घर के वास्तु टिप्स
- पूर्व और उत्तर दिशा मे मकान का मुख्य प्रवेश द्वार सामान्तया सभी के लिए अच्छा होता हैं, पश्चिम एवं दक्षिण दिशा के स्थित प्रवेश द्वार भी व्यक्ति के काम और जन्म कुंडली के अनुसार अनुसार अच्छा हो सकता हें.
- मकान के उत्तर एवं पूर्व मे अपेक्षाकृत अधिक खाली स्थान रखना चाहिए.
- मकान का दक्षिण एवं पश्चिमी हिस्सा अपेक्षाकृत भारी एवं ऊचा होना चाहिए.
- मकान का मध्य स्थान जिसे ब्रह्म स्थान कहा जाता हें, हमेशा खाली रहना चाहिए.
- भगवान की मूर्तिया या तस्वीरों को इस तरह स्थापित करे, जिससे की पूजा करते समय आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की और हो.
दिशा | उपयुक्त कक्ष एवं उपयोग |
पूर्व | बच्चों का कमरा, लिविंग रूम |
पश्चिम | भोजन कक्ष / डाइनिंग एरिया, बच्चो का कमरा |
उत्तर | बैठक / ड्राईंग रूम, धन रखने का स्थान |
दक्षिण | शयन कक्ष / बेड रूम |
उत्तर-पूर्व | पूजा घर, अध्धयन / स्टडी रूम, बोरिंग, पानी का होद, खुला स्थान |
उत्तर-पश्चिम | मेहमान कक्ष |
दक्षिण-पश्चिम | मास्टर बेड रूम / सीडिया, भारी सामान |
दक्षिण-पूर्व | रसोई एवं जेनेरटर, इन्वर्टर |