जामुन खाने से दूर होगी ये सारी बीमारियां

0

सामान्यत: बरसात के मौसम में आने वाला फल जामुन सेहत के लिए बहुत लाभदायक होता है। जामुन में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम होता है। यह ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करके डायबिटीज से बचाने में मदद करता है। आयुर्वेद में जामुन को खाने के बाद खाने की सलाह दी जाती है। हम आपको बताने जा रहे हैं जामुन से जुड़े कुछ खास नुस्खे जो रोगों में रामबाण की तरह काम करते हैं।

गले के रोगों में जामुन

गले के रोगों में जामुन की छाल को बारीक पीसकर सत बना लें। इस सत को पानी में घोलकर ‘माउथ वॉश’ की तरह गरारा करना चाहिए। इससे गला तो साफ होगा ही, साँस की दुर्गंध भी बंद हो जाएगी और मसूढ़ों की बीमारी भी दूर हो जाएगी।

पेचिश में जामुन

जामुन की गुठली के चूर्ण को एक चम्मच मात्रा में दिन में दो-तीन बार लेने पर पेचिश में आराम मिलता है। पथरी हो जाने पर इसके चूर्ण का उपयोग चिकित्सकीय निर्देशन में दही के साथ करें।

उल्टी-दस्त या हैजा में जामुन

जामुन के एक किलोग्राम ताजे फलों का रस निकालकर उसमें ढाई किलोग्राम मिश्री मिलाकर शरबत जैसी चाशनी बना लें। इसे एक साफ बोतल में भरकर रख लें। जब कभी उल्टी-दस्त या हैजा जैसी बीमारी की शिकायत हो, तब दो चम्मच शरबत और एक चम्मच अमृतधारा मिलाकर पिलाने से तुरंत राहत मिल जाती है।

दांतों, मसूढ़ों से खून में जामुन

दांतों, मसूढ़ों से खून आता हो, पानी लगता हो, मसूढ़े फूलते हों तो इसके पत्तों की राख को दांतों पर मलने से मसूढ़े मजबूत होते हैं, दांत चमकीले बन जाते हैं।गला बैठ गया हो, आवाज बेसुरी हो गयी हो, गले में छाले हो गये हों तो इसके पत्ते पानी में उबाल कर उसे थोड़ा ठंडा कर उससे गरारे करें।

खून बवासीर में जामुन

इसके ताजे, नरम पत्तों को गाय के पाव-भर दूध में पीसकर प्रतिदिन

रक्त की कमी, स्मरण शक्ति एवं शारीरिक दुर्बलता में जामुन

जामुन का रस, शहद, आँवले या गुलाब के फूल के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर एक-दो माह तक प्रतिदिन सुबह के वक्त सेवन करने से रक्त की कमी एवं शारीरिक दुर्बलता दूर होती है। स्मरण शक्ति भी बढ़ जाती है।

मधुमेह में जामुन

जामुन और आम का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से मधुमेह के रोगियों को लाभ होता है। जामुन की गुठली के चूर्ण 1-2 ग्राम पानी के साथ सुबह लेने से मधुमेह रोग ठीक हो जाता है।

रक्तप्रदर में जामुन

रक्तप्रदर की समस्या होने पर जामुन की गुठली के चूर्ण में पच्चीस प्रतिशत पीपल की छाल का चूर्ण मिलाएं और दिन में दो से तीन बार एक चम्मच की मात्रा में ठंडे पानी से लें।

गठिया में जामुन

गठिया के उपचार में भी जामुन बहुत उपयोगी है। इसकी छाल को खूब उबालकर बचे हुए घोल का लेप घुटनों पर लगाने से गठिया में आराम मिलता है।

आयुर्वेद हीलिंग एप्प के माध्यम से पाइए आयुर्वेद से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी, विभिन्न आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्ख़े, योगासनों की जानकारी। आज ही एप्प इंस्टॉल करें और पाएं स्वस्थ और सुखी जीवन। सबसे अच्छी बात ये है कि ऑफलाइन मोड का भी फीचर है मतलब एक बार अपने ये एप्प इनस्टॉल कर ली तो अगर आपका नेट पैक खत्म 🤣 भी हो जाता है तो भी आप हमारे घरेलू नुस्खे देख सकते है तो फिर देर किस बात की आज ही इनस्टॉल करे । नीचे दिए गए लाल रंग के लिंक में क्लिक करे और हमारी एप्प डाउनलोड करे
http://bit.ly/ayurvedhealing

जामुन खाने में सावधानियां

  • दूध पिलाने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए.
  • खाली पेट जामुन नहीं खाना चाहिए.
  • जामुन खाने के तुरंत बाद दूध नहीं पीना चाहिए.
  • अगर अधिक मात्रा में जामुन खा लियें हो तो तुरंत ३ से 4 चुटकी नमक खाएं.
  • ज्यादा मात्रा में जामुन खाने से दर्द और बुखार जैसी समस्याएँ हो सकती है, इसके साथ ही यह गले और सीने में भी दर्द पैदा कर सकती है.
  • बहुत ही अधिक मात्रा में जामुन खा लेने से खांसी भी हो सकती है, जो फेफड़ों के लिए हनिकराक हो सकती है.

हाई और लो ब्लड प्रेशर का घरेलू उपाय जानने के लिए पूरी वीडियो देखे और अगर आपको हमारी जानकारी फायदेमंद लगे तो हमारा Youtube Channel Subscribe कीजिये..और घंटी बजाना ना भूलियेगा ताकि आपको मिल सके हमारे नए वीडियो सबसे पहले…

NO COMMENTS

Leave a Reply

error: Content is protected !!