सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस या गर्दन की गठिया का घरेलु इलाज़

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अगर आप भी सर्वाइकल के दर्द से काफी परेशान हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपचार बताने जा रहे हैं जिससे आप न सिर्फ सर्वाइकल दर्द से बल्कि सर्वाइकल नाम की इस बीमारी से पूरी तरह निजात पा सकते हैं

सर्वाइकल स्पांडलाइटिस (cervical spondylosis) को गर्दन की गठिया (neck arthritis) के नाम से भी जाना जाता है। इस रोग में गर्दन के जोड़ में दर्द की शिकायत रहती है। यह जोड़ कार्टिलेज, ऊतक और सर्वाइकल स्पाइन में जुड़े रहते हैं।

सर्वाइकल स्पांडलाइटिस अधिकतर उम्र बढ़ने के साथ होने लगता है लेकिन कई दफा गर्दन पर दबाव पड़ने, बैठने-उठने के गलत पोश्चर से, धूम्रपान करने, वजन के बहुत ज्यादा होने, जेनेटिक कारणों और आलसी रहन सहन से भी शुरू हो सकता है।

1. नियमित व्यायाम (Daily excersise)- नियमित व्यायाम न करना भी सर्वाइकल स्पांडलाइटिस होने का बड़ा कारण है। नियमित व्यायाम से गर्दन के दर्द को कम किया जा सकता है।
(यदि किसी भी तरह के व्यायाम से दर्द बढ़ जाए तो व्यायाम को छोड़ दें)

2. गर्म और ठंडी सिकाई (Hot and cold fomentation)- गर्दन दर्द से निजात के लिए गर्दन की गर्म और ठंडी सिकाई करने से भी बहुत आराम मिलता है। गर्म सिकाई करने से रक्त संचार बेहतर होता है वहीं ठंडी सिकाई से सूजन और चुभन कम होती है।

कैसे करें उपचार-
गर्म सिकाई के लिए गर्म पानी की बोतल को तौलिया में लपेट कर गर्दन की सिकाई करें।
ठंडी सिकाई करने के लिए बर्फ (ice) के टुकड़ों को तौलिया में लपेटकर, उस तौलिया से सिकाई करें।
सिकाई करते वक्त कम से कम दो से तीन मिनट तक गर्दन की लगातार सिकाई होनी चाहिए।
15 से 20 मिनट में दोबारा दोहराएं। इस विधि को आराम होने तक दिन में दो बार करें।

3. लहसुन (Garlic)- यदि सर्वाइकल स्पांडलाइटिस के लक्षण नजर आएं तो लहसुन का इस्तेमाल बेहद अच्छे परिणाम दे सकता है। इसके औषधीय गुण गर्दन के दर्द, सूजन और जलन को ठीक करते हैं।

कैसे करें उपचार-
लहसुन की दो कली हर सुबह खाली पेट पानी के साथ खाएं।
खाना बनाने वाले किसी भी तेल में लहसुन की कुछ कलियां डाल कर भून लें। इस तेल को गुनगुना होने तक ठंडा करें और प्रभावित हिस्से की मालिश करें। इस विधि को दिन में दो बार किया जा सकता है।

4. हल्दी (Haldi)- हल्दी के औषधीय गुण किसी से छिपे नहीं है लेकिन अच्छी बात यह भी है कि यह सर्वाइकल स्पांडलाइटिस के दर्द में भी उतनी ही प्रभावी है। हल्दी रक्त संचार तेज करके गर्दन के दर्द से आराम देती है और गर्दन की अकड़न को भी कम करती है।

कैसे करें उपचार-
एक चम्मच हल्दी को दूध में डालकर उबालें और ठंडा होने पर इसमें शहद मिलाएं, इसे दिन में दो बार पीएं।

5. तिल (sesame seed)- सर्वाइकल स्पांडलाइटिस के उपचार के लिए आयुर्वेद की बेस्ट औषधि है तिल। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैग्नीज, कॉपर, जिंक, फॉस्फोरस और विटामिन के (vitamin k) तथा डी (vitamin d) प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसी कारण यह हड्डियों के साथ साथ पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है।

कैसे करें उपचार-
तिल के तेल को गुनगुना करके लगभग 10 मिनट प्रभावित हिस्से की मसाज करें। इस क्रिया को दिनभर में तीन से चार बार करें।
गरम सीसम के तेल में कुछ बूंदे लेवेंडर के तेल की डालकर भी मसाज की जा सकती है।
तिल को हल्का सा भूनकर रोज सुबह चबाएं। इसके अलावा गरम दूध में भुने हुए तिल डालकर भी पीया जा सकता है। एक दिन में लगभग दो गिलास दूध पीएं।

6. अदरक (Ginger)- सर्वाइकल स्पांडलाइटिस के इलाज के लिए अदरक भी बेहतरीन प्रभाव दिखाता है। यह रक्त संचार (blood circulation) को तेज करता है जिससे गर्दन के दर्द से राहत मिलती है।

कैसे करें उपचार-
एक दिन में लगभग तीन कप अदरक की चाय पीएं। अदरक की चाय बनाने के लिए पानी में अदरक उबालें और ठंडा करके इसमें शहद मिलाएं। इस पेय को पीएं।
प्रभावित हिस्से की अदरक के तेल से मसाज भी की जा सकती है।

7. सेब का सिरका (Apple cider vinegar)- सेब साइडर सिरका भी सर्वाइकल स्पांडलाइटिस से राहत देने में बहुत अच्छा असर दिखाती है। यह गर्दन के दर्द और सूजन से राहत देता है।

कैसे करें उपचार-
किसी कपड़े को से साइडर सिरका में भिगोकर प्रभावित स्थान पर लपेटें और कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। दिन में दो बार इस विधि को करें।
दो कप सेब के सिरके को गुनगुने पानी में डालकर नहाया भी जा सकता है।
एक गिलास पानी में कच्चा सेब का सिरका और शहद मिलाकर पीने से भी लाभ होता है।

Source: www.health.raftaar.in

इस वेबसाइट में जो भी जानकारिया दी जा रही हैं, वो हमारे घरों में सदियों से अपनाये जाने वाले घरेल नुस्खे हैं जो हमारी दादी नानी या बड़े बुज़ुर्ग अक्सर ही इस्तेमाल किया करते थे, आज कल हम भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में इन सब को भूल गए हैं और छोटी मोटी बीमारी के लिए बिना डॉक्टर की सलाह से तुरंत गोली खा कर अपने शरीर को खराब कर देते हैं। तो ये वेबसाइट बस उसी भूले बिसरे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लक्षय से बनाई गयी है। आप कोई भी उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर से या वैद से परामर्श ज़रूर कर ले। यहाँ पर हम दवाएं नहीं बता रहे, हम सिर्फ घरेलु नुस्खे बता रहे हैं। कई बार एक ही घरेलु नुस्खा दो व्यक्तियों के लिए अलग अलग परिणाम देता हैं। इसलिए अपनी प्रकृति को जानते हुए उसके बाद ही कोई प्रयोग करे। इसके लिए आप अपने वैद से या डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करे।

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