अमृत से कम नहीं है गिलोय की पत्तियां, विभिन्न रोगों में है रामबाड़ औषधि …

कुदरत ने हमें कई ऐसी चीजें उपहार स्वरूप भेंट दी है जिसका प्रयोग कर ना जाने कितनी खतरनाक बीमारियों से हम मुक्ति पा सकते है। हमारे घर के आसपास होने के बाद आज भी हम इस नायाब चीज के ज्ञान से अधुरे है। जिससे इसका उपयोग सही समय पर सही बीमारी के लिए नहीं कर पाते हैं। आज हम अपने आर्टिकल के द्वारा ऐसे ही एक वनस्पति के बारे में बता रहें हैं, जो हमारे शरीर की एक नहीं बल्कि अनेक बीमारी का समाधान कर सकती है। जानें इस गिलोय की पत्ती के बारें में…

गिलोय की पत्ती के बारें में

भारत में पाई जाने वाली बहुवर्षिय लता है गिलोय, इसकोआयुर्वेद में अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी के नाम से जाना जाता है। इसका आकार पान के पत्ते की तरह होता हैं। गिलोय की इस पत्ती में इतने गुण छिपे होते है जिसके कारण यह अमृता नाम से भी जानी जाती है। गिलोय की पत्‍तियां नीम और आम के पेड़ों के आस पास ही पाई जाती हैं। जिस पेड़ से यह लिपटती हुई बढ़ती है उनके गुणों को भी अपने में समाहित कर लेती है। इस कारण से नीम पर चढ़ी गिलोय सबसे श्रेष्ठ औषधि मानी जाती है।

किस तरह के रोगों को दूर करती है

गिलोय की पत्ती के रस का सेवन करने से शरीर के कई तरह के दोष दूर किए जा सकते है। जैसे पित्त का बनना, कफ-वात को नियत्रिंत करने के अलावा, एलर्जी, त्वचा विकार, झाइयां, झुर्रियां, चर्म रोग, शारीरिक कमजोरी, गले के संक्रमण, खांसी, छींक, मलेरिया, डेंगू, टाइफायड, पेट कृमि, पेट के रोग, सीने में जकड़न, जोडों का दर्द, रक्त विकार, निम्न रक्तचाप, मूत्र रोग, लीवर, किडनी, टीबी, मधुमेह, रक्तशोधक, रोग प्रतिरोधक, गैस, जैसे रोगों को दूर करने में इस प्राकृतिक औषधि का उपयोग किया जाता है।

गिलोय की पत्ती से  बीमारियों का समाधान

खून बढ़ाए

शरीर में खून की कमी से काफी कमजोरी आने लगती है। इसके निवारण के लिए आप रोज सुबह-शाम गिलोय की पत्ती के रस को घी के साथ मिलाकर इसका सेवन करें। इसके साथ आप मिठास लाने के लिए शहद या मिश्री को भी मिलाककर पी सकते है। इससे जल्द ही शरीर में खून की कमी दूर होती है। जिससे शरीर स्वस्थ बना रहता है।

हृदयरोग के लिए लाभकारी

गिलोय की पत्ती में पाया जाने वाला रसायन शरीर की बीमारियों में सुधार लाने का सबसे अच्छा उपचार होता है। यह शरीर के रक्तचाप को संतुलित कर हृदय संबधी रोगों से झुटकारा दिलाता है।

गठिया

गिलोय के चूर्ण में शहद या सोंठ को मिलाकर, इसका सेवन करने से कफ आमवात और गठिया जैसे रोग से झुटकारा मिलता है।

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रक्त कैंसर

गिलोय के रस को गेहूं की पत्ती के साथ रस बनाकर पीने से शरीर में खून की कमी दूर होती है। साथ ही इसके रस का सेवन पानी के साथ मिलाकर खाली पेट करने से ब्लड कैंसर जैसे खतरनाक रोगों से छुटकारा मिलता है।

गैस दूर करे

शरीर का टूटना, जोडों का दर्द , गैस, संबंधी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए गिलोय के एक चम्मच चूर्ण को घी के साथ मिलाकर लेना चाहिए। इससे कई समस्याओं में आराम मिलता है।

बांझपन से मुक्ति

गिलोय के पाउडर को अश्वगंधा के साथ दूध में पकाकर नियमित रूप से रोज इसका सेवन करने से बच्चे के ना होने की परेशानी से निजात मिलती है। मां बनने के सपने को पूरा करता है।

इस वेबसाइट में जो भी जानकारिया दी जा रही हैं, वो हमारे घरों में सदियों से अपनाये जाने वाले घरेल नुस्खे हैं जो हमारी दादी नानी या बड़े बुज़ुर्ग अक्सर ही इस्तेमाल किया करते थे, आज कल हम भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में इन सब को भूल गए हैं और छोटी मोटी बीमारी के लिए बिना डॉक्टर की सलाह से तुरंत गोली खा कर अपने शरीर को खराब कर देते हैं। तो ये वेबसाइट बस उसी भूले बिसरे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लक्षय से बनाई गयी है। आप कोई भी उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर से या वैद से परामर्श ज़रूर कर ले। यहाँ पर हम दवाएं नहीं बता रहे, हम सिर्फ घरेलु नुस्खे बता रहे हैं। कई बार एक ही घरेलु नुस्खा दो व्यक्तियों के लिए अलग अलग परिणाम देता हैं। इसलिए अपनी प्रकृति को जानते हुए उसके बाद ही कोई प्रयोग करे। इसके लिए आप अपने वैद से या डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करे।

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