शिलाजीत का सेवन आपका जीवन खुशियों से भर सकता है

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शिलाजीत के फायदे व नुकसान इन हिंदी:  शिलाजीत एक गुणकारी औषधी है, जो कई परेशानियों या बीमारियों में हमारे लिए फायदेमंद है| यह हिमालय की पहाड़ियों में पाया जाता है. यह चार प्रकार का होता है| शिलाजीत एक ऐसी औषधी है, जो स्वस्थ्य रहने में हमारी बहुत मदद करता है|शिलाजीत का स्वाद बहुत कड़वा और कसैला होता है| और यह बहुत काला होता है| शिलाजीत का सेवन फायदेमंद है, लेकिन साथ हीं कुछ सावधानियों का भी ध्यान रखना पड़ता है|और खानपान में भी कुछ चीजों के प्रति संयम बरतना पड़ता है|

👉यह भी पढ़े : असली शिलाजीत की पहचान कैसे करे – Asli Shilajeet ki pehchaan kaise kare in hindi

शिलाजीत के प्रकार

शिलाजीत के चार प्रकार होते हैं- रजत, स्वर्ण, लौह और ताम्र। हर प्रकार की शिलाजीत के गुण व लाभ अलग-अलग हैं।

  • रजत शिलाजीत पित्त तथा कफ के विकारों को खत्म करता है।
  • स्वर्ण शिलाजीत वात और पित्तजनित बीमारियों के लिए असरदार है।
  • लौह तथा ताम्र शिलाजीत कफ से हुए रोगों के इलाज के लिए कारगर दवा है।

आमतौर पर शिलाजीत शारीरिक कमजोरी, यौ*न दुर्ब*लता, मोटापा, डायबिटीज, सांस से संबधित रोग, मिर्गी, बवासीर और सजून के इलाज के लिए दवा के रुप में इस्तेमाल किया जाता है।

तो आइए जानते है कि शिलाजीत के क्या-क्या फायदे हैं और कैसे इसका उपयोग किया जा सकता है|

शिलाजीत के फायदे – shilajit benefits in hindi

यौ*न शक्ति*वर्द्धक

सदियों से आयुर्वेद में शिलाजीत को यौ*न शक्ति*वर्द्धक दवा के रुप में इस्तेमाल किया जा रहा है। यह पुरुषों में वी*र्य की संख्या बढ़ाता है और से*क्स हार्मोन को भी नियंत्रित करता है।

तनाव और मानसिक थकावट के लिए शिलाजीत – Shilajit for Stress in Hindi

शिलाजीत के सेवन से नर्वस सिस्टम सही से काम करता है। मानसिक थकावट, अवसाद, तनाव और चिंता से लड़ने के लिए शिलाजीत का सेवन करना चाहिए। इससे स्मरण शक्ति भी बढ़ती है, किसी भी काम करने में मन लगता है। दिमागी ताकत के लिए प्रतिदिन एक चम्मच मक्खन के साथ शिलाजीत का सेवन लाभदायक होता है ।

शिलाजीत के फायदे मधुमेह के लिए – Shilajit for Diabetes in Hindi

इसके सेवन से डायबिटीज भी कंट्रोल में रहता है। यह रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है और शरीर से हानिकारक टॉक्सिंस बाहर निकालने का काम करती है।

पाचनतंत्र के लिए शिलाजीत –  Shilajit for Gas, Kabj, Pet dard in Hindi

शिलाजीत शरीर के पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है। इसके सेवन से अपच, गैस, कब्ज और पेट के दर्द जैसी बिमारियां खत्म होती हैं।

किडनी और अंत:स्राव ग्रंथि के लिए शिलाजीत – Shilajit for Kidney in Hindi

शिलाजीत के सेवन से किडनी, पैनक्रियाज और थायराइड ग्लैंड भी सही से काम करते हैं। यह ब्लड सर्कुलेशन के लिए भी अच्छा है।

दिल के रोग में शिलाजीत – Shilajit for Heart Disease in Hindi

शिलाजीत दिल की सेहत के लिए भी अच्छा है। दिल के साथ-साथ यह रक्त चाप को भी नियंत्रित करता है।

हाई ब्लड प्रेशर में शिलाजीत – Shilajit for High Blood Pressure in Hindi

यदि आप शिलाजीत का सेवन करते हो तो इसस आप हाई बीपी (हाई ब्लड प्रेशर, उच्च रक्तचाप) की समस्या से बच सकते हो। यह शरीर में रक्तसंचार को भी सुंचारू बनाता है। साथ ही यह खून को भी साफ करता है।

दिमाग को दुरूस्‍त रखें शिलाजीत – Shilajit for mind in Hindi

शिलाजीत खाने से दिमाग की शक्ति बढ़ती है। नर्वस सिस्टम को मजबूत बनता है। यह तनाव पैदा करने वाले हार्मोन को बैलेंस करती है। रोजाना 1 चम्मच शुद्ध मक्खन के साथ शिलाजीत का सेवन करने से दिमागी थकावट नहीं होती और व्यक्ति की याददाश्त तथा दिमाग तेज होता हैं।

झुर्रियों की समस्या में शिलाजीत – Shilajit for wrinkles in Hindi

जब हमारी उम्र बढ़ने लगती है तब चेहरे पर झुर्रियां आने लगती हैं। और इस वजह से हम बूढ़े दिखाई देने लगते हैं। यदि आप शिलाजीत को सफेद मूसली और अश्वगंधा के साथ मिलाकर उसका लेप बनाते हो और उसे चेहरे पर लगाते हो तो इससे आपके चेहरे से कुछ ही दिनों में झुर्रियां खत्म हो जाएगीं।

बार-बार पेशाब की समस्या में शिलाजीत – bar bar Pesab aane me Shilajit in Hindi

यदि आपको बार-बार पेशाब आता हो यानि की बहुमूत्र आता हो तो आप जरूर शिलाजीत का सेवन छोटी इलायची और शहद के साथ करें। इससे आपको जल्द ही इस समस्या से निजात मिल जाएगा।

शी*घ्रप*तन की समस्या

जिन लोगों को शीघ्रपतन की समस्या का सामना करना पड़ता है, उन्हें इसका कुछ दिनों तक नियमित सेवन करना चाहिए. इससे शी*घ्रप*तन किस समस्या खत्म हो जाती है

एनीमिया का आयुर्वेदिक प्रबल उपचार है शिलाजीत – Shilajit for Anemia in Hindi

शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन न मिलने से खून की कमी हो जाती है। इसकी वजह से थकान, कमजोरी, सिरदर्द, हृदय की गति बढ़ना और हाथ पैर ठंडे पड़ जाते हैं। शिलाजीत की खुराक लेने से शरीर में धीरे-धीरे आयरन की कमी पूरी होने लगती है। यह रेड ब्लड सेल्स की संख्या को बढ़ाता है जिससे एनीमिया की समस्या अपने आप खत्म हो जाती है। \

हड्डियों के रोग में – Shilajit for Gathiya(Arthritis) in Hindi

शिलाजीत खाने से हड्डियों की मुख्य बीमारियां जैसे जोड़ों का दर्द और गठिया की समस्या दूर होने के साथ हड्डियां मजबूत बनती हैं।

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अन्य औषधीय लाभ

  • गठिया और जोड़ों के दर्द में
  • स्वप्न*दोष की समस्या
  • कफ को खत्म करने में
  • सूजन को कम करने में
  • सांस संबंधी बिमारियों में
  • पेशाब और किडनी की बीमारी में
  • पीलिया
  • एनिमिया के इलाज में
  • अल्सर को कम करने में
  • अल्जाइमर

सावधानी और शिलाजीत के साइड इफेक्ट्स – shilajit ke nuksan (side effects) in hindi

चिकित्सकों के अनुसार शिलाजीत का सेवन बारह रत्ती से दो रत्ती के बीच ही करना चाहिए। मात्रा का निर्धारण रोगी की शारीरिक स्थिति उसकी आयु और उसकी पाचन शक्ति को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।

शिलाजीत का सेवन दूध और शहद के साथ सुबह सूयोर्दय से पहले कर लेना चाहिए। इसके ठीक प्रकार पाचन के बाद अर्थात तीन-चार घंटे के बाद ही भोजन करना चाहिए।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली औरतों को भी इसके सेवन से परहेज करना चाहिए।

जो मरीज गंभीर गठिया से ग्रस्त हों उन्हें शिलाजजीत सेवन से बचना चाहिए। ऐसे मरीजों को शिलाजीत के सेवन से खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाने का खतरा रहता है।

कभी-कभी शिलाजीत के सेवन से एलर्जी, दिल की धड़कन तेज और उल्टी भी होती है।

👉यह भी पढ़े : शिलाजीत का सेवन कैसे करें- shilajit ka sevan kaise kare in hindi

इस वेबसाइट में जो भी जानकारिया दी जा रही हैं, वो हमारे घरों में सदियों से अपनाये जाने वाले घरेल नुस्खे हैं जो हमारी दादी नानी या बड़े बुज़ुर्ग अक्सर ही इस्तेमाल किया करते थे, आज कल हम भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में इन सब को भूल गए हैं और छोटी मोटी बीमारी के लिए बिना डॉक्टर की सलाह से तुरंत गोली खा कर अपने शरीर को खराब कर देते हैं। तो ये वेबसाइट बस उसी भूले बिसरे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लक्षय से बनाई गयी है। आप कोई भी उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर से या वैद से परामर्श ज़रूर कर ले। यहाँ पर हम दवाएं नहीं बता रहे, हम सिर्फ घरेलु नुस्खे बता रहे हैं। कई बार एक ही घरेलु नुस्खा दो व्यक्तियों के लिए अलग अलग परिणाम देता हैं। इसलिए अपनी प्रकृति को जानते हुए उसके बाद ही कोई प्रयोग करे। इसके लिए आप अपने वैद से या डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करे।

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