दही के अनोखे फायदे

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दही ना केवल आपको स्वास्थ लाभ बल्कि कई तरह के सौंदर्य फायदे भी देता है|दही आपके शरीर से कई रोगो को दूर करने में मदद करता है| इसमें कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ उपस्थित होते है, जिसके चलते यह दूध की तुलना में जल्दी पच जाता है। जिन भी लोगों को पेट संबंधित परेशानियां जैसे की कब्ज, गैस आदि होती है| उन्हें दही का प्रयोग जरूर करना चाहिए|

आप दही के प्रयोग को कई तरह से कर सकते है| जैसे की आप उसे प्रत्यक्ष रूप से भी खा सकते है| या फिर इससे बनी लस्सी और छांछ भी ले सकते है| इसके तीनो रूप आपके शरीर के लिए फायदेमंद है| गर्मी के दिनों में तो दही का सेवन जरूर करना चाहिए| यह ना केवल आपके शरीर को ठंडक पहुचता है, बल्कि यह आपके शरीर में बढ़ने वाली चर्बी को भी घटाता है|

दही में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन पाया जाता है। दूध के मुकाबले दही सेहत के लिए ज्यादा फायदा करता है। क्‍योंकि दूध में मिलने वाला फैट और चिकनाई शरीर को एक उम्र के बाद नुकसान पहुंचाता है। इस के मुकाबले दही से मिलने वाला फास्फोरस और विटामिन डी शरीर के लिए लाभकारी होता है। दही में दूध की अपेक्षा ज्यादा मात्रा में कैल्शियम होता है। इसके अलावा दही में प्रोटीन, लैक्टोज, आयरन, फास्फोरस पाया जाता है।

आइए हम आपको बताते हैं कि दही आपके शरीर के लिए कितना फायदेमंद है।

टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम करें

डायबिटोलॉजिया जर्नल में प्रकाशित शोध की मानें तो दही के नियमित सेवन से डायबिटीज टाइप 2 का खतरा 28 प्रतिशत तक कम हो जाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के मेडिकल रिसर्च काउंसिल युनिट की वैज्ञानिक डॉ. नीता फोरौही के अनुसार, दही में प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम और सैचुरेटेड फैट्स अच्छी मात्रा में होते हैं जो डायबिटीज टाइप 2 से दूर रखने में आपकी मदद करते हैं। इसलिए अगर आप डायबिटीज से परेशान है तो अपने आहार में दही को शामिल करें।

पेट के लिए रामबाण है दही

दही पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पेट की बीमारी से परेशान लोगों को अपने आहार में दही को प्रचूर मात्रा में शामिल करना चाहिए। पेट में जब अच्छे किस्म के बैक्टीरिया की कमी हो जाती है, जिसके चलते भूख न लगने जैसी तमाम बीमारियां पैदा हो जाती हैं। इस स्थिति में दही सबसे अच्छा भोजन बन जाता है। इसमें अच्छे बैक्टीरिया पाये जाते हैं जो पेट की बीमारी को ठीक करते हैं। यह इन तत्वों को हजम करने में मदद करता है। दही में अजवाइन मिलाकर पीने से कब्ज की शिकायत समाप्त होती है।

हड्डियों के लिए फायदेमंद

दही कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कि हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। दही खाने से दांत भी मजबूत होते हैं। दही ऑस्टियोपोरोसिस (जोडों की बीमारी) जैसी बीमारी से लड़ने में भी मददगार होती है।

त्‍वचा के लिए गुणकारी

चेहरे पर दही लगाने से त्वचा मुलायम होती है और त्वचा में निखार आता है। दही से चेहरे की मसाज की जाये तो यह ब्लीच के जैसा काम करता है। गर्मियों में त्वचा पर सनबर्न की समस्‍या को दूर करने के लिए दही मलना चाहिए, इससे सनबर्न और टैन में फायदा मिलता है। इसके अलावा त्वचा का रूखापन दूर करने के लिए दही का प्रयोग करना चाहिए। जैतून के तेल और नींबू के रस के साथ दही का चेहरे पर लगाने से चेहरे का रूखापन समाप्त होता है।

मुँह के छाले ठीक करे

क्या आप जानते है दही का सेवन मुँह के छाले दूर करने में भी फायदेमंद है| जब भी हमें छाले जो जाते है उसे दूर करने के लिए हम कई तरह के नुश्खे आजमाने की कौशिश करते हैं| छालो की परेशानी को दूर करने के लिए दही की मलाई को दो से तीन दिन छाले पर लगाये, इससे आपको ठंडक मिलेगी और छाले भी जल्दी ठीक हो जाएंगे।

भूख बढ़ाये

गर्मी के दिनों में आपको दही का सेवन रोज करना चाहिए| क्योकि इसके नियमित सेवन से आपकी पाचन क्रिया सही रहती हैं, और आप पूरा दिन खुद को तारो ताज़ा महसूस करते हैं। जिन लोगो को भूख ना लगने की शिकायत होती है, उनके लिए तो यह बहुत फायदेमंद है|

इसके अलावा यदि किसी को अपच की समस्या हो तो पीसी हुइ काली मिर्च, पिसा हुआ जीरा और सेंधा नमक को दही में डालकर खाने से अपच दूर होती है और खाना जल्दी पच जाता है।

मोटापा कम करे

दही मोटापे को कम करने मैं भी सहायक हैं| एक कटोरी दही रोजाना खाने से आप अपने बढ़ते वजन को नियंत्रित कर सकते है| लेकिन हां यदि आप वजन कम करने के लिए दही का सेवन कर रहे है तो बिना मलाई वाला दही खाए, मलाई वाले दही में कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है|

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अन्‍य लाभ

  • दही के सेवन से हार्ट में होने वाले कोरोनरी आर्टरी रोग से बचाव किया जा सकता है। दही के नियमित सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रोल को कम किया जा सकता है।
  • दही पीने से पाचन क्षमता बढती है और भूख भी अच्छे से लगती है।
  • सर्दी और खांसी के कारण सांस की नली में इन्फेक्शन हो जाता है। इस इंफेक्शन से बचने के लिए दही का प्रयोग करना चाहिए।
  • मुंह के छालों के लिए यह बहुत ही अच्छा घरेलू नुस्खा है। मुंह में छाले होने पर दही से कुल्ला करने पर छाले समाप्त हो जाते हैं।
  • लू से बचने के लिए दही का प्रयोग किया जाता है। लू लगने पर दही पीना चाहिए।

गर्मी के मौसम में दही और उससे बनी छाछ का ज्यादा मात्रा में प्रयोग किया जाता है। क्योंकि छाछ और लस्सी पीने से पेट की गर्मी शांत होती है। दही का रोजाना सेवन करने से शरीर की बीमारियों से लडने की क्षमता बढती है।

गठिया रोग में परहेज – क्या खाएं और क्या नहीं खाएं

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गठिया रोग में परहेज हिंदी में:  अर्थराइटिस यानी गठिया रोग बहुत ही दर्दनाक बीमारी है, यह जिसे एक बार हो जाती है उसका पीछा दूर दूर तक नहीं छोड़ती। इस बीमारी में शरीर में यूरिक एसिड बढ जाता है जिससे जोड़ों में दर्द पैदा होता है। कई लोगों को तो गठिया समय के साथ बढता है पर कई लोगों में गठिया बचपन से ही हो जाता है।अर्थराइटिस का दर्द इतना तीव्र होता है कि व्यक्ति को चलने–फिरने और यहां तक कि घुटनों को मोड़ने में भी बहुत परेशानी होती है। लेकिन आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल कर आप इस समस्‍या से बच सकते हैं।

गठिया रोग में क्या खाना चाहिए – gathiya rog me kya khana chahiye

अदरक

अदरक रक्त प्रवाह और परिसंचरण में सुधार करता है। ठंड के मौसम के दौरान खराब जोड़ों के दर्द का अनुभव करने वाले अधिक संवेदनशील लोगों के लिए विशेष रूप से अच्छा होता है। जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को हर रोज दो सौ ग्राम अदरक दो बार लेने से दर्द में बहुत राहत मिलती है। आप चाहें तो सब्जी, सूप या अन्य चीजों में मिलाकर भी अदरक का सेवन कर सकते हैं।

कैमोमाइल टी

अर्थराइटिस के लिए कैमोमाइल टी सबसे ज्‍यादा फायदेमंद मानी जाती है। इसमें मौजूद एंटी इंफेल्‍मेटेरी तत्‍व अर्थराइटिस के इलाज में फायदेमंद है। इसे आप चाय की तरह या खाने के तौर पर ले सकते हैं। यह जोड़ो में यूरिक एसिड बनने से रोकता है।

लहसुन का सेवन

लहसुन रक्त शुद्ध करने में सहायक है। अर्थराइटिस के कारण रक्त में यूरिक एसिड बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाता है। लहसुन के रस के प्रभाव से यूरिक एसिड गलकर तरल रूप में मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाता है।

शुगरयुक्‍त आहार

चीनी शरीर के हर हिस्से में सूजन का कारण बनती है, इससे आपकी धमनियों में सूजन बढ़ जाती है। यह अथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों की दीवारों के अंदर जमा फैट) के अधिक खतरे का कारण बनता है, और प्रतिरक्षा कोशिकाओं के इंफ्लेमेटरी केमिकल के स्राव को उत्तेजित करता है। इसलिए अर्थराइटिस के मरीज को चीनी और मीठा खाने से परहेज करना चाहिए।

सेब साइडर सिरका

सेब साइडर सिरका आपके पाचन में सुधार करता है, विशेष रूप से प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को बेहतर तरीके से पचाता है। उम्र बढ़ने पर हमारे पेट की क्षमता कम और जोड़ों का दर्द बढ़ जाती है। ऐसे में सेब साइडर सिरका बहुत मददगार होता है। सेब साइडर सिरका आपके शरीर को अधिक क्षारीय बनाने में मददकर जोड़ों के दर्द को कम करता है।

अर्थराइटिस में इन आहार से बचें – gathiya rog me kya nahi khana chahiye

अर्थराइटिस होने पर शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है, इसके कारण ही जोड़ों में सूजन होती है। इसकी पीड़ा असहनीय होती है, खासकर ठंड के मौसम में इसका दर्द बर्दाश्‍त से बाहर हो जाता है। कुछ आहार तो ऐसे है जिनको खाने से अर्थराइटिस का दर्द और भी बढ़ सकता है। आइए जानें, किन आहार से बढ़ सकता है अर्थराइटिस का दर्द।

डेयरी प्रोडक्‍ट

अर्थरा‍इटिस में दुग्‍ध उत्‍पादों को खाने से बचना चाहिए। दुग्‍ध उत्‍पादों से बने खाद्य-पदार्थ भी अर्थराइटिस के दर्द को बढ़ा सकते हैं। क्‍योंकि दुग्‍ध उत्‍पाद जैसे, पनीर, बटर आदि में कुछ ऐसे प्रोटीन होते हैं जो जोड़ों के आसपास मौजूद ऊतकों को प्रभावित करते हैं, इसकी वजह से जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है।

खट्टे फल

वैसे तो खट्टे फल अत्‍यंत स्‍वस्‍थ होते है, और विटामिन सी और अन्‍य पोषक तत्‍वों को प्राप्‍त करने का एक शानदार तरीका है। लेकिन कुछ लोगों में या जोड़ों के दर्द में वृद्धि कर सकते हैं। अगर आप स्‍वस्‍थ आहार का अनुसरण करके भी जोड़ों में दर्द से पीड़‍ित है तो एक महीने के लिए अपने आहार से खट्टे फलों को हटा कर देखें कि क्‍या होता है।

एल्‍कोहल और सॉफ्ट ड्रिंक

एल्कोहल खासकर बीयर शरीर में यूरिक एसिड के स्‍तर को बढ़ाता है, और शरीर से गैर जरूरी तत्व निकालने में शरीर को रोकता भी है। इसी तरह सॉफ्ट ड्रिंक खासकर मीठे पेय या सोडा में फ्रक्टोज नामक तत्व पाया जाता है, जो यूरिक एसिड के बढ़ने में मदद करता है। 2010 में किए गए एक शोध के अनुसार, जो लोग ज्यादा मात्रा में फ्रक्टोस वाली चीजों का सेवन करते हैं, उनमें अर्थराइटिस होने का खतरा दोगुना अधिक होता है।

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टमाटर न खायें

टमाटर हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है, क्‍योंकि इसमें विटामिन और मिनरल भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, लेकिन यह अर्थराइटिस के दर्द को बढ़ाता भी है। टमाटर में कुछ ऐसे रासायनिक घटक पाये जाते हैं जो गठिया के दर्द को बढ़ाकर जोड़ों में सूजन पैदा कर सकते हैं। इसलिए टमाटर खाने से परहेज करें।

मछली न खायें

अर्थराइटिस होने पर ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्‍त आहार का सेवन नहीं करना चाहिए। मछली का सेवन करने से अर्थराइटिस का दर्द बढ़ सकता है। मछली में अधिक मात्रा में प्यूरिन पाया जाता है। प्यूरिन हमारे शरीर में ज्यादा यूरिक एसिड पैदा करता है। इसलिए सालमन, टूना और एन्कोवी जैसी मछलियों को खाने से बचना चाहिए।

अजमोद

अजमोद गठिया से ग्रस्त मरीजों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है। गाउट के हमले में ददै को कम करने के लिए अजमोद का रस प्रभावी तरीका हो सकता है। अजमोद एक मूत्रवर्धक है, जो किडनी की सफाई के लिए जाना जाता है। किडनी में मौजूद व्यर्थ पदार्थों को बाहर निकाल कर यह आपको स्वस्थ रखता है।

आयुर्वेद में लकवा का इलाज

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लकवा को आयुर्वेद में पक्षाघात रोग भी कहते हैं। इस रोग में रोगी के एक तरफ के सभी अंग काम करना बंद कर देते हैं जैसे बांए पैर या बाएं हाथ का कार्य न कर पाना। साथ ही इन अंगों की दिमाग तक चेतना पहुंचाना भी निष्क्रिय हो जाता है। और इस रोग की वजह से अंगों का टेढापन, शरीर में गरमी की कमी, और कुछ याद रखने की क्रिया भी नष्ट हो जाती है। आयुर्वेद में लकवा के प्रभाव को कम करने के अनेक उपाय दिए गए हैं।

लकवा से बचने के आयुर्वेदिक उपचार

  1. 1 चम्मच काली मिर्च को पीसकर उसे 3 चम्मच देशी घी में मिलाकर लेप बना लें और लकवाग्रसित अंगों पर इसकी मालिश करें। एैसा करने से लकवा ग्रस्त अंगों का रोग दूर हो जाएगा।
  2. 6 कली लहसुन को पीसकर उसे 1 चम्मच मक्खन में मिला लें और रोज इसका सेवन करें। लकवा ठीक हो जाएगा।
  3. कुछ दिनों तो रोज छुहारों को दूध में भिगोकर रोगी को देते रहने से लकवा ठीक होने लगता है।
  4. सौंठ और उड़द को पानी में मिलाकर हल्की आंच में गरम करके रोगी को नित्य पिलाने से लकावा ठीक हो जाता है।
  5.  नाशपाती, सेब और अंगूर का रस बराबर मात्रा में एक ग्लिास में मिला लें। और रोगी को देते रहें। कुछ समय तक यह उपाय नित्य करना है तभी फायदा मिलेगा।
  6. करेले की सब्जी या करेले का रस को नित्य खाने अथवा पीने से लकवा से प्रभावित अंगों में सुधार होने लगता है। यह उपाय रोज करना है।
  7. प्याज खाते रहने से और प्याज का रस का सेवन करते रहने से लकवा रोगी ठीक हो जाता है।
  8. आधा लीटर सरसों के तेल में 50 ग्राम लहसुन डालकर लोहे की कड़ाही में पका लें। जब पानी जल जाए उसे ठंडा होने दें फिर इस तेल को छानकर किसी डिब्बे में डाल लें। और इस तेल से लकवा वाले अंगों पर मालिश करें।
  9. तुलसी के पत्तों, दही और सेंधा नमक को अच्छे से मिलाकर उसका लेप करने से लकवा ठीक हो जाता है। ये उपाय लंबे समय तक करना होगा।
  10. गरम पानी में तुलसी के पत्तों को उबालें और उसका भाप लकवा ग्रस्ति अंगों को देते रहने से लकवा ठीक होने लगता है।

लकवा का सही समय पर इलाज न होने से रोगी एक अपाहिज की जिंदगी जीने को मजबूर हो जाता है इसलिए समय रहते लकवा का उपचार कराना जरूरी है। आयुर्वेदिक तरीकों से लकवा पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। ये उपाय लंबे समय तक लगातार करने से ही फायदा देगें। इसलिए धैर्य जरूर रखें।

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लीवर की बीमारी से बचने के घरेलू उपाय

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मानव पाचन तंत्र में लीवर एक म‍हत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है। विभिन्‍न अंगों के कार्यों जिसमें भोजन चयापचय, ऊर्जा भंडारण, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलना, डिटॉक्सीफिकेशन, प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन और रसायनों का उत्‍पादन शामिल हैं। लेकिन कई चीजें जैसे वायरस, दवाएं, आनुवांशिक रोग और शराब लिवर को नुकसान पहुंचाने लगती है। लेकिन यहां दिये उपायों को अपनाकर आप अपने लीवर को मजबूत और बीमारियों से दूर रख सकते हैं।

हल्‍दी

हल्‍दी लीवर के स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार करने के लिए अत्‍यंत उपयोगी होती है। इसमें एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते है और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती है। हल्दी की रोगनिरोधन क्षमता हैपेटाइटिस बी व सी का कारण बनने वाले वायरस को बढ़ने से रोकती है। इसलिए हल्‍दी को अपने खाने में शामिल करें या रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में थोड़ी सी  हल्दी मिलाकर पिएं।

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अलसी के बीज

फीटकोंस्टीटूएंट्स की उपस्थिति के कारण, अलसी के बीज हार्मोंन को ब्‍लड में घूमने से रोकता है और लीवर के तनाव को कम करता है। टोस्‍ट पर, सलाद में या अनाज के साथ अलसी के बीज को पीसकर इस्‍तेमाल करने से लिवर के रोगों को दूर रखने में मदद करता है।

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सेब का सिरका

सेब का सिरका, लीवर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। भोजन से पहले सेब के सिरके को पीने से शरीर की चर्बी घटती है। सेब के सिरके को आप कई तरीके से इस्‍तेमाल कर सकते हैं- एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं, या इस मिश्रण में एक चम्मच शहद मिलाएं। इस म‍िश्रण को दिन में दो से तीन बार लें।

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सिंहपर्णी जड़ की चाय

सिंहपर्णी जड़ की चाय लीवर के स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने वाले उपचारों में से एक है। अधिक लाभ पाने के लिए इस चाय को दिन में दो बार पिएं। आप चाहें तो जड़ को पानी में उबाल कर, पानी को छान कर पी सकते हैं। सिंहपर्णी की जड़ का पाउडर बड़ी आसानी से मिल जाएगा।

मुलेठी

लीवर की बीमारियों के इलाज के लिए मुलेठी का इस्‍तेमाल कई आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है। इसके इस्‍तेमाल के लिए मुलेठी की जड़ का पाउडर बनाकर इसे उबलते पानी में डालें। फिर ठंड़ा होने पर छान लें। इस चाय रुपी पानी को दिन में एक या दो बार पिएं।

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पपीता

पपीता लीवर की बीमारियों के लिए सबसे सुरक्षित प्राकृतिक उपचार में से एक है, विशेष रूप से लीवर सिरोसिस के लिए। हर रोज दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिएं। इस बीमारी से पूरी तरह निजात पाने के लिए इस मिश्रण का सेवन तीन से चार सप्ताहों के लिए करें।

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पालक और गाजर का रस

पालक और गाजर का रस का मिश्रण लीवर सिरोसिस के लिए काफी लाभदायक घरेलू उपाय है। पालक का रस और गाजर के रस को बराबर भाग में मिलाकर पिएं। लीवर की मरम्मत के लिए इस प्राकृतिक रस को रोजाना कम से कम एक बार जरूर पिएं।

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एवोकैडो और अखरोट

एवोकैडो और अखरोट को अपने आहार में शामिल कर आप लीवर की बीमारियों के आक्रमण से बच सकते हैं। एवोकैडो और अखरोट में मौजूद ग्लुटथायन, लिवर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर इसकी सफाई करता है।

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आंवला

आंवला विटामिन सी के सबसे संपन्न स्रोतों में से एक है और इसका सेवन लीवर की कार्यशीलता को बनाये रखने में मदद करता है। अध्ययनों ने साबित किया है कि आंवला में लीवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद हैं। लीवर के स्‍वास्‍थ्‍य  के लिए आपको दिन में 4-5 कच्चे आंवले खाने चाहिए।

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सेब तथा पत्तेदार सब्जियां

सेब और पत्तेदार सब्जियों में मौजूद पेक्टिन पाचन तंत्र में उपस्थित विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर लीवर की रक्षा करता है। इसके अलावा, हरी सब्जियां पित्त के प्रवाह को बढ़ाती हैं।

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दाढ़ी-मूछ के सफेद बालों के लिए रामबाण घरेलू उपचार

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दाढ़ी मूंछ के सफेद बाल काला करने के घरेलू उपचार हिंदी में: कुछ व्यक्तियों के समय से पहले ही हो जाते हैं। जिसके कारण उन्हें कई स्थानों पर अपने ही उम्र के लोगों के साथ या दोस्तों के साथ खड़े होने में शर्म महसूस होती है।

दाढ़ी या मूंछ के बालों का रंग जल्द सफ़ेद हो जाने के पीछे भी बहुत से कारण हैं।बाल सफेद होने का कारण पैतृक प्रभाव भी होता है या बहुत ज्यादा तनाव लेना या बहुत ज्यादा सोंचना तथा शराब का ज्यादा सेवन करना और गर्मी करने वाले आहार का ज्यादा सेवन करना।मेलनिन के मात्रा कम होने के कारण मूछ और दाढ़ी के बाल सफेद होने लगते है मेलनिन ऐसा तत्व है जो आपके बालों और त्वचा के रंग को सही रखने में मदद करता है लेकिन उम्र के साथ शरीर में मेलनिन की मात्र कम होने के कारण बालों और त्वचा का रंग फीका पड़ने लगता है

दाढ़ी और मूछ के सफेद बालों को काला बनाने के घरेलु उपाय

Dadhi aur Munch ke Safed Baalo ka Upchar hindi me

कड़ी पत्ते का पानी

कड़ी पत्ता 100 मिलीलीटर पानी में थोड़ी से कड़ी पत्तियां डाल कर तब तक उबाले जब तक पानी आधा न रह जाये पानी आधा हो जाने के बाद इसे पी ले रोजाना यह उपचार आजमाने से आपको फायदा मिलेगा।

नारियल का तेल और कड़ी पत्ता

दाढ़ी और मूछ के सफेद बालों से छुटकारा पाने के लिए कुछ कड़ी पत्ते ले और इन्हे नारियल के तेल में डालकर उबाल ले तेल में पत्तो को उबालने के बाद उसे उतारकर ठंडा कर ले और फिर इस तेल से अपनी दाढ़ी और मूछो की मालिश करें इस तेल का प्रयोग आप अपने सिर के बालों को काला करने के लिए भी कर सकते है इस तेल से मालिश करने से आपके सफेद बाल कुछ ही दिनों में काले हो जायंगे।

पुदीने की चाय

इस चाय में बालों को प्राकृतिक दिखाने के सारे गुण मौजूद होते है तथा यही कारण है की आपको इसका सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए पुदीने की चाय का सेवन करके मूछो के बालों की असली रंगत वापिस मिलती है इससे भी आप मूछ और दाढ़ी के बालों को काला कर सकते है।

फिटकरी और गुलाब जल

फिटकरी और गुलाब जल से बने पेस्ट को अपनी मूछो पर लगाकर आप  मनचाहा रंग प्राप्त कर लम्बे समय तक आप जंवा बने रह सकते है इसके लिए फिटकरी को पीसकर इसके पाउडर को गुलाब जल में मिलाकर आप अपनी मूछ पर लगाए।

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दाल और आलू का पेस्ट

इस बेहतरीन आयुर्वेदिक नुस्खे से आप मूछ के सफेद बालों से छुटकारा पा सकते है आलू और दाल से बना पेस्ट मूछ के सफेद बाल को हटाने में बहुत मदद आता है आलू में ब्लीचिंग के प्राकृतिक गुण होने के कारण आलू को दाल के साथ मिलाकर दाढ़ी व् मूछो का प्राकृतिक रंग वापिस आ जाता है।

आवंला जूस

जिनकी दाढ़ी पक रही है उनको एक महीने तक लगातार आवंले के रस का सेवन करना चाहिए यह बहुत प्रभावशाली उपाय है।

सावधानियाँ

यदि आप चाहते है की आपकी दाढ़ी और मूछ का रंग सफेद न हो तो इसके लिए अपने रोजाना के भोजन में फल ,हरि सब्जियां ,दाल तथा प्रोटीन युक्त पदार्थो का सेवन करें तथा जंक फ़ूड खाना,शराब का सेवन करना छोड़ दे इसके साथ ही अपने सफेद बालों को छुपाने के लिए डाई का प्रयोग बिलकुल न करें क्योकि इनमे केमिकल मिले होते है।

आयुर्वेद में शरीर के अनचाहे बालों से कैसे निजात पाए

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आयुर्वेदिक उपचार के जरिये आप शरीर के अतिरिक्त बालों से न सिर्फ निजात पा सकते हैं बल्कि दमकती त्वचा भी हासिल कर सकते हैं। आइये इन उपचारों पर गौर करें।

शरीर में कई कारणों से बाल बढ़ सकते हैं। लेकिन हममें से ज्यादातर सैलून जाकर शरीर के इन अनचाहे बालों से निजात पा लेते हैं। यही नहीं इसके लिए काफी कुछ सहना भी पड़ता है। दर्द से भरे वैक्स और जेब पर भारी खर्च। लेकिन क्या आपको पता है कि शरीर के अनचाहे बालों से निजात पाने के लिए आर्युवेदिक उपचार भी है? जी, हां! आयुर्वेदिक उपचार के जरिये आप शरीर के अनचाहे बालों से न सिर्फ निजात पा सकते हैं बल्कि दमकती त्वचा भी हासिल कर सकते हैं। आइये इन उपचारों पर गौर करें।

हल्दी और काले चने का पाउडर

हल्दी को प्राकृतिक हेयर रिमूवर कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यदि इसे काले चने के साथ मिला दिया जाए तो यह ज्यादा असरकारक हो जाता है। इसके लिए आपको हल्दी और काले चने के पाउडर का पेस्ट बनाना है। इसके लिए गुलाब जल का इस्तेमाल करें। इस पेस्ट को शरीर के हर उस अंग में लगाएं जहां के आप बाल निकालना चाहते हैं। इस पेस्ट को 30 मिनट तक रखें। इसके बाद धोने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करें। ऐसा प्रत्येक तीन माह तक करना चाहिए। जिनकी त्वचा रूखी है, वे इस पेस्ट में दही भी मिला सकती हैं।

कुसुम तेल

यह काफी हद तक सूरजमुखी जैसा होता है। इसमें असंख्य पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। इसका इस्तेमाल खाना बनाने में भी किया जा सकता है। इसके अलावा सलाद पर भी इसे छिड़का जा सकता है। यही नहीं हर्बल कास्मेटिक प्रक्रिया में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। कुसुम तेल की एक विशेष खासियत यह है कि स्थायी परिणाम के लिए इसका इस्तेमाल उपयुक्त होता है। कुसुम तेल का उपयोग वैसे ही किया जाता है जैसे शेविंग या वैक्सिंग आदि क्रीमों को होता है। इसका इस्तेमाल रात को करें। मतलब यह कि रात को लगाकर रखें। अधिकतम 3 से 4 घंटे बाद अंग को गुनगुने पानी से धो दें।

हल्दी और चंदन

जैसा कि पहले ही जिक्र किया जा चुका है कि हल्दी एक प्राकृतिक हेयर रिमूवर है। इसी तरह चंदन को आयुर्वेद में औषधि समान माना गया है। चंदन को त्वचा के लिए बेहतरीन उत्पाद माना जाता है। हल्दी के साथ यदि चंदन को मिला दिया जाए तो न सिर्फ शरीर से अतिरिक्त बालों से निजात मिलता है बल्कि त्वचा दमकती हुई बन जाती है। इसे भी पेस्ट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए आप गुलाब जल की जगह दूध का उपयोग कर सकते हैं। इस पेस्ट को शरीर में कुछ घंटों के लिए रखें। अंततः गुनगुने पानी में धो दें। इसे प्रत्येक माह आजमाएं।

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हर्बल घी

सामान्यतः इस घी को चिकित्सा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जिनमें हारमोन सम्बंधी समस्याएं होती हैं, वे इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा स्त्रीरोग में भी इसका उपयोग उपयुक्त माना जाता है। इसे आप आयुर्वेदिक स्टोर से आसानी से खरीद सकते हैं। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के मुताबिक हर्बल घी सुबह एक बार और शाम को एक बर लेना चाहिए।

ठनका पाउडर

ठनका पाउडर ठनका पेड़ से बनाया जाता है। यह पेड़ म्यांमार में पाया जाता है। इसे भी आयुर्वेदिक प्राकृतिक हेयर रिमूवर के रूप में जाना जाता है। इसके अलवा ठनका पाउडर का इस्तेमाल त्वचा को गोरा बनाने के लिए भी किया जाता है। यही नहीं इसके इस्तेमाल से दमकती त्वचा भी हासिल की जा सकती है। साथ ही त्वचा मुलायम भी बनती है और शरीर से निकलने वाले अतिरिक्त तेल की मात्रा में भी कमी आती है। ठनका पाउडर का इस्तेमाल करने हेतु इसका गुलाब जल से पेस्ट बनाएं। सूखने तक जरूरी शरीर के अंगों में लगाकर रखें। इसके बाद हल्के गुनगुन पानी से धो लें।

मिनटों में सुन्दर दिखना हो तो करें ये घरेलु उपाय

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सुंदर दिखना हर किसी की चाहत होती है। इसके लिए जरूरी नहीं है कि आप मंहगे उत्पाद का प्रयोग करें या ब्यूटी पार्लर का रुख करें। चेहरे की खूबसूरती को निखारने के लिए जरूरी है कि आप इसका खास खयाल रखें। जानिए कुछ आसान उपाय जिनसे आपकी खूबसूरती बरकरार रहेगी।  

चमक रखे बरकरार

एक चम्मच गुलाबजल और एक चम्मच दूध के मिश्रण में दो तीन बूंद नींबू का रस मिलाकर इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा की कोमलता व चमक बनी रहती है।

झुर्रियों करें दूर

एक चम्मच शहद में कुछ बूंदे नींबू के रस की मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे पर झुर्रियाँ नहीं पड़ती है।

तैलीय त्वचा से पाएं छुटकारा

एक चम्मच नींबू का रस में एक चम्मच गुलाब जल और पिसा हुआ पुदीना मिलाकर 1 घंटे रखें। फिर चेहरे पर लगाकर 20 मिनट बाद धो लें। इससे चेहरे का चिपचिपापन दूर हो जाएगा।

यूं हटाएं चेहरे के दाग-धब्बे

चेहरे पर काले दागों को हटाने के लिए टमाटर के रस में रुई भिगोकर दागों पर लगाएं इससे काले धब्बे साफ हो जाएंगे।

मुंहासों से पाएं छुटकारा

आलू उबाल कर छिलके छील लें और इसके छिलकों को चेहरे पर रगड़ें, मुंहासे ठीक हो जाएंगे।

स्क्रबिंग के लिए

टमाटर का टुकड़ा लेकर चेहरे पर हल्के हाथों से मसाज करें, चेहरे की सारी गंदगी साफ हो जाएगी। त्वचा को निखारने के लिए स्क्रबिंग बहुत जरूरी है। स्क्रब त्वचा की मृत कोशिकाओं, धूल इत्यादि को हटाकर रोमछिद्रों को बंद होने से रोकता है।

कैसे पाएं निखार

त्वचा में निखार लाने के लिए थोड़े-से चोकर में एक चम्मच संतरे का रस, एक चम्मच शहद व गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर लगाएं। सूखने पर धो डालें।

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डार्क सर्कल से बचें

आंखों के नीचे झुर्रियां व डार्क सर्कल से बचने के लिए बादाम के तेल में शहद  मिलाकर लगाएं और इस हल्के हाथों से मलें और धो लें।

क्लीजिंग के लिए 

चेहरे से मेकअप को हटाने व धूल मिट्टी से बचाने के लिए क्लीजिंग जरूरी है। इसके लिए चावल के आटे में दही मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे चेहरे एवं गर्दन पर अच्छी तरह मलें। इसके बाद चेहरा धो लें।

शहद से पाएं त्वचा में कसावट

चेहरे व गर्दन पर शहद लगाएं थोड़ा सा सूखने के बाद अंगुलियों से चेहरे पर मसाज करें। शहद के सूखने के बाद गुनगुने पानी से इसे साफ करें। इससे त्वचा में कसाव आएगा।

रुखी त्वचा से बचें

नारियल के तेल में  शहद और संतरे का रस मिला लें और इसे रुखी, फटी हुई त्वचा पर लगाएं। इस मिश्रण के सूखने के बाद गुनगुने पानी से धो लें और हल्के हाथ से पोंछकर नारियल का तेल या कोई और मॉइश्चराइर लगा लें।

चावल के पानी से चेहरा और बाल धोने के अचूक फायदे

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उबले चावल के पानी यानी मांड के स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के बारे में शायद आप जानती होंगी। लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि यह पानी सेहत के लिए जितना फायदेमंद है, त्‍वचा के लिए उतना ही गुणकारी। जीं हां चावल आपकी खूबसूरती में चार चांद लगा सकता है। त्वचा की देखभाल के लिए घरेलू उपायों का प्रयोग करने वालों को पके चावल के पानी से बहुत फायदा हो सकता है। चावल के पानी का इस्तेमाल त्वचा की देखभाल के लिए भी किया जा सकता है। सप्ताह में एक बार इस घरेलू उपाय का इस्तेमाल करने से सौंदर्य से जुड़ी कई समस्याओं का निदान आसानी से हो जाता है।

त्‍वचा के लिए चावल का पानी

चावल के पानी में मौजूद प्रोटीन, विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट की पर्याप्त मात्रा के कारण यह त्वचा में नमी बरकरार रहती है। इसके इस्तेमाल से त्वचा की रंगत निखरती है। चेहरे के दाग-धब्बों और झुर्रियों दूर होते है। इसके अलावा माड़ से त्वचा में कसावट आती है और पोर्स टाइट होते हैं। इन खूबियों के चलते यह पानी एक अच्छा क्लींजर भी है

इस्‍तेमाल का तरीका

  • एक कप चावल को अच्‍छी तरह से साफ करके पानी में भिगो दें।
  • आधे घंटे के बाद जब चावल में मौजूद पोषक तत्‍व पानी में घुल जाये तो बर्तन को गैस में रख दें और चावल को पकने दें।
  • चावल पकने के बाद उसका माड़ निकाल लें और इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें।
  • फिर इस पानी से अपने चेहरे पर हल्के हाथों से मसाज करें।
  • मसाज करने के 10 मिनट बाद चावल के पानी से ही अपना चेहरा धोकर सूखे कपड़े से चेहरा पोंछ लें।
  • आपको तुरंत अपनी त्वचा में बदलाव नजर आने लगेगा।

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बालों के लिए फायदेमंद

त्‍वचा के साथ-साथ बालों के लिए भी चावल का पानी बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप पतले और बेजान बालों की समस्‍या से परेशान है तो चावलों के पानी से बालों को धोये। चावल के पानी से बालों को धोने से बाल घने होने के साथ-साथ बालों में चमक भी बनी रहती है। चावल के पानी को अपने बालों में लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर शैम्‍पू और कंडीशनर से धो लें। आप महंगे ट्रीटमेंट के बिना पा सकते हैं, सुंदर और चमकीले बाल

लेकिन इस उपाय को अपनाने से पहले चिकित्‍सक से सलाह जरूर लें।

जानिए मसूर की दाल के औषधीय गुणों के बारे में

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मसूर का प्रयोग दाल के रूप में प्रायः समस्त भारतवर्ष में किया जाता है। इससे सभी अच्छी तरह परिचित हैं। समस्त भारत में मुख्यतः शीत जलवायु वाले क्षेत्रों में, तक उष्णकटिबंधीय एवं शीतोष्णकटिबन्धीय १८०० मीटर ऊंचाई तक इसकी खेती की जाती है।
यह १५-७५ सेमी ऊँचा,सीधा,मृदु-रोमिल,शाकीय पौधा होता है। इसके पुष्प छोटे,श्वेत,बैंगनी अथवा गुलाबी वर्ण के होते हैं। इसकी फली चिकनी,कृष्ण वर्ण की,६-९ मिलीमीटर लम्बी ,आगरा भाग पर नुकीली तथा हरे रंग की होती है। प्रत्येक फली में २,गोल,चिकने,४ मिमी व्यास के,चपटे तथा हलके गुलाबी से रक्ताभ वर्ण के बीज होते हैं। इन बीजों की दाल बनाकर खायी जाती है। इसका पुष्पकाल दिसंबर से जनवरी तथा फलकाल मार्च से अप्रैल तक होता है।

मसूर में कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, सोडियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, सल्फर, क्लोरीन, आयोडीन, एल्युमीनियम, कॉपर, जिंक, प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट एवं विटामिन डी आदि तत्व पाये जाते हैं।

मसूर के औषधीय गुण –

  • मसूर की दाल को जलाकर, उसकी भस्म बना लें, इस भस्म को दांतों पर रगड़ने से दांतो के सभी रोग दूर होते हैं।
  • मसूर की दाल खाने से पाचनक्रिया ठीक होकर पेट के सारे रोग दूर हो जाते हैं।
  • मसूर दाल के सेवन से रक्त की वृद्धि होती है तथा दौर्बल्य का शमन होता है।
  • मसूर के आटे में घी तथा दूध मिलाकर,सात दिन तक चेहरे पर लेप करने से झाइयां खत्म होती हैं।
  • मसूर के पत्तों का काढ़ा बनाकर गरारा करने से गले की सूजन तथा दर्द में लाभ होता है ।
  • मसूर की दाल का सूप बनाकर पीने से आंतों से सम्बंधित रोगों में लाभ होता है ।
  • मसूर की भस्म बनाकर, भस्म में भैंस का दूध मिलाकर प्रात: सांय घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है।

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सिर्फ २० दिनों में वजन बढ़ाने के उपाय

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वजन बढ़ाने के घरेलु उपाय हिंदी में: आज ज्यादातर लोग बढ़ते हुये वजन को कम करने कि कवायद में लगे रहते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कम वजन की समस्या से गुज़र रहे हैं ।

वजन घटाने वालों के लिए डायट प्‍लान बनाना आसान होता है, लेकिन जो वजन बढ़ाना चाहते हैं उनके लिए डायट प्‍लान बनाना थोड़ा मुश्किल होता है। हेल्‍दी रूप से वजन बढ़ाने का मतलब है सही मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और मिनरल का सेवन करना। इसलिए आपको वजन बढ़ाने में मददगार खाद्य पदार्थों से भरपूर डाइट योजना बनानी चाहिए।

वजन बढ़ाने की कोशिश करने वालों को बाजारू उत्‍पादों की बजाय नैचुरल तरीकों पर विश्‍वास करना चाहिए, क्‍योंकि बाजार में मिलने वाले उत्‍पादों के आमतौर पर अवांछित साइड-इफेक्‍ट होते हैं। साथ ही आपका वजन बढ़ाने का डाइड प्‍लान असंतृप्‍त फैट युक्‍त चीजों की बजाय पौष्टिक और स्‍वस्‍थ चीजों से युक्‍त होना चाहिए, क्‍योंकि असंतृप्‍त फैट से मोटापे की समस्‍या हो सकती है।

कम वजन के कारण – Vajan kam hone ke karan

  • भूख की कमी
  • बिगड़ा स्वास्थ्य
  • वंशानुगत
  • फ्युलिंग स्पोर्ट

आपकी जरूरत को समझते हुए हम आपके लिए कुछ ऐसे टिप्स लेकर आए हैं जो सिर्फ २० दिनों में आपका वजन बढ़ा सकते हैं।

वजन बढ़ाने के घरेलू तरीके – Vajan badhane ke gharelu tarike in hindi

आहार को न करें नजरअंदाज

आप कितना खाते हैं और आप क्या खाते हैं यह आपके वजन बढाने के उपर काफी प्रभावित करता है। रोजाना अपने आहार में 500 अतिरिक्त कैलोरी जोड़ दे। पर अगर आप कुछ प्रकार के शारीरिक कार्यों को अपने जीवन में सम्मिलित करते है तो आपके द्वारा ली गयी केलोरी की संख्या बढ़ा दें ताकि आप उन केलोरी की पूर्ती कर सके जो कि आपने कसरत करने में खो दी हैं।

कैलोरी पर ध्यान दें

वजन बढाने के लिए जो सबसे बड़ा कदम है वो यह है की आप इस बात का ध्यान रखे की आप अपने द्वारा ली जाने वाली कैलोरी का ध्यान रखे जो की आप रोजाना लेते है क्योंकि इस बात से इस बात का अन्दाजा लग जाएगा कि आप रोजाना कितनी कैलोरी और लेनी है।

पानी है जरूरी

बहुत सारा पानी पीना भी बहुत ज़रूरी है क्योंकि इससे आपमें ताकत आती है जिसकी वजह से आप तरह तरह के काम कर सकते है। कम पानी पीने से आपमें निर्जलीकरण हो सकता है जिसकी वजह से आपमें कसरत करने के लिए स्टेमिना ही नहीं रहेगा।

स्वस्थ आहार लें

उन खाने के पदार्थो को खाएं जो स्वास्थ्य हो, पोषक तत्वों से युक्त हों और केलोरी से भरे हुए हो। आपको यह सुझाव दिया जाता है कि आप बहुत ज्यादा हानिकारक और वसा युक्त खाने के पदार्थो को न खाएं क्योकि इससे आप अस्वस्थ्य तरीके से वजन ग्रहण करेंगे जिसकी वजह से आपमें कई रोग हो सकते है।

दूध व नट्स लें

आपके लिए एक बहुत ही बढ़िया आहार विकल्प है की आप एक ग्लास दूध केले के साथ या सेब के साथ या कुछ नट्स के साथ ले। इसके आलावा फल, सब्जी और चीज़ और तरह तरह के नट्स भी आपके आहार का एक बहुत बड़ा हिस्सा बनाना चाहिए।

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थोड़े-थोड़े समय पर खाएं

सामान्य रूप से आप दिन में तीन बड़े आहार ले और उन के बीच में 2-3 छोटे छोटे अल्पाहार ले अपने दिन की शुरुआ़त पेट भरने वाले नाश्ते के साथ करे और उसके बाद अलग अलग तरह के खाने के सामान खाए हर 2-3 घंटे में इससे पहले की आप बिस्तर पर सोने के लिए जाएं।

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कसरत करें

सिर्फ २० दिनों  में वजन बढाने के लिए कुछ समय वजन उठाने के लिए भी दे। आपको यह सुझाव दिया जाता है की आप कुछ प्रकार की कसरत करे जैसे की डेड लिफ्ट, मिलिट्री प्रे, बेंच प्रेस, स्क्वेट्स और अन्य जटिल कसरत जहां पर आपकी मॉसपेशी के रेशे प्रयोग हो। इसके आलावा एरोबिक और कार्डियो कसरत न करे क्योंकि वे आपमें अतिरिक्त केलोरी को जला देंगी जो की आप खायेंगे और आपमें वजन बढाने के तरीकों को प्रभावित करेंगे।

पर्याप्त नींद लें

प्राय: लोग सोने का महत्व वजन प्राप्त करने के लिए नहीं समझते है। यह एक अभूत करदार निभाता है, आपके शरीर में वजन बढाने के लिए। इसलिए यह बात का ध्यान रखे की आप दिन में कम से कम 8 घंटे सोते है ताकि आपका शरीर ढंग से काम कर पाए।

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