चेहरे के लक्षण देख कर, जानिए इन स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में

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मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जो अभिव्यक्ति करने में सक्षम है। मानव इस अभिव्यक्ति में सहयोग देने में सबसे सर्वप्रथम कहा जाता है कि चेहरे को पढ़कर आपके स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं की जानकारी ली जा सकती है। यह सब हम प्राचीन आयुर्वेदिक प्रथम एवं चीनी दवाओं के आधार पर बोल सकते हैं। आइए जानते हैं कि हमारे चेहरा हमारे स्वास्थ्य के बारे में क्या जानकारी दे सकता है?

नाक और फेफड़ों का संबंध

हमारी सांसे नाक से होती हुई हमारे फेफड़ों तक जाती है, इसी प्रकार से हमारी नाक फेफड़ों से जुडी होती है। यदि आपको आपने नॉस्ट्रिल लाल एवं सूजे हुए प्रतीत होते हैं तो यह फैफ़ड़ों में जमे बलगम का संकेत देता है जो अधिक अधिक मात्रा में डेरी उत्पादन का सेवन करने से, सर्दी या किसी अन्य बीमारी के कारणों की वजह से हो सकता है। इसके विपरीत यदि आपको अपने नॉस्ट्रिल सूखे प्रतीत होते हैं तो उसका एकमात्र कारण निमोनिया हो सकता है इसके आलवा लाल नाक पीठ दर्द या मूत्राशय की समस्या को भी बताती है।

आंखें बताती हैं गुर्दे और लीवर का स्वास्थ्य

कहा जाता है कि हमारे शरीर का हर एक अंग बाकी अंगों से जुड़ा होता है, इसी प्रकार हमारे गुर्दे, लीवर के स्वास्थ्य की जानकारी हमारी आंखों के नीचे का क्षेत्र भली-भांति बता सकता है। यदि आप कुछ निर्जलित महसूस करते है तो आंखों के नीचे का क्षेत्र नीले रंग का पड़ जाता है। ऐसे में आपके शरीर को पाने की आवश्यकता होती है। ऐसे ही यदि यह क्षेत्र भूरा रंग का प्रतीत हो उसका कारण अस्वस्थ भोजन एवं नींद की कमी हो सकता है। यह सब एक तनावग्रस्त लीवर एवं गुर्दे के लक्षण है।

गाल और दांतो का संबंध

यदि आप अपने चेहरे के मुहांसों से चिंतित हैं तो इसका सीधा संकेत हमारे शरीर में बने जहरीले पदार्थों की वजह भी हो सकता है। दरअसल हमारे गाल हमारे फेफड़े, साइनस और फोड़े-फुंसी के स्तर को दर्शाते हैं। यदि गाल का ऊपरी हिस्सा मुंहासे दर्शाता है तो शरीर में जहरीले पदार्थ बनने के कारण फेफड़े या साइनस की परेशानी हो सकती है और यदि गाल का निचली मुंहासे दर्शाता है तो दांतो या गुर्दो से संबंधित रोगों से ग्रसित होने की संभावना हो सकती है।

आंख और पीठ का संबंध

हमारी आंखें हमारे पेट से संबंधित समस्याओं के बारे में बहुत आसानी से बता सकती हैं। यदि आप की आंखें आपको लाल नजर आती है तो यह एक पीठ दर्द का संकेत हो सकता है। गुर्दे का सही से काम न करने का संकेत हमारी आंखें काली एवं भूरे प्रतीत होने वाले छोटे धब्बे के माध्यम से संकेत देती है जो मुख्य रूप से शरीर में विषाक्त पदार्थो के बनने से भी हो सकता है।

होंठो का संबंध पाचन तंत्र से

आपके होठों का रंग आपके पाचन तंत्र के स्वास्थ्य को बखूबी बता सकता है। खराब पाचन तंत्र होने की वजह से आपका होंठ पीले रंग का दिखेगा, यदि आपको अपने होठों पर सूजन या चिपचिपाहट महसूस होती है तो उसका भी एक मात्र कारण आपका पाचन हो सकता, इसका मतलब आपका कोलन सही तरीके से कार्यरत नही है, गहरे रंग के होंठ गुर्दे से संबंधित बीमारियों का संकेत देता है।

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ठोडी पर मुहांसे

हमारे शरीर में होने वाली गतिविधियों का असर हमारे बाहरी शरीर पर नजर आता है, इसी प्रकार ठोडी का हिस्सा हॉर्मोन, रक्त, पाचन और महिलाओं में मासिक धर्म की समस्या को दर्शाता है। शरीर में हार्मोन असंतुलन होने के कारण त्वचा पर मुहासे निकलना बहुत मामूली बात है, रूखी और सूखी त्वचा भी पाचन समस्या का संकेत देती हैं। इसी कारण से महिलाओं में पीरियड्स की समस्या में भी मुहासे और शुष्क त्वचा आदि जैसी चीज़े बहुत परेशान करती है।

हृदय एवं त्वचा में संबंध

हमारे हृदय के स्वास्थ्य की जानकारी हमारी त्वचा बखूबी देती है। यदि आपको अपनी त्वचा के रंग में कुछ बदलाव नजर आता है तो वह शरीर से जुड़ी समस्याओं का एक संकेत हो सकता है। ऐसे में त्वचा का रंग हल्का हरा लगने पर यह लिवर की समस्या से संबंधित हो सकता है, त्वचा के लाल दिखने पर रैशेज या सनबर्न संबंधित परेशान हो सकती है और अत्यधिक सफेद होने पर हृदय से संबंधित रोग जैसे हृदयघात और ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।

Source: www.freehindiadvice.com

इस वेबसाइट में जो भी जानकारिया दी जा रही हैं, वो हमारे घरों में सदियों से अपनाये जाने वाले घरेल नुस्खे हैं जो हमारी दादी नानी या बड़े बुज़ुर्ग अक्सर ही इस्तेमाल किया करते थे, आज कल हम भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में इन सब को भूल गए हैं और छोटी मोटी बीमारी के लिए बिना डॉक्टर की सलाह से तुरंत गोली खा कर अपने शरीर को खराब कर देते हैं। तो ये वेबसाइट बस उसी भूले बिसरे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लक्षय से बनाई गयी है। आप कोई भी उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर से या वैद से परामर्श ज़रूर कर ले। यहाँ पर हम दवाएं नहीं बता रहे, हम सिर्फ घरेलु नुस्खे बता रहे हैं। कई बार एक ही घरेलु नुस्खा दो व्यक्तियों के लिए अलग अलग परिणाम देता हैं। इसलिए अपनी प्रकृति को जानते हुए उसके बाद ही कोई प्रयोग करे। इसके लिए आप अपने वैद से या डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करे।

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