दाद, खाज और खुजली की समस्या को 2 दिन में ख़त्म करने के रामबाण घरेलु नुस्खे

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दाद, खाज और खुजली की समस्या आज कल आम हो गयी है क्यूंकि ज़्यदातर लोग अपने शरीर पर ध्यान नहीं देते है और साफ़ सफाई नहीं रखते है और इसकी वजह से ही दाद, खाज और खुजली की समस्या होने लगी है। आज हम आपको ऐसी 2 घरेलु रामबाण नुस्खे बताने जा रहे है जिसका इस्तेमाल करके आप  दाद, खाज और खुजली की समस्या से छुटकारा प् सकते है।

एक कष्टदायक रोग चर्मरोग

यह पूरे शरीर की चमड़ी पर कहीं भी हो सकता है। अनियमित खान-पान, दूषित आहार, शरीर की सफाई न होने एवं पेट में कृमि के पड़ जाने और लम्बे समय तक पेट में रहने के कारण उनका मल नसों द्वारा अवशोषित कर खून में मिलने से तरह तरह के चर्मरोग सहित शारीरिक अन्य बीमारियां पनपने लगती हैं जो मानव के लिए अति हानिकारक होती है।

दाद के लक्षण

  • दाद में खुजली बहुत ज्यादा होती है की आप उसे खुजाते ही रहते हैं। खुजाने के बाद इसमे जलन होती है व छोटे-छोटे दाने होते हैं।
  • दाद ज्यादातर जननांगों में जोड़ोें के पास और जहाँ पसीना आता है व कपड़ा रगड़ता है, वहां पर होता है। वैसे यह शरीर में कहीं भी हो सकता है।

खाज (खुजली)

इसमें पूरे शरीर में सफेद रंग के छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं। इन्हें फोड़ने पर पानी जैसा तरल निकलता है जो पकने पर गाढ़ा हो जाता है। इसमें खुजली बहुत होती है, यह बहुधा हांथो की उंगलियों के बीच में तथा पूरे शरीर में कहीं भी हो सकती है। इसको खुजाने को बार-बार इच्छा होती है और जब खुजा देते है तो बाद में असह्य जलन होती है। यह छुतहाएवं संक्रामक रोग है। रोगी का तौलिया व चादर उपयोग करने पर यह रोग आगे चला जाता है, अगर रोगी के हाथ में रोग हो और उससे हांथ मिलायें तो भी यह रोग सामने वाले को हो जाता है।

उकवत (एक्जिमा)

  • दाद, खाज, खुजली जाति का एक रोग उकवत भी है, जो अत्यंत कष्टकारी है। रोग का स्थान लाल हो जाता है और उस पर छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं। इसमे चकत्ते तो नही पड़ते परन्तु यह शरीर में कहीं भी हो जाता है। यह दो तरह का होता है। एक सूखा और दूसरा गीला। सूखे से पपड़ी जैसी भूसी और गीले से मवाद जैसा निकलता रहता है। अगर यह सर में हो जाये तो उस जगह के बाल झड़ने लगते हैं।

दाद, खाज और खुजली के 2 रामबाण उपाय

  1. नीम : दाद खाज और खुजली की समस्या से छुटकारा पाने के लिए नीम काफी फायदेमंद है. अगर आप भी अपनी दाद खाज और खुजली से छुटकारा पाने चाहते है तो गर्म पानी से ही नहाए और नहाने से पहले पानी को गर्म करते वक़्त उस पानी में नीम की पत्तियों कों भी उबाल लें और फिर उस पानी को छान कर उससे नहा ले.नीम की पत्तियों के पानी से नहाने से  शरीर के कीटाणु दूर होंगे और दाद की खुजली से आराम मिलेगा।
  2. लहसुन : दाद खाज और खुजली की समस्या से छुटकारा पाने के लिए लहसुन भी काफी फायदेमंद है. अगर आप भी अपनी दाद खाज और खुजली की समस्या से छुटकारा पाना चाहते है तो लहसुन को छील ले और उसे बीच से काट कर लहसुन का रस निकाले और अपनी दाद वाली जगह पर लगाए, इसे लगाने से दाद से आराम मिल जायेगा।

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रक्त शोधक अर्थात रक्त को शुद्ध करने के घरेलू उपाय

  1. दिन में एक-दो चम्मच अलसी के बीजों के तेल का सेवन करना त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है। बेहतर रहेगा कि इसका सेवन किसी अन्य आहार के साथ ही किया जाए। अलसी के तेल को कभी भी सेकना नहीं चाहिए।
  2. सिरस की छाल का पाउडर 6 ग्राम सुबह व शाम शहद के साथ 60 दिन सेवन करें। इससे सम्पूर्ण रक्तदोष सही होते हैं।
  3. रीठे के छिलके के पाउडर में शहद मिलाकर चने के बराबर गोलियाँ बना लें। सुबह एक गोली अधबिलोई दही के साथ और शाम को पानी के साथ निगल लें। उपदंश, खाज, खुजली, पित्त, दाद और चम्बल के लिए पूर्ण लाभप्रद है।
  4. अनन्तमूल, मुलहटी, सफेद मूसली, गोरखमुण्डी, रक्तचन्दन, शनाय और असगन्ध 100 -100 ग्राम तथा सौंफ, पीपल, इलायची, गुलाब के फूल 50 -50 ग्राम। सभी को जौकुट करके एक डिब्बे में भरकर रख लें। एक चम्मच 200 ग्राम पानी में धीमी आंच में पकाएं और जब पानी 50 ग्राम रह जाय तब उसे छानकर उसके दो भाग करके सुबह और शाम मिश्री मिलाकर पिये। यह क्वाथ रक्त विकार, उपदंश, सूजाक के उपद्रव, वातरक्त और कुष्ठरोग को दूर करता है।
  5. चार ग्राम चिरायता और चार ग्राम कुटकी लेकर शीशे या चीनी के बर्तन में 125 ग्राम पानी डालकर रात को उसमे भिगो दे और ऊपर से ढक कर रख दे। प्रात: काल रात को भिगोया हुआ चिरायता और कुटकी का पानी निथार कर कपडे से छान कर पी ले और पीने के बाद 3-4 घंटे तक कुछ नहीं खाए और उसी समय अगले दिन के लिए उसी पात्र में 125 ग्राम पानी डाले। इस प्रकार चार दिन तक वही चिरायता और कुटकी काम देंगे। तत्पश्चात उनको फेंककर नया चार चार ग्राम चिरायता और कुटकी डालकर भिगोये और चार चार दिन के बाद बदलते रहे। यह पानी लगातार दो चार सप्ताह पीने से एक्ज़िमा, फोड़े फुंसी आदि चर्म रोग नष्ट होते हैं, मुंहासे निकलना बंद होते हैं और रक्त साफ़ होता हैं।
इस वेबसाइट में जो भी जानकारिया दी जा रही हैं, वो हमारे घरों में सदियों से अपनाये जाने वाले घरेल नुस्खे हैं जो हमारी दादी नानी या बड़े बुज़ुर्ग अक्सर ही इस्तेमाल किया करते थे, आज कल हम भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में इन सब को भूल गए हैं और छोटी मोटी बीमारी के लिए बिना डॉक्टर की सलाह से तुरंत गोली खा कर अपने शरीर को खराब कर देते हैं। तो ये वेबसाइट बस उसी भूले बिसरे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लक्षय से बनाई गयी है। आप कोई भी उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर से या वैद से परामर्श ज़रूर कर ले। यहाँ पर हम दवाएं नहीं बता रहे, हम सिर्फ घरेलु नुस्खे बता रहे हैं। कई बार एक ही घरेलु नुस्खा दो व्यक्तियों के लिए अलग अलग परिणाम देता हैं। इसलिए अपनी प्रकृति को जानते हुए उसके बाद ही कोई प्रयोग करे। इसके लिए आप अपने वैद से या डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करे।

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