एक चम्मच आंवला चूर्ण खाने के बाद जो हुआ वो खुद देख लीजिये

आंवले को सुखा कर उसे पिसवाकर घर ही में आंवला चूर्ण बनाया जा सकता है या बाज़ार में भी विभिन्न ब्रांड के आंवला चूर्ण मिलते है.

  • चिरयौवन व दीर्घायुष्य प्रदान करने वाला, रसायन द्रव्यों में सर्वश्रेष्ठ, आयुर्वेद में ‘अमृतफल’ नाम से सम्बोधित व औषधियों में श्रेष्ठ फल है – आँवला। आँवला सभी ऋतुओं में, सभी जगह सभी के लिए लाभदायी है।
  • आँवला विटामिन सी का राजा होने के कारण शरीर को रोगाणुओं के आक्रमण से बचाता है, शारीरिक वृद्धि में आने वाली रूकावटों को दूर करता है, यकृत के कार्यों को सुचारू रूप से चलने में मदद करता है, जीवनीशक्ति को बढ़ाता है तथा दाँतों व मसूढ़ों को मृत्युपर्यन्त सुदृढ़ बनाये रखता है।
  • आंवला के चूर्ण में मिश्री पीस कर मिला ले. इस मिश्रण का एक चम्मच एक गिलास पानी में घोलकर सुबह शाम शरबत की तरह पी ले. यह अत्यंत स्वादिष्ट, पुष्टिदायक व उत्तम पित्तशामक है। यह सप्तधातुओं की वृद्धि कर शरीर को बलवान व वीर्यवान बनाता है।
  •  इसके सेवन से पित्तजनित विकार जैसे – आँखों की जलन, आंतरिक गर्मी, सिरदर्द आदि तथा उच्च रक्तदाब, रक्त व त्वचा के विकार, मूत्र एवं वीर्य संबंधी विकार नष्ट हो जाते हैं। यह एक अत्यन्त सुलभ, सस्ता एवं गुणकारी प्रयोग है।
  • नवशक्ति की प्राप्तिः एक महीने तक आँवले का चूर्ण नियमित रूप से घी, शहद और तिल का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से मनुष्य की बोलने की शक्ति बढ़ती है, शरीर कांतिमान हो उठता है तथा चिरयौवन प्राप्त होता है।
  • इन्द्रियों की कार्यक्षमता में वृद्धिः आँवले का चूर्ण पानी, घी या शहद के साथ सेवन करने से जठराग्नि बढ़ती है, सुनने, सूँघने, देखने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है तथा दीर्घायुष्य प्राप्त होता है।
  • हृदय की मजबूतीः सूखा आँवला एवं मिश्री चूर्ण सम मात्रा में एक-एक चम्मच सुबह शाम सेवन करने से हृदय मजबूत होता है। हृदय के वाल्व ठीक ढंग से कार्य करते हैं। हृदयरोगियों को यह प्रयोग कम से कम एक वर्ष तक नियंत्रित करना चाहिए।
  • काले, घने, रेशम जैसे बालों के लिएः 20 सि 40 ग्राम सूखा आँवला 200 ग्राम पानी में रात को भिगो दें व सुबह उस पानी से बाल धो दें। आँवला-मिश्री का समभाग चूर्ण पानी के साथ सेवन करें। इस प्रयोग से बालों की सभी समस्याएँ खत्म हो जायेंगी व बाल चमचमाते नजर आयेंगे।
  • गर्भवती स्त्रियों के लिएः नित्य 2 नग मुरब्बा सुबह खाली पेट गर्भवती महिला को खिलाने से प्रसव नैसर्गिक रूप से बिना किसी औषधि और चिकित्सकीय सहयोग के होता है तथा शिशु में तीव्र रोगप्रतिरोधक क्षमता पायी जाती है, जिसके प्रभाव से शिशु ओजस्वी व सुंदर होता है।
  • समस्त यकृत रोगः आँवलों का 5 ग्राम चूर्ण सेवन करने से यकृत (लीवर) के दोष दूर हो जाते हैं।
  • पेट के कीड़ेः ताजे आँवले का रस छः चम्मच और शुद्ध शहद 1 चम्मच मिलाकर एक सप्ताह तक सुबह शाम दें। इससे निश्चित रूप से कृमि मल के साथ बाहर आ जाते हैं।
  • पेट के समस्त रोगः आँवला चूर्ण का सेवन करने से पेट के लगभग सभी रोगों में लाभ होता है। कब्ज दूर होती है. गोमूत्र के साथ करे तो और भी अधिक लाभ होता है.
  • तेज व मेधा की वृद्धिः आँवला चूर्ण घी के साथ रोज सेवन करने से शरीर में तेज व मेधाशक्ति की वृद्धि होती है।
  • दीर्घायु-प्राप्ति हेतुः ‘गरूड़ पुराण’ के अनुसार सौ वर्ष तक जीने के इच्छुक व्यक्ति को नित्य आँवला मिले जल से स्नान करना चाहिए।
  • गर्मियों में त्वचा पर आंवले के चूर्ण को पानी में घोलकर लेप करने से शरीर की गर्मी निकल जाती है. त्वचा कांतिवान होती है.
  • बालों में भी यह लेप लगाने से बल चमकदार , काले होते है. रुसी दूर होती है.
  • एडियों पर लेप लगाने से फटी एडियाँ ठीक होती है.
  • आंवले के साथ हरा धनिया पीसकर खाने से भी आंखों के रोग में लाभ होता है.
  • आंवला और चंदन का चूर्ण बराबर मात्रा में लेकर 1-1 चम्मच चूर्ण दिन में 3 बार शक्कर और शहद के साथ चाटने से गर्मी की वजह से होने वाली उल्टी बंद हो जाती है।
  • लगभग 1 महीने तक प्रतिदिन सुबह और शाम को पीने से स्त्रियों को होने वाला श्वेतप्रदर नष्ट हो जाता है।
  • आंवला चूर्ण से 2 गुनी मात्रा में गुड़ मिलाकर बेर के आकार की गोलियां बना लें। 3 गोलियां रोजाना लेने से जोड़ों का दर्द खत्म होता है।
  • पिसा हुआ आंवला 1 चम्मच, 2 चम्मच शहद में मिला कर चाटें, ऊपर से दूध पीएं। इससे सदा स्वास्थ्य अच्छा रहता है। दिनभर प्रसन्नता का अनुभव होता है।
  • यह दांतों , मसूढ़ों , हड्डियों को मज़बूत बनाता है.
  • गर्मी से होने वाली शरीर की जलन दूर करता है.
  • इतने सारे लाभ मिले इसलिए घर में अमृत फल आंवले का चूर्ण अवश्य रखे.

त्रिफला के फायदे जानने के लिए हमारा नीचे दिया गया वीडियो देखे

इस वेबसाइट में जो भी जानकारिया दी जा रही हैं, वो हमारे घरों में सदियों से अपनाये जाने वाले घरेल नुस्खे हैं जो हमारी दादी नानी या बड़े बुज़ुर्ग अक्सर ही इस्तेमाल किया करते थे, आज कल हम भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में इन सब को भूल गए हैं और छोटी मोटी बीमारी के लिए बिना डॉक्टर की सलाह से तुरंत गोली खा कर अपने शरीर को खराब कर देते हैं। तो ये वेबसाइट बस उसी भूले बिसरे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लक्षय से बनाई गयी है। आप कोई भी उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर से या वैद से परामर्श ज़रूर कर ले। यहाँ पर हम दवाएं नहीं बता रहे, हम सिर्फ घरेलु नुस्खे बता रहे हैं। कई बार एक ही घरेलु नुस्खा दो व्यक्तियों के लिए अलग अलग परिणाम देता हैं। इसलिए अपनी प्रकृति को जानते हुए उसके बाद ही कोई प्रयोग करे। इसके लिए आप अपने वैद से या डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करे।

Leave a Reply