अखरोट खाने के फायदे और नुकसान

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अखरोट खाने के फायदे और नुकसान इन हिंदी: जमाने से कहा जाता है सूखे मेवे खाओ और सेहत बनाओ। वैज्ञानिक भी इस बात की पुष्टि करते हैं। ऐसा ही एक ड्राई फ्रूट है अखरोट। वैज्ञानिकों का कहना है कि अखरोट दिल के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ‘येल ग्रिफिन प्रिवेंशन रिसर्च सेंटर’ का नया अध्‍ययन बताता है कि अखरोट का सेवन करने से डायबिटीज और हृदय से जुड़ी बीमारियां दूर रहती हैं।

आधे मुट्ठी अखरोट में 392 कैलोरीज़ होती हैं, 9 ग्राम प्रोटीन होता है, 39 ग्राम वसा होती है और 8 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। इसमें विटामिन ई, और बी6, कैल्शियम और मिनेरल भी पर्याप्तं मात्रा में होते है। आइए जानें क्या हैं

अखरोट के फायदे- Walnuts benefits in hindi

वजन कम करे अखरोट का सेवन- Akhrot for Weight Loss in Hindi

अखरोट वजन कम करने में मदद करता है। एक औंस यानी करीब 28 ग्राम अखरोट में 2.5 ग्राम ओमेगा थ्री फैटी एसिड, 4 ग्राम प्रोटीन और 2 ग्राम फाइबर होता है जिससे लंबे समय तक तृप्त‍ि की भावना बनी रहती है। वजन कम करने के लिए जरूरी है कि आपका पेट भरा रहे। तो अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो आपको अखरोट को अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए।

दिल की बीमारियों से बचाए अखरोट – Akhrot for Heart in Hindi

अखरोट में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और ओमेगा थ्री फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है, जो इसे दिल की बीमारियों से लड़ने में काफी असरदार बनाता है। इसके साथ ही यह बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल में इजाफा करने का भी काम करता है, जो इसे आपके दिल के लिए और भी उपयोगी बनाता है।

बालों के लिए फायदेमंद है अखरोट – Akhrot for Hair in Hindi

अखरोट आपके बालों के लिए भी फायदेमंद होता है। अखरोट में मौजूद विटामिन बी7 होता है जो आपके बालों को मजबूत बनाने का काम करता है। विटामिन बी7 बालों का गिरना रोककर उन्हें बढ़ाने में मदद करता है।

नींद दिलाये अखरोट – Akhrot for Sleep in Hindi

नट्स आपकी नींद सुधार सकते हैं, इनमें मेलाटोनिन हॉरमोन होता है, जो नींद के लिए प्रेरित करना और नींद को नियंत्रित करता है। अगर आप शाम को या सोने से पहले अखरोट खायें तो इससे आपकी नींद में सुधार आए।

अखरोट के फायदे त्वचा के लिए – Akhrot for Skin in Hindi

अखरोट में बी-विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो आपकी त्वचा को फ्री-रेडिकल्स से बचाते हैं। इससे आपकी त्वचा को उम्र के निशान और झुर्रियों के प्रभाव से भी बचाया जा सकता है। तो अगर आप मिडिल एज में चमकदार त्वचा पाना चाहते हैं तो अखरोट का सेवन कीजिए।

डिमेंश‍िया को रखे दूर अखरोट – Akhrot for dementia in Hindi

रोजाना अखरोट का सेवन आपको डिमेंश‍िया से दूर रखने में मदद करता है। शोध के मुताबिक अखरोट में मौजूद विटामिन ई और फ्लेवनॉयड डिमेंश‍िया उत्पन्न करने वाले हानिकारक फ्री-रेडिकल्स को नष्ट करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही अखरोट सीखने की क्षमता को भी बढ़ाता है।

तनाव दूर भगाये अखरोट – Akhrot for Stress in Hindi

अगर रोजमर्रा का तनाव आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है, तो अब वक्त आ गया है कि आप अखरोट का सेवन शुरू कर दें। एक शोध के मुताबिक अखरोट अथवा उसके तेल को आहार में शामिल करने से तनाव के लिए जिम्मेदार रक्तचाप को दूर करने में मदद मिलती है। अखरोट में फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट्स और असंतृप्त फैटी एसिड विशेषकर अल्फा लिनोलेनिक एसिड और ओमेगा थ्री फैटी एसिड मौजूद होते हैं।

शुक्रा*णु की गुणवत्ता बढ़ाये अखरोट

रोजाना 2.5 औंस यानी करीब 75 ग्राम अखरोट रोजाना खाने से स्वस्थ युवा पुरुषों के शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार होता है। यूसीएल के शोधकर्ताओं का कहना है रोजाना अखरोट का पर्याप्त सेवन करने से 21 से 35 वर्ष की आयु के पुरुषों के शुक्राणुओं में अध‍िक जीवनशक्ति और गतिशीलता आती है।

डायबिटीज से बचाये अखरोट – Akhrot for Diabetes in Hindi

एक शोध के मुताबिक जो महिलायें सप्ताह में दो बार 28 ग्राम अखरोट खाती हैं, उन्हें टाइप टू डायबिटीज होने का खतरा 24 फीसदी कम होता है। जर्नल ऑफ न्यूट्रीश‍न में प्रकाश‍ित इस शोध में यह भी कहा गया कि हालांकि यह शोध महिलाओं पर किया गया था, लेकिन विशेषज्ञों का यह मानना है कि पुरुषों को भी अखरोट के इसी प्रकार के लाभ मिलने की उम्मीद है।

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ग*र्भ*वती महिलाओं के लिए फायदेमंद हैं अखरोट

ग*र्भवती महिलायें जो अखरोट जैसे फैटी एसिड युक्त आहार का सेवन करती हैं, उनके बच्चों को फूड एलर्जी होने की आशंका बहुत कम होती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि मांओं के आहार में पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (पूफा) होता है उनके बच्चे का विकास अच्छी तरह होता है। पूफा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली कोश‍िकाओं को मजबूत बनाता है।

स्त*न कैंसर का खतरा घटाये

मार्शल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया रोजाना दो औंस यानी करीब 56 ग्राम अखरोट का सेवन स्त*न कैंसर से बचाने में मदद करता है। रोजाना अखरोट का सेवन करने वालों को स्त*न कैंसर का काफी कम होता है।

अखरोट खाने के नुकसान (सावधानियां) – Akhrot khane ke nuksan (Side effects) in Hindi

अखरोट खाने में थोड़ी सावधानी रखना चाहिए। चूँकि अखरोट गर्मी करता है और कफ बढ़ाता है इसलिए एक बार में 5 से ज्यादा अखरोट न खाएँ।

ज्यादा अखरोट खाने से पित्त बढ़ने की संभावना रहती है। जिससे मुँह में छाले, गले में खुश्की या खुजली और अजीर्ण होने की संभावना रहती है।

खीरे के आठ अनोखे लाभ जिसे जानकर आप चौक जाएंगे

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इसका स्वभाव ठण्डा होता है। यह एक क्षारप्रधान फल है। इसमें सोडियम भी पाया जाता है, जिसकी सहायता से शरीर में लौह तत्त्व पहुँचते हैं और पेशियाँ लचीली बनती हैं। शीतल होने के कारण यह तृष्णानाशक तो होती ही है साथ ही अम्लपित्त (Acidity) भी भगाती है।

इसके सौंदर्य लाभ के बारे में तो आपने काफी कुछ सुना होगा, लेकिन यह आपकी सेहत के लिए कितना और किस तरह फायदेमंद है इसके बारे में आज हम आपको बताते हैं।

सलाद के तौर पर प्रयोग किए जाने वाले खीरे में इरेप्सिन नामक एंजाइम होता है, जो प्रोटीन को पचाने में सहायता करता है। खीरा पानी का बहुत अच्छा स्रोत होता है, इसमें 96% पानी होता है। खीरे में विटामिन ए, बी1, बी6 सी,डी पौटेशियम, फास्फोरस, आयरन आदि प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। नियमित रुप से खीरे के जूस शरीर को अंदर व बाहर से मजबूत बनाता है। खीरा कब्ज से मुक्ति दिलाने के साथ ही पेट से जुड़ी हर समस्या में फायदेमंद साबित होता है। इसके अलावा एसिडिटी, छाती की जलन में नियमित रूप से खीरा खाना लाभप्रद होता है। जानिए खीरे के ऐसे ही स्वास्थ्यवर्धक लाभ के बारे में जिनके बारे में आपने पहले कभी नहीं सुना होगा-

आंखों के लिए लाभकारी

अक्सर फेसपैक लगाने के बाद आंखों की जलन से बचने के लिए खीरे को स्लाइस की तरह काटकर आंखों की पलक के ऊपर पर रखते हैं। इससे आंखों को ठंडक मिलती है। खीरा की तासीर जलन कम करने की होती है। जरूरी नहीं है कि सिर्फ फेसपैक लगाने के बाद ही ऐसा कर सकते हैं। जब भी आंखों में जलन महसूस हो तो आप खीरे की मदद ले सकते हैं।

मासिक धर्म में फायदेमंद

खीरे का नियमित सेवन से मासिक धर्म में होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है। लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान काफी परेशानी होती है, वो दही में खीरे को कसकर उसमें पुदीना, काला नमक, काली मिर्च, जीरा और हींग डालकर रायता बनाकर खाएं इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा।

मसूडे स्वस्थ रखता है

खीरा खाने से मसूडों की बीमारी कम होती हैं। खीरे के एक टुकड़े को जीभ से मुंह के ऊपरी हिस्से पर आधा मिनट तक रोकें। ऐसे में खीरे से निकलने वाला फाइटोकैमिकल मुंह की दुर्गंध को खत्म करता है।

कैंसर से बचाए

खीरा के नियमित सेवन से कैंसर का खतरा कम होता है। खीरे में साइकोइसोलएरीक्रिस्नोल, लैरीक्रिस्नोल और पाइनोरिस्नोल तत्व होते हैं। ये तत्व सभी तरह के कैंसर जिनमें स्तन कैंसर भी शामिल है के रोकथाम में कारगर हैं।

मधुमेह व रक्तचाप में फायदेमंद

मधुमेह व रक्तचाप की समस्या से बचने के लिए नियमित रुप से खीरे का सेवन फायदेमंद हो सकता है। खीरे के रस में वो तत्व हैं जो पैनक्रियाज को सक्रिय करते हैं। पैनक्रियाज सक्रिय होने पर शरीर में इंसुलिन बनती है। इंसुलिन शरीर में बनने पर मधुमेह से लड़ने में मदद मिलती है। खीरा खाने से कोलस्ट्रोल का स्तर कम होता है। इससे हृदय संबंधी रोग होने की आशंका कम रहती है। खीरा में फाइबर, पोटैशियम और मैगनीशियम होता है जो ब्लड प्रेशर दुरुस्त रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। खीरा हाई और लो ब्लड प्रेशर दोनों में ही एक तरह से दवा का कार्य करता है।

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जोड़ों की दवा

खीरे में सीलिशिया प्रचुर मात्रा में होता है। इससे जोड़ों को मजबूती मिलती है और टिशू परस्पर मजबूत होते हैं। गाजर और खीरे का जूस मिलाकर पीने पर गठिया बाय रोग में मदद मिलती है। इससे यूरिक एसिड का स्तर भी कम होता है।

बालों व त्वचा की देखभाल

खीरे में सिलिकन व सल्फर बालों की ग्रोथ में मदद करते हैं। अच्छे परिणाम के लिए आप चाहें तो खीरे के जूस को गाजर व पालक के जूस के साथ भी मिलाकर ले सकते हैं। फेस मास्क में शामिल खीरे के रस त्वचा में कसाव लाता है। इसके अलावा खीरा त्वचा को सनबर्न से भी बचाता है। खीरे में मौजूद एस्कोरबिक एसिड व कैफीक एसिड पानी की कमी( जिसके कारण आंखों के नीचे सूजन आने लगती है।) को कम करता है।

वजन कम करने में मददगार

जो लोग वजन कम करना चाहते हैं, उन लोगों के लिए खीरे का सेवन काफी फायदेमंद रहता है। खीरे में पानी अधिक और कैलोरी कम होती है, इसलिए वजन कम करने के लिए यह अच्छा विकल्प हो सकता है। जब भी भूख लगे तो खीरे का सेवन अच्छा हो सकता है। सूप और सलाद में खीरा खाएं। खीरा में फाइबर होते हैं जो खाना पचाने में मददगार होते हैं।

शिलाजीत का सेवन आपका जीवन खुशियों से भर सकता है

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शिलाजीत के फायदे व नुकसान इन हिंदी:  शिलाजीत एक गुणकारी औषधी है, जो कई परेशानियों या बीमारियों में हमारे लिए फायदेमंद है| यह हिमालय की पहाड़ियों में पाया जाता है. यह चार प्रकार का होता है| शिलाजीत एक ऐसी औषधी है, जो स्वस्थ्य रहने में हमारी बहुत मदद करता है|शिलाजीत का स्वाद बहुत कड़वा और कसैला होता है| और यह बहुत काला होता है| शिलाजीत का सेवन फायदेमंद है, लेकिन साथ हीं कुछ सावधानियों का भी ध्यान रखना पड़ता है|और खानपान में भी कुछ चीजों के प्रति संयम बरतना पड़ता है|

👉यह भी पढ़े : असली शिलाजीत की पहचान कैसे करे – Asli Shilajeet ki pehchaan kaise kare in hindi

शिलाजीत के प्रकार

शिलाजीत के चार प्रकार होते हैं- रजत, स्वर्ण, लौह और ताम्र। हर प्रकार की शिलाजीत के गुण व लाभ अलग-अलग हैं।

  • रजत शिलाजीत पित्त तथा कफ के विकारों को खत्म करता है।
  • स्वर्ण शिलाजीत वात और पित्तजनित बीमारियों के लिए असरदार है।
  • लौह तथा ताम्र शिलाजीत कफ से हुए रोगों के इलाज के लिए कारगर दवा है।

आमतौर पर शिलाजीत शारीरिक कमजोरी, यौ*न दुर्ब*लता, मोटापा, डायबिटीज, सांस से संबधित रोग, मिर्गी, बवासीर और सजून के इलाज के लिए दवा के रुप में इस्तेमाल किया जाता है।

तो आइए जानते है कि शिलाजीत के क्या-क्या फायदे हैं और कैसे इसका उपयोग किया जा सकता है|

शिलाजीत के फायदे – shilajit benefits in hindi

यौ*न शक्ति*वर्द्धक

सदियों से आयुर्वेद में शिलाजीत को यौ*न शक्ति*वर्द्धक दवा के रुप में इस्तेमाल किया जा रहा है। यह पुरुषों में वी*र्य की संख्या बढ़ाता है और से*क्स हार्मोन को भी नियंत्रित करता है।

तनाव और मानसिक थकावट के लिए शिलाजीत – Shilajit for Stress in Hindi

शिलाजीत के सेवन से नर्वस सिस्टम सही से काम करता है। मानसिक थकावट, अवसाद, तनाव और चिंता से लड़ने के लिए शिलाजीत का सेवन करना चाहिए। इससे स्मरण शक्ति भी बढ़ती है, किसी भी काम करने में मन लगता है। दिमागी ताकत के लिए प्रतिदिन एक चम्मच मक्खन के साथ शिलाजीत का सेवन लाभदायक होता है ।

शिलाजीत के फायदे मधुमेह के लिए – Shilajit for Diabetes in Hindi

इसके सेवन से डायबिटीज भी कंट्रोल में रहता है। यह रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है और शरीर से हानिकारक टॉक्सिंस बाहर निकालने का काम करती है।

पाचनतंत्र के लिए शिलाजीत –  Shilajit for Gas, Kabj, Pet dard in Hindi

शिलाजीत शरीर के पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है। इसके सेवन से अपच, गैस, कब्ज और पेट के दर्द जैसी बिमारियां खत्म होती हैं।

किडनी और अंत:स्राव ग्रंथि के लिए शिलाजीत – Shilajit for Kidney in Hindi

शिलाजीत के सेवन से किडनी, पैनक्रियाज और थायराइड ग्लैंड भी सही से काम करते हैं। यह ब्लड सर्कुलेशन के लिए भी अच्छा है।

दिल के रोग में शिलाजीत – Shilajit for Heart Disease in Hindi

शिलाजीत दिल की सेहत के लिए भी अच्छा है। दिल के साथ-साथ यह रक्त चाप को भी नियंत्रित करता है।

हाई ब्लड प्रेशर में शिलाजीत – Shilajit for High Blood Pressure in Hindi

यदि आप शिलाजीत का सेवन करते हो तो इसस आप हाई बीपी (हाई ब्लड प्रेशर, उच्च रक्तचाप) की समस्या से बच सकते हो। यह शरीर में रक्तसंचार को भी सुंचारू बनाता है। साथ ही यह खून को भी साफ करता है।

दिमाग को दुरूस्‍त रखें शिलाजीत – Shilajit for mind in Hindi

शिलाजीत खाने से दिमाग की शक्ति बढ़ती है। नर्वस सिस्टम को मजबूत बनता है। यह तनाव पैदा करने वाले हार्मोन को बैलेंस करती है। रोजाना 1 चम्मच शुद्ध मक्खन के साथ शिलाजीत का सेवन करने से दिमागी थकावट नहीं होती और व्यक्ति की याददाश्त तथा दिमाग तेज होता हैं।

झुर्रियों की समस्या में शिलाजीत – Shilajit for wrinkles in Hindi

जब हमारी उम्र बढ़ने लगती है तब चेहरे पर झुर्रियां आने लगती हैं। और इस वजह से हम बूढ़े दिखाई देने लगते हैं। यदि आप शिलाजीत को सफेद मूसली और अश्वगंधा के साथ मिलाकर उसका लेप बनाते हो और उसे चेहरे पर लगाते हो तो इससे आपके चेहरे से कुछ ही दिनों में झुर्रियां खत्म हो जाएगीं।

बार-बार पेशाब की समस्या में शिलाजीत – bar bar Pesab aane me Shilajit in Hindi

यदि आपको बार-बार पेशाब आता हो यानि की बहुमूत्र आता हो तो आप जरूर शिलाजीत का सेवन छोटी इलायची और शहद के साथ करें। इससे आपको जल्द ही इस समस्या से निजात मिल जाएगा।

शी*घ्रप*तन की समस्या

जिन लोगों को शीघ्रपतन की समस्या का सामना करना पड़ता है, उन्हें इसका कुछ दिनों तक नियमित सेवन करना चाहिए. इससे शी*घ्रप*तन किस समस्या खत्म हो जाती है

एनीमिया का आयुर्वेदिक प्रबल उपचार है शिलाजीत – Shilajit for Anemia in Hindi

शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन न मिलने से खून की कमी हो जाती है। इसकी वजह से थकान, कमजोरी, सिरदर्द, हृदय की गति बढ़ना और हाथ पैर ठंडे पड़ जाते हैं। शिलाजीत की खुराक लेने से शरीर में धीरे-धीरे आयरन की कमी पूरी होने लगती है। यह रेड ब्लड सेल्स की संख्या को बढ़ाता है जिससे एनीमिया की समस्या अपने आप खत्म हो जाती है। \

हड्डियों के रोग में – Shilajit for Gathiya(Arthritis) in Hindi

शिलाजीत खाने से हड्डियों की मुख्य बीमारियां जैसे जोड़ों का दर्द और गठिया की समस्या दूर होने के साथ हड्डियां मजबूत बनती हैं।

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अन्य औषधीय लाभ

  • गठिया और जोड़ों के दर्द में
  • स्वप्न*दोष की समस्या
  • कफ को खत्म करने में
  • सूजन को कम करने में
  • सांस संबंधी बिमारियों में
  • पेशाब और किडनी की बीमारी में
  • पीलिया
  • एनिमिया के इलाज में
  • अल्सर को कम करने में
  • अल्जाइमर

सावधानी और शिलाजीत के साइड इफेक्ट्स – shilajit ke nuksan (side effects) in hindi

चिकित्सकों के अनुसार शिलाजीत का सेवन बारह रत्ती से दो रत्ती के बीच ही करना चाहिए। मात्रा का निर्धारण रोगी की शारीरिक स्थिति उसकी आयु और उसकी पाचन शक्ति को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।

शिलाजीत का सेवन दूध और शहद के साथ सुबह सूयोर्दय से पहले कर लेना चाहिए। इसके ठीक प्रकार पाचन के बाद अर्थात तीन-चार घंटे के बाद ही भोजन करना चाहिए।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली औरतों को भी इसके सेवन से परहेज करना चाहिए।

जो मरीज गंभीर गठिया से ग्रस्त हों उन्हें शिलाजजीत सेवन से बचना चाहिए। ऐसे मरीजों को शिलाजीत के सेवन से खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाने का खतरा रहता है।

कभी-कभी शिलाजीत के सेवन से एलर्जी, दिल की धड़कन तेज और उल्टी भी होती है।

👉यह भी पढ़े : शिलाजीत का सेवन कैसे करें- shilajit ka sevan kaise kare in hindi

मधुमेह का प्रकृतिक इलाज

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डायबिटीज़ का यदि इलाज नहीं किया गया तो इससे आँखों, तन्त्रिका तन्त्र, रक्त वाहिकाओं, ह्रदय के साथ-साथ अन्य अंगों को भी नुकसान पहुँचता है।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई लोगों को इस भयावह बिमारी का तब तक एहसास नहीं होता जबतक कि बाद के स्तर के लक्षण नहीं उभर आते। हलाँकि डायबिटीज़ का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसका आहार तथा व्यायाम से प्रबन्धन किया जा सकता है।

कई लोगों में डायबिटीज़ की दवायें अवांछित दुष्प्रभाव उत्पन्न करते हैं जिसमें चक्कर आने से लेकर त्वचा समस्यायें शामिल हैं। जिसकी वजह से लोग डायबिटीज़ के उपचार के अन्य विकल्प ढूँढते हैं। कई डायबिटीज़ से ग्रस्त लोग प्राकृतिक उपचार ढूँढते हैं।

एसे रोगियों के लिये कई प्राकृतिक जड़ीबूटियाँ और होम्योपैथिक उपचार उपलब्ध हैं। आइये, ऐसे ही कुछ प्राकृतिक उपायों पर नजर डालते हैं जिनसे आप जरूर ही मधुमेह का उपचार कुछ हद तक कर सकते हैं।

1- मेथी

मधुमेह के लक्षणों को कम करने के लिये कई जड़ी बूटियाँ हैं। कई कारगर उपायों में मेथी रक्त शर्करा को नियन्त्रित रखनें में सहायक है, ग्लूकोस़ के प्रति प्रतिरक्षण विकसित करती है और ग्लूकोस उत्सर्जन में सहायक होता है।

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2- मिर्च

मिर्च रक्त परिसंचरण के लिये एक प्रभावी उपाय है और शरीर पर एक टॉनिक के रूप में कार्य करता है। यह शरीर के रक्त दवाव को कम करता है और हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

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3- आमला

आमला में भरपूर विटामिन सी होता है जो कि मधुमेह में अमूल्य माना जाता है। एक चम्मच आमले का रस तथा एक कप करेले के रस को मिलाकर यदि प्रतिदिन दो महीने के लिये लिया जाये तो ये अग्नाशय में इन्सुलिन उत्पादन के लिये उत्तरदायी होते हैं। इस मिश्रण से मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा कम होती है।

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4- करेला

आप करेले का रस निकाल कर और प्रतिदिन एक चम्मच लेकर शर्करा की मात्रा को (रक्त तथा मूत्र दोनों में) नियन्त्रित रख सकते हैं। यह सब्जी हर सब्जी की दुकान पर आसानी से उपलब्ध रहती है और कई भोजन के स्टोर में चाय या सत्त के रूप में भी मिल सकता है।

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अनार के छिलके के 11 चमत्कारी फायदे, जानिए

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अनार के छिलके के फायदे इन हिंदी, anar ke chilke ke fayde in hindi – अनार खाने के जितने ज्यादा फायदे होते हैं, उतने ही इसके छिलके भी गुणकारी होते हैं। आप अनार तो खा लेते हैं मगर उसके छिलके को यूं ही फेंक देते हैं लेकिन अब ऐसा ना करें क्योंकि आज हम इसके ढेर सारे फायदे बताने जा रहे हैं।

अनार के छिलके को सुखा कर उसका पावडर बना लें और एक शीशी में भर कर रख लें। या फिर उसे पीस कर उसके रस का प्रयोग कीजिये। अनार के छिलके स्वास्थ्य के साथ सुंदरता भी निखारते हैं।

अनार के छिलके के फायदे, anar ke chilke ke upay in hindi

गले का दर्द और खराश

अगर गले में टॉन्‍सिल या दर्द है तो अनार के छिलके के पावडर को थोड़ से पानी में उबाल लें। फिर इस काढ़े को छान कर ठंडा कर के गरारा करें। ऐसा दिन में कई बार करें, आपको जरुर लाभ होगा।

हृदय रोग से बचाए

इसके छिलके में ढेर सारा एंटीऑक्‍सीडेंट होता है जो कि हृदय की बीमारी से बचाता है। साथ ही यह कोलेस्‍ट्रॉल के लेवल को भी कम करता है। 1 चम्‍मच अनार के छिलके का पावडर ले कर गरम पानी में लिमाएं और रोजाना पियें। इसके साथ अपने आहार में सुधार करें और रोजाना व्यायाम भी करें।

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मुंहासों की समस्या

अनार के छिलकों को सुखाकर, भून लें और ठंडा होने पर पीसकर चेहरे पर लगाने से मुंहासों की समस्या से छुटकारा मिलता है।

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झुर्रियों से राहत

छिलकों को सुखाकर इसका पाउडर बनाकर इसमें गुलाब जल मिलाकर इसको फेसपैक की तरह चेहरे पर लगाने से त्वचा जवां बनती है और झुर्रियां दूर होती है।

अधिक मासिक स्राव आने पर

अनार के छिलके को सुखा कर उसके पावडर को पानी के साथ रोजाना पीने से मासिक धर्म में अधिक ब्‍लीडिंग नहीं होती।

मुंह की बदबू और मसूड़ों के लिये

एक गिलास पानी में सूखे छिलके का पावडर मिला लें। उसके बाद इस पानी से दिन में दो बार कुल्‍ला करे, इससे मुंह से बदबू नहीं आएगी। अगर मसूडे़ मजबूत बनाने हैं तो काली मिर्च पावडर के साथ अनार के छिलके का पावडर मिक्‍स करें और उसे दांतों तथा मसूड़ों की मालिश करें।

मजबूत हड्डियों के लिये

इसमें एंटीबैक्‍टीरियल और एंटीइंफ्लेमेट्री गुण होते हैं जो हड्डियों को मजबूती देते हैं, खासतौर पर रजोनिवृत्त महिलाओं को। इसका सेवन करने के लिये एक गिलास गरम पानी में 2 चम्‍मच अनार के छिलके का पावडर मिला लें। इसको टेस्‍टी बनाने के लिये इसमें नींबू का रस और हल्‍का सा नमक भी मिला सकती हैं। इस काढ़े को रात में सोने से पहले पियें।

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बवासीर

10 ग्राम अनार के छिलके का चूर्ण बनाकर इसमें 100 ग्राम दही मिलाकर खाने से बवासीर ठीक हो जाती है या अनार के छिलकों का चूर्ण 8 ग्राम, ताजे पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम प्रयोग करें।

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खांसी

अनार के सूखे छिलके को पीस कर 5 ग्राम ले कर उसमें 0.10 ग्राम कपूर भी मिला लें। यह चूर्ण दिन में 2 बार पानी में मिलाकर पीने से भयंकर खांसी ठीक हो जाती है।

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सनस्‍क्रीम का काम करे

अनार के छिलको को सनस्‍क्रीम के तौर पर भी लगाया जा सकता है। सूखे छिलके को किसी भी तेल के साथ मिक्स कर के चेहरे पर लगाने से यह सन टैनिंग से रोकता है।

स्वप्नदोष

अनार के छिलके का रस शहद के साथ रोजाना सुबह-शाम लेने से स्वप्नदोष दूर हो जाता है।

यदि आपको डायरिया है तो जरूर खाएं ये 7 आहार,तुरंत फायदा होगा

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गर्मियां आते ही बीमारियों का अंबार लग जाता है। ऐसे में जरुरी है कि पेट की बीमारी से सबसे पहले बचा जाए क्‍योंकि पेट का संक्रमण सबसे पहले फैलता है। डायरिया एक ऐसी ही पेट की बीमारी है जो गर्मियों में सबसे ज्यादा फैलती है।

अगर आप खाने पीने की चीजों में साफ सफाई नहीं रखते या फिर बहुत ज्यादा यात्रा करते हैं, तो खान-पान की वजह से आपको भी डायरिया हो सकता है।

डायरिया के कारण बार बार पतला दस्त होता है, जिसकी वजह से शरीर के अंदर मौजूद पानी और नमक निकल जाता है। इससे शरीर में काफी कमजोरी आ जाती है इसलिये आज हम आपको कुछ ऐसे आसानी से उपलब्ध होने वाले आहारों के नाम बताएंगे जिन्हें डायरिया के समय खाया जा सकता है।

नारियल पानी

नारियल पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं जो आपके शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करेंगे। साथ ही इसमें पोटैशियम भी होता है जो कि पेट की एसिडिटी लेवल को कम करता है।

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दही

दही पेट को ठंडक पहुंचाती है। इसमें अच्छे बैक्टीरिया और प्रोबायोटिक्स होते हैं जो कि पाचन क्रिया को ठीक कर के दस्त रोकती है।

लौकी

लौकी पेट को ठंडक पहुंचा कर पेट को राहत देती है। इसको खाने से दस्त रुक जाते हैं।

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मूंग दाल

यह एक ऐसी अकेली दाल है जो आसानी से पच जाती है और चावल के साथ आराम से खाई जा सकती है। अगर दस्त हो रहे हैं तो थोड़ से चावल के साथ मूंग की दाल का सेवन करना चाहिये।

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खिचड़ी

मूंग दाल की खिचड़ी इस दौरान खाने में काफी फायदेमंद रहती है। साबुदाने की खिचड़ी एक दम ना खाएं।

संतरे

इसमें फाइबर होता है जो कि पाचन क्रिया को ठीक ढंग से काम करने में मदद करेगा। साथ ही यह पेट को आराम भी पहुंचाएगा।

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छाछ

खुद को हमेशा हाइड्रेट रखना हो तो छाछ का सेवन करें। इससे पेट और आंतों में अच्‍छे बैक्टीरिया और प्रोबायोटिक जाएंगे जो दस्त को रोकेगें।

चेहरे से दाग-धब्बे दूर करने के घरेलु उपाय

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गोरा निखरा चेहरा सबको अच्छा और आकर्षक लगता है। लेकिन गोरे निखरे चाँद से चेहरे पर जब दाग-धब्बे नजर आने लगते हैं तब उस पर ग्रहण जैसा लगने लगता है।

लंबे समय तक धूप में रहने से, प्रदूषण के कारण, उम्र बढ़ने के कारण, हार्मोन में बदलाव के कारण भी चेहरे की त्वचा बेजान हो जाती हैं,उस पर दाग-धब्बे नजर आने लगते हैं। इनके कारण आपकी सौन्दर्यता पर दाग लग जाता है। वैसे तो इससे निजात पाने के लिए अनेक प्रकार के कॉज़्मेटिक ट्रीटमेंट हैं लेकिन कुछ घरेलू उपचार की सूची नीचे दी गई है जो काले दाग धब्बे दूर रहने मे आपकी मदद करेगे |

संतरा

संतरे के रस में ब्लीचिंग का गुण होता है जो दाग-धब्बों को दूर करने में मदद करता है।

विधि-

एक कटोरी में दो बड़े चम्मच संतरे का रस लें और उसमें एक चुटकी हल्दी डालकर अच्छी तरह से मिला लें। इस पेस्ट को रात को सोने से पहले चेहरे पर अच्छी तरह से लगा लें और अगली सुबह गुनगुने गर्म पानी से धो लें।
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नींबू का रस

नींबू सबसे अच्छा ब्लीचिंग एजेंट होता है जो चेहरे में निखार लाने में बहुत मदद करता है। नींबू में जो एसकॉर्बिक एसिड (ascorbic acid) या विटामिन सी होता है वह एन्टी-ऑक्सिडेंट्स के रूप में काम करते हैं और त्वचा में दाग-धब्बों को दूर करके रौनक लाने में मदद करते हैं।

विधि-

  • एक कटोरी में आधा नींबू का रस निचोड़कर डालें और उसमें रूई का गोला भिगोकर दाग वाले जगह पर लगायें। या आप सीधे नींबू को काटकर दाग पर लगा सकती हैं। एक घंटे तक रस को सूखने के लिए छोड़ दें उसके बाद पानी से धो लें। याद रहे कि नींबू का रस लगाने के बाद धूप में न जायें।
  •  नींबू के रस का इस्तेमाल आप दूसरे चीजों के साथ मिलाकर एक पैक के रूप में भी कर सकते हैं। एक कटोरी में तीन छोटा चम्मच नींबू का रस और एक छोटा चम्मच हल्दी का पावडर डालकर एक पैक बना सकते हैं। या दो मध्यम आकार के टमाटर को मैश करके उसमें चार बड़े चम्मच नींबू का रस डालकर भी पैक बना सकते हैं। इन दोनों पैक में से जो आपको पसंद हो उसको चेहरे के दाग-धब्बे वाले जगह पर लगाकर बीस मिनट के लिए यूं ही छोड़ दें। सूखने के बाद पानी से धो लें। धीरे-धीरे आपके चेहरे पर रौनक लौट आएगी।

दूध

दूध चेहरे की रंगत बढ़ाता है,दूध मे लॅकटिक अम्ल होता है जो त्वचा को कोमल और सुंदर बनाता है | इसके लिए कच्चे दूध का उपयोग करे | दूध मे रूई भिगोकर पूरे चेहरे पर लगाए फिर 15 मिनिट के बाद गर्म पानी से धो ले,रोज सुबह इस विधि का उपयोग करे |

एलओवेरा

एलओवेरा का रस निकले और ५ मिनिट तक बाहर रखे ,फिर उसमे नीबू के रस की कुछ बूंदे मिलाए और चेहरे पर लगाए और १५ मिनिट के बाद धो दे| चेहरे के गड्ढे, आपको इसके बेहतर परिणाम मिलेगे |

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शहद

शहद को यूं ही लगायें या दूसरे किसी चीज के साथ पेस्ट बनाकर लगायें ये त्वचा के मृत कोशिकाओं (dead cells) को निकालकर रौनक लाने में मदद करता है। साथ ही शहद में जो एन्जाइम होता है वह त्वचा को मुलायम और आकर्षक बनाने में भी बहुत मदद करता है। अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो पहले हाथ पर इसका इस्तेमाल करके देख लें उसके बाद ही चेहरे पर लगायें।

विधि-

  • एक कटोरी में ज़रूरत के अनुसार नींबू का रस या ऑलिव ऑयल लें। उसमें थोड़ा शहद डालकर पेस्ट जैसा बना लें। उसके बाद पेस्ट को चेहरे पर लगायें। आपकी अपनी त्वचा में ताजगी महसूस करने लगेंगे।
  •  ज़रूरत के अनुसार बादाम को भिगोकर पीस लें। उसमें एक छोटा चम्मच नींबू का रस और दूध डालें। उसके बाद थोड़ा-सा शहद डालकर अच्छी तरह से पेस्ट बना लें। पेस्ट को चेहरे पर लगाकर सूखने का बाद पानी से धो लें।

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दही

दही दूध का बना होता है इसलिए इसमें भी लैक्टिक एसिड होता है जो ब्लीचिंग एजेन्ट का काम करता है।

विधि-

  • एक कटोरी में ज़रूरत के अनुसार दही लें और उसमें आधा नींबू का रस और थोड़ा दही डालकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को दाग-धब्बे के ऊपर लगायें। सूखने के बाद गुनगुने पानी से धो लें।
  • आयुर्वेद के अनुसार दाग वाले जगह पर बटरमिल्क लगाने पर भी त्वचा में रौनक तो लौट आती ही है साथ ही ताजगी भी महसूस होती है।

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इन घरेलु उपायों का इस्तेमाल कम-से-कम एक महीना तक करने के बाद ही परिणाम नजर में आएगा, इसलिए बिना धैर्य खोयें इन उपायों के द्वारा चेहरे की त्वचा को जवान और आकर्षक बनायें।

जानिए रुसी दूर करने के लिए लाभदायक प्राकृतिक उपचार

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बालों को अच्छा और सुंदर बनाने के लिए पौष्टिक भोजन के साथ ही जरूरी है बालों की सही देखभाल। बालों की देखभाल न करने से कई तरह की समस्याएं खड़ी हो जाती है। इनमें से एक है डैंड्रफ यानी रूसी, जो खुश्की और बालों में रूखेपन की वजह से होती है लेकिन बालों की थोड़ी सी देखभाल से आप न सिर्फ बालों की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं साथ ही डेंड्रफ से भी छुटकारा पा सकते हैं। रूसी में आयुर्वेद से इलाज बहुत अच्छा रहता है। आइए जानें आयुर्वेद के अनुसार रूसी दूर करने के लिए क्या करना चाहिए और रूसी इलाज के लिए आयुर्वेद में कौन-कौन से तरीके अपनाएं जाते हैं।

बालों की समस्याएं सिर्फ महिलाओं में ही नहीं बल्कि पुरूषों में भी देखने को भी मिलती है। डैंड्रफ के ज्यादा बढ़ जाने पर चेहरे, माथे, गर्दन और पीठ आदि पर एक्ने की समस्या भी हो सकती है। शुरूआत में यह स्कॉल्प की ऊपरी परत पर होती है, लेकिन धीरे-धीरे यह इसकी भीतरी तहों तक पहुंच जाती है। दरअसल, डैंड्रफ हमारे सिर की त्वचा में स्थित मृत कोशिकाओं से पैदा होती है।  डैंड्रफ से सिर में खुजली रहती है और बाल गिरने लगते हैं।

डैंड्रफ दूर करने के उपाय

साफ़ सफाई

बालों को साफ़ रखना डैंड्रफ या रूसी को दूर करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। त्वचा की मृत परत रूसी का एक प्रमुख कारण होती है तथा इसे रोज़ाना बाल धोने से दूर किया जा सकता है। डेंड्रफ के कारण, अगर आप हफ्ते में ३ बार बाल धोते हैं तो रूसी होने की संभावना काफी कम होगी।

नहाने के बाद बाल काढ़ना

एक बार जब आप शैम्पू से बाल धो लेते हैं, उसके बाद बालों को कंघी करना काफी आवश्यक है। अगर आपके बालों में गांठें पड़ गयी है तो अपने हाथों की उँगलियों की मदद से धीरे धीरे इसे छुडाएं। बालों पर कंघी तभी करें जब बाल सूख जाएं, अन्यथा बाल टूटने की समस्या उत्पन्न होगी। बालों को बाहर की तरफ से कंघी करें, जिससे डैंड्रफ या रूसी उत्पन्न करने वाली मृत कोशिकाएं निकल जाएं।

तेल का प्रयोग

रूसी आमतौर पर आपकी अत्याधिक सूखी त्वचा की वजह से होता है जिसका कारण सिर में नमी की कमी है। रुसी का उपचार, बालों की जड़ों तथा हर एक बाल में अच्छे से तेल लगाएं जिससे कि सिर को अच्छे से नमी मिले और सूखापन दूर होकर रूसी की समस्या टल जाए।

बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडा का प्रयोग आप घर पर केक या कुकी बनाने के लिए करते ही होंगे। अतः आपके घर की रसोई में बेकिंग सोडा मिलना काफी आसान है। आपको इसे बालों को भिगोने के बाद शैम्पू की तरह नहीं लगाना है। इसकी बजाय अपने सूखे बालों पर एक चम्मच बेकिंग सोडा घिसें। इसे ५ मिनट तक रखें और फिर पानी से धो दें।

अंडे का तेल

अंडे के तेल का दूसरा नाम एयोवा है तथा यह सिर से रूसी को पूरी तरह हटाने के लिए जाना जाता है। अंडे के तेल में बालों को नया जीवन देने के गुण मौजूद हैं क्योंकि इसमें ओमेगा ३ फैटी एसिड होता है। इसमें कोलेस्ट्रोल भी होता है जिसकी वजह से बालों में नयी चमक आती है। यह रूसी को पूरी तरह सिर से हटाने का प्राकृतिक इलाज है।

नारियल का तेल

आपके घर में नारियल का तेल अवश्य होगा क्योंकि यह सिर से मृत त्वचा और रूसी हटाने का जाना माना उपाय है। बाल ज़्यादा सूखे हो जाने से त्वचा की परतों पर धारियां सी हो जाती हैं। अतः निरंतर अपने बालों और सिर को मॉइस्चराइस करते रहे। ज़्यादा बेहतर परिणामों के लिए सोने से पहले बालों में नारियल का तेल लगाएं तथा सुबह शैम्पू से धो दें।

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देवदार की लकड़ी का तेल

यह तेल काफी गाढ़ा होता है, अतः इसे अन्य तेलों जैसे जैतून के तेल तथा नारियल के तेल के साथ मिलाना पड़ता है। इसके बाद इस तेल को अपने बालों में लगाएं। इसे अपने बालों में करीब १० घंटों तक रखें। अच्छे परिणामों के लिए इस तेल को रात को लगाएं तथा सुबह किसी सौम्य शैम्पू से धो दें। इस पद्दति का प्रयोग रोज़ाना करने से आपके बालों में रूसी कम हो जाएगा।

जैतून का तेल

जैतून का तेल, जिसे प्रयोग में लाया जा सके, आपके बालों तथा त्वचा दोनों के लिए अच्छा होता है। इसमें त्वचा को नमी देने के गुण होते हैं, जिसकी वजह से आपके सिर की सूखी तथा अनाकर्षक परत आसानी से निकल जाती है। एक चम्मच जैतून का तेल लें तथा इसे अपने सिर के हर भाग समेत अच्छे से बालों पर लगाएं। अब बालों में एक तौलिया बाँध लें तथा आराम से सो जाएं। इससे आपके बालों तथा सिर को नमी सोखने का तथा स्वस्थ होने का मौक़ा मिल जाएगा। अगले दिन सुबह उठकर बालों को एक सौम्य शैम्पू से धो दें। इससे मृत त्वचा और रूसी दोनों निकलते हैं।

नींबू का रस

नींबू का रस भी रूसी दूर भगाने की काफी अच्छी औषधि है। इसके लिए नींबू का एक भाग काटें तथा इसके रस को निचोड़कर बालों में लगाएं। नींबू के रस को बालों के हर कोने में लगाने के बाद इसे १० मिनट तक रखें तथा इसे एक सौम्य शैम्पू से धो दें। बाल धोते समय उँगलियों से अपने सिर को सहलाते रहे, जिससे कि रूसी निकल जाए।

नीम

नीम में कई औषधीय गुण होते हैं तथा यह चेहरे तथा बालों पर काफी उपयोगी है। क्योंकि नीम में जलन दूर करने वाले, एंटी बैक्टीरियल तथा एंटी फंगल गुण होते हैं, अतः इसके प्रयोग से सिर से रूसी निकालना काफी आसान काम है। इसके लिए मुट्ठीभर नीम की पत्तियों को आधे घंटे तक उबालें। अब ग्राइंडर की मदद से इसका पेस्ट बनाएं तथा बालों पर अच्छे से लगाएं। ३० मिनट तक प्रतीक्षा करें और फिर धो लें।

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अदरक

अदरक एक काफी महत्वपूर्ण पदार्थ है जो कि हर रसोईघर में उपलब्ध होता है। अदरक में जलन दूर करने वाले गुण भी होते हैं। यह एक बेहतरीन जड़ीबूटी है जो बालों की बढ़त में काफी सहायता करती है। इससे सिर में रक्त संचार भी बढ़ता है, अतः इससे डैंड्रफ भी आसानी से दूर होते हैं।

२ चम्मच किसी हुई अदरक लें तथा इसे पीसें जिससे कि पर्याप्त मात्रा में रस निकले। इसके कठोर भाग को निचोड़ें तथा इससे प्राप्त रस को एक पात्र में रखें। अब इसमें तिल का तेल मिलाएं तथा इससे सिर की मालिश करें। इसे १० मिनट तक रखें तथा एक सौम्य शैम्पू से धो दें।

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हिना

हिना के बालों पर होने वाले फायदे किसी से छिपे नहीं हैं। हिना एक पौधा है जिसकी पत्तियां निकाली जाती हैं तथा उन्हें सुखाकर पीसा जाता है। अगर आपके बाल बेजान और मुरझाए हुए से हो गए हैं तो ये आपके बालों की काफी अच्छे से देखभाल करता है। इसमें मौजूद अन्य पदार्थ भी डैंड्रफ को निकालने में सक्षम हैं। रात को हेना पाउडर पानी में घोलकर रखें तथा अगली सुबह बालों में अच्छे से लगा लें। इसे २ घंटों तक रखें तथा इसके बाद एक सौम्य शैम्पू की मदद से धो लें।

सेब

सेब एक ऐसे बेहतरीन उत्पाद के रूप में भी जाना जाता है जो आपके बालों को डैन्ड्रफ से मुक्त रखने में आपकी काफी सहायता करता है। परन्तु इस बात को सुनिश्चित करें कि इस विधि के पालन के लिए कच्चे सेब का अंश ही लें क्योंकि इसमें प्रोसायानाइडीन बी 2 होता है, जो आपकी त्वचा से डैन्ड्रफ दूर करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक चम्मच सेब के रस में थोड़ा सा पानी डालें। इन दोनों को अच्छे से मिश्रित करें तथा इसके बाद अपने सिर की त्वचा पर लगाएं। इसे 15 मिनट के लिए छोड़ दें तथा इसके बाद इसे एक सौम्य शैम्पू से धो लें।

एलोवेरा

एलोवेरा काफी आसानी से लोगों की रसोई में बगीचे में मिल जाता है। इसकी पत्तियों को तोड़ें तथा इससे जेल निकाल लें। आपको इस जेल को निकालकर अपने सिर पर लगाने की ज़रुरत पड़ेगी। इसे 15 मिनट तक सिर की त्वचा पर लगाएं एवं शैम्पू से धो लें। अगर आप अपने बालों को हमेशा डैन्ड्रफ से मुक्त रखना चाहते हैं तो इस विधि का पालन निरंतर रूप से करें।

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मेथी से हटाये रुसी

मेथी तो लगभग हर घर के किचन में मौजूद होती है। आपने इसका नाम ना सुना हो ऐसा हो नहीं सकता| मेथी स्वास्थ्य को सुधारने के साथ साथ त्वचा के संक्रमण को ठीक करने में भी लाभदायक होती है| मेथी में पाया जाने वाला प्रोटीन और एमिनो एसिड रुसी के विकास को रोकने में मदद करता है। मेथी के नियमित इस्तेमाल से बाल सिल्की और मुलायम हो जाते हैं।

लगाने की विधि: एक कप पानी में मेथी के कुछ दानें रातभर भिगोकर रख दे। सुबह मेथी के दानों को छान लें फिर उसके बाद उनको पीस लें। फिर मेथी के इस पेस्ट को सिर पर लगाकर एक घंटे के लिए छोड़ दें। बाद में गुनगुने पानी से बाल धो ले|

टी ट्री ऑइल

टी ट्री ऑइल का सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया में अविष्कार किया गया था, पर आज ये सारी दुनिया में आसानी से उपलब्ध हो जाता है। अपनी हथेलियों में थोड़ा सा टी ट्री ऑइल लें एवं इसे अपने बालों पर काफी अच्छे से लगाएं। इस तेल का प्रयोग अपनी उँगलियों के सिरों द्वारा बालों में इस तरह करें कि यह जड़ों के हर भाग में काफी अच्छे से समा जाए। इसके बाद अपने बालों पर शैम्पू का प्रयोग कर लें तथा खुद ही फर्क महसूस करें।

तुलसी की पत्तियां

तुलसी की पट्टियां खुद में मौजूद एंटी फंगल तथा एंटी बैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है। एक ग्राइंडर में तुलसी की पत्तियां तथा आंवला लें एवं इन दोनों को पीसकर इसका पाउडर बना लें। अब इसमें थोड़े से पानी का मिश्रण करें, जिससे इनकी मदद से एक पेस्ट बन जाए। अब इसे अपने बालों के ऊपर लगाएं तथा करीब आधे घंटे के लिए इसे इसी तरह छोड़ दें। समय समाप्त होने पर आप अपने बालों को ठन्डे पानी की मदद से धो सकते हैं।

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जाने थायरायड में क्या खाना चाहिए

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थायराइड में क्या खाएं – thyroid diet chart in hindi: थायरायड के मरीज को इससे बचने के लिए विटामिन, प्रोटीनयुक्त और फाइबरयुक्त आहार का ज्यादा मात्रा में सेवन करना चाहिए। थायरायड में ज्यादा आयोडीन वाले खाद्य पदार्थ खाने चाहिए। हम आपको कुछ आहार के बारे में जानकारी दे रहे हैं जो कि थायरायड के मरीज के लिए फायदेमंद हो सकता है।

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थायरायड में क्या खाएं – Thyroid diet food list in hindi

आयोडीन

थायरायड के मरीज को आयोडीनयुक्त भोजन करना चाहिए। आयो‍डीन थाइराइड ग्रंथि के दुष्प्रभाव को कम करता है।

साबुत अनाज

आटे की तुलना में साबुत अनाज में ज्यादा मात्रा में विटामिन, मिनरल, प्रोटीन और फाइबर होता है। अनाज खाने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढती है। पुराना भूरा चावल, जई, जौ, ब्रेड, पास्ता और पापकॉर्न खाना चाहिए।

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फल और सब्जियां

फल और सब्जिया एंटीऑक्सीडेंट्स का प्राथमिक स्रोत होती हैं जो कि शरीर को रोगों से लडने में सहायता प्रदान करती हैं। सब्जियों में पाया जाने वाला फाइबर पाचन क्रिया को मजबूत करता है जिससे खाना अच्छे से पचता है। हरी और पत्तेदार सब्जियां थायरायड ग्रंथि की क्रियाओं के लिए अच्छी होती हैं। हाइपरथाइराइजिड्म हड्डियों को पतला और कमजोर बनाता है इसलिए हरी और पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए जिसमें विटामिन-डी और कैल्शियम होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। लाल और हरी मिर्च, टमाटर और ब्लूबेरी खाने में शरीर के अंदर ज्यादा मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट जाता है। इसलिए थायरायड के रोगी को फल और हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए।

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दूध और दही

दूध और दही में पर्याप्त मात्रा में विटामिन, मिनरल्स, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं। दही खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है। प्रोबायोटिक्स थाइराइड रोगियों में गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

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गंजापन दूर करने के 9 घरेलु उपाय

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गंजेपन की समस्या आम हो गई है बूढ़ा हो या जवान सभी गंजापन से प्रभावित है। यह सिर्फ पुरूषों तक ही सीमित नहीं रह गया है बल्कि महिलाओं को भी होने लगा है। गंजापन को एलोपेसिया भी कहते हैं। गंजापन रोग होने पर बाल जितने जल्दी से झड़ते हैं उतने उगते नहीं हैं।

पिछले दिनों में वैज्ञानिकों ने चूहों पर किए गए एक प्रयोग से पता लगाया कि गंजेपन का इलाज जीन आधारित थेरेपी से भी संभव है। साथ ही उन्‍होंने ऐसे जीन का भी पता लगाया जो बालों को झड़ने से रोकता है। यह जीन उस प्रोटीन की गतिविधियों को बढ़ाने में मदद करता है, जो बालों को पुष्ट करते हैं।

शोधार्थी डा. जार्ज कोस्टारेलिस ने यह भी दावा किया कि गंजेपन की समस्या स्थाई नहीं होती। गंजेपन का इलाज संभव है। उनके मुताबिक बाल गिरने की समस्या सिर में मौजूद छोटे-छोटे आर्गन के खराब होने से शुरू होती है। ये आर्गन बाल उगने में मदद करते हैं। इस लेख के जरिए हम आपको बता रहे हैं गंजेपन को दूर करने के कुछ नुस्खों के बारे में।

गंजापन रोकने के घरेलू उपाय – Naye Baal Ugane ke Tarike

मेथी और दही

गंजेपन के उपचार में मेथी बहुत फायदेमंद साबित होती है। मेथी को एक रात पानी में भिगोने के बाद इसे दही में मिलाकर पेस्ट तैयार कर लीजिए। मेथी और दही के पेस्ट को बालों की जड़ों में लगाइए। इसे करीब एक घंटे तक लगा रहने दें। ऐसा करने से बालों की जड़ों में मौजूद रूसी कम होगी और सिर की त्वचा में नमी आएगी। मेथी में निकोटिनिक एसिड

उड़द की दाल का पेस्ट

उड़द की बिना छिलके वाली दाल को उबाल कर पीस लीजिए। रात को सोने से पहले इस लेप को बालों की जड़ों में लगाइए। कपड़े गंदे न हो इसके लिए सिर पर तौलिया बांध लें। ऐसा लगातर कुछ दिनों तक करने से बाल दोबारा उगने लगते हैं और गंजापन कम हो जाता है।

प्याज़

प्याज़ में जो सल्फर होता है वह सिर में रक्त का संचालन अच्छी तरह से करने में मदद करता है। यह गंजेपन का इलाज करने में बहुत मदद करता है। ज़रूरत के अनुसार प्याज़ को टुकड़ों में काटकर पीस लें। उस पेस्ट में थोड़ा शहद डालकर अच्छी तरह से पेस्ट बना लें। उस पेस्ट को स्कैल्प पर अच्छी तरह से लगा दें। सूखने के बाद पानी से धो लें। यह स्कैल्प से फंगस और जीवाणुओं को दूर करने में मदद करता है। आप स्कैल्प पर सीधे प्याज़ को लगाकर दस-पंद्रह मिनट के बाद बालों को धो सकते हैं।

मुलेठी और केसर

मुलेठी को पीसकर इसमें थोड़ी मात्रा में दूध और केसर मिलाकर पेस्ट तैयार कर लीजिए। तैयार किए गए पेस्ट को रात को सोने से पहले सिर में लगा लीजिए। सुबह उठकर बालों में हल्का शैम्पू कर लें। ऐसा करने से धीरे-धीरे गंजापन दूर होगा।

काली मिर्च

यह सिर्फ व्यंजन का जायका ही नहीं बढ़ाता है बल्कि गंजापन दूर करने में भी मदद करता है। काली मिर्च और नींबू का बीज दोनों को अच्छी तरह से पीसकर पेस्ट जैसा बना लें। उस पेस्ट को अच्छी तरह से स्लैक्प पर लगाकर रात भर यूं ही रहने दें। अगले दिन सुबह अच्छी तरह से पानी से धो लें। यह बालों को उगने में बहुत मदद करता है।

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धनिया का पत्ता

धनिया का पत्ता सिर्फ व्यंजन को आकर्षक ही नहीं बनाता है बल्कि गंजापन से राहत दिलाने में भी बहुत मदद करता है। ताजा धनिया के पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें और उनको सिर पर लगायें। इससे बालों का झड़ना कम होने के साथ-साथ नए बाल उगने लगते हैं।

दही

दही नैचरल कंडिशनर का काम करता है। दही का प्रोटीन बालों का झड़ना तो कम ही करता है साथ ही गंजापन दूर करने में भी बहुत मदद करता है।

केला और नींबू

एक केले के गूदे में नींबू के रस को अच्छे से मैश कर लें। इस पेस्ट को सिर पर लगाने से बालों के झड़ने की समस्या कम होती है। ऐसा करने से उड़े हुए बाल फिर से जमने लगते हैं।

कैस्टर ऑयल

कैस्टर ऑयल गंजापन दूर करने का एक घरेलु उपाय हैं। यह बाल संबंधी किसी भी समस्या के उपचार में बहुत प्रभावकारी होता है। कैस्टर ऑयल स्कैल्प पर लगाने से न सिर्फ बालों को पौष्टिकता मिलती है बल्कि बालों का झड़ना भी कम हो जाता है।

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