इस पौधे का नाम है सदाबहार – इसको सदाबहार इसलिए कहा गया है क्यूंकि ये 12 महीने पुरे वर्ष फूल आते हैं, इसलिए इसको बारह मासी, सदपुश्पा भी कहा जाता है.
विभिन्न भाषाओँ में सदाबहार के नाम –
संस्कृत – सदापुष्पा, नित्य कल्याणी sadapushpa, nitya kalyani
हिंदी – सदाबहार, सदा सुहागिन, सदा सुहागी sadabahar, sada suhagin
उड़िया – ऐन्स्काटी Ainskati
कन्नड़ – सदापुश्पिया, कानिगालू sadapushpia, kanigalu
गुजराती – बारहमासी barahmasi
तमिल – सुद्कदु मल्लिकई Sudukadu mallikai
तेलुगु – बिल्लागन्नेरू Billaganneru
बंगाली – गुल्फेरिंघी, नयनतारा, त्रिनरासना Gulfernghi, Nayantara, Trinrasna
नेपाली – सदाबहार Sadabahar
मराठी – सदाफूल sadaphool
मलयालम – उशामलारी ushamalari
अंग्रेजी – मेडागास्कर पेरिविन्क्ल, ओल्ड मैड, इंडियन पेरिविन्क्ल, विनका, रोज़ पेरिविन्क्ल Madagascar Periwinkle, Old maid, Indian Periwinkle, Vinka, Rose periwinkle. इस साधारण से दिखने वाले पौधे को इसके गुणों के कारण संजीवनी भी बोला गया है. आइये जान लेते हैं इसके गुण और प्रयोग.
बाल झड़ने या सफेद में सदाबहार के फायदे
बाल झड़ने या सफेद होने जैसी परेशानी से लगभग सभी लोग परेशान हैं। इसलिए इसको कूट कर बालों में लगा लेने से बाल झड़ने जैसी परेशानी भी दूर हो जाती है।
डायबिटीज में सदाबहार के फायदे और उपयोग
सदाबहार के पुरे पौधे में लगभग 150 प्रकार के Alkaloid पाए जाते हैं. जिनका Hypoglycemic effect होता है. ये Effect रक्त में शुगर के लेवल के कम करने के लिए बेहद लाभकारी है. ये Alkaloid पैंक्रियास की बीटा सेल्स को शक्ति प्रदान करता है, जिस से Pancreas सही मात्रा से insulin निकालने लगता है. Insulin ही वो हॉर्मोन है जो ब्लड में शुगर की मात्र को संतुलित करके रखता है. इस लिए ये दोनों प्रकार के शुगर के रोगियों के लिए अत्यंत फायदेमंद है. डायबिटीज में इस पौधे के फूल पत्ते टहनी आदि का रस पी सकते हैं या इसकी चटनी बना कर खाएं या रात को 5 पत्ते एक गिलास पानी में भिगो कर रख दें और सुबह खाली पेट शौच के बाद इस पानी को पीजिये, और चटनी भी खाली पेट ही लेनी है. इसको करने के 10 दिन बाद अपनी शुगर जांच करवाएं. आपको निश्चित ही फायदा होगा.
हाई ब्लड प्रेशर में सदाबहार के फायदे और उपयोग
सदाबहार की जड़ में Ajmalicine and Serpentine नामक Alkaloid पाए जाते हैं, जो के Anti Hypertensive होते हैं. ये उच्च रक्तचाप के लिए अत्यंत प्रभावशाली है, इसकी जड़ को साफ़ करके सुबह चबा चबा कर के खा लीजिये, या फिर दातुन की तरह चबा चबा कर इसका रस पीते रहें और बाद में इसके अवशेष को फेंक दें. इसके साथ में आप सर्पगंधा की जड़ को भी इस्तेमाल कर सकते हैं. दोनों को मिला कर लेने से इसका रिजल्ट और भी अच्छा होगा. सर्पगंधा आप किसी पंसारी से ले लीजियेगा. अगर सर्पगंधा ना भी मिले तो भी आप अकेले सदाबहार की जड़ को उपयोग कर सकते हैं.
आयुर्वेद हीलिंग एप्प के माध्यम से पाइए आयुर्वेद से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी, विभिन्न आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्ख़े, योगासनों की जानकारी। आज ही एप्प इंस्टॉल करें और पाएं स्वस्थ और सुखी जीवन। सबसे अच्छी बात ये है कि ऑफलाइन मोड का भी फीचर है मतलब एक बार अपने ये एप्प इनस्टॉल कर ली तो अगर आपका नेट पैक खत्म 🤣 भी हो जाता है तो भी आप हमारे घरेलू नुस्खे देख सकते है तो फिर देर किस बात की आज ही इनस्टॉल करे । नीचे दिए गए लाल रंग के लिंक में क्लिक करे और हमारी एप्प डाउनलोड करे
http://bit.ly/ayurvedhealing
कैंसर में सदाबहार के फायदे और उपयोग
सदाबहार की पत्तियों में दो Alkaloid पाए जाते हैं, vincristine and vinblastine. एलॉपथी में इन दोनों नामों से इंजेक्शन भी आते हैं जो मुख्यतः कैंसर के रोगियों को दिए जाते हैं. ये कैंसर के कीमो थेरेपी के साथ मे दिया जाता है. कैन्सर के रोगियों को इसकी पत्तियों की चटनी बना कर नियमित दीजिये, अगर रोगी ऐसी हालत में हो जिसमे वो कुछ खा ना सके तो इसका रस निकाल कर दे दीजिये. ध्यान रहे के ये सुबह खाली पेट ही देना है शौच के बाद.
ध्यान देने योग्य बातें.
जब भी आप इस पौधे का इस्तेमाल करें तो ध्यान रहे के आप गुलाबी रंग या सफ़ेद रंग के फूलों वाले सदाबहार के पौधे को ही इस्तेमाल करें.