कफ,वातनाशक,शक्तिवर्धक अश्वगंधा जड़ीबूटी के बारे में, जानिए

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अश्वगंधा के फायदे और नुकसान इन हिंदी : अश्वगंधा एक चमत्‍कारी गुणों वाली औषधि है, जो शरीर को कई लाभ प्रदान करती है। यह दिमाग और मन को स्‍वस्‍थ रखती है। आर्युवेद में अश्वगंधा का विशेष स्‍थान है, इसे भारत में कई स्‍थानों पर भारतीय गिनसेंग भी कहा जाता है। इसकी जड़ों का इस्‍तेमाल कई प्रकार की दवाओं को बनाने में किया जाता है। कई बार शक्तिवर्धक दवाओं को बनाने में भी इसका इस्‍तेमाल होता है।

ashwagandha

यह कफ वातनाशक, बलकारक, रसायन, बाजीकारक, नाड़ी-शक्तिवर्द्धक तथा पाचनशक्ति को बढ़ाने वाला होता है।

अश्‍वगंधा के निम्‍न लाभ होते हैं-

अश्वगंधा के फायदे और सेवन कैसे करे इन हिंदी – Ashwagandha ke fayde aur sevan kaise kare in hindi

गठिया, पाचन क्रिया आैर अनिद्रा

अश्वगंधा खाने से गठिया का दर्द दूर हो जाता है। इसमें पेट को साफ करने का गुण होता है जिससे पाचन क्रिया अपने आप दुरूस्‍त हो जाती है। अगर किसी को नींद नहीं आती है तो अश्वगंधा का सेवन करने से यह समस्‍या भी दूर हो जाती है।

जवां बनाये रखें

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों के अनुसार, अश्वगंधा के सेवन से न केवल मनुष्य लंबी उम्र तक जवान रह सकता है बल्कि इसको शरीर की त्वचा पर लगाने से त्वचा पर पड़ने वाली झुर्रियों से भी बचा जा सकता है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
यह हर्ब शरीर में रक्‍तचाप को बिल्‍कुल सही रखती है। इसे खाने से तनाव भी कम होता है। इस औषधि में डायबटीज को कम करने और कोलेस्‍ट्रॉल को घटाने की क्षमता होती है।

निरोग करें शरीर

अश्वगंधा पौधे की पत्तियां त्वचा रोग, शरीर की सूजन एवं शरीर पर पड़े घाव और जख्म भरने जैसी समस्या से लेकर बहुत सी बीमारियों में भी बहुत उपयोगी है। अश्व‍गंधा के पौधे को पीसकर लेप बनाकर लगाने से शरीर की सूजन, शरीर की किसी विकृत ग्रंथि और किसी भी तरह के फुंसी-फोड़े को हटाने में काम आती है। अश्व‍गंधा पौधे की पत्तियों को घी, शहद पीपल इत्यादि के साथ मिलाकर सेवन करने से शरीर निरोग रहता है।

कैंसर कोशिकाओं को नष्‍ट करें

आमतौर पर कैंसर की दवाएं बीमार कोशिकाओं के साथ-साथ सामान्य कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाती है, जिससे अन्य रोगों के बढ़ने की संभावना हो जाती है। लेकिन कैंसर की दवाओं के साथ अश्वगंधा का सेवन करने से अद्भुत फायदा देखा गया है। अश्वगंधा के प्रयोग से केवल कैंसर ग्रस्त कोशिकाएं व न्यूरान्स ही नष्ट हुए, जबकि अन्य कोशिकाओं व न्यूरान्स को कोई नुकसान नही पहुंचा।

क्षयरोग (टी.बी.)

  1. 2 ग्राम अश्वगंधा के चूर्ण को असगंध के ही 20 ग्राम काढ़े के साथ सेवन करने से क्षय रोग में लाभ होता है।
  2. 2 ग्राम अश्वगंधा की जड़ के चूर्ण में 1 ग्राम बड़ी पीपल का चूर्ण, 5 ग्राम घी और 10 ग्राम शहद मिलाकर सेवन करने से क्षय रोग (टी.बी.) मिटता है।

ashwagandha-benefits

वात रोग

  1. अश्वगंधा के पंचांग (जड़, तना, फल, फूल, पत्ती) को खाने से लाभ प्राप्त होता है।
  2. अश्वगंधा और विधारा 500-500 ग्राम कूट पीसकर रख लें। 10 ग्राम दवा सुबह गाय के दूध के साथ खाने से वात रोग खत्म हो जाते हैं।
  3. अश्वगंधा और मेथी की 100-100 ग्राम मात्रा का बारीक चूर्ण बनाकर, आपस में गुड़ में मिलाकर 10 ग्राम के लड्डू बना लें। 1-1 लड्डू सुबह-शाम खाकर ऊपर से दूध पी लें। यह प्रयोग वात रोगों में अच्छा आराम दिलाता है। जिन्हें डायबिटीज हो, उन्हें गुड़ नहीं मिलाना चाहिए, उन्हें सिर्फ अश्वगंध और मेथी का चूर्ण पानी के साथ लेना चाहिए।

अंगुलियों का कांपना

3 से 6 ग्राम अश्वगंधा नागौरी को गाय के घी और उसके चार गुना दूध में उबालकर मिश्री मिलाकर प्रतिदिन पीने से अंगुलियों का कांपना दूर हो जाता है। इससे रोगी को काफी लाभ मिलता है।

ल्यूकोरिया

जिन महिलाओं को सफेद चिपचिपा पदार्थ निकलने की समस्या रहती हो यदि वह अश्वगंधा का सेवन करें, तो उन्हें बहुत आराम मिलेगा.

अश्वगंधा का सेवन कैसे करे (ashwagandha kaise khaye)

अश्वगंधा प्रकृति का दिया हुआ अमूल्य वरदान है जिसे कई तरह के रोगो के लिए आयुर्वेदिक दवाइयो मे इसतमाल करते है पर इसका सेवन करने का तरीका हुमे मालूम होना चाहिए। बाज़ार में अश्वगंधा के जड़ पाउडर में या तो सूखे रूप में या ताज़ा जड़ के रूप में उपलब्ध होते है आजकल तो पतंजलि के भी अश्वगंधा कैप्सुल या पाउडर बाज़ार में उपलब्ध होते है।

आप 10 मिनट के लिए पानी में अश्वगंधा पाउडर को उबालकर अश्वगंधा की चाय बना सकते है पर एक कप पानी में एक चमच से अधिक न दे ।आप सोने से पहले अश्वगंधा जड़ के पाउडर को गरम दूध के एक गिलास के साथ भी ले सकते है। अश्वगंधा शरीर मे आयरन को बढ़ा देता है,हर दिन तीन बार 1-1 gm सेवन करने से शरीर मे खून की मात्रा बढ़ सकती है। इससे हमारे शरीर का पाचनशक्ति अच्छा होता है।

अश्वगंधा के नुकसान इन हिंदी – ashwagandha ke nuksan in hindi

अधिक उपयोग से शरीर पर हो सकते हैं इसके गलत परिणाम

कई बीमारियों का सफल इलाज अश्वगंधा से होता है और आयुर्वेद में अश्वगंधा से कई तरह की औषधी भी बनाई जाती है जो त्वचा संबंधी बीमारियों, थायराइड, शरीर का पतला पन जैसी बीमारियों को जड़ से ठीक करता है। लेकिन इसका अधिक उपयोग करने से शरीर में इसके गलत परिणाम भी हो सकते हैं आखिर अश्वगंधा से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।

पेट की बीमारी के साथ-साथ नींद अधिक आती है

अश्वगंधा के अधिक सेवन से पेट संबंधी दिक्कतें होने लगती है जैसे पेट में अधिक गैस बनना, दस्त लगना, उल्टी आना आदि।यही नहीं अश्वगंधा आतों को भी हानी पहुंचाता है इसलिए इसका ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए।

अश्वगंधा का दूसरा सबसे बड़ा नुकसान है इंसान को नींद ज्यादा आने लगती है और अधिक समय तक लेते रहने से इंसान को फिर नींद आना भी बंद हो जाता है जो सेहत के लिए अधिक खतरनाक है। जब भी अश्वगंधा का इस्तेमाल करें किसी चिकित्सक से सलाह जरूर लें।

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शरीर पर किसी दवा का न लगना

तीसरा सबसे बड़ा नुकसान है कोई दवा शरीर पर नहीं लग पाती है यदि आप अश्वगंधा का प्रयोग लंबे समय से कर रहे हो तो यह अन्य दवाइयों को शरीर पर लगने नहीं देती है जिस वजह से रोगी और बीमार होने लगता है यदि आप अश्वगंधा का इस्तेमाल कर रहे हो तो अपने डॉक्टर से ही पूछकर कोई दूसरी दवाई लें।

बढ़ाए शरीर की गर्मी

जो लोग अश्वगंधा का इस्तेमाल अधिक करते हैं उनके शरीर में परिवर्तन आने लगता है जैसे शरीर का तापमान अधिक बढ़ना जिसकी वजह से बुखार तक आने लगता है यदि आपका तापमान बढ़ने लगे तो आप इसका सेवन करना तुरंत बंद कर दें नहीं तो परेशानी अधिक बढ़ सकती है साथ ही अपने डॉक्टर को इस बारे में जरूर बता दें।

अश्वगंधा का सेवन कौन न करे – ashwagandha side effects in hindi

किन लोगों को अश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिए ये भी जानना जरूरी है ।

जो लोग शुगर, गठिया, अर्थराइटिस आदि बीमारियों से बचने के लिए अश्वगंधा का इस्तेमाल करते हैं उन्हें भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए अल्सर के रोगी, गैस की समस्या वाले रोगी और गर्भवती महिलाओं को भी अश्वगंधा का सेवन करने से बचना चाहिए। अश्वगंधा जितना शरीर के लिए लाभदायक है उतना ही इसके विपरीत गुण भी हैं जो आपको पता होने चाहिए ताकि आप इससे होने वाली गंभीर दिक्कतों से बच सके इसलिए अपने डॉक्टर की सलाह पर ही अश्वगंधा का इस्तेमाल करें।

इस वेबसाइट में जो भी जानकारिया दी जा रही हैं, वो हमारे घरों में सदियों से अपनाये जाने वाले घरेल नुस्खे हैं जो हमारी दादी नानी या बड़े बुज़ुर्ग अक्सर ही इस्तेमाल किया करते थे, आज कल हम भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में इन सब को भूल गए हैं और छोटी मोटी बीमारी के लिए बिना डॉक्टर की सलाह से तुरंत गोली खा कर अपने शरीर को खराब कर देते हैं। तो ये वेबसाइट बस उसी भूले बिसरे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लक्षय से बनाई गयी है। आप कोई भी उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर से या वैद से परामर्श ज़रूर कर ले। यहाँ पर हम दवाएं नहीं बता रहे, हम सिर्फ घरेलु नुस्खे बता रहे हैं। कई बार एक ही घरेलु नुस्खा दो व्यक्तियों के लिए अलग अलग परिणाम देता हैं। इसलिए अपनी प्रकृति को जानते हुए उसके बाद ही कोई प्रयोग करे। इसके लिए आप अपने वैद से या डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करे।

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