जाने कैसे पा सकते है आप कब्ज से हमेशा के लिए छुटकारा

यह पाचन तन्त्र का प्रमुख विकार है।  कब्ज सिर्फ भूख ही कम नहीं करती  बल्कि गैस ,एसिडिटी  व् शरीर में होने वाली अन्य कई समस्याएं पैदा कर सकती है|  बच्चों से लेकर वृद्ध तक इस रोग से पीड़ित रहते हैं|

मनुष्यों मे मल निष्कासन की फ़्रिक्वेन्सी अलग-अलग पाई जाती है। किसी को दिन में एक बार मल विसर्जन होता है तो किसी को दिन में २-३ बार होता है। कुछ लोग हफ़्ते में २ य ३ बार मल विसर्जन करते हैं। ज्यादा कठोर,गाढा और सूखा मल जिसको बाहर धकेलने के लिये जोर लगाना पडे यह कब्ज रोग का प्रमुख लक्षण  है।ऐसा मल हफ़्ते में ३ से कम दफ़ा आता है और यह इस रोग का दूसरा लक्षण  है। कब्ज रोगियों में पेट फ़ूलने की शिकायत भी साथ में देखने को मिलती है। यह रोग किसी व्यक्ति को किसी भी आयु में हो सकता है हो सकता है लेकिन महिलाओं और बुजुर्गों में कब्ज रोग की प्राधानता पाई जाती है।

मैं नीचे कुछ ऐसे कब्ज निवारक उपचारों का उल्लेख कर रहा हूं जिनके समुचित  उपयोग से कब्ज का निवारण होता है और कब्ज से होने वाले रोगों से भी बचाव हो जाता है-

रेशेदार आहार खाएं

बींस, पत्ता गोभी, ब्रॉक्‍ली, टमाटर, गाजर, पत्तेदार सब्जियां, प्याज आदि खाइये। रेशायुक्त आहार आराम से हजम भी जो जाता है और कब्ज की समस्या को भी मिटा देता है। फ्रूट्स में आपको केला, पपीता, खरबूज, नींबू, आम, सेब और मुसम्मी आद‍ि खानी चाहिये।

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सौंफ़

सौंफ़ के बीज अपच , सूजन, कब्ज और चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम जैसे मुद्दों के उपचार में उपयोगी होते हैं।
वे पाचन तंत्र में मांसपेशियों की चिकनाहट बनाए रखने में मदद करते है। एक कटोरी सौंफ़ के बीज की ले कर उन्हे भून लें और फिर इसका महीन चूरन बना ले। इस स्वादिष्ट और पाचन पाउडर को किसी सूखे बर्तन में स्टोर कर लें एवं इसका आधा चम्मच प्रतिदिन गरम पानी के साथ लें।

अलसी का बीज

अलसी के बीज में फाइबर और ओमेगा -3 फैटी एसिड के साथ साथ कई अन्य औषधीय गुण है। इसके अलावा , अलसी कब्ज के हल्के करने, बहुत गंभीर मामलों का इलाज करने में बहुत उपयोगी हो सकता है। एक गिलास पानी में अलसी के बीज भिगो दे एवं रात को सोने से पहले इस पानी का सेवन करें। इसके अलावा आप रात को सोने से पहले एक चम्मच अलसी के बीजो का सेवन पानी के साथ भी कर सकते है।
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पालक

पालक पाचन तंत्र के लिए बहुत उपयोगी है खासकर जब आप कब्ज से पीड़ित हो। कच्चे पालक में मौजूद विभिन्न घटक पूरे आंत्र पथ को साफ, संगठित और पुनर्जीवित कर सकते हैं। कब्ज से छुटकारा पाने के लिए, आपको अपने आहार में पालक को शामिल करना चाहिए। आप इसे कच्चा या पका कर खा सकते है, ये आपकी पसंद पर निर्भर करता है। यदि कब्ज ज्यादा गंभीर है तो आप आधा गिलास कच्चे पालक के पत्तों के जूस का इस्तेमाल आधा गिलास पानी के साथ कर सकते है। कुछ ही दिनों के भीतर, आपको बहुत राहत मिल जाएगी।
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नींबू

नींबू या विशेष रूप से नींबू के रस कब्ज का इलाज कर सकते हैं। यह पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है। यह सबसे आसान और प्रभावी उपचार में से एक है जिसे आप घर पर कोशिश कर सकते हैं। गुनगुने पानी के एक गिलास में आधा नींबू निचोड़ ले और इसमें एक चुटकी सेंधा नमक और एक चम्मच शहद मिला लें। इसका इस्तेमाल सुबह खाली पेट करें। आप चाहे तो इसका इस्तेमाल शाम को भी कर सकते है। कुछ ही दिनो में आप फर्क महसूस करेंगे।

अंजीर

अंजीर बहुत फाइबर में बहुत उच्च हैं और एक प्राकृतिक रेचक  के रूप में काम करते हैं। पुरानी कब्ज से पीड़ित लोगों को अपने आहार में अंजीर को शामिल करना चाहिए। कब्ज के उपचार के लिए, दोनों ताजा और सूखे अंजीर का इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि ताज़ा अंजीर उपलब्ध है तो इसका इस्तेमाल छिलके के साथ करें। इसके छिलके में फाइबर और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। 2-3 बादाम और सूखे अंजीर लें। कुछ घंटों के लिए उन्हें पानी में भिगो दें। बादाम का छिलका उतार कर ,बादाम एवं अंजीर को पीस लें। इस पेस्ट का इस्तेमाल रात को शहद की एक चम्मच के साथ करें।
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पानी एवं फाइबर

अधिकतर कब्ज का मुख्य कारण आहार में फाइबर की कमी है। यह आंतों में पानी की मात्रा को बनाए रखता है जो माल को पतला होने में मदद करता है। उच्च फाइबर आहार में सेम, आलू, गाजर, ब्राउन चावल, prunes, गेहूं के बीज, ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे खाद्य पदार्थ, नट, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, ब्रोकोली, मटर इत्यादि शामिल है।
कब्ज से पीड़ित लोगो को दिन में कम से कम 10-12 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। इसके अलावा आप फलो के रस का भी सेवन कर सकते है। मादक पेय पदार्थों और कैफीन से बचें ये निर्जलीकरण के रूप में आपकी हालत और भी खराब कर सकते है।

शहद

शहद एक हल्के रेचक के रूप में कार्य करता है और कब्ज से राहत में बेहद फायदेमंद है। आप इसका इस्तेमाल कब्ज से बचने एवं कब्ज के इलाज दोनों में कर सकते है। दिन में 2-3 बार एक चम्मच शहद का इस्तेमाल आप कर सकते है। इसके अलावा आप इसे एक गिलास गरम पानी में नींबू के रस के साथ भी उपयोग में ला सकते है।
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अजवायन

अजवायन 10 ग्राम, त्रिफला 10 ग्राम और सेंधानमक 10 ग्राम को बराबर मात्रा में लेकर कूटकर चूर्ण बना लें। रोजाना 3 से 5 ग्राम इस चूर्ण को हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से काफी पुरानी कब्ज समाप्त हो जाती है। इसके अलावा सुबह उठने के बाद नींबू के रस को काला नमक मिलाकर पानी के साथ सेवन कीजिए। इससे पेट साफ होगा।
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किशमिश

किशमिश में कब्ज निवारण गुण होते हैं। सूखे अंगूर याने किशमिश पानी में 3 घन्टे भिगों दें फिर इसके बाद किशमिश को पानी से निकालकर खा लीजिए। इसे खाने से आंतों को ताकत मिलती है और दस्त आसानी से आती है। इससे कब्ज की शिकायत दूर होती है।
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मुनक्का

मुनक्का में कब्ज नष्ट करने के तत्‍व मौजूद होते हैं। 6-7 मुनक्का रोज रात को सोने से पहले खाने से कब्ज समाप्त होती है। इसके अलावा सुबह उठने के बाद बिना कुछ खाए हुए, 4-5 दाने काजू के और 4-5 दाने मुनक्का के साथ खाइए, इससे कब्ज की शिकायत समाप्त होगी।

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अंगूर

अंगूर में मौजूद अघुलनशील फाइबर नियमित मल त्याग उत्पादन में मदद करता है। दैनिक एक छोटी कटोरी अंगूर जरूर खाओ या फिर कम से कम आधा गिलास अंगूर के जूस का जरूर पियो। इसके अलावा आप 10-12 सूखे अंगूर ले कर उन्हे दूध में उबाल कर भी खा सकते है। यह उपाय बच्चो को कब्ज से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यदि ताज़ा अंगूर उपलब्ध नहीं है तो आप पानी में भिगो कर किशमिश का इस्तेमाल भी कर सकते है।
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गुड़

बिस्तर पर जाने से पहले गुड का एक टुकड़ा या चम्मच जरूर लें। यदि आपको इसका स्वाद पसंद नहीं है तो आप इसे दूध में दाल कर या फिर फलो के जूस के साथ इस्तेमाल कर सकते है। यदि समस्या फिर भी ठीक नहीं होती तो गुड की मात्रा को आप बढ़ा सकते है। गुड़ उच्च कैलोरी युक्त होता है , तो आपको दैनिक आधार पर इस उपाय का पालन नहीं करना चाहिए।

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और सबसे महत्वपूर्ण बात डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

इस वेबसाइट में जो भी जानकारिया दी जा रही हैं, वो हमारे घरों में सदियों से अपनाये जाने वाले घरेल नुस्खे हैं जो हमारी दादी नानी या बड़े बुज़ुर्ग अक्सर ही इस्तेमाल किया करते थे, आज कल हम भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में इन सब को भूल गए हैं और छोटी मोटी बीमारी के लिए बिना डॉक्टर की सलाह से तुरंत गोली खा कर अपने शरीर को खराब कर देते हैं। तो ये वेबसाइट बस उसी भूले बिसरे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लक्षय से बनाई गयी है। आप कोई भी उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर से या वैद से परामर्श ज़रूर कर ले। यहाँ पर हम दवाएं नहीं बता रहे, हम सिर्फ घरेलु नुस्खे बता रहे हैं। कई बार एक ही घरेलु नुस्खा दो व्यक्तियों के लिए अलग अलग परिणाम देता हैं। इसलिए अपनी प्रकृति को जानते हुए उसके बाद ही कोई प्रयोग करे। इसके लिए आप अपने वैद से या डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करे।

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