मुलेठी सबसे आसानी से मिलने वाली आयुर्वेदिक औषधि है। इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में श्वसन और पाचन रोग की दवाओं में सबसे ज्यादा किया जाता है। अगर आपको गैस की बीमारी लंबे समय से सता रही है, खांसी काफी दिनों से परेशान कर रही हो, तो मुलेठी से कारगर कोई दवा नहीं होगी।
शोधों से पता चला है कि पेट की अल्सर के घाव को भरने में भी मुलेठी काफी असरदार है। दरअसल मुलेठी एक सूखी लकड़ी की तरह दिखती है। असल में मुलेठी के पौधे के तने का प्रयोग औषधि के रुप में किया जाता है। मुलेठी को ढूंढने के लिए आपको किसी हर्बल स्टोर को खोजने की कोई जरुरत नहीं है। आप इसे आसानी से किराने की दुकान से भी खरीद सकते है। अब बाज़ार में मुलेठी पाउडर भी मिलते हैं।
स्वाद में मीठी जड़ों वाली मुलेठी में अपनी खास औषधीय गुणों के कारण अब हर घर में दवा के रुप में ली जाने लगी है। इसका उल्लेख अथर्ववेद से लेकर चरक संहिता तक में है। विदेशी चीनी चिकित्सा प्रणाली में भी मुलेठी को एक विशेष स्थान दिया गया है।
मुलेठी का सेवन काफी आसान है। जब भी आपको खांसी हो बस इसके एक टुकड़े को अपने मुंह में डाल लें और दांतों से हलके से इसे दबाते हुए इसके रस को चूसें। अगर आपकी खांसी सूखी है तो इसका सेवन शहद के साथ करें। इसके अलावा आप इसे गर्म पानी के एक कप में भिगो दें। कुछ देर भिगोने के बाद मुलेठी को पानी से बाहर निकाल लें और कप के पानी को दुबारा गर्म कर उसे धीरे धीरे पीएं।
आप इसे चाय में डाल कर भी पी सकते हैं। इसे अदरक, तुलसी के रस और शहद के साथ पीस कर बने पेस्ट के रुप में भी सेवन कर सकते हैं। इसमें कैल्शियम, ग्लूकोज और आइरन की काफी मात्रा पाई जाती है।
आइये जाने मुलेठी के फायदे इन हिंदी – Mulethi ke fayde in hindi
खांसी में लाभदायक
मुलेठी को काली-मिर्च के साथ खाने से कफ ढीला होता है। सूखी खांसी आने पर मुलेठी खाने से फायदा होता है। इससे खांसी तथा गले की सूजन ठीक होती है।
गले में खराश
गले में खराश के लिए भी मुलेठी का प्रयोग किया जाता है।
फोड़े हो जाने पर
फोड़े होने पर मुलेठी का लेप लगाने से जल्दी ठीक हो जाते है।
दिल के रोग से बचाए
लगभग ४ ग्रा. मुलेठी का चूर्ण घी या शहद के साथ लेने से ह्रदय रोगों में लाभ होता है।
मुंह के छालों से राहत
इसके चूर्ण को मुंह के छालों पर लगाने से आराम मिलता है।
मुलेठी महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है
मुलेठी का एक ग्राम चूर्ण नियमित सेवन करने से स्त्रियां, अपनी सुंदरता को लंबे समय तक बनाये रख सकती हैं।
खून बढाए
इसके आधा ग्राम रोजाना सेवन से खून में वृद्धि होती है।
जल जाने पर
जलने पर मुलेठी और चन्दन के लेप से शीतलता मिलती है.
मासिक संबंधी रोग में
जिन महिलाओं को मासिक संबंधी परेशानी होती हो वे 1 महीने तक आधा चम्मच मुलेठी के चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर सुबह और शाम चाटने से इस समस्या में लाभ देगा।
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पेट का घाव भरने के लिये
मुलेठी की जड़ पेट के घावों को समाप्त करती है, इससे पेट के घाव जल्दी भर जाते हैं। पेट के घाव होने पर मुलेठी की जड़ का चूर्ण इस्तेमाल करना चाहिए।
पेट के अल्सर के लिए फायदेमंद है
इससे न केवल गैस्ट्रिक अल्सर वरन छोटी आंत के प्रारम्भिक भाग ड्यूओडनल अल्सर में भी पूरी तरह से फायदा करती है। जब मुलेठी का चूर्ण ड्यूओडनल अल्सर के अपच, हाइपर एसिडिटी आदि पर लाभदायक प्रभाव डालता है। साथ ही अल्सर के घावों को भी तेजी से भरता है।
टीबी रोग में फायदेमंद
मुलेठी आंतों की टीबी के लिए भी फायदेमंद है।
आंखों की रोशनी बढ़ाए
मुलेठी के चूर्ण से आँखों की शक्ति भी बढ़ती है सुबह तीन या चार ग्राम खाना चाहिये।
खून की उल्टियां में फायदेमंद
खून की उल्टियां होने पर दूध के साथ मुलेठी का चूर्ण लेने से फायदा होता है। खूनी उल्टी होने पर मधु के साथ भी इसे लिया जा सकता है।
ताकत बढ़ाए
रोज़ ६ ग्रा. मुलेठी चूर्ण , ३० मि.ली. दूध के साथ पिने से शरीर में ताकत आती है।
पित्त दूर करे
यह ठंडी प्रकृति की होती है और पित्त का नाश करती है।