अगर ये कहा जाए कि जिंदगी में पानी के बिना कुछ भी संभव नहीं है, तो गलत नहीं होगा। प्यास बुझाने के अलावा, खाना बनाने जैसे तमाम काम पानी के बिना संभव नहीं हैं। कई लोगों की नजर में पानी की शुद्धता जरूरी नहीं होती। लेकिन आपकी यह सोच आपके और आपके परिवार के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। नहाने के पानी से लेकर पीने के पानी तक की शुद्धता मायने रखती है। जहां अशुद्ध पानी पीने से रोगों को निमंत्रण मिलता है, वहीं अशुद्ध पानी से त्वचा संबंधी बीमारियों को न्योता मिलता है। अगर आंकड़ों की मानें, तो पीने के पानी में 2,100 विषैले तत्व मौजूद होते हैं। ऐसे में बेहतरी इसी में है कि पानी का इस्तेमाल करने से पहले इसे पूरी तरह से शुद्ध कर लिया जाए, क्योंकि सुरक्षा में ही सावधानी है।
तुलसी प्राकृतिक वाटर प्यूरीफायर
तुलसी की पत्तियो में खाद वस्तुओ को विकृत होने से बचाने का अदभुत गुण है। सूर्य ग्रहण आदि के समय जब खाने का निषेध रहता है तो तुलसी की पत्तिया डालकर यह मान लिया जाता है की वस्तुए विकृत नही हुई है। मृत व्यक्ति के पास भी तुलसी का पौधा रखने की परम्परा भी इसी धरना पर आधारित है जहाँ पर तुलसी का पौधा होता है उसके आसपास की छह सो फुट की वायु इससे प्रभावित होती है। और परिणाम स्वरूप मलेरिया क्ष्य रोग आदि के कीटाणु नष्ट हो जाते है। विभिन्न रोगों का नाश करने में समर्थ तुलसी में जहाँ शरीर के भीतर रक्त आदि को शुद्ध करने और विभिन्न प्रकार के रोगों को दूर करने की आशर्चजनक शक्ति है वही तुलसी की गन्ध में अपने चारो और की वायु को शुद्ध करने और स्वास्थ्यप्रद बनाने की अद्भुत क्षमता है। वास्तव में यह दिव्य चमत्कारी अम्रत बूटी है।
विधि
दूषित जल में तुलसी की हरि स्वस्छ पत्तिया (4 लीटर में 25 -30 पत्तिया )डालने से थोड़ी ही देर में जल शुद्ध हो जाता है। ये प्रयोग आप साफ पानी में कीजिये इससे पानी में अनोखी शक्ति भर जाती है। और ये हमे सिर्फ साधारण रोगों में नही बल्कि कैंसर जैसे भयंकर रोगों से लड़ने की भी शक्ति देता है।
विशेष
जहाँ पर अगर पानी खरा हो और वो लोग फिल्टर लगवाते हो तो उनको सीधे फिल्टर का पानी नही पीना चाहिए पानी को फिल्टर करके पहले मिटटी के घड़े में या ताँबे के बर्तन में रखे उसके बाद ही इसको इस्तेमाल करे।
विकल्प
जहाँ पानी पानी को साफ करने का कोई साधन न हो वह पानी को उबाल कर पीना चाहिए। अगर आपके घर पर सीधा नहर का पानी आता है तो आपको किसी भी फिल्टर की जरूरत नही है किसी बर्तन में कोयले को पीसकर रख लीजिये। अब इसमे पानी डालिये कुछ देर में पानी अपने आप साफ हो जायेगा अब इस साफ पानी को छानकर रख लीजिये। बड़े बड़े वाटर वर्कर्स में इसी तरह पानी को साफ किया जाता है।
अगर फिर भी पानी की वजह से कोई समस्या हो या दूषित जल के सेवन से बच्चो के पेट में क्रीमी हो जाये तो अजवायन चार भाग काला नमक एक भाग का चूर्ण बनाकर आधा ग्राम से डेड ग्राम तक अवस्थानुसार गर्म जल के साथ सेवन करना चाहिए।
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