जानिए सौंफ हाजमे से लेकर और किन चीजों में हमारी मदद करता है|

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सौंफ में कई औषधीय गुण होते हैं, जिनका सेवन करने से सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है। सौंफ कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, सोडियम जैसे तत्त्व पाये जाते हैं। सौंफ के रस से कई प्रकार के एन्जाईम भी बनाये जाते हैं। भोजन के बाद माउथ फ्रैशनर के तौर पर भी इसका प्रयोग किया जाता है। पेट की समस्याओं के लिए सौंफ बहुत फायदेमंद होती है।

आइए जानते हैं सौंफ खाना स्वास्‍थ्‍य के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है।

  • रोजाना सुबह-शाम खाली सौंफ खाने से खून साफ होता है जो कि त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इससे त्वचा में चमक आती है।
  • डायरिया होने पर सौंफ खाना चाहिए। सौंफ को बेल के गूदे के साथ सुबह-शाम चबाने से अजीर्ण समाप्त होता है और अतिसार में फायदा होता है।
  • आंखों की रोशनी सौंफ का सेवन करके बढ़ाया जा सकता है। सौंफ और मिश्री समान भाग लेकर पीस लें। इसकी एक चम्मच मात्रा सुबह-शाम पानी के साथ दो माह तक लीजिए। इससे आंखों की रोशनी बढती है।
  • सौंफ खाने से पेट और कब्ज की शिकायत नहीं होती। सौंफ को मिश्री या चीनी के साथ पीसकर चूर्ण बना लीजिए, रात को सोते वक्त लगभग 5 ग्राम चूर्ण को हल्केस गुनगने पानी के साथ सेवन कीजिए। पेट की समस्या नहीं होगी व गैस व कब्ज दूर होगा।
  • खांसी होने पर सौंफ बहुत फायदा करता है। सौंफ के 10 ग्राम अर्क को शहद में मिलाकर लीजिए, इससे खांसी आना बंद हो जाएगा।
  • यदि आपको पेट में दर्द होता है तो भुनी हुई सौंफ चबाइए इससे आपको आराम मिलेगा। सौंफ की ठंडाई बनाकर पीजिए। इससे गर्मी शांत होगी और जी मिचलाना बंद हो जाएगा।
  • खाने के बाद सौंफ का सेवन करने से खाना अच्छे से पचता है। सौंफ, जीराकाला नमक मिलाकर चूर्ण बना लीजिए। खाने के बाद हल्के गुनगुने पानी के साथ इस चूर्ण को लीजिए, यह उत्तम पाचक चूर्ण है।
  • यदि आपको खट्टी डकारें आ रही हों तो थोड़ी सी सौंफ पानी में उबालकर मिश्री डालकर पीजिए। दो-तीन बार प्रयोग करने से आराम मिल जाएगा।
  • हाथ-पांव में जलन होने की शिकायत होने पर सौंफ के साथ बराबर मात्रा में धनिया कूट-छानकर, मिश्री मिलाकर खाना खाने के पश्चात 5 से 6 ग्राम मात्रा में लेने से कुछ ही दिनों में आराम हो जाता है।
  • अगर गले में खराश हो जाए तो सौंफ चबाना चाहिए। सौंफ चबाने से बैठा हुआ गला भी साफ हो जाता है।

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मूंग दाल के फायदे जानकर इसे ज़रूर खाएंगे आप।

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हर दाल के अपने पौष्ट‍िक गुण होते हैं| वैसे दाल में प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है| यही वजह है कि बढ़ रहे बच्चों को दाल का अधि‍क से अधि‍क सेवन करने की सलाह दी जाती है| हालांकि तमाम दालों के बीच मूंग की दाल को स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है|

आमतौर पर इसे रोगियों के भोजन के तौर पर देखा जाता है क्योंकि ये बहुत जल्दी पच जाती है| लेकिन इसका यह बिल्कुल भी मतलब नहीं है कि यह स्वाद में फीकी होती है| मूंग की दाल को तरीके से बनाया जाए तो यह भी किसी भी अन्य दाल की ही तरह स्वादिष्ट लगती है|

मूंग की दाल से कई चीजें बनती हैं| कुछ लोग इससे पापड़ बनाते हैं, कुछ बड़ियां तो कुछ लोग इसका लड्डू खाना पसंद करते हैं|पर मूंग दाल का हलवा भारतीय व्यजंनों का एक प्रमुख हिस्सा है| मूंग दाल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह सुपाच्य होती है और ठंडक प्रदान करती है|

स्किन कैंसर से बचाता है

क्या आपको मालूम है मूंग खाने से आपको स्किन कैंसर से सुरक्षा भी मिलती है? जी हां! जब आप सूर्य की किरणों या फिर पर्यावरण प्रदूषण के संपर्क में आते हैं तो आपकी त्वचा में फ्री रेडिकल्स घुस जाते हैं, जिससे कि त्वचा को नुकसान पहुंचता है। लेकिन अगर आप अपने खाने में मूंग को शामिल करते हैं तो आपको एंटीऑक्सीडेंट्स मिलेंगे जो कि फ्री रैडिकल्स से लड़कर आपकी त्वचा तो स्किन कैंसर से बचा लेंगे।

वज़न घटाने में मददगार

बहुत से लोग इन दिनों वज़न घटाने को लेकर परेशान रहते हैं। इसके लिए आसान और असरदार उपाय है मूंग। ये न सिर्फ आपकी कैलोरी इनटेक घटाती है बल्कि आपको लंबे वक्त तक भूख नहीं लगने देती। रात के खाने में आप चपाती के साथ एक कटोरी मूंग दाल खाएं, और बस, आपको भरपूर पोषण मिल जाएगा। कैलोरी इनटेक कम हो जाने से आप जल्दी वज़न घटा पाएंगे।

आयरन का अच्छा स्रोत

अगर आपको आयरन की कमी है, तो अपने खाने में मूंग शामिल करें। आमतौर पर, वेजिटेरियन लोग अपने खाने में कम आयरन लेते हैं। अपनी डायट में ये छोटा सा बदलाव करके आप आयरन की कमी दूर कर सकते हैं जिससे आपका एनीमिया का जोखिम भी कम हो जाएगा।

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 ब्लड प्रेशर पर कंट्रोल

ग्रीन ग्राम यानी मूंग की मदद से आप आसानी से अपना ब्लड प्रेशर नियंत्रण में और कोलेस्ट्रॉल लेवल कम कर सकते हैं। ये सोडियम के प्रभाव को कम कर देता है, जिससे की ब्लड प्रेशर बढ़ता नहीं है। ऐसे में आपको हेल्दी और एक्टिव जिंदगी जीने में आसानी होती है।

कब्ज की समस्या

मूंग दाल की खिचड़ी खाने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है|

अन्य फायदे

  • टायफाइड होने पर इसके सेवन से रोगी को बहुत राहत मिलती है लेकिन सादी मूंग की दाल का सेवन फायदेमंद रहता है|
  • किसी भी बीमारी के बाद शरीर कमजोर हो जाता है| मूंग की दाल खाने से शरीर को ताकत मिलती है|

जानिए ब्लैक टी से कैसे वजन घटाए

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ब्‍लैक-टी में कई ऐसे गुण होते हैं जो आपके बढ़ते वजन को कम करते हैं। शोधों में भी यह बात साबित हो चुकी है दूध वाली चाय की अपेक्षा बिना दूध वाली चाय ज्यादा फायदेमंद है। सबसे पहले तो इसमें दूध नहीं होता है जो वजन बढ़ाने का काम करता है।

ब्‍लैक टी वजन कम करें

यूं तो चाय बहुत फायदेमंद होती है। यह दिमाग की टेंशन को दूर कर आपको तरोताजा रखने में भी मदद करती है। तन-मन में स्‍फूर्ति भरती है। लेकिन, इसके साथ ही चाय वजन कम करने में भी मदद करती है। चाय में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर से अतिरिक्‍त चर्बी हटाने में कारगर साबित होते हैं। आप अगर चाय पीकर वजन कम करने की चाह रखते हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्‍यान रखना चाहिए।

कुछ बातों का ध्‍यान रखें

  • यदि आप रोजाना ब्‍लैक टी पीते हैं तो आपका वजन निंयत्रित रहता है जिससे आपको हार्ट स्‍ट्रोक का खतरा कम होगा। इसमें मौजूद फ्लेवेनॉइड खराब कोलेस्‍ट्रॉल को बनने से रोकता है।
  • चाय में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट वजन घटाते हैं, लेकिन इसके असर को दूध काफी हद तक खत्म कर देता है।
  • ब्‍लैक टी पीने से वजन कम होता है क्‍योंकि आप उसमें ना तो दूध मिलाते हैं और ना ही चीनी। ब्लैक टी के लिए हमेशा टी बैग का प्रयोग करें। इस तरह से आप अपनी कैलोरी काउंट कर सकते हैं।
  • कई जानकारों का यह भी मानना है कि दूध वाली चाय वजन कम करने की बजाए उसे बढ़ाने का काम करती है। आमतौर पर चाय में वसा कम करने के कई तत्व होते हैं। लेकिन चाय में दूध मिलाते ही चाय में वसा कम करने की क्षमता कम हो जाती है।
  • चाय में पाए जाने वाले और वजन घटाने में प्रभावशाली थीफलेविन्स और थिरोबिगिन्स जैसे तत्वों का असर दूध कम कर देता है। दरअसल, चाय में मौजूद ये तत्व शरीर की चर्बी घटाने और कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक होते हैं। लेकिन दूध में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने के कारण इनका प्रभाव कम हो जाता है।
  • यानी हम यह कह सकते हैं कि वजन घटाने के लिए बिना दूध वाली चाय लाभकारी है और शरीर में मौजूद अतिरिक्त चर्बी और कॉलेस्ट्रॉल को घटाने में सहायक है।

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ब्‍लैक टी के अन्‍य फायदे

वेस्टर्न आस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि जो लोग दिन में तीन बार बिना दूध की चाय पीते हैं उनका रक्‍तचाप अधिक नियंत्रित रहता है। अध्ययन के लेखक जोनाथन हागसन के हवाले से वैबएमडी ने बताया कि पहली बार पता लगा है कि लंबे समय तक काली चाय के इस्तेमाल से उच्च रक्तचाप वाले लोगों में इसके असर से रक्तचाप में दस प्रतिशत गिरावट आ सकती है और दिल के रोग तथा दिल के दौरे का खतरा भी दस प्रतिशत कम हो जाता है।

जानिए काले चने के ये फायदे जो आपको हैरान कर देंगे

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चना सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद माना जाता है। लेकिन चना कई रंग का होता है, इसमें है एक काला चना, क्या आप जानते हैं यह आपके लिए कितना फायदेमंद होता है। वैसे तो इसका सेवन सब्जी बनाकर, उबालकर, अंकुरित करके या फिर भूनकर कर सकते हैं।

काले चने को जैसे भी खायें इससे आपको फायदा ही होगा और आप स्वंस्थ रहेंगे। इसमें भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम के साथ दूसरे मिनरल्स भी होते हैं। हालांकि अगर काले चने को अंकुरित करके खाया जाये तो यह अधिक फायदेमंद होता है। अंकुरित चना खाने से क्लोरोफिल, विटामिन ए, बी, सी, डी, और के साथ ही फास्फोरस, पोटैशियम, मैग्नीशियम की जरूरत भी पूरी होती है।आइए हम आपको बताते हें कि काला चना आपकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद होता है।

फाइबर से भरपूर

फाइबर हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। काला चना फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए यह पाचन क्रिया को सुधारता है। रातभर भिगोकर रखे गए चने को खाने से कब्ज की समस्या में फायदा होता है। साथ ही जिस पानी में चने को भिगोया गया हो उस पानी को फेंकने के बजाय पीने से भी फायदा होता है।

एनर्जी भी मिलती है

हमें एक्टिव रहने के लिए एनर्जी की बहुत जरूरत होती है। ऐसे में काला चना बड़े काम का होता है। चना खाने से ऊर्जा मि‍लती है। अगर आप चने को गुड़ के साथ लेते हैं तो ये और अधिक फायदा करता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए भी चने का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है।

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एनीमिया के लिए फायदेमंद

अगर आप एनिमिक हैं तो चने को अपनी आदत में शुमार कर लीजिए। एनिमिया के मरीजों के लिए ये बहुत ही फायदेमंद होता है। क्योंकि इसके सेवन से शरीर में खून की कमी नहीं होती है। यानी यह महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है।

त्वचा को निखारे

काला चना आपको हेल्दी रखने के साथ-साथ आपकी त्वचा को निखारने में भी मदद करता है। चने के पानी से चेहरा धोने से चेहरे पर चमक आती है। इसके छिलके का प्रयोग भी त्वचा को निखारने के लिए कर सकते हैं।

सुबह के वक्त चना खाने से अधिक फायदा होता है, इसे ब्रेकफास्ट में भी ले सकते हैं, यह एक हेल्दी ब्रेकफास्ट भी है।

अगर गैस की समस्या है तो लौकी खाएं

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हरी सब्जियों में लौकी शायद सबसे जल्दी पकती है। यह और बात है कि आज शहर में जो लौकी हम खरीद रहे हैं, वह बहुत देर में पकती है। कई बार तो वह ठीक से पकती भी नहीं। देर तक पकाने के बाद भी अगर लौकी ठीक से नहीं पकती है तो इसका मतलब है कि उसे इंजेक्शन लगाकर बड़ाकिया गया है। लौकी में लगभग 96% पानी होता है। यानी सलाद में जो काम खीरा करता है, सब्जी में वही काम लौकी करती है।

लौकी ठंडी होती है। और यह हमारे लीवर को भी दुरुस्त रखती है। इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है, जिस वजह से इसे आसानी से पचाया जा सकता है। आज यह हमारी खास हरी सब्जी है, जिसे शाकाहारी लोग बेहद पसंद करते हैं।इसे पसंद किए जाने की दो वजहें हैं। पहली यह कि यह जल्दी पक जाती है और दूसरे इसे बनाने में ज्यादा मसालों का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता। बीमारी के दौरान जब डॉक्टर किसी को लौकी की सब्जी खाने की सलाह देते हैं तो इसमें केवल नमक मिलाकर पकाते हैं।

पेट के लिए फायदेमंद

लौकी गर्मियों के मौसम में आपके पेट के लिए काफी अच्छी रहती है, और पेट में गैस बनने जैसी समस्या को दूर करती है। इसमें फाइबर होने की वजह से यह अल्सर, पाइल्स और गैस के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद सब्जी है। क्योंकि फाइबर होने के कारण लौकी जल्दी पच जाती है, और शरीर में गैस की समस्या नहीं होती।

गैस की समस्‍या दूर करे

केवल पर्याप्त मात्रा में लौकी क़ी सब्जी का सेवन कब्ज को भी दूर कर देता है और इससे पेट में गैस नहीं बनती। पेशाब से जुड़ी अनियमितताओं के ईलाज में लौकी फायदा करती है। अगर पेशाब करते समय किसी को जलन महसूस होती है तो डॉक्टर उसे लौकी खाने या उसका सूप पीने की सलाह देते हैं। लौकी हमारे लीवर को भी दुरुस्त रखती है। अगर किसी का लीवर संक्रमित है और ठीक से काम नहीं कर रहा है तो लौकी खाना उसके लिए फायदेमंद होता है।

आसानी से है पाचक

इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है, जिस वजह से इसे आसानी से पचाया जा सकता है। लौकी पेट साफ करने में भी बड़ी लाभदायक साबित होती है और शरीर को स्वस्‍थ्‍य और शुद्ध भी बनाती है। लौकी वीर्य वर्धक, पित्त तथा कफनाशक है। लौकी के बीज का तेल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है तथा हृदय के लिए अच्छा है।

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बीमारियों से बचाये

यह रक्त की नाडि़यों को भी तंदुरस्त बनाता है। लौकी का उपयोग आंतों की कमजोरी, कब्ज, पीलिया, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, शरीर में जलन या मानसिक उत्तेजना आदि में बहुत उपयोगी है।

नफा है तो नुकसान भी

कच्चा भोजन तो नुकसानदेह होता ही है। अगर लौकी को भी ठीक से न पकाया जाए और अधपका खाया जाए तो इससे पेट और आंत की बीमारी भी हो सकती है।

जानिए दूध किस समय पीना हमारी सेहत के लिए अच्छा होता है

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बचपन से ही माएं बच्चों को दूध पीने के लिए डांटती भी हैं और इसके फायदे बता कर समझाती भी हैं| दूध में विटामिन ए, के और बी 12, थाइमिन और निकोटिनिक एसिड, मिनरल जैसे- कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम और पोटेशियम पाए जाते हैं, जो हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद है और इससे हमें ताकत मिलती है|

अक्सर देखा गया है कि बच्चों को तो हम दूध पीने पर बहुत जोर देते हैं लेकिन घर के अन्य सदस्यों को पर दूध के मामले में उतना ध्यान नहीं देते|जबकि बढ़ती उम्र में भी दूध पीना उतना ही जरूरी है जितना बचपन में| वहीं लोग अपने कंफर्ट के हिसाब से दूध पीते हैं जैसे बच्चों को दूध नाश्ते में दिया जाता है तो बड़े-बुजुर्ग दूध रात में सोने से पहले पीना पसंद करते हैं|

दूध पीने का सही समय क्‍या है, इस बात को लेकर हर किसी के मन में दुविधा रहती है| कई लोग कहते हैं दूध नाश्ते के साथ पीना अच्छा होता है तो कई लोग इसे रात में पीना सही समझते हैं| हालांकि अगर दूध का सेवन दिन में किया जाए तो यह हमें दिनभर एनर्जी देता है और रात में लिया जाए तो यह दिमाग को शांत करके अच्छी नींद लाने में सहायक होता है|

वहीं आयुर्वेद रात में दूध पीने को प्राथमिकता देता है| अगर दूध पीने के सही समय को लेकर आप भी हैं दुविधा में तो जानिए ये कुछ जरूरी बातें…

क्या होता जब आप अलग-अलग समय पर दूध पीते हैं…

सुबह: पचाने में भारी होने के कारण सुबह दूध पीने से मना किया जाता है।
दोपहर: दोपहर के समय दूध पीना बुजुर्गों के लिए फायदेमंदह होता है क्‍योंकि इससे बुजुर्गों को ताकत मिलती है।
शाम: शाम के समय दूध पीना आंखों के लिए बहुत अच्‍छा होता है।
रात: रात को दूध पीने सबसे अच्‍छा माना जाता है क्‍योंकि इससे शरीर की थकान मिटती है और नींद अच्‍छी आती है।

ये हैं रात को दूध पीने के लाभ

  • दूध में प्रोटीन होता है जो कि मांसपेशियों के विकास के लिये लाभदायक होता है।
  • दूध में ट्रीप्‍टोफन नामक अमीनो एसिड की मौजूदगी से नींद के हार्मोंन स्‍तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसी कारण से रात को दूध पीने से अच्‍छी नींद आती है।
  • दूध कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। साथ कैल्शियम शाम को कम गतिविधि स्‍तर के कारण बेहतर तरीके से अवशोषित हो जाता है।

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दूध पीने से पहले जान लें कुछ जरूरी बातें

  • कमजोर पाचन, त्वचा संबंधी समस्‍याओं, खांसी, अपच और पेट में कीड़े जैसी समस्‍याओं से परेशान लोगों को दूध के सेवन से बचना चाहिए|
  • दूध को कभी भी भोजन के साथ नहीं पीना चाहिए क्‍योंकि यह जल्‍द हजम नहीं हो पाता. इसे हमेशा अलग से गर्म करके पीना चाहिए|
  • लैक्‍टोज असहिष्णु लोगों को दूध पीने से बचना चाहिए।
  • दूध को ठंडा, ज्‍यादा और अनुपयुक्त खाद्य पदार्थों के साथ लेने पर यह सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

– आयुर्वेद के अनुसार रात को सोने से पहले दूध पीने के लिए जरूरी है कि आप शाम के भोजन के दो घंटे बाद ही इसे पि‍एं ताकि आपको रात को दूध पीने का लाभ मिल सके.

मुलेठी की चाय पीयेंगे तो आपका लीवर रहेगा हमेशा स्वस्थ

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मुलेठी आपके लिए बड़े काम की चीज है। यह जरूरी नहीं है कि आप बीमार हों तभी मुलेठी का सवेन कर सकते हो। मुलेठी का प्रयोग हमेशा करते रहना चाहिए। लीवर की बीमारियों के इलाज के लिए मुलेठी का इस्‍तेमाल कई आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है। मुलेठी के सेवन से लीवर काफी मजबूत होता है।

  • एक चुटकी मुलेठी के पाउडर को उबलते हुए पानी में डालें उसमे थोड़ी सी चायपत्ती डालें। 10 मिनट तक उबालें और छान लें। इसे सुबह गरमागरम ही पियें।या इसके इस्‍तेमाल के लिए मुलेठी की जड़ का पाउडर बनाकर इसे उबलते पानी में डालें। फिर ठंड़ा होने पर छान लें।  इस चाय रुपी पानी को दिन में एक या दो बार पिएं। पानी में घुली हुई मुलेठी कार्बन टेट्राक्लोराइड से उत्पन्न टॉक्सिक के खिलाफ काफी असरदार है।
  • ग्लिसराइजिक एसिड के होने के कारण इसका स्वाद साधारण शक्कर से पचास गुना अधिक मीठा होता है। मुलेठी को इसके मीठे स्वाद और एंटी अल्सर एक्शन के लिए जाना जाती है। यह इंटरफेरॉन के बनने में भी मदद करती है जो कि एक प्रकार की इम्यून कोशिका होती है जो लीवर को बैक्टीरिया से बचाती है।
  • जो लोग नॉन एल्कोहालिक फैटी लिवर रोगों (जब लिवर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है) जो पीड़ित होते हैं, उनके लीवर में ट्रांसएमाइनेज एंजाइम्स ALT और AST की मात्रा बढ़ जाती है। स्टडी के मुताबिक मुलेठी का सत्व इन एंजाइम्स की मात्रा को लिवर से कम करता है। इसलिए मुलेठी लिवर के लिए लाभप्रद है। लिवर से निकलने वाले बाइल जूस के स्राव में भी मुलेठी काफी असरदार होती है।
  • कीमोथेरेपी से लीवर को जो नुकसान पहुंचती है उसमें भी मुलेठी का सेवन लिवर को बचाने का काम करती है। यह लीवर के अंदर होने वाली फ्री रेडिकल डैमेज को कम करती है। यही कारण है कि डॉक्टर हेपाटाइटिस बी की बीमारी में मुलेठी खाने की सलाह देते हैं।

लीवर से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिये मुलेठी की चाय का सेवन आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है।

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रोज सुबह हल्‍दी मिलाकर पानी पीने के अचूक फायदे

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ज्‍यादातर लोग स्‍वस्थ और फिट रहने के लिए सुबह उठते ही गर्म पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीते है। इसे लेने से वजन कम होता है और इसके नियमित सेवन से सेहत से जुड़ी कई समस्याओं से हमेशा के लिए निजात मिल सकती है, जैसे शरीर के विषैले तत्‍व बाहर निकलते है, पाचन संबंधी समस्‍याएं दूर होती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और त्‍वचा में चमक आती है। इसके अलावा किसी प्रकार की भी कमजोरी आने पर लोग हल्‍दी वाला दूध पीते हैं।

लगभग हम सभी लोग गर्म पानी में नींबू मिलाकर और हल्‍दी वाले दूध पीने के फायदों के बारे में जानते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि अगर इस मिश्रण में थोड़ी सी हल्‍दी भी मिला दी जाए तो इसके गुण और भी बढ़ जाते हैं। यकीन नहीं हो रहा न, लेकिन हल्‍दी वाला पानी स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक गुणों से भरपूर होता है। आइये इस आर्टिकल के माध्‍यम से हल्‍दी वाला पानी बनाने के तरीके और सुबह पानी में हल्‍दी में मिलाकर पीने के फायदों के बारे में जानते हैं।

हल्‍दी वाला पानी बनाने का तरीका – Haldi wala pani banane ka shi tarika in hindi

सामग्री
1/2 – नींबू
1/4 – टी स्‍पून हल्‍दी
1 गिलास – गर्म पानी
थोड़ी सी शहद

हल्‍दी वाला पानी बनाने की विधि -Haldi wala pani banane ki vidhi

एक गिलास में आधा नींबू निचोड़ कर उसमें हल्‍दी और गर्म पानी मिलाकर अच्‍छे से मिक्‍स कर लें।
फिर उसमें स्‍वादानुसार शहद मिलाएं।
हल्‍दी कुछ समय बाद नीचे बैठ जाती है, इसलिए पीने से पहले इसे अच्‍छे से हिलाकर पीयें।

हल्‍दी वाले पानी के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ -Haldi Wala Pani Peene Ke Fayde in hindi

एंटी-कैंसर गुणों से भरपूर

हल्‍दी में करक्‍यूमिन नामक केमिकल की मौजूदगी इसे एक ताकतवर एंटीऑक्‍सीडेंट बनाता है। जो कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं से लड़ती है।

पाचन दुरुस्‍त रखें

कई शोधों से यह बात साबित हुई है कि नियमित रूप से हल्‍दी का सेवन करने से पित्‍त ज्‍यादा बनता है, जिससे आपका आहार आसानी से हजम हो जाता है और आहार के च्‍छे से हजम होने से आप पेट संबंधी बीमारियों से बचे रहते हैं। इसलिए अगर आप अपने पाचन को दुरुस्‍त रखना चाहते हैं तो आज से ही अपनी दिनचर्या में हल्‍दी वाले पानी को शामिल करें।

शरीर की सूजन कम करें

हल्दी में करक्यूमिन नामक केमिकल की मौजूदगी के कारण यह दवा के रूप में काम करता है और यह शरीर की सूजन कम करने में सहायक होता है। शरीर में चाहे कितनी भी सूजन क्‍यूं न हो, हल्‍दी वाला पानी पीने से कम हो जाती है। इसके अलावा करक्यूमिन के कारण यह जोड़ों के दर्द और सूजन को दूर करने में दवाइयों से भी ज्‍यादा अच्‍छी तरह से काम करता है|

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दिमाग तेज करें

हल्‍दी दिमाग के लिए बहुत अ‍च्‍छी होती है, अगर आप सुबह के समय गर्म पानी में हल्‍दी मिलाकर पीते हैं यह आपके दिमाग के लिए बहुत अच्‍छा रहता है। भूलने की बीमारी जैसे डिमेंशिया और अल्‍जाइमर को भी इसके नियमित सेवन से कम किया जा सकता है।

दिल को दुरुस्‍त रखें

हल्‍दी वाला दूध दिल की सेहत के लिए भी बहुत अच्‍छा होता है। इसे पीने से खून जमता नहीं है और साथ ही यह खून साफ करने में भी मददगार होता है। इसके अलावा इससे खून की धमनियों में जमाव भी हट जाता है। हल्‍दी वाला पानी भी दिल को दुरूस्‍त रखने के लिए ऐसे ही काम करता है।

लीवर की रक्षा करें

हल्‍दी का पानी टॉक्सिक चीजों से आपके लीवर की रक्षा करता है और खराब लीवर सेल्‍स को दोबारा ठीक करने में मदद करता है। इसके अलावा यह पित्ताशय के काम को ठीक करने में मदद करता है, जिससे आपके लीवर की रक्षा होती है।

उम्र के असर को करें बेअसर

गर्म पानी में नींबू, हल्दी पाउडर और शहद मिलाकर पीने से यह शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकालने में बहुत मददगार होता है। इसके अलावा इसे नियमित रूप से पीने से फ्री रैडिकल्‍स से लड़ने में मदद मिलती है जिससे शरीर पर उम्र का असर कम और धीरे-धीरे पड़ता है।

हल्दी वाले दूध के फायदे जो आपको चौका देंगे

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बहुत फायदेमंद हैं हल्‍दी वाला दूध| दूध जहां कैल्शियम से भरपूर होता है वहीं दूसरी तरफ हल्‍दी में एंटीबायोटिक होता है। दोनों ही आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। और अगर दोनों को एक साथ मिला लिया जाये तो इनके लाभ दोगुना हो जायेगें। आइए हल्‍दी वाले दूध के ऐसे फायदों को जानकर आप इसे पीने से खुद को रोक नहीं पायेगें ।

कैंसर से बचाव

कुछ अध्यनों से यह भी पता चला है की हल्दी का दूध पीने से कैंसर तक से लड़ने में मदद मिलती है, हल्दी हजारो सालो से भारत की एक प्रमुख औषधि रही है जिसे जानबूझ कर खाने में स्थान दिया गया |

सांस संबंधी समस्‍याओं में लाभकारी

हल्दी में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते है, इसलिए इसे गर्म दूध के साथ लेने से दमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों में कफ और साइनस जैसी समस्याओं में आराम होता है।  यह मसाला आपके शरीर में गरमाहट लाता है और फेफड़े तथा साइनस में जकड़न से तुरन्त राहत मिलती है। साथ ही यह बैक्टीरियल और वायरल संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है।

मोटापा कम करें

हल्दी वाले दूध को पीने से शरीर में जमी अतिरिक्त चर्बी घटती है। इसमें मौजूद कैल्शियम और मिनिरल और अन्‍य पोषक तत्व वजन घटाने में मदगार होते है।

गहरी नींद में सहायक

हल्‍दी शरीर में ट्रीप्टोफन नामक अमीनो अम्ल को बनाता है जो शान्तिपूर्वक और गहरी नींद में सहायक होता है। इसलिए अगर आप रात में ठीक से सो नहीं पा रहें है या आपको बैचेनी हो रही है तो सोने से आधा घंटा पहले हल्दी वाला दूध पीएं। इससे आपको गहरी नींद आएगी और नींद ना आने की समस्या दूर हो जाएगी।

हडि्डयों को मजबूत बनाये

दूध में कैल्शियम और हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी के कारण हल्दी वाला दूध पीने से हडि्डयां मजबूत होती है और साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। हल्दी वाले दूध को पीने से हड्डियों में होने वाले नुकसान और ऑस्टियोपोरेसिस की समस्‍या में कमी आती है।

त्वचा सम्बन्धी रोगों में लाभदायक

बहुत से अध्यनों में यह बात साफ़ तौर पता चली है की त्वचा पर हल्दी का लेप लगाने से तो त्वचा निखरती है ही लेकिन हल्दी के साथ दूध का सेवन करने से त्वचा सम्बन्धी रोगों में भी बहुत लाभ मिलता है और त्वचा सम्बन्धी बिमारियों की सम्भावना काफी हद तक कम हो जाती है |

दर्द कम करें

हल्दी वाले दूध के सेवन से गठिया का निदान होता हैं। साथ ही इसका रियूमेटॉइड गठिया के कारण होने वाली सूजन के उपचार के लिये प्रयोग किया जाता है। यह जोड़ो और मांसपेशियों को लचीला बनाता है जिससे दर्द कम हो जाता है।

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खून साफ करें

आयुर्वेदिक परम्‍परा में हल्‍दी वाले दूध को एक बेहतरीन रक्त शुद्ध करने वाला माना जाता है। यह रक्त को पतला कर रक्त वाहिकाओं की गन्दगी को साफ करता है। और शरीर में रक्त परिसंचरण को मजबूत बनाता है।

पाचन संबंधी समस्‍याओं में लाभकारी

हल्‍दी वाला दूध एक शक्तिशाली एंटी-सेप्टिक होता है। यह आंतों को स्‍वस्‍थ बनाने के साथ पेट के अल्‍सर और कोलाइटिस के उपचार में भी मदद करता है। इसके सेवन से पाचन बेहतर होता है और अल्‍सर, डायरिया और अपच की समस्‍या नहीं होती है।

आकर्षण बढाने में लाभकारी

तंत्र शास्त्र के मुताबिक हल्दी में जबरदस्त आकर्षण गुण होता है, दूध के साथ हल्दी का सेवन करने से आपका चेहरा कुछ ही दिनों में खिल उठता है और आपका औरा और स्वच्छ और आकर्षक बन जाता है |

जानिए भीगे बादाम सूखे बादाम से क्यों ज्यादा फायदेमंद हैं|

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अगर आपको बादाम खाने पसंद है, लेकिन भीगे बादाम खाने के विचार से भी आप नफरत करते हैं तो आपको अपने इस विचार को बदल लेना चाहिए। क्‍योंकि भीगे बादाम स्‍वादानुसार ही नहीं बल्कि स्‍वास्‍थ्‍य की दृष्टि से भी कच्‍चे बादाम से बहुत बेहतर होते हैं।

क्यों भीगे बादाम ज्यादा फायदेमंद हैं

बादाम अपने असीम स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के लिए जाना जाता है। और सबसे ज्‍यादा यह याददाश्त को बढ़ने में मदद के लिए जाना जाता है। बादाम आवश्‍यक विटामिन और मिनरल जैसे विटामिन ई, जिंक, कैल्शियम, मैग्नीशियम और ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर होता है। लेकिन इन सभी पोषक तत्‍वों को अवशोषित करने के लिए, बादाम को खाने से पहले रात भर पानी में भिगोना चाहिए। ऐसा इसलिए क्‍योंकि बादाम के भूरे रंग के छिलके में टनीन होता है जो पोषक तत्‍वों के अवशोषण को रोकता है। एक बाद बादाम को पानी में भिगोने से छिलका आसानी से उतर जाता है और नट्स को पोषक तत्‍वों को रिहा करने की अनुमति देता है। भीगा हुआ बादाम पाचन में भी मदद करता है। यह लाइपेज नामक एंजाइम की विज्ञप्ति करता है जो वसा के पाचन के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा भीगे हुए बादाम आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अन्‍य कई प्रकार से फायदेमंद हो सकता हैं।

दिल को स्वस्थ रखें

जर्नल ऑफ न्‍यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्‍ययन के अनुसार, बादाम एक बहुत ही शक्तिशाली एंटीऑक्‍सीडेंट एजेंट हैं, जो एलडीएल कोलेस्‍ट्रॉल के ऑक्‍सीकरण को रोकने में मदद करता है। बादाम के ये गुण दिल को स्‍वस्‍थ रखने और पूरे हृदय प्रणाली को नुकसान और ऑक्सीडेटिव स्‍ट्रेस से बचाने में मदद करता है। अगर आप दिल की बीमारी के किसी भी रूप से पीड़ि‍त हैं तो स्‍वस्‍थ रहने के लिए अपने आहार में भीगे हुए बादाम को शामिल करें।

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वजन घटाने में मददगार

बादाम वजन घटाने में भी मददगार होते हैं। इसमें मोनोअनसेचुरेटेड फैट आपकी भूख को रोकने और पूरा महसूस करने में मदद करता है। भीगा हुआ बादाम एंटीऑक्‍सीडेंट का भी अच्‍छा स्रोत हैं। यह मुक्‍त कणों के नुकसान से बचाकर उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोकता है। भीगे बादाम में विटामिन B17 और फोलिक एसिड कैंसर से लड़ने और जन्‍म दोष को दूर करने के लिए महत्‍वपूर्ण होता हैं।

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हाई ब्‍लड प्रेशर को नियंत्रित करें

बादाम ब्‍लड प्रेशर के लिए भी अच्‍छे होते हैं। जर्नल फ्री रेडिकल रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, वैज्ञानिकों ने पाया कि बादाम का सेवन करने से ब्‍लड में अल्‍फा टोकोफेरॉल की मात्रा बढ़ जाती है, जो किसी के भी रक्‍तचाप को बनाये रखने के लिए महत्‍वपूर्ण होता है। अध्‍ययन से यह भी पता चला कि नियमित रूप से बादाम खाने से एक व्‍यक्ति का ब्‍लड प्रेशर नीचे लाया जाता है। और यह 30 से 70 वर्ष की उम्र के बीच के पुरुषों में विशेष रूप से प्रभावी था।

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‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल के स्तर नियं‍त्रण

उच्‍च कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या आज भारत में सबसे आम बीमारियों में से एक होती जा रही है। उच्च कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग और दिल की धमनियों में रुकावट सहित कई प्रकार के रोगों का एक कारक है। इस समस्‍या के लिए बादाम आपकी मदद कर सकता है। बादाम शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाने में ‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल के स्‍तर को कम करने में बहुत मददगार होता है।

रात में पानी में भिगोकर सुबह छिलका उतार कर खाना से पढ़ने वाले बच्चों के लिए तो यह बहुत ही फायदेमंद सिद्ध होता हैं। बादाम खाना खाने के बाद शुगर और इंसुलिन का लेवल बढ़ने से रोकता है। जिससे डायबिटीज से बचा जा सकता है। तो फिर किस बात की देरी है, रोज सुबह भीगे बादाम खाकर आप भी अपने शरीर को पोषण से भरपूर करें।

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