आजतक आपने नींबू के फायदे के बारे में सुना होगा लेकिन जब जरूरत से ज्यादा नींबू का सेवन कर लिया जाता है तो इसके नुकसान भी होते हैं। अक्सर लोग नींबू पानी को फायदेमंद मानकार दिन में कई बार इसे पीते हैं लेकिन यह आपके शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है। आइए जानें नींबू के साइड इफेक्ट के बारे में।
पेट खराब होना
नींबू के रस का ज्यादा सेवन पेट खराब कर सकता है क्योंकि यह एसिडिटी लेवल को बरकरार रखता है जिससे भोजन को पचने में आसानी होती है। कभी-कभी भोजन को पचाने के लिए एसिडिटी फायदेमंद होती है लेकिन इसका स्तर ज्यादा बढ़ने से पेट में दर्द और एसिड रिफ्लक्स और जलन की समस्या बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए कम मात्रा में नींबू का रस लें या इसे खाने के साथ या पानी में मिलाकर ही पिएं।
दांतो का क्षरण
बार-बार नींबू के रस और दांतो का संपंर्क होने से दांतों की ऊपरी सतह को नुकसान पहुंचता है। इससे बचने के लिए नींबू को रस को पानी में मिलाकर पिएं। इसके अलावा आप दांतो की सुरक्षा के लिए स्ट्रा की मदद भी ले सकते हैं। इससे नींबू के रस और दांतो में संपंर्क नहीं होगा।
मुंह के छाले
नींबू में मौजूद सिट्रिक और एस्कॉर्बिक एसिड मजबूत एंटीमाइक्रोबायल हैं जो मुंह के संक्रमण को रोकते हैं लेकिन नींबू का ज्यादा सेवन श्लेष्मा झिल्ली को नुकसान पहुंचाता है जिससे मुंह के छालों की समस्या का सामना करना पड़ता है।
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सीने में जलन
नींबू पानी का ज्यादा सेवन हर्ट बर्न यानि सीने में जलन पैदा करता है। अगर आप नींबू पानी का सेवन ज्यादा करते हैं तो आपने इसका अनुभव जरूर किया होगा। हर्टबर्न की समस्या तब होती है जब एसोफेगस और पेट सही ढंग से काम नहीं करते हैं पेट से निकलने वाला एसिड वापस एसोफेगस में आ जाता है इस प्रक्रिया को रिफलक्स के नाम से जाना जाता है। इससे बचने के लिए एसिड युक्त खाद्य पदार्थ और पेय से दूर रहना चाहिए।
शरीर में पानी की कमी
बहुत कम मामले ऐसे होते हैं जिनमें नींबू पानी ज्यादा यूरीन बनाने का काम करता है। नींबू में विटामिन सी,एस्कॉर्बिक एसिड की मात्रा बहुत अधिक होती है। यह तत्व डाइयुरेटिक तत्व के नाम से जाने जाते हैं इसका मतलब है कि यह किडनी में यूरीन के निर्माण को बढ़ाते हैं जिससे शरीर में पानी और सोडियम निकल जाते हैं और शरीर में पानी की कमी होने लगती है।
माइग्रेन और अस्थमा
नींबू का सेवन कभी-कभी माइग्रेन का कारण भी बन सकता है। कुछ लोगों को इससे एलर्जी भी होती है। इसके अलावा यह अस्थमा के लक्षणों को भी बढ़ा सकता है।
आयरन का अवशोषण
ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन में छपे शोध के मुताबिक नींबू का रस शरीर से आयरन को अवशोषित कर लेता है जिसके कारण मतली, डायरिया जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। अगर आप भी नींबू पानी का सेवन ज्यादा करते हैं तो इसका सेवन कम कर दें।
क्लोरोक्विन का स्तर कम करना
जर्नल ऑफ एंटीमाइक्रोबायल कीमोथेरेपी में छपे शोध के मुताबिक नींबू पानी के अत्यधिक सेवन से क्लोरोक्विन का स्तर कम हो जाता है। क्लोरोक्विन सामान्यत: मलेरिया के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है।