मोतियाबिंद के कारण
-कनीका में जख्म हो जाना।
-आखों के परदे का किसी वजह से अलग हो जाना।
-अधिक तेज रोशनी में काम करना।
-गठिया का होना।
-गुर्दे की समस्या या जलन होना।
-खूनी बवासीर का होना।
-गंभीर आखों का रोग होना। आदि।
मोतियाबिंद के लक्षण
2. तेज रोशनी के चारों तरफ रंगीन घेरा दिखना।
3.मोतियाबिंद में इंसान को हर चीज काली, पीली, लाल और हरी नजर आने लगती हैं।
सरल उपाय
हाथों की दोनों हथेलियों को आंख पर ऐसे रखें जिससे आखों पर ज्यादा दबाब न पड़े और हल्का से आंख दबाएं। रोज दिन में चार से पांच बारी आधे-आधे मिनट तक करते रहें।
आंवला
आंखों के कई रोगों को दूर करता है आंवला। आंवले का ताजा रस दस ग्राम और दस ग्राम शहद को मिलाकर रोज सुबह सेवन करने से मोतियबिंद का बढ़ना रूक जाता है।
खाटी भाजी
खाटी भाजी के पत्तों के रस की कुछ बूंदों को आंख में सुबह और शाम डालते रहें। यह उपाय भी मोतियबिंद को ठीक करने का कारगर उपाय है।
कद्दू
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सलाद
काला सुरमा
इन वैदिक औषधियों के साथ आपको योग भी करना है। जिससे मोतियाबिंद आसानी से और तेजी से खत्म हो सके।
मोतियाबिंद का उपचार योग के जरिए भी हो सकता है। इसके लिए आपको शीर्षासन और पद्मासन भी करने चाहिए।
योग
आंखों के लिए व्यायाम
-अब आंखों की पुतलियों को साथ-साथ दांए से बांए घुमाएं और फिर निचे से उपर की ओर देखें।
-इस योग को कम से कम दस बार जरूर करें।