थॉयराइड की समस्या आजकल एक गंभीर समस्या बनी हुई है, और अलोपथी में इसका कोई इलाज भी नहीं हैं, बस जीवन भर दवाई लेते रहो, और आराम कोई नहीं।
थायराइड मानव शरीर मे पाए जाने वाले एंडोक्राइन ग्लैंड में से एक है। थायरायड ग्रंथि गर्दन में श्वास नली के ऊपर एवं स्वर यन्त्र के दोनों ओर दो भागों में बनी होती है। इसका आकार तितली जैसा होता है। यह थाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है जिससे शरीर के ऊर्जा क्षय, प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता नियंत्रित होती है।
थॉयराइड ग्रंथि तितली के आकार की होती है जो गले में पाई जाती है। यह ग्रंथि उर्जा और पाचन की मुख्य ग्रंथि है। यह एक तरह के मास्टर लीवर की तरह है जो ऐसे जीन्स का स्राव करती है जिससे कोशिकाएं अपना कार्य ठीक प्रकार से करती हैं। इस ग्रंथि के सही तरीके से काम न कर पाने के कारण कई तरह की समस्यायें होती हैं। इस लेख में विस्तार से जानें थॉयराइड फंक्शन और इसके उपचार के बारे में।
थॉयराइड को साइलेंट किलर माना जाता है, क्योंकि इसके लक्षण व्यक्ति को धीरे-धीरे पता चलते हैं और जब इस बीमारी का निदान होता है तब तक देर हो चुकी होती है। इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी से इसकी शुरुआत होती है लेकिन ज्यादातर चिकित्सक एंटी बॉडी टेस्ट नहीं करते हैं जिससे ऑटो-इम्युनिटी दिखाई देती है।
यह ग्रंथि शरीर के मेटाबॉल्जिम को नियंत्रण करती है यानि जो भोजन हम खाते हैं यह उसे उर्जा में बदलने का काम करती है।
इसके अलावा यह हृदय, मांसपेशियों, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है।
आमतौर पर शुरुआती दौर में थायराइड के किसी भी लक्षण का पता आसानी से नहीं चल पाता, क्योंकि गर्दन में छोटी सी गांठ सामान्य ही मान ली जाती है। और जब तक इसे गंभीरता से लिया जाता है, तब तक यह भयानक रूप ले लेता है।
पुरूषों में थायराइड के लक्षण ( Thyriod Symptoms for men )
- सामान्यत पुरूषों में थायराइड की समस्या के कुछ लक्षणों में सबसे पहला लक्षण है अचानक से वजन का बढ़ना या फिर अचानक से वजन का कम होना।
- दूसरा मुख्य लक्षण है जल्दी ही थकान का लगना।
- तीसरा लक्षण गर्दन में दर्द या सूजन का होना।
- चौथा लक्षण है भूख न लगना और पसीना अधिक आना आदि।
आखिर क्या कारण हो सकते है जिनसे थायराइड होता है।
- थायरायडिस- यह सिर्फ एक बढ़ा हुआ थायराइड ग्रंथि (घेंघा) है, जिसमें थायराइड हार्मोन बनाने की क्षमता कम हो जाती है।
- कई बार कुछ दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव भी थायराइड की वजह होते हैं।
- इसोफ्लावोन गहन सोया प्रोटीन, कैप्सूल, और पाउडर के रूप में सोया उत्पादों का जरूरत से ज्यादा प्रयोग भी थायराइड होने के कारण हो सकते है।
- भोजन में आयोडीन की कमी या ज्यादा इस्तेमाल भी थायराइड की समस्या पैदा करता है।
- थायराइट की समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण भी होती है क्यों कि यह थायरायड ग्रंथि हार्मोन को उत्पादन करने के संकेत नहीं दे पाती।
- सिर, गर्दन और चेस्ट की विकिरण थैरेपी के कारण या टोंसिल्स, लिम्फ नोड्स, थाइमस ग्रंथि की समस्या या मुंहासे के लिए विकिरण उपचार के कारण।
- जब तनाव का स्तर बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा असर हमारी थायरायड ग्रंथि पर पड़ता है। यह ग्रंथि हार्मोन के स्राव को बढ़ा देती है।
- थायराइड का अगला कारण है गर्भावस्था, जिसमें प्रसवोत्तर अवधि भी शामिल है। गर्भावस्था एक स्त्री के जीवन में ऐसा समय होता है जब उसके पूरे शरीर में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होता है, और वह तनाव ग्रस्त रहती है।
- रजोनिवृत्ति भी थायराइड का कारण है क्योंकि रजोनिवृत्ति के समय एक महिला में कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन होते है। जो कई बार थायराइड की वजह बनती है।
- यदि आप के परिवार में किसी को थायराइड की समस्या है तो आपको थायराइड होने की संभावना ज्यादा रहती है। यह थायराइड का सबसे अहम कारण है।
- ग्रेव्स रोग थायराइड का सबसे बड़ा कारण है। इसमें थायरायड ग्रंथि से थायरायड हार्मोन का स्राव बहुत अधिक बढ़ जाता है। ग्रेव्स रोग ज्यादातर 20 और 40 की उम्र के बीच की महिलाओं को प्रभावित करता है, क्योंकि ग्रेव्स रोग आनुवंशिक कारकों से संबंधित वंशानुगत विकार है, इसलिए थाइराइड रोग एक ही परिवार में कई लोगों को प्रभावित कर सकता है।
क्या आप जानते हैं हाइपर थॉयराइड और हाइपो थॉयराइड में अंतर वैसे तो हाइपर थॉयराइड और हाइपो थॉयराइड दोनों ही थायराइड के प्रकार हैं। लेकिन दोनों के लक्षण एक दूसरे से बेहद अलग होते हैं।
हाइपर थाइरोइड के प्रमुख लक्षण
- दिल का धड़कनों का बढ़ना।
- बालों का झड़ना।
- हाथ में कंपन होना।
- अधिक गर्मी व पसीना आना।
- वजन का घटना।
- खुजली व त्वचा का लाल होना।
- कमजोरी महसूस होना। आदि।
हाइपो थायरायडिज्म के प्रमुख लक्षण
- चेहरे का फूल जाना।
- त्वचा का शुष्क होना।
- डिप्रेशन।
- वजन का अचानक बढ़ना।
- थकान का आना।
- अनियमित या अधिक माहवारी का होना।
- शरीर में पसीने की कमी।
- दिल की गति का कम होना।
- कब्ज का बनना आदि।
अगर आपको ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई दे तो अपने डाक्टर से संपर्क करें आपको थाइराइड समस्या हो सकती है।
थायराइड की समस्या को ठीक करने के अति असरदारक घरेलु उपाय-
अदरक
अदरक में मौजूद गुण जैसे पोटेशियम, मैग्नीश्यिम आदि थायराइड की समस्या से निजात दिलवाते हैं। अदरक में एंटी-इंफलेमेटरी गुण थायराइड को बढ़ने से रोकता है और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाता है।
मुलेठी का सेवन
थायराइड के मरीजों को थकान बड़ी जल्दी लगने लगती है और वे जल्दी ही थक जाते हैं। एैसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को संतुलित बनाते हैं। और थकान को उर्जा में बदल देते हैं। मुलेठी थायराइड में कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है।
दही और दूध का सेवन
थायराइड की समस्या वाले लोगों को दही और दूध का इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए। दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायराइड से ग्रसित पुरूषों को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं।
साबुत अनाज
जौ, पास्ता और ब्रेड़ आदि साबुत अनाज का सेवन करने से थायराइड की समस्या नहीं होती है क्योंकि साबुत अनाज में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा होता है जो थायराइड को बढ़ने से रोकता है।
गेहूं और ज्वार का इस्तेमाल
थायराइड ग्रंथी को बढ़ने से रोकने के लिए आप गेहूं के ज्वार का सेवन कर सकते हो। गेहूं का ज्वार आयुर्वेद में थायराइड की समस्या को दूर करने का बेहतर और सरल प्राकृतिक उपाय है। इसके अलावा यह साइनस, उच्च रक्तचाप और खून की कमी जैसी समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है।
फलों और सब्जियों का सेवन
थायराइड की परेशानी में जितना हो सके फलों और सब्जियों का इस्तेमाल करना चाहिए। फल और सब्जियों में एंटीआक्सिडेंटस होता है। जो थायराइड को कभी बढ़ने नहीं देता है। सब्जियों में टमाटर, हरि मिर्च आदि का सेवन करें।
आयोडीन का प्रयोग
हाल ही में हुए नए शोध में यह बात सामने आई है कि आयोडिन में मौजूद पोषक तत्व थायराइड ग्रंथी की कार्यप्रणाली को ठीक रखता है।
थायराइड एक गंभीर समस्या है सही समय पर पता चलने से इसका बचाव किया जा सकता है। पुरूषों के पास समय का आभाव कम होता है लेकिन वे थायराइड के लक्षणों को नजरअंदाज न करें। समय पर जांच करवाते रहें और अपने खान पान में ध्यान दें।
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गले को दें ठंडी गर्म सेंक
थायरइड की समस्या में गले को ठंडी-गर्म सेंक देने से फायदा मिलता है। इसके लिए आप गर्म पानी को एक बोतल में भर लें और अलग से ठंडे पानी को किसी बर्तन में भर लें। ठंडे पानी में एक तौलिया भी भिगों लें।और इसे इस तरह से गर्दन की सिकाई करें।
तीन मिनट गर्म पानी से सिकाई और फिर एक मिनट तक ठंण्डे पानी से सिकाई। एैसा आप तीन बार करें। और चौथी बारी में तीन मिनट ठण्डी और तीन मिनट गर्म पानी की सेंक करें।
इस उपाय को आप दिन में कम से कम दो बारी जरूर करें।
योग
योग के जरिए भी थाइराइड की समस्या से निजात पाया जा सकता है। आपको भुजंगासन, ध्यान लगाना, नाड़ीशोधन, मत्स्यासन, सर्वांगासन और बृहमद्रा आदि करना चाहिए।
एक्युप्रेशर
थायराइड को एक्यूप्रेशर के जरिए भी ठीक किया जा सकता है। एक्युप्रेशर में पैराथायराइड और थयरायड के जो बिंदू होते हैं वे पैरों और हाथों के अंगूठे के नीचे और थोड़े उठे हुए भाग में मौजूद रहते हैं । आपको इन बिंदुओं को बाएं से दाएं ओर प्रेशर यानि दबाना चाहिए। हर बिंदु को कम से कम तीन मिनट तक दबाएं। इस उपाय को हर रोज कम से कम दो बारी जरूर करें।
बृहमद्रासन
इस आसन में सीधा बैठकर अपनी गर्दन को दांए-बाएं और उपर-नीचें चलाएं।
परहेज
आप जितना हो सके चावल, मैदा, मिर्च-मसाले, खटाई, मलाई, अंडा, अधिक नमक का सेवन बंद कर दें। आप नमक में सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं।