बालों का गिरना कैसे रोके, बाल झड़ने से रोकने के घरेलू नुस्खे

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बालों का झड़ना आम बात है, लेकिन जरूरत से ज्यादा बाल झड़ने लगे तो समझना चाहिए कि आप बालों की समस्या से गुजर रहे हैं। बालों की समस्याओं से निजात पाने के लिए जरूरी है आप बालों की देखभाल सही रूप में करें।

साधारणतः त्वचा विशेषज्ञ यह कहते हैं कि 50 से 100 बालों का झड़ना आम बात है बालों का झड़ना आम बात है, लेकिन जरूरत से ज्यादा बाल झड़ने लगे तो समझना चाहिए कि आप बालों की समस्या से गुजर रहे हैं। बालों की समस्याओं से निजात पाने के लिए जरूरी है आप बालों की देखभाल सही रूप में करें।

आजकल लोग खराब जीवनशैली, खान-पान, प्रदूषित वातावरण, हार्मोनल के बदलाव आदि के कारण कम उम्र में ही इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं।

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बाल झड़ने से रोकने के उपाय – hair fall control tips in hindi

  1. अपने बालों के साथ नरमी से पेश आएं। गीले बालों में कंघी करने से परहेज करें।
  2. रोज़ाना अपने सिर की अच्छे से मालिश करें। इससे आपके बालों को पोषण मिलेगा और सिर में रक्त संचार बढ़ेगा। ऐसा करने से स्वस्थ बाल भी उगेंगे।
  3. बालों को पीछे खींचकर कंघी करने की विधि का उपयोग करने से परहेज करें। इससे बालों की जड़ में दबाव पड़ता है और वे टूट जाती हैं।
  4. आजकल लोग सुन्दर दिखने के लिए बालों की नयी नयी स्टाइल का प्रयोग करते हैं। पर जैसे ही आप घर वापस आएं, बालों की देखभाल करें और उन्हें अच्छे से साफ़ करके उनपर तेल लगाएं। बालों को ज़्यादा गर्मी देने से परहेज करें।
  5. अगर बाहर मौसम काफी ठंडा भी हो, फिर भी अपने बालों को गर्म पानी से ना धोएं। यह बालों के झड़ने का एक और कारण है। पानी की गर्मी से बाल कमज़ोर हो जाते हैं। इससे वो आसानी से टूटते और झड़ते हैं।

बालों को गिरने से बचाने के लिए घरेलू नुस्खें – Baal Jhadne ke Gharelu Nuskhe in Hindi

मेंहदी लगाएं

बालों को मजबूत बनाने और टूटने से बचाने के लिए आपको बालों को भरपूर पोषण देना चाहिए और इसके लिए आपको बालों में मेहंदी लगानी चाहिए।

दही लगाएं

बालों को पोषण देने के लिए दही भी बढि़या उपाय है। इसके लिए आपको बालों को धोने से कम से कम 30 मिनट पहले बालों में दही लगानी होगी आप चाहे तो दही में नींबू रस भी मिला सकते हैं। दही को लगाकर अच्छी तरह से दही को सूखने दें। इससे बालों में चमक भी आएगी और बालों में जान भी बनी रहेगी।

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मालिश है जरूरी

बालों में जान लाने के लिए तेल से मालिश करना भी जरूरी है। आप सप्ताह में कम से कम एक बार एक घंटे तक बालों की अच्छी तरह से मालिश करें और स्कॉल्प पर हल्के हाथों से तेल लगाएं ताकि तेल बालों की जड़ों पर जाएं।

नीम का उपचार

नीम का पौधा ना सिर्फ आपके बालों और त्वचा के लिए अच्छा होता है, बल्कि यह एक एंटीसेप्टिक होता है जो कि वायरस और बैक्टीरिया के असर को निरस्त करता है। बगीचे से कुछ ताज़ी नीम की पत्तियां लें और उन्हें उबालें। इसे तब तक उबालें जब तक बर्तन का पानी आधा न हो जाए और इसका रंग हरा न हो जाए। अब इसे ठंडा करें और धीरे धीरे अपने बालों पर जड़ों से शुरू करते हुए लगाएं।

आंवला

बालों की झड़ने की समस्या के निदान के लिए आंवला सबसे अच्छे उपचार के रूप में काम करता है। क्योंकि इसमें विटामिन सी और एन्टी ऑक्सिडेंट्स  प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसको इस्तेमाल तो कर ही सकते हैं साथ ही इसका नियमित रूप से सेवन करने पर भी लाभ मिलता है।

विधि

आंवला के फल को पीस लें या आंवला पावडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। एक कटोरी में दो छोटा चम्मच आंवला का जूस या पावडर लें और उसमें दो छोटा चम्मच नींबू का रस डालकर अच्छी तरह से मिला लें। उसके बाद उस पेस्ट को सिर पर अच्छी तरह से लगाकर सूखने के लिए छोड़ दें। सूखने के बाद गुनगुने गर्म पानी से बालों को धो लें।

विटामिन बी3 के नियमित सेवन से स्किन कैंसर का खतरा कम होता है

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त्वचा कैंसर सूर्य की हानिकारक किरणों के संपर्क में आने के कारण अधिक होता है। लेकिन अगर आप त्वचा कैंसर से बचना चाहते हैं तो विटामिन बी3 का अधिक मात्रा में सेवन कीजिए। विटामिन बी3 सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाव के लिए सनस्क्रीम से अधिक फायदेमंद है। कई शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि विटामिन बी3 के नियमित सेवन से स्किन कैंसर का खतरा एक चौथाई कम होता है। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए यह लेख पढ़ें।

आस्ट्रेलिया में हुए शोध के अनुसार

आस्ट्रेलिया के सिडनी विश्वविद्यालय द्वारा किये गये शोध की मानें तो विटामिन बी3 के नियमित सेवन से सामान्य स्किन कैंसर की संभावना एक चौथाई कम की  जा सकती है। इस शोध में यह बात भी साबित हुई कि मेवा, मांस और अनाज में पाया जाने वाला निकोटीनामाइड (विटामिन बी3) को यदि टैबलेट के रूप में या सनस्क्रीम में इस्तेमाल किया जाता है तो यह कोशिकाओं को सशक्त करके यूवी के प्रभावों से बचाता है और प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है।

जानिए कैसे बचाता है स्किन कैंसर से

विटामिन बी3 हानिकारक पराबैंगनी (यूवी) किरणों से लड़ने में अधिक सक्षम होता है। इन खाद्य पदार्थों में पाया जाने वाला विटामिन पराबैंगनी किरणों के कारण होने वाले त्वचा कैंसर को रोकने में सनस्क्रीम की तुलना में अधिक प्रभावी है। सूर्य की रोशनी में मौजूद पराबैंगनी विकिरण त्वचा के प्रतिरोधी तंत्र को प्रभावित करता है और इससे त्वचा कैंसर का जोखिम बढ़ता है। यूवीबी किरणों से त्वचा को बचाने में सनस्क्रीम प्रभावी पाये गये हैं लेकिन यूवीए के खिलाफ ये कम प्रभावी साबित हुए हैं।

वहीं निकोटीनामाइड या विटामिन बी3 यूवीए और यूवीबी दोनों से ही प्रतिरोधी तंत्र की सुरक्षा करके त्वचा की कोशिकाओं को बचाता है। परीक्षणों के अनुसार पानी में विलेय विटामिन बी3 टैबलेट और लोशन दोनों ही रूप में यूवीए और यूवीबी के खिलाफ कड़े आवरण का काम करता है।

vitamin-B3

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विटामिन बी3 के स्रोत और उनकी उपयोगिता

मूंगफली, बादाम और मोटे अनाज में विटामिन बी3 पाया जाता है। यह पाचन-तंत्र, त्वचा और नर्व के लिए जरूरी है। वहीं, यह भोजन को एनर्जी में बदलता है। इसकी कमी से त्वचा में सूजन, पाचन-तंत्र संबंधी गड़बड़ियां और मानसिक विकास होने की आशंका बढ़ती है। इसका अधिक डोज लेने से लिवर को नुकसान पहुंचने, पेप्टिक अल्सर और त्वचा पर रैशेज आने जैसे लक्षण सामने आते हैं।

अगर आप धूप में अधिक देर तह रहते हैं तो त्वचा कैंसर की संभावना अधिक रहती है, ऐसे में सनस्क्रीम की बजाय विटामिन बी3 का सेवन अधिक मात्रा में करें।

जाने ऐसे आहार जो पुरुषों का वजन बढ़ाये

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मोटा होने के घरेलू उपाय – mota hone ke gharelu tarike in hindi: कई लोग मोटापे की समस्या से परेशान रहते हैं, लेकिन कुछ पुरुष बहुत पतले-दुबले होते हैं। कुछ लोगों का वज़न सामान्य से भी कम होता हैं जिसके कारण उनको कई दिक्कतों का सामना करना पडता है। वजन बढाने के लिए पुरुष कई प्रकार के नुस्खे अपनाते हैं।
दवाइयों का प्रयोग करके अगर वजन को बढाया जाए तो उसके साइड-इफेक्ट शरीर पर पडते हैं। इसलिए खान-पान में बदलाव करके वजन बढाने का तरीका सबसे कारगर होता है। डाइट-प्लान बनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि उसमें पर्याप्त‍ मात्रा में पोषण तत्व मौजूद हैं या नहीं।

वज़न बढ़ाने वाले आहार – Mota hone ke liye food, Weight Badhane Ke Liye Kya Khaye, Mota hone ke liye food

  • पुरूषों को वज़न बढ़ाने के लिए सबसे पहले चाहिए कि वे दिन में तीन बार भोजन लें और भोजन करने से पहले और भोजन के बाद वर्कआउट करना ना भूलें।
  • सब्जियां, फल, सेम, ब्राउन चावल, गेहूं/अनाज जैसे पोषक तत्व युक्त खाद्य वजन बढ़ाने में लाभकारी हैं।
  • खाद्य और पेय पदार्थों के जरिए आने भोजन में कैलोरी की मात्रा बढ़ा दें।
  • शारीरिक ऊर्जा पाने के लिए या अधिक एनर्जी पाने के लिए आपको अपने भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। इसके तहत आप अनाज,चावल, पास्तां, फल और सब्जियों का सेवन कर सकते हैं।
  • अपने भोजन में से फैटी खाद्य पदार्थों को निकालकर उनके बजाय प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
  • स्वस्थ  खान पान लेने से आप आसानी से अपना वजन बढ़ा सकते हैं।

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मोटा होने के लिए डाइट चार्ट इन हिंदी

आपका खानपान कैसा हो

  • 2 पीस ब्राउन ब्रेड मक्खन के साथ, पनीर के पीस और सब्जियां। सलाद, जूस, सूप को भी शामिल कर सकते हैं।
  • गेहूं आधारित अनाज, गेहूं के बिस्कुट और चपाती, दालें, फलियां, बाजरा की रोटी, ब्राउन चावल।
  • पनीर सैंडविच के साथ शाकाहारी पुलाव और भरवां परांठे।
  • 1 चम्मच मक्खन के साथ शाकाहारी सूप।
  • सूखे मेवे, चावल, फलों का कस्टर्ड, शहद, गुड़ सूखे गाजर, सलाद। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर अखरोट, बादाम, अंजीर सहित अन्य मेवा।
  • वजन बढ़ाने के लिए तले हुए पापड़, अचार, कोल्ड ड्रिंक्स, चिप्स जंक फूड इसी तरह की अन्य चीजों से बचना चाहिए।
  • आप अगर वजन बढ़ाने के लिए आहार ले रहे हैं तो आपको अपने वजन बढ़ने का रिकॉर्ड रखना भी जरूरी है। आप ऐसे में महीने में दो बार अपने वजन को चेक करें।

उचित कैलोरी, प्रोटीन और काबोहाइड्रेट्स के अलावा आपको उचित व्यायाम भी जरूरी है। आप स्वस्थ भोजन की दिनचर्या का पालन करें और हेल्दी वे में अपना वजन बढ़ाएं।

क्या है पायरिया! कारण, निवारण और बचाव

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क्या है पायरिया

दांतों की सही तरीके से अगर देखभाल न की जाए तो पायरिया हो सकता है। दांतों को सेहत और सुंदरता का आईना माना जाता है। लेकिन, खाने के बाद मुंह की साफ-सफाई न करने से दांतों में कई प्रकार की बीमारियां शुरू हो जाती हैं। दांतों की साफ सफाई में कमी के कारण जो बीमारी सबसे जल्दी होती है वो है पायरिया। सांसों की बदबू, मसूड़ों में खून और दूसरी तरह की कई परेशानियां पायरिया के लक्षण हैं। दातों की साफ-सफाई न करने के कारण पायरिया एक सामान्य बीमारी बन गई है। पायरिया के कारण असमय दांत गिर सकते हैं।

आखिर क्यों होता है पायरिया?

पायरिया शरीर में कैल्शियम की कमी होने, मसूड़ों की खराबी और दांत-मुंह की साफ सफाई में कमी रखने से होता है। इस रोग में मसूड़े पिलपिले और खराब हो जाते हैं और उनसे खून आता है। सांसों की बदबू की वजह भी पायरिया को ही माना जाता है।

असल में मुंह में 700 किस्म के बैक्टीरिया होते हैं। इनकी संख्या करोड़ों में होती है। अगर समय पर मुंह, दांत और जीभ की साफ-सफाई नहीं की जाए तो ये बैक्टीरिया दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। पायरिया होने पर दांतों को सपोर्ट करने वाले जॉ बोन को नुकसान पहुंचता है।

पायरिया के लक्षण

पायरिया होने पर सांसो में तेज दुर्गंध शुरू हो जाती है। मसूडों में सूजन होने लगती है। दांत कमजोर होकर हिलने लगते हैं। गर्म और ज्यादा ठंडा पानी पीने पर दांत संवेदनशील हो जाते हैं और लोग उसे बर्दास्त नही कर पाते हैं। पायरिया होने पर मसूडों से मवाद आना शुरू हो जाता है। मसूडों को दबाने में और छूने पर दर्द होता है। पायरिया की शिकायत होने पर मसूडों से खून निकलने लगता है। दो दांतों के बीच की जगह बढ जाती है, दांतों में गैप होने लगता है।

पायरिया का इलाज मुमकिन

पायरिया के बारे में एक गलत धारणा ये है कि इसका इलाज मुमकिन नहीं जबकि हकीकत ये है कि इसका इलाज मुमकिन है। पायरिया की वजह से हिलते दांतों को भी पक्का किया जा सकता है। अच्छी तरह से मुंह, दांत और जीभ की साफ-सफाई से ये बीमारी दूर हो सकती है। मसूड़ों को अगर ज्यादा नुकसान पहुंचा हो तो सर्जरी के जरिए उसे भी ठीक किया जा सकता है। अगर मसूड़ों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंच गया हो और दांत मसूड़ों से निकलने के करीब हों तो डेंटल इम्प्लांट के जरिए फिर से दांत लगाए जा सकते हैं।

अच्छे दांत सेहत और सुंदरता की निशानी होती है। इसलिए अपने दांतों का ख्याल जरूर रखें।

क्या है सावधानी

  • मुंह की अंदरुनी साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • दांतों को अच्छी तरह साफ करें।
  • रात को सोने से पहले भी ब्रश करें।
  • जीभ को अच्छी तरह साफ करें।
  • हार्ड टूथब्रश का इस्तेमाल नहीं करें।

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क्या है घरेलू उपचार

  • आंवला जलाकर सरसों के तेल में मिलाएं । इसे मसूड़ों पर धीरे-धीरे मलें।
  • नीम की पत्तियां, काली मिर्च और काला नमक मिलाकर पीस लें ।इसका नियमित सेवन करें।
  • खस, इलायची और लौंग का तेल मिलाकर मसूड़ों में लगाएं।
  • जीरा, सेंधा नमक, हरड़, दालचीनी, दक्षिणी सुपारी को समान मात्रा में लें ।इसे बंद बर्तन में जलाकर पीस लें इस मंजन का नियमित प्रयोग करें।
  • फिटकरी और काला नमक बारीक पीसकर दांतों पर मलें।

माइग्रेन में क्या करें क्या ना करे

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माइग्रेन के दौरान सिर में बहुत तेज दर्द होता है। यह मस्तिष्‍क में सूजन के कारण होने वाली समस्‍या है। माइग्रेन होने पर क्या किया जाए यह एक बड़ा और महत्वपूर्ण सवाल है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि माइग्रेन होने पर क्या किया जाए। माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है। माइग्रेन के दौरान सिर में पहला हल्का दर्द होता है, जो धीरे-धीरे तेज होता जाता है। यह सिरदर्द चार घंटे से लेकर 72 घंटे तक भी बना रह सकता है। इसमें सिर के पिछले हिस्से में गर्दन के पास से लेकर पूरे सिर में भंयकर दर्द होता है। माइग्रेन किसी भी आयु में हो सकता है। माइग्रेन का प्रुख कारण आजकल की अव्यवस्थित और तनावपूर्ण जिंदगी है। जिसके चलते हम न तो अपने खान-पान पर ध्यान दे पाते हैं और न ही सेहत पर। परिणामस्वरूप जाने अनजाने माइग्रेन जैसे रोगों के शिकार बन जाते हैं।

आज के बदलती जीवनशैली में हर व्यक्ति के जीवन में भागदौड़ और बहुत सारा तनाव है। इस वजह से जीवनशैली में बदलाव आना स्वाभाविक है। और इस बदलाव के कारण हमें कई शारीरिक समस्याओं से भी जूझना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं में से एक है माइग्रेन। यह प्राय: शाम के समय शुरू होता है और इसमें सिर में एकतरफा दर्द होता है। इसलिए आम बोलचाल की भाषा में इसे अर्द्धकपाली भी कहा जाता है।

माइग्रेन होने पर क्या करें

  • जब भी घर से बाहर निकले छाता लें और सूरज की सीधी रोशनी से बचें।
  • मौसम के बदलाव से खुद को बचाना चा‍हिए और अपना ख्याल रखना चाहिये।
  • आप कम से कम 6-8 घंटे की गहरी नींद जरूर ले।
  • योग, मेडिटेशन और मार्निंग वॉल्क, खासकर नियमित रुप से व्यायाम करें।
  • भोजन समय पर करें।
  • माइग्रेन होने पर नियमित रुप से, डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं लेनी चाहिये।
  • बर्फ या ठंडे पानी की पट्टी सिर पर रखें। इससे जो रक्त धमनियां फैल गयी हैं, वे फिर से अपनी पूर्व स्थिति पर वापस आ जायेगी।
  • सिर पर मेहंदी का लेप लगायें। इससे बहुत आराम मिलता है।
  • दालचीनी को पीसकर इसका लेप माथे पर लगायें इससे दर्द से तुरंत आराम मिलेगा।
  • दालचीनी को पाउडर बनाकर दिन में चार बार ठंडे पानी के साथ खाने से भी आराम मिलेगा।
  • माइग्रेन सिर दर्द में अदरक बहुत फायदेमंद है। अदरक के सेवन से मिचली और उल्टी आना बंद हो जायेगी।
  • रात में हल्का एवं फारबर युक्त भोजन करें, रात को सोते समय एक चम्मच त्रिफला तथा आंवले के चूर्ण का गुनगुने पानी से सेवन करें, पेट साफ रहेगा और आप काफी आराम महसूस करेंगें।
  • सिर दर्द शुरू होते ही जीभ की नोक पर एक चुटकी नमक रख लें आधा मिनट बाद पानी पी लें सिर दर्द गायब हो जायगा।
  • पिसी दालचीनी, अदरक का पाउडर, पिसी काली मिर्च और तुलसी पत्ती को मिलाकर पीसकर पाउडर बना लें। इस मिश्रण का सेवन शहद के साथ करें। आपको तुरंत फायदा होगा।
  • माइग्रेन सिर दर्द होने पर आराम करने की सख्त जरूरत है। रोशनी और आवाज से दूर रहें। आंख बंद करके सोने की कोशिश करें।
  • हरी पत्तेदार सब्जियों और वजिटेबल जूस जैसे गाजर, पालक, खीरा खाए। मौसमी फल व सब्जियां खायें।

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क्या न करें

  • माइग्रेन हो तो तेज रोशनी एवं तेज शोर से दूर रहे।
  • माइग्रेन होने पर धूप में या फिर ठंडक में घर से बाहर न निकलें।
  • माइग्रेन का दर्द होने पर अपना मुंह ठंडे पानी से धोने के बाद अंधेरे कमरे में आराम करे।
  • आंखों पर ज्यादा जोर न डालें।
  • पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं। दिन भर में कम से कम 9 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं।
  • कुछ समय के अंतराल पर नियमित रूप से थोड़ा-थोड़ा भोजन करे। एक बार में पेट भर न खाएं।
  • अगर आपको खाद्य पदार्थो से एलर्जी के कारण माइग्रेन हो, तो उन फलों-सब्जियों और अनाज से परहेज़ करें।
  • माइग्रेन पेशेंट कभी भी व्रत ना करें, और ना ही ऐसा भोजन करें जिसमें वसा हो।
  • दबाव या स्ट्रेस से दूर रहे।
  • माइग्रेन से पीडि़त 16 साल से कम उम्र वाले बच्चों को एसप्रिन नहीं लेनी चाहिये।
  • तेज इत्र या पर्फ्यूम ना लगाए।

जानिए विटामिन सी कितना मददगार है हाई ब्लड प्रेशर कम करने में

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एक ब्लड प्रेशर का मरीज ही हाई ब्लड प्रेशर के रोग की गंभीरता को समझ सकता है। यह बीमारी तेजी से पूरी दुनिया में अपनी जड़ें फैला रही है। आजकल हर घर में किसी ना किसी व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है। परहेज ना करने पर यह बिमारी भयंकर रूप भी ले सकती है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर के मरीज को अपने खाने में स्वाद से भी समझौता करना पड़ता है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ी इन बातों को जानना जरूरी है।

ब्लड प्रेशर की समस्या क्यों होती है?

रक्त नलिकाओं पर पड़ने वाले खून के दबाव को ब्लड प्रेशर कहते हैं। पूरे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन दिल तथा धमनियों के द्वारा होता है। जब शरीर में धमनियों की दीवारें अपने नार्मल आकर से मोटी और संकुचित हो जाती हैं, तो शरीर में ब्लड का नार्मल सर्कुलेशन नहीं हो पाता। इससे दिल को ब्लड पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और यह समस्या ब्लड प्रेशर का कारण बनती है।

शोध के अनुसार

हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए केलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों ने एक प्रयोग किया। इस प्रयोग में वैज्ञानिकों ने 18 से 21 साल की 242 लड़कियों को शामिल किया, जब उन्हें शामिल किया गया तब उनकी उम्र 8 साल की थी औऱ लगभग 10 साल तक चले शोध के बाद विटामिन सी में प्लाज्मा के स्तर व ब्लड प्रेशर की जांच की गई।

इस जांच के बाद सामने आया कि विटामिन सी हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में बहुत कारगार है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रमुख रिसर्चर डा. ग्लेडिस ब्लाक, विटामिन सी को हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में मददगार बताते हैं। इससे पहले भी हाई ब्लड प्रेशर को लेकर जो रिसर्च हुए हैं उनमे भी विटामिन सी को इस रोग के इलाज के लिए उपयोगी बताया गया है। पहले के रिसर्च में पाया गया कि विटामिन सी (एस्कार्बिक एसिड) में मौजूद प्लाज्मा का उच्च स्तर अधेड़ व वृद्ध महिलाओं में ब्लड प्रेशर को कम करने में मददगार है।

शोध के परिणाम

जिन महिलाओं के शरीर में विटामिन सी की अधिकता पाई गई, उनमें सिस्टोलिक यानि (हृदय में संकुचन) ब्लड प्रेशर में 4.66 मिली व डायस्टोलिक यानि (हृदय में फैलाव) में 6.04 मिली की कमी देखी गई। रिसर्च में सामान्य से ज्यादा फलों, सब्जियों या मल्टीविटामिन (विटामिन सी सप्लीमेंट्स) लेने पर एस्कार्बिक एसिड का स्तर ज्यादा पाया गया। एस्कार्बिक एसिड विटामिन सी का एक मुख्य स्रोत होता है। शरीर में इसकी अधिकता से हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है।

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विटामिन सी के अच्छे स्रोत –

विटामिन सी कई चीज़ों से प्राप्त होता है। खट्टे रसदार फल जैसे आंवला, नारंगी, नींबू, संतरा, अंगूर, टमाटर, आदि में विटामिन सी भरपूर मात्रा होती है। इसके अलावा अमरूद, सेब, केला, बेर, कटहल, शलगम, पुदीना, मूली के पत्ते, मुनक्का, दूध, चुकंदर, चौलाई, बंदगोभी, हरा धनिया और पालक विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं। दालें भी विटामिन सी का स्रोत होती हैं। असल में सूखी अवस्था में दालों में विटामिन सी नहीं होता लेकिन भीगने के बाद दाल में विटामिन सी के गुण आ जाते हैं।

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हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के अन्य उपाय-

  1. कैल्यिशम- हाई ब्लड प्रेशर में कैल्यिशम जरूरी है, इसलिए कम से कम 800 मिलीग्राम कैल्शियम अवश्य लें। यह तीन कप दूध से प्राप्त हो जाता है।
  2. लहसुन- लहसुन की 3-4 कलियां रोज़ लेने से भी ब्लड प्रेशर ठीक रहता है।
  3. फाइबर- रोज़ 20 ग्राम फाइबर लेने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल घटता है। साथ ही हाई बीपी भी कम होती है। चोकर वाले आटे की रोटी, दाल, फल जैसे सेब, आम, केले, आडू, दलिया, कॉर्न आदि से फाइबर प्राप्त होता है।
  4. इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए गुस्सा कम करें, नियमित व्यायाम करें और अपने वजन को नियंत्रित रखने की कोशिश करें।

जाने कैसे करे अस्थमा या दमा को नियंत्रित

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अस्थमा के कारण श्वासनली या इसके आसपास के जुड़े हिस्सों में सूजन आ जाती है। जिस कारण सांस लेने में दिक्कत आने लगती है। इतना ही नहीं, इससे फेफडों में हवा ठीक से नहीं जा पाती। नतीजतन सांस की समस्या, खांसी इत्यादि होने लगती है। यही अस्थमा की शुरुआत है। अस्थमा के कई लक्षण हैं, इनको आराम से पहचाना जा सकता है। जैसे जब आप जल्दी-जल्दी सांस लेने लगें, सांस लेने में दिक्कत हो, खांसी हो, पसलियां चल रही हों आदि…

सर्दियों के आते ही एलर्जी, सर्दी, खांसी, जुकाम होना आम बात है। ऐसे में उन लोगों को सबसे अधिक परेशानी होती है, जो दमा यानी अस्थमा से पीडि़त हैं। क्या आप जानते हैं विश्व में लगभग तीस करोड़ लोग दमा से पीडि़त हैं। ऐसे में सर्दियां आते ही दमा पीडि़त लोगों में स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं। क्या आप जानते हैं अस्थमा या दमा को नियंत्रण में करने के तरीके क्या हैं। तो आइए जानें दमा पर काबू पाने के लिए क्या करें।

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अस्थमा नियंत्रण के तरीके

  1. अस्थमा रोगियों के लिए व्यायाम करना बेहद जरूरी होता है।
  2. समय-समय पर अपनी जांच करवाएं।
  3. पालतू जानवरों के बहुत करीब न जाएं और उन्हें हर सप्ताह नहलाएं।
  4. अस्थमा होने पर धूम्रपान से दूर रहें और धूम्रपान करने वाले लोगों से भी दूरी बनाएं।
  5. अस्थमा अटैक होने पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करें अन्यथा इनहेलर का प्रयोग करें।
  6. अस्थमा रोगी के लिए बचाव बेहद जरूरी है, ऐसे में आप धूल-मिट्टी से दूर रहें। साफ.-सफाई करने से बचें और पुराने धूल-मिट्टी के कपड़ों से दूर रहें।

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घरेलू नुस्खे अपनाये

यदि आप अस्थमा से पीडि़त हैं तो आपको चाहिए कि आप कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाएं जिससे आप अस्थमा को नियंत्रि‍त कर सकें।

  • उबले हुए लौंग के गर्म पानी में शहद मिलाकर काढ़ा बनाकर पीएं। ये बहुत लाभकारी है।
  • अदरक की गर्म-गर्म चाय भी अस्थमा के दौरान बहुत लाभकारी होती है। इसके साथ ही आप गर्म चाय में लहसुन की कुछ कलियां मिलाकर चाय का सेवन करें ये भी अच्छा उपाय है।
  • अस्थमा के इलाज के लिए सबसे कारगर होता है लहसुन। यदि आप दूध में लहसुन की कुछ उबालें और प्रतिदिन दूध के साथ इसका सेवन करें तो आपको अस्थमा नियंत्रण में बहुत आराम मिलेगा।
  • अजवायन का गर्म पानी और इसकी भाप भी अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद होती है।

सावधान! ये सात चीज़ें आपको डायबिटीज़ का शिकार बना सकती हैं

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मधुमेह या डायबिटीज हाल के सालों में होने वाला सबसे खतरनाक जीवनशैली रोग माना जाता है। यह ना केवल परिवार में पहले से किसी के डायबिटीज़ होने पर होती है बल्कि यह स्वास्थ्य के अनुकूल जीवनशैली नहीं रखने से होती भी है।

मीठे पेय पदार्थ

मीठे पेय पदार्थों में कैलोरी और शुगर की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए आपको सोडा और बोतल बंद पेय पदार्थों का सेवन कम से कम करना चाहिए ताकि मोटापा और डायबिटीज़ से बचा जा सके।

देर से खाना खाना

क्या आपको देर से खाना खाने की आदत है? आपको समझना चाहिए कि देर से खाना खाना स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। देर से खाना खाने से ब्लड शुगर लेवल प्रभावित होता है जिससे डायबिटीज़ का खतरा बढ़ जाता है।

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फाइबर की कमी

फाइबर वाले फलों को कम खाना भी आपके पाचन के लिए सही नहीं है। इससे ना केवल पाचन क्षमता को कमजोर होती है बल्कि डायबिटीज़ का खतरा भी ज्यादा होता है।

धूम्रपान

एक शोध में यह बात सामने आई है कि धूम्रपान करने वाले लोगों में डायबिटीज होने का खतरा आम लोगों की तुलना में 44 फीसदी अधिक होता है। जापान के नेशनल कैंसर के शोधकर्ताओं ने पाया कि दिन में 20 से ज्यादा सिगरेट पीने वालों में यह खतरा 61 फीसदी तक बढ़ जाता है। जबकि कम धूम्रपान करने वालों में यह खतरा 29 प्रतिशत पाया गया।

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देर रात को स्नैक्स खाना

यदि आपको रात में नींद देर आती है तो टाइम पास करने के लिए आपको ज्यादा कैलोरी वाले स्नैक्स खाने पड़ते हैं। यह अच्छी आदत नहीं है इससे डायबिटीज़ हो सकता है।

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तनाव

यदि आपके परिवार में पहले से किसी को डायबिटीज़ रहा है तो आपको तनाव पर ध्यान देना होगा। ऐसा कोर्टिसोल नामक स्ट्रैस हार्मोन के कारण होता है, जिससे कि आपका ब्लड शुगर लेवल प्रभावित हो सकता है।

कम या ज्यादा सोना

एक अध्ययन से यह पता चला है कि बहुत कम या बहुत ज्यादा सोने से डायबिटीज हो सकता है।

इन आदतों से आप हो सकते हैं डायबिटीज़ के शिकार

ये कुछ आदतें हैं जिनसे डायबिटीज़ हो सकता है। इसलिए रात को ज्यादा शुगर वाले खाद्य पदार्थ और और स्नैक्स ना लें। अपने अपने स्वास्थ्य से ऐसे प्यार करो जैसे आप परिवार से करते हो।

वजन घटाने के लिए दालचीनी का प्रयोग करें

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क्या दालचीनी वजन घटाने में मदद करती है? क्या यह वास्तव में काम करती है? यदि ऐसा है, तो कितना? क्या यह आपके फैट को पूरी तरह से बर्न करती है? और क्या दालचीनी वजन घटाने के लिए सबसे अच्छी है? ये सवाल ज्यादातर लोगों के मन मे होते हैं जब वह वजन घटाने में मदद के रूप में दालचीनी लेने पर विचार कर रहे होते हैं।

हालांकि इस सवाल का जवाब बहुत ही मुश्किल है, क्योंकि दालचीनी वजन घटाने में कैसे मदद करता है इसके पर्याप्त वैज्ञानिक सबूत नहीं है। हमारे व्यक्तिगत अनुभव के अनुसार दालचीनी कुछ हद तक कुछ लोगों के लिए वजन घटाने के लिए काम करती है, लेकिन इसके साथ स्वस्थ आहार और नियमित एक्सरसाइज को शामिल करना भी बहुत जरूरी है।

वजन घटाने के लिए दालचीनी

  • दालचीनी से आपको भरा हुआ महसूस होता है।
  • दालचीनी प्राकृतिक पाचन है जो भोजन को पचाने में मदद करती है।
  • दालचीनी पेट के स्वास्थ्य में सुधार करती है।
  • दालचीनी एक शक्तिशाली एंटी बैक्टीरियल होने के कारण पेट के बुरे बैक्टीरिया से छुटकारा दिलाने में मदद करती है।
  • दालचीनी फैटी एसिड को कम स्टोर करती है।
  • दालचीनी ऊर्जा का स्तर, एकाग्रता और सतर्कता में मदद करती है।

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कैसे करें इस्तेमाल

वजन घटाने के लिए शहद के साथ दालचीनी का इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है। शहद में पाए जाने वाले तत्व वजन घटाने में सहायक होते हैं।

शहद में मिलने वाला फ्रक्टोज वजन घटाने में सहायक होने के साथ ही ऊर्जा के स्तर को भी बरकरार रखता है। यह अतिरिक्त चर्बी को घटाने में मददगार हॉर्मोन्स की मात्रा को बढ़ा देता है। रही बात दालचीनी की तो यह मेटाबॉलिज्म को सक्रिय कर देती है जिसकी वजह से कैलोरीज ज्यादा और जल्दी बर्न होती हैं।

वहीं दालचीनी का सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करने का काम करता है। आप चाहें तो दालचीनी और शहद को इन तरीकों से इस्तेमाल में लाकर वजन घटा सकते हैं:-

1. शहद, दालचीनी और पानी

वजन कम करने के लिए आप शहद, दालचीनी और पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह बेहद आसान और कारगर उपाय है. उबले हुए पानी में समान मात्रा में दालचीनी और शहद डालकर इसे अच्छी तरह मिला लें. इस पेय को खाली पेट पीने से कुछ ही दिनों में आपको फर्क दिखना शुरू हो जाएगा.

2. शहद और दालचीनी

शहद और दालचीनी को एक साथ इस्तेमाल में लाकर भी वजन घटाया जा सकता है. दालचीनी को बारीक पीस लें और इसे शहद में मिलाकर खाएं. हर रोज एक चम्मच ये पेस्ट खाने से कुछ ही दिनों में परिणाम नजर आने लगेंगे.

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3. शहद, दालचीनी और नींबू का रस

वजन कम करने के लिए नींबू का रस भी काफी कारगर है. नींबू के रस को दालचीनी और शहद के साथ मिलाकर इस्तेमाल में लाने से दोगुना फायदा होता है. वजन कम करने के साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी संतुलित रखने में मददगार होता है.

4. शहद, दालचीनी और ग्रीन टी

वजन कम करने के लिए बहुत से लोग ग्रीन टी पर भरोसा करते हैं. इसे शहद और दालचीनी के साथ मिलकार पीने से इसके फायदे दोगुने हो जाते हैं. आप हर रोज इसे खाली पेट ले सकते हैं.

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