दूर करने ही नहीं बल्कि कमजोर शरीर को एनर्जी देने में भी प्रयोग हो सकता है।
विधि- सूखा देसी आंवला, बड़ी हर्रे व बहेड़ा लेकर गुठली निकाल दें। तीनों समभाग मिलाकर महीन पीस लें। कपड़छान कर कांच की शीशी में भरकर रखें।
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- मोटापा कम करने के लिए त्रिफला बेहद असरकारी होता है. गुनगुने पानी में त्रिफला और शहद को मिलाकर सेवन करने से पेट की चर्बी कम होती है.
- त्रिफला के नियमित सेवन से कमजोरी दूर होती है।
- गाय व शहद के मिश्रण में (घी अधिक व शहद कम) के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन आंखों के लिए वरदानस्वरूप है। संयम के साथ इसका नियमित प्रयोग करने से आंखों के सारे रोग दूर हो जाते हैं। बुढ़ापे तक चश्मा नहीं लगेगा।
- त्रिफला के काढ़े से घाव धोने से एलोपैथिक एंटिसेप्टिक की आवश्यकता नहीं रहती। घाव जल्दी भर जाता है।
- त्रिफला के नियमित सेवन से लंबे समय तक रोगों से दूर रहा जा सकता है।
- त्रिफला और इसका चूर्ण तीनों दोषों यानी वात,पित्त व कफ को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- बालों के खराब होने और समय से पूर्व सफेद होने से भी त्रिफला के सेवन से बचा जा सकता है।
- रात को गुनगुने पानी के साथ त्रिफला लेने से कब्जियत नहीं रहती।
- सुबह के समय तरोताजा होकर खाली पेट ताजे पानी के साथ त्रिफला का सेवन करें और इसके बाद एक घंटे तक पानी के अलावा कुछ ना लें।
- मौसम को ध्यान में रखकर त्रिफला के साथ गुड़, सैंधा नमक, देशी खांड, सौंठ का चूर्ण, पीपल छोटी का चूर्ण, शहद इत्यादि मिलाकर सेवन कर सकते हैं।