10 बीमारियों का हल है 1 चम्मच सेब का सिरका

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पिछले कुछ सालों में सेब का सिरका मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज के लिए काफी कारगर माना जा रहा है। इसे बनाने के लिए पिसा हुआ सेब और खमीर का इस्तेमाल किया जाता है। यह पेक्टिनएंटीऑक्सिडेंट गुणों और पोषक तत्वों से भरा होता है। एसिडिक एसिड और मैलिक एसिड की मौजूदगी के कारण इसका स्वाद खट्टा होता है। सेब के सिरके का इस्तेमाल खाने में, सलाद में और ब्युटी प्रॉडक्ट के तौर पर किया जाता है।  आज हम आपको इससे होने वाले और फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं-

सेब के सिरका के फायदे

ब्लड प्रेशर कंट्रोल

सेब का सिरका शरीर में पीएच स्तर को सामान्य बनाएं रखता है जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। सेब का सिरका शरीर में वसा को तोड़ता है, जिससे रक्त का संचार सामान्य रूप से होता है। इस सिरके में पोटैशियम की मात्रा होने के कारण ये ब्लड प्रेशर को ज्यादा होने नहीं देता।

दांतों में चमक

एप्पल विनेगर प्राकृतिक रूप से सफाई एजेंट के रूप में काम करता है। दांतों से दाग-धब्बे हटाने के अलावा ये उन बैक्टीरिया को खत्म कर देता है जो मसूड़ों को नुकसान पहुंचाते है।

एनर्जी

दिन भर सुस्त और थका हुआ महसूस करने वालों के लिए सिरका बहुत फायदेमंद हो सकता है। एक गिलास पानी में 2 चम्मच सेब का सिरका डाल कर पीने से शरीर में स्फूर्ति और एनर्जी आती है।

एंटीऑक्सिडेंट गुण

सेब के सिरके में कुछ बायोएक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं जैसे एसिटिक एसिड, कैटचिन, गैलिक एसिड, कैफीक एसिड आदि। इसी कारण इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है। ये एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल के हानिकारक प्रभावों को रोकते हैं जो डीएनए सेल को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

सन बर्न को ठीक करें

सेब का सिरका स्किन के पीएच स्तर को ठीक रखता है जिससे धूप में स्किन जल्दी जलती नहीं है। आने वाली गर्मियों में सन बर्न से बचने के लिए नहाने के पानी में एक कप सिरका डाल लिया करें, सन बर्न से बचे रहेंगे।

ग्लोइंग स्किन

इसका इस्तेमाल एक फेस क्लिएंज़र के तौर पर किया जाता है। इसे पानी के साथ मिलाकर रुई से चेहरे पर लगाएं। ये आपके चेहरे को अच्छी रंगत देगा और एक बढ़िया डिटॉक्स होने के कारण यह सिरका चेहरे के दानों से छुटकारा पाने में भी मदद करता है।

गले की खराश

सिरका के एंटीबैक्टीरियल गुण गले के संक्रमण और खराश के इलाज में मददगार साबित होता है। इसके लिए बस एक चम्मच सिरका एक कप पानी में डाल  कर धीरे-धीरे उसका सेवन दिन में दो तीन बार करें इससे आपके गले को आराम मिलेगा।

कैंसर से बचाव

सेब का सिरका कैंसर के ट्रीटमेंट में सहायक होता है। एनोफेजियल कैंसर के इलाज में यह सिरका कारगर पाया गया है लेकिन सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लेना ना भूलें।

मोटापा करें दूर

सेब साइडर सिरका में मैलिक एसिड में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो आंत को सही काम करने के लिए प्रेरित करते है। सेब के सिरके को प्रीबायोटिक माना जाता है, यह आपके पेट में लाभकारी बैक्टीरिया को विकसित करने में मदद करता है और इसके साथ ही स्वस्थ पाचन तंत्र को बनाए रखता है जिससे मोटापा कम होता है।

भीगी हुई मूंगफली के साथ यह एक चीज खा लो, बीमारी पास भी नहीं आएगी

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मूँगफली एक प्रमुख तिलहन फसल है। मूँगफली वानस्पतिक प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत हैं। इसमें प्रोटीन की मात्रा मांस की तुलना में 1.3 गुना, अण्डों से 2.5 गुना एवं फलों से 8 गुना अधिक होती है।

दस्र्दियों का मौसम शुरू हो गया है, इस मौसम में मूगफली खाना किसे पसं नही होता है, मूंगफली में कार्बोहाइड्रेट, मिनरल, कैल्शियम, प्रोटीन और ढेर सारे विटामिन होते हैं, ये सेहत के लिए बहुत ही अच्छे होते हैं, लेकिन अगर हम मूंगफली को गुड़ के साथ तो यह हमारे शरीर को दोगुना फायदा देती है, तो आज हम आपको मूंग्ल्फ्ली के साथ गुड़ खाने से होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।

रात में एक मुट्ठी मूंगफली के दानों को पानी में भिगोकर रख दें, और सुबह इन मूंगफली को उबालकर या फिर कच्चा, आप जैसे चाहें वैसे खा सकते हैं, साथ में 10 से 15 ग्राम गुड़ खा लीजिये, ये इतने जबरदस्त फायदे देगा कि आप हैरान रह जाओगे। जिनको भी कमजोरी की समस्या है, हाथ पैर में दर्द रहता है, शरीर में खून की कमी है, चक्कर आते हैं, थोड़ा सा काम करने पर थकान होने लगती है, उनके लिए मूंगफली और गुड़ का सेवन बहुत फायदे देता है, इन दोनों चीजों में ढेर सारा फाइबर होता है, जो पेट की समस्याओं जैसे गैस, कब्ज या एसिडिटी को दूर रखते हैं।

इसके अलावा इससे पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है, यह वजन को कंट्रोल करता है, यह शरीर को एनर्जी देने के साथ साथ मेटाबॉलिजम को मजबूत करता है, इसके सेवन से दांत और हड्डियाँ भी मजबूत बनती है, क्योंकि इसमें बहुत सारा कैल्शियम होता है, साथ ही जो लोग बहुत दुबले पतले हैं, उन्हें भी रोजाना इन दोनों चीजों का सेवन करना चाहिए, इससे कुछ ही दिनों में शरीर मजबूत और ताकतवर बनने लगता है।

संतरा खाने के फायदे और सही समय | santara khane ka shi samay

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संतरा सर्दी हो या गर्मी दोनों ही मौसमों में ही फायदेमंद होती है। संतरा की तासीर ठंडक देने वाली होती है। सर्दियों में इस डर से इसका साथ ना छोड़े की यह ठंडी तासीर का होता है। यह आपको सर्दियों में होने वाली अनेको बिमारियों से दूर रखने की सलाहियत रखता है।

संतरा शरीर में विटामिन सी की कमी को पूरा करती है। क्योंकि इसे विटामिन सी का भंडार माना जाता है। इसके इलावा संतरे में एमिनो एसिड विटामिन ए, बी काम्प्लेक्स, कैल्शियम, आयोडीन, सोडियम फास्फोरस जैस मिनरल्स पाएं जाते हैं। संतरा खाने से शरीर को चुस्त और दुरूस्त रखता है। साथ ही यह सुंदरता को भी बढ़ाता है। इतना ही नहीं हम इसके जिस छिलके को कूड़ेदान में फैक देते है वह भी बहुत गुणकारी है। त्वचा समन्धित रोगो को दूर रखने में नंबर 1 होता है इसका छिलका।

आइये जानते हैं संतरा कैसे आपके लिए फायदेमंद होता है।

संतरा खाने के फायदे

1. हृदय के लिए

ह्रदय के संतरे में एंटीऑक्सिडेंट, फोलेट और पोटेशियम की मौजूदगी होती है. एंटीऑक्सिडेंट्स विशेष रूप से विटामिन सी, संतरे में मौजूद हैं जो मुक्त कण से धमनियों की रक्षा करते हैं. ये कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को भी रोकते हैं. इसके अतिरिक्त संतरे में फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं जो प्लेटलेट्स को एक साथ चिपकने से रोकने और शरीर के कोशिकाओं में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को ले जाने वाले रक्त वाहिकाओं को मजबूत करते हैं. हृदय स्वास्थ्य के लिए इसमें पाया जाने वाला पोटेशियम हृदय कार्य और मांसपेशी संकुचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

2. चोट के घावो को जल्दी भरें

संतरे के रस पीने से शरीर में घाव जल्दी से भरते हैं क्योंकि संतरे में फोलेट तत्व होता है। यह शरीर में नए सेल्स बनाने में मदद भी करता है जिससे घाव भर जाते हैं।

3. त्वचा के लिए

संतरे में पाया जाने वाला विटामिन सी का एंटीऑक्सिडेंट सूरज और पर्यावरण प्रदूषण के संपर्क से होने वाले त्वचा के नुकसान को रोकता है. ये कोलेजन के गठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इससे त्वचा में लोच, सुधार और झुर्रियों को कम करने में सहायता मिलती है. संतरे में बीटा-कैरोटीन और विटामिन सी स्किन रिपेयर करने का काम करते हैं.

4. कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए

संतरे में पेक्टिन नाम का एक घुलनशील फाइबर भी पाया जाता है जो शरीर से कोलेस्ट्रॉल को समाप्त कर देता है. कोलेस्ट्रॉल ब्लड स्ट्रीम में अवशोषित हो न जाएँ इसके लिए इसमें फ्लैवोनोन हेस्पेरिडिन होते हैं. ये कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ-साथ रक्तचाप के स्तर को भी करते हैं.

5. प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए

संतरे में मौजूद विटामिन सी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए जरुरी है. विटामिन सी, बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने वाले श्वेत रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में वृद्धि करती है. इसके अलावा संतरे में बहुत सारे पॉलीफेनोल भी होते हैं जो वायरल संक्रमणों से बचाने का काम करते हैं. इसके अलावा, संतरे विटामिन ए, फोलेट और तांबे जैसे पोषक तत्व भी हैं जो प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं.

6. गठिया रोग में लाभदायक

संतरे के रस का सेवन करने से गठिया के रोगियों को फायदा होता है। जिससे गठिया के दर्द में राहत मिलती है। प्रतिदिन एक गिलास संतरे का जूस पीकर आप गठिया से होने वाली परेशानी से काफी हद तक छुटकारा पा सकते है।

7. किडनी के विकारों में

विटामिन सी, गुर्दा की स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. जो कि मूत्र में साइट्रेट के स्तर को बढ़ाकर कैल्शियम ऑक्सलेट बनाकर गुर्दे की पथरी के विकास के खतरे को कम करता है. ये यूरिक एसिड और कैल्शियम ऑक्सलेट के क्रिस्टलीकरण को कम करके किडनी स्टोन के गठन को भी रोकने का काम करता है.

8. कैंसर में

कैंसर जैसी गंभीर बिमारी से लड़ने में भी संतरा महतवपूर्ण साबित होता है. ऐसा संतरे में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट यौगिकों की वजह से संभव हो पाता है. इसमें मौजूद हेस्पेरिडिन और नारीर्निनिन भी मुक्त कणों से लड़ते हैं. इसके अलावा इसमें मौजूद ज़ेक्सांथिन और कैरोटीनोइड भी विभिन्न प्रकार के कैंसर, विशेष रूप से प्रोस्टेट कैंसर से बचाव करते हैं. लिमोनोइड्स मुंह, स्तन, फेफड़े, त्वचा, पेट और बृहदान्त्र के कैंसर से मुकाबला कर सकता है.

9. आँखों के लिए

हमारे आँखों के लिए महत्वपूर्ण माना जाने वाला बीटा-कैरोटीन और विटामिन ए भी संतरे में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा इसमें अन्य कैरोटीनॉड्स भी मौजूद होते हैं जो कि विटामिन ए में परिवर्तित हो जाते हैं. कैरोटीनॉयड ल्यूटिन और ज़ेक्सैथिन पुरानी नेत्र रोगों से बचाने के लिए जाने जाते हैं. विटामिन सी और संतरे में पाए जाने वाले अन्य एंटीऑक्सीडेंट मोतियाबिंद के विकास के जोखिम को कम करते हैं.

10. वजन घटाने के लिए

ये वजन घटाने में भी काफी उपयोगी माना जाता है. क्योंकि इसमें उच्च फाइबर और विटामिन सी सामग्री वजन घटाने को प्रोत्साहित करती है. फाइबर आपको जल्दी से भूख नहीं लगने देता है और पूरे दिन कम खाने में मदद करता है जबकि विटामिन सी ग्लूकोज को ऊर्जा में परिवर्तित कर देती है. ये वसा को जलाने में सहायक है. इसमें पोषक तत्व भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है.

11. त्वचा की उम्र बढ़ने से रोके

संतरा उम्र को रोकने वाला फल माना जाता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट यौगिक प्रचुर मात्रा में पाया जता है. एंटीऑक्सीडेंट, मुक्त कणों से लड़ते हैं जो जल्दी बुढ़ापा और कई डिजेनरेशन बीमारियों का कारण बनाते हैं.

12. मधुमेह के लिए

शुगर में भी संतरा काफी सहायक साबित होता है. यदि आप नियमित रूप से संतरे का सेवन करें तो आपको शुगर में काफी लाभ मिलेगा. इससे आपके रक्त में शर्करा के स्तर को बहुत प्रभावी ढंग से संतुलित कर सकते हैं.

13. दांतों और मसूड़ों के लिए लाभकारी

संतरा दांतो के लिए बेहद फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें विटामिन सी पाया जाता है। यह मसूड़ों और दांतों की बीमारी को भी खत्म करता है। इसमें मौजूद विटामिन सी मसूड़ों को हेल्दी बनाता है।

14. बालों के लिए

संतरा में आपके बालों और त्वचा के लिए आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं. दरअसल इसमें बालों को मजबूत करने वाले बायो-फ्लैनोयोइड के साथ विटामिन सी स्कॅल्प के संचालन में सहायता करता है. जो कि बदले में बालों के विकास को बढ़ावा देता है.

15. पाचन में सहायक

संतरा में फाइबर की प्रचुरता होती है. फाइबर आसानी से भोजन को पचाने में आपकी मदद करता है. इसके अलावा ये पाचन एंजाइम या रस को रिहा करने में मदद करता है जो. ये एंजाइम भोजन को प्रभावी तरीके से पचाने में मदद करते हैं.

16. छोटे बच्चों के लिए संतरे के फायदे

बच्चों के दांत निकलते समय वे काफी कमजोर हो जाते हैं। जिसकी वजह से उन्हें दस्त आदि लग जाते हैं। ऐसे में संतरे का रस देने से बच्चों में बेचैनी दूर होने के साथ उनकी पाचन क्रिया भी ठीक हो जाती है।

17. बवासीर में फायदेमंद

अगर आप बवासीर से परेशान है तो खाना खाने के बाद नियमित रूप से आधा गिलास संतरे के जूस का सेवन करें। इससे बवासीर में आराम मिलता है साथ ही पेट के अल्सर के लिए भी यह फायदेमंद साबित होता है।

18. माउथ फ्रेशनर के रूप में

संतरे से बनी चाय का उपयोग काफी समस्याओं का निदान करता है. इसका प्रयोग हम माउथ फ्रेशनर के रूप में भी किया जाता है. मौखिक स्वच्छता बनाए रखने में एक कप संतरे की चाय काफी लाभदायक साबित होती है.

संतरे खाने का सही समय

इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सुबह और रात में इसे न खायें, संतरे को हमेशा दिन के समय में खाएं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि इसे हमेशा खाना खाने के 1 घंटा पहले या बाद में खाएं। पहले खाने से भूख बढ़ती है और बाद में खाने से भोजन पचाने में आपको मदद मिलती है। संतरा एक मीठी दवा की तरह काम करता है। रोज दो संतरा खाने से जुकाम, कोलेस्ट्रॉल, किडनी में पथरी और कोलन कैंसर जैसी बीमारियों से रक्षा होती है।

जोड़ो का दर्द, पैर दर्द, कमर दर्द और सभी दर्द का इलाज

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आजकल के ज़माने में हर चीज़ में मिलावट होने लगी है यहाँ तक हमारे खाने में भी मिलावट वाली चीज़े शामिल होती है और मिलावट वाली चीज़े खाने की वजह से हमारे शरीर को सही तरह से प्रोटीन नहीं मिल पता है जिसकी वजह से शरीर की हड्डियां कमज़ोर हो जाती है और हड्डियों में दर्द होने लगता है. कई सारे लोगो को जोड़ो के दर्द की समस्या होती है तो किसी को कमर दर्द की समस्या होती है तो किसी को हाथ-पैर में दर्द की समस्या होती है।

दर्द की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कई सारे लोग दवाइयों का भी इस्तेमाल करते है लेकिन उन दवाइयों से दर्द कम तो हो जाता है लेकिन बस कुछ समय के लिए और कुछ समय बाद फिर से दर्द होने लगता है. इसीलिए आज हम आपको एक ऐसे नुस्खे के बारे में बताने जा रहे है जिसे इस्तेमाल करके आप अपने हर दर्द को ख़त्म कर सकते है।

हम आपको जिस नुस्खे के बारे में बताने जा रहे है ये एक आज़माया हुआ नुस्खा है और इस नुस्खे से कई सारे लोगो को आराम भी मिला है और इस नुस्खे का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है क्योंकि ये एक आयुर्वेदिक नुस्खा है. इस नुस्खे को बनाने के लिए आपको बस 3 रूपये खर्च करने की ज़रूरत होगी।

इस नुस्खे को बनाने के लिए आपको बस 2 चीज़ो की ज़रूरत पड़ेगी और वो 2 चीज़े सरसों का तेल और जायफल है. सरसों का तेल आपके घर में मौजूद होगा तो आपको बस किसी दुकान से 1 जायफल खरीदना होगा जो की आपको 3 रूपये में मिल जायेगा. इस नुस्खे को बनाने का तरीका भी काफी आसान है।

इस नुस्खे को बनाने के लिए एक जायफल को पीस कर उसका पाउडर बना लीजिये. पाउडर बनाने के बाद उस पाउडर को किसी छोटी प्लेट में निकाल लीजिये और उसमे 2 से 3 चम्मच सरसों का तेल मिलाकर उसका एक पेस्ट बना ले. ध्यान रहे की पेस्ट पतला ही होना चाहिए ज़्यादा गाढ़ा नहीं. पतला पेस्ट बनाने के बाद इस पेस्ट को आपकी कमर पर, आपके हाथ पर, आपके पैर पर या जहा भी आपको दर्द की समस्या है वह लगाइये और लगा रहने दीजिये. इस पेस्ट को लगाने के लगभग 30 मिनट बाद ही आपका दर्द ख़त्म हो जायेगा।

अगर आपको हमेशा दर्द की समस्या रहती है तो इस नुस्खे को 10 से 15 दिन तक रोज़ाना इस्तेमाल करने से आपके दर्द की समस्या ख़त्म हो जाएगी।

Source: www.hindi-samachar.com/

चेहरे पर ग्लो लाने के लिए खाएं इन चीजों को

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वैसे तो चेहरे पर निम्बू, संतरे का छिलका लगाने से भी आपके चेहरे का ग्लो बढ़ता है, परन्तु खट्टे फलों को अपनी डाइट में शामिल करने से भी आपको अपने चेहरे की चमक को बढ़ाने में मदद मिलती है, अब आप खुद ही सोचिये की यदि आप ढंग से खाते पीते नहीं है, तो आपका चेहरा कैसे लगने लगता है, उसकी चमक भी खो जाती है, आँखों के नीचे डार्क सर्कल जैसी समस्या हो जाती है, लेकिन यदि आप हैल्थी, और सभी पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करते है तो आपके चेहरे की चमक को बढ़ाने में मदद मिलती है, तो आइये जानते है की वो कौन सा आहार है जिसके सेवन से आपको अपने चेहरे को ग्लोइंग बनाने में मदद मिलती है।

गाजर का सेवन करें

गाजर का सेवन करने से या गाजर के जूस को पीने से भी आपको आँखों के नीचे होने वाले डार्क सर्कल की समस्या से निजता दिलाने में मदद मिलती है, क्योंकि आँखों के नीचे होने वाले डार्क सर्कल आपके चेहरे की ख़ूबसूरती को खराब करते है, इसमें मौजूद बीटा – कैरोटीन, विटामिन ए, और एंटी ऑक्सीडेंट्स आपकी स्किन पर मृत कोशिकाओं का जमाव नहीं होने देते है, जिसके कारण आपके चेहरे की चमक हमेशा बनी रहती है।

टमाटर का सेवन करें

टमाटर में लाइकोपीन होता है, जो आपकी त्वचा में कोलेजन को बढ़ाता है, और टमाटर का सेवन करने से आपकी स्किन को अल्ट्रा वॉइलेट किरणों के दुष्प्रभाव से बचने, और उम्र को बढ़ाने वाले तत्वों से बचाता है, जिसेस आपकी स्किन को ग्लोइंग बनने में मदद मिलती है, इसके सेवन से आपको अपने चेहरे को भी ग्लोइंग बनाने में मदद मिलती है।

खीरे का सेवन करें

खीरे का सेवन करने से भी आपको अपने चेहरे की चमक को बढ़ाने में मदद मिलती है, क्योंकि इसमें पानी की मात्रा लगभग 85 % होती है, जो आपकी स्किन को हमेशा नमीयुक्त बनाएं रखने में मदद करती है, साथ ही खीरे का सेवन करने से आपको कब्ज़ और एसिडिटी से भी राहत मिलती है, इसिलिटे आपको इसे अपने चेहरे पर लगाने के साथ अपने आहार में सलाद के रूप में भी शामिल करना चाहिए।

ग्रीन टी का सेवन करें

ग्रीन टी का सेवन करने से आपको न केवल हैल्थी रहने में मदद मिलती है, बल्कि ग्रीन टी का सेवन करने से आपको अपने चेहरे को ग्लोइंग बनाने में मदद मिलती है, इसके इसके लिए आप पानी में ग्रीन टी की कुछ पत्तियों को डालकर उबाल लें, उसके बाद इसे छानकर इसका सेवन करें, इसके सेवन से आपको अपने शरीर को सही रखने के साथ अपनी स्किन को भी ग्लोइंग बनाने में मदद मिलेगी।

जामुन का सेवन करें

जामुन में एंटी ऑक्सीडेंट गुण भरपूर मात्रा में होते है, जो आपके चेहरे की चमक को बढ़ाने में आपकी मदद करते है, इसके सेवन से आपके चेहरे पर होने वाले दाग धब्बो की समस्या से निजात पाने में आपको मदद मिलती है, जिससे आपका चेहरा बिलकुल साफ़ हो जाता है, और आपके चेहरे का ग्लो बना रहता है, साथ ही शुगर पेशेंट के लिए ब्व्ही इसका सेवन बहुत लाभदायक होता है।

पपीते का सेवन करें

पपीते में मौजूद पेपैन नामक तत्व आपके चेहरे की अशुद्धियों को साफ़ करता है, और आपके चेहरे की चमक को बढ़ता है, इसके सेवन करने के साथ यदि आप इसे फेस मास्क के रूप में अपने चेहरे पर भी लगाते है, तो ये आपके चेहरे की चमक को बढ़ाने में मदद करता है।

पानी का भरपूर सेवन करें

भोजन करने के साथ, खाद्य पदार्थो का सेवन करने के साथ आप अपने चेहरे को ग्लोइंग बनाने के लिए पानी का सेवन भी उपरोक्त मात्रा में करें, क्योंकि पानी का सेवन उपरोक्त मात्रा में करने से आपके शरीर से सभी विषैले तत्व यूरिन और पसीने के कारण बाहर निकल जाते है, साथ ही इसके कारण आपकी स्किन भी नमीयुक्त होती है, जिससे आपके चेहरे पर ग्लो आता है।

खट्टे फलों का सेवन करें

खट्टे फलों का सेवन करने से भी आपके चेहरे को ग्लोइंग बनाने में मदद मिलती है, क्योंकि इसमें विटामिन सी, एमिनो एसिड, प्रोलाइन, लाईसिन, उपरोक्त मात्रा में पाया जाता है, और यह तत्व आपकी स्किन को कोमल, नमीयुक्त, और ग्लोइंग बनाने में मदद करते है, इसके लिए आपको अंगूर, निम्बू, मौसम्बी, और संतरे जैसे फलों का सेवन करना चाहिए, इससे आपको फिट रहने में भी मदद मिलती है।

हरी सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें

हरी सब्जियों के सेवन से आपकी बॉडी को फिट रहने के साथ आपकी स्किन को भी ग्लोइंग बनने में मदद मिलती है, साथ ही हरी सब्जियों में आयरन की मात्रा भरपूर होती है, जिससे आपके शरीर में भी खून की मात्रा को पूरा होने में मदद मिलती है, और रक्त संचार भी बॉडी में अच्छे से होता है, जिसका असर आपके चेहरे पर भी साफ़ दिखाई देता है और आपके चेहरे को ग्लोइंग बनने में मदद मिलती है।

संतुलित व् पौष्टिक आहार का सेवन करें

आपका गलत खान पान भी आपके चेहरे की ख़ूबसूरती को कम करता है, चेहरे की ख़ूबसूरती को बढ़ाने के लिए आपको अपने आहार को नियमित व् भरपूर लेना चाहिए, क्योंकि यदि आप अपने आहार को भरपूर नहीं लेंगे तो इसके कारण आपके शरीर को पोषक तत्व नहीं मिलेंगे और इसका असर आपके चेहरे पर भी साफ़ दिखाई देता है, और यदि आप ज्यादा तेल मसाले वाला भोजन करते है, तो इसके कारण भी आपके चेहरे की चमक खोने लगती है, इसीलिए इससे बचने के लिए आपको ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए, जिसमे सभी मिनरल्स भरपूर मात्रा में हो।

हल्दी से बवासीर का इलाज

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बवासीर या पाइल्स मलद्वार के चारों ओर नसों के फूलने या सूजन को कहते हैं। इसमें गुदा पर मस्से जैसे उभार हो जाते हैं। मस्से या तो गुदा के अंदरूनी हिस्से पर होते हैं, या गुदा के चारों ओर। नसों में अंदरूनी सूजन ज्यादातर कम कष्टकारी होती है, परंतु वहीं नसें सूजकर बाहर तक उभर आती हैं, तो ये समस्या बेहद कष्टकारी हो जाती है।

इसमें मलद्वार से रक्तस्त्राव होने से मरीज बेहद कमजोर हो जाता है। समस्या गंभीर रूप ले लेने पर मरीज की मौत तक हो सकती है। बवासीर के मरीज को बैठने में बेहद तकलीफ होती है, यहां तक कि दर्द से रात में नींद तक नहीं आती। यहां हम पढ़ेंगे कि, कैसे हल्दी का प्रयोग करके बवासीर जैसी समस्या छुटकारा पाया जा सकता है।

बवासीर के लक्षण :

बवासीर में कब्ज की वजह से मल शुष्क हो जाता है। मस्से पहले कठोर होना शुरू होते हैं, जिससे गुदा में चुभन-सी होने लगती है। ध्यान न देने पर मस्से फूल जाते हैं और मल त्याग बेहद तकलीफदेह हो जाता है। स्थिति बिगड़ने पर मल के साथ खून भी आने लगता है।

बवसीर का कारण :

बवासीर के कई कारण होते हैं, जिनमें से कब्ज, खराब खान-पान, खाने में फाइबर की कमी, ज्यादा देर तक बैठे रहना, मानसिक तनाव, भारी सामान उठाना प्रमुख हैं। गर्भावस्था में भी ये समस्या देखने को मिलती हैं। हल्दी से बवासीर का इलाज : हल्दी में एंटी इन्फ्लेमेट्री यानी सूजन घटाने वाले गुण होते हैं। इसके साथ ही हल्दी एंटी-सेप्टिक होती है, जो कीटाणुओं को नष्ट करती है। वहीं हल्दी घाव भरने में भी सहायक होती है। पुराने समय से हल्दी को बवासीर का अचूक इलाज माना जाता है। यहां कुछ तरीके दिए हैं जिन्हें आजमाकर हल्दी से दर्दनाक बवासीर का इलाज किया जा सकता है।

1. एलोविरा और हल्दी: आधे चम्मच एलोविरा जेल में एक चम्मच पिसी हल्दी मिलाएं। इसको अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। पेस्ट को सोने से पहले मलद्वार के अंदरूनी और बाहरी हिस्से पर लगाएं। एक हफ्ते तक ये तरकीब आजमाने से बवासीर से राहत मिलेगी।

2. पेट्रोलियम जेली और हल्दी: एक चम्मच हल्दी को एक चम्मच पेट्रोलियम जेली के साथ मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को मल त्याग करने से कुछ समय पहले अपनी गुदा के अंदरूनी और बाहरी हिस्सों पर अच्छे से लगा लें। पेट्रोलियम जेली आपके मलद्वार को मुलायम और चिकना बनाती है, जिससे मल त्यागने में आसानी होती है। वहीं हल्दी सूजन और घाव कम करने के साथ दर्द से भी राहत देती है।

3. देसी घी और हल्दी: एक चम्मच देसी घी में आधा चम्मच हल्दी मिलाएं। इसको अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट बना लें। इस मिश्रण को रात को सोने से पहले अपनी गुदा के अन्दर और बाहर लगा लें। यह प्रक्रिया दो दिन आजमाने से आपको बवासीर से छुटकारा मिल जाएगा।

4. काले नमक के साथ हल्दी: काले नमक में हल्दी का चूर्ण मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पिएं। बकरी के दूध में हल्दी और काला नमक मिलाकर पीने से भी बवासीर में लाभ होगा।

5. मूली और हल्दी: मूली को धोकर छील लें। अब इस पर हल्दी छिड़कर इसे दिन में दो-तीन बार खाएं।

6. दूध और हल्दी: बवासीर होने पर उसके उपचार के साथ इसका बचाव भी जरूरी है। रोजाना गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर पिएं इससे के संक्रमण से बचाव होगा साथ ही अच्छी नींद भी आएगी।

ये भी आजमाएं

7. टब मे गुनगुना पानी भरकर उसमें हल्दी डालें। इस पानी में निर्वस्त्र होकर आधे घंटे तक बैठें।

8. हल्दी, आक का दूध और शिरीष के बीजों को कूटकर बवासीर के मस्सों पर लगाएं। जलन और दर्द से आराम मिलेगा।

9. किसी साफ रुमाल में बर्फ का टुकड़ा लपेट कर अपनी गुदा पर कुछ देर के लिए लगाएं। इससे दर्द और सूजन में बेहद राहत मिलेगी।

10. हल्दी से इलाज के साथ अपने खान-पान का भी ध्यान रखें। खाने में पानी की मात्रा बढ़ाएं और फाइबर युक्त पदार्थों का सेवन करें। दूध में ईसबगोल मिलाकर पिदएं। ज्यादा देर तक एक जगह पर न बैठें। व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। खाने में जैतून का तेल और घी भी शामिल करें। इसके आलावा नारियल पानी और दाने सहित अनार भी खाएं। तले-भुने गरिष्ठ भोजन से परहेज करें।

बुढ़ापे तक सुन्दर और जवान रहना है तो रोज सुबह खाए ये चीज

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budhhape tak sundar jawan rahne ke liye khaye ye chij:- हर इंसान की हमेश सुन्दर और जवान रहने की ख्वाईश होती है, लेकिन ये बात भी सच है की बुढ़ापा तो हम सब को आना ही है और बुढ़ापा आने पर कई सारी बीमारी भी आजाती है और ऐसा लगता है की बस ज़िन्दगी ख़त्म हो गयी है।

बुढ़ापा आने पर इंसान का शरीर कमजोर हो जाता है और उसके शरीर में पहले जैसी ताकत नहीं रहती है। बुढ़ापा आने पर इंसान, लाचार हो जाता है और फिर से वो जवानी वाली ताकत पाना चाहता है, जिसके लिए वह कई सारी दवाइयों का भी इस्तेमाल करता है लेकिन फिर से वो ताकत नहीं पा सकता है, इसीलिए आज मै आपको एक ऐसी चीज़ बताने जा रहा हूँ जिसके सेवन से आप बुढ़ापा में भी जवानी जैसी ताकत पा सकते है।

आज मैं आपको जिस चीज़ के बारे में बताने जा रहा हूँ ये चीज़ बड़ी ही आसानी से और बहुत ही कम कीमत में मिल जाती है और इसका उपयोग करना भी काफी आसान है। इस चीज़ का नाम अजवाइन है। अजवाइन में कैल्शियम, पोटैशियम, आयोडीन, केरोटिन जैसे तत्व होते हैं जो हमें ताकत देने में काफी फायदेमंद होते है।

आइये जानते है अब इसका सेवन करने का तरीका.

अजवाइन को आप सोने से पहले और रात में भोजन के बाद खा लीजिये और याद रहे 10 ग्राम से ज़्यादा अजवाइन नहीं खानी है क्योंकि 10 ग्राम से ज्यादा अजवाइन खाने पर आपके शरीर पर बुरा सर पड़ सकता है इसीलिए सिर्फ 10 ग्राम ही अजवाइन खाये और 1 गिलास पानी पियें या फिर आप अजवाइन को पानी में मिला कर भी पि सकते है. अगर इसी तरह से आप अजवायन का सेवन करते हैं तो आपके बुढ़ापे में भी जवानी जैसी ताकत बनी रहेगी।

Source: www.m.dailyhunt.in

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस या गर्दन की गठिया का घरेलु इलाज़

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अगर आप भी सर्वाइकल के दर्द से काफी परेशान हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपचार बताने जा रहे हैं जिससे आप न सिर्फ सर्वाइकल दर्द से बल्कि सर्वाइकल नाम की इस बीमारी से पूरी तरह निजात पा सकते हैं

सर्वाइकल स्पांडलाइटिस (cervical spondylosis) को गर्दन की गठिया (neck arthritis) के नाम से भी जाना जाता है। इस रोग में गर्दन के जोड़ में दर्द की शिकायत रहती है। यह जोड़ कार्टिलेज, ऊतक और सर्वाइकल स्पाइन में जुड़े रहते हैं।

सर्वाइकल स्पांडलाइटिस अधिकतर उम्र बढ़ने के साथ होने लगता है लेकिन कई दफा गर्दन पर दबाव पड़ने, बैठने-उठने के गलत पोश्चर से, धूम्रपान करने, वजन के बहुत ज्यादा होने, जेनेटिक कारणों और आलसी रहन सहन से भी शुरू हो सकता है।

1. नियमित व्यायाम (Daily excersise)- नियमित व्यायाम न करना भी सर्वाइकल स्पांडलाइटिस होने का बड़ा कारण है। नियमित व्यायाम से गर्दन के दर्द को कम किया जा सकता है।
(यदि किसी भी तरह के व्यायाम से दर्द बढ़ जाए तो व्यायाम को छोड़ दें)

2. गर्म और ठंडी सिकाई (Hot and cold fomentation)- गर्दन दर्द से निजात के लिए गर्दन की गर्म और ठंडी सिकाई करने से भी बहुत आराम मिलता है। गर्म सिकाई करने से रक्त संचार बेहतर होता है वहीं ठंडी सिकाई से सूजन और चुभन कम होती है।

कैसे करें उपचार-
गर्म सिकाई के लिए गर्म पानी की बोतल को तौलिया में लपेट कर गर्दन की सिकाई करें।
ठंडी सिकाई करने के लिए बर्फ (ice) के टुकड़ों को तौलिया में लपेटकर, उस तौलिया से सिकाई करें।
सिकाई करते वक्त कम से कम दो से तीन मिनट तक गर्दन की लगातार सिकाई होनी चाहिए।
15 से 20 मिनट में दोबारा दोहराएं। इस विधि को आराम होने तक दिन में दो बार करें।

3. लहसुन (Garlic)- यदि सर्वाइकल स्पांडलाइटिस के लक्षण नजर आएं तो लहसुन का इस्तेमाल बेहद अच्छे परिणाम दे सकता है। इसके औषधीय गुण गर्दन के दर्द, सूजन और जलन को ठीक करते हैं।

कैसे करें उपचार-
लहसुन की दो कली हर सुबह खाली पेट पानी के साथ खाएं।
खाना बनाने वाले किसी भी तेल में लहसुन की कुछ कलियां डाल कर भून लें। इस तेल को गुनगुना होने तक ठंडा करें और प्रभावित हिस्से की मालिश करें। इस विधि को दिन में दो बार किया जा सकता है।

4. हल्दी (Haldi)- हल्दी के औषधीय गुण किसी से छिपे नहीं है लेकिन अच्छी बात यह भी है कि यह सर्वाइकल स्पांडलाइटिस के दर्द में भी उतनी ही प्रभावी है। हल्दी रक्त संचार तेज करके गर्दन के दर्द से आराम देती है और गर्दन की अकड़न को भी कम करती है।

कैसे करें उपचार-
एक चम्मच हल्दी को दूध में डालकर उबालें और ठंडा होने पर इसमें शहद मिलाएं, इसे दिन में दो बार पीएं।

5. तिल (sesame seed)- सर्वाइकल स्पांडलाइटिस के उपचार के लिए आयुर्वेद की बेस्ट औषधि है तिल। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैग्नीज, कॉपर, जिंक, फॉस्फोरस और विटामिन के (vitamin k) तथा डी (vitamin d) प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसी कारण यह हड्डियों के साथ साथ पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है।

कैसे करें उपचार-
तिल के तेल को गुनगुना करके लगभग 10 मिनट प्रभावित हिस्से की मसाज करें। इस क्रिया को दिनभर में तीन से चार बार करें।
गरम सीसम के तेल में कुछ बूंदे लेवेंडर के तेल की डालकर भी मसाज की जा सकती है।
तिल को हल्का सा भूनकर रोज सुबह चबाएं। इसके अलावा गरम दूध में भुने हुए तिल डालकर भी पीया जा सकता है। एक दिन में लगभग दो गिलास दूध पीएं।

6. अदरक (Ginger)- सर्वाइकल स्पांडलाइटिस के इलाज के लिए अदरक भी बेहतरीन प्रभाव दिखाता है। यह रक्त संचार (blood circulation) को तेज करता है जिससे गर्दन के दर्द से राहत मिलती है।

कैसे करें उपचार-
एक दिन में लगभग तीन कप अदरक की चाय पीएं। अदरक की चाय बनाने के लिए पानी में अदरक उबालें और ठंडा करके इसमें शहद मिलाएं। इस पेय को पीएं।
प्रभावित हिस्से की अदरक के तेल से मसाज भी की जा सकती है।

7. सेब का सिरका (Apple cider vinegar)- सेब साइडर सिरका भी सर्वाइकल स्पांडलाइटिस से राहत देने में बहुत अच्छा असर दिखाती है। यह गर्दन के दर्द और सूजन से राहत देता है।

कैसे करें उपचार-
किसी कपड़े को से साइडर सिरका में भिगोकर प्रभावित स्थान पर लपेटें और कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। दिन में दो बार इस विधि को करें।
दो कप सेब के सिरके को गुनगुने पानी में डालकर नहाया भी जा सकता है।
एक गिलास पानी में कच्चा सेब का सिरका और शहद मिलाकर पीने से भी लाभ होता है।

Source: www.health.raftaar.in

किचन के लिए दादी मां के 10 घरेलू नुस्खे, जरूर पढ़ें…

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सभी लोग अपनी घर की साफ-सफाई में तो ध्यान देते हैं मगर किचन की तरफ उनका ध्यान नहीं जाता जिसके कारण किचन में गंदगी होने लगती हैं. किचन में गंदगी होने के कारण अनेक रोगों के होने की सम्भावना बढ़ जाती है. रसोई की छोटी-छोटी परेशानियां अक्सर साथ मिलकर आपके तनाव को कई गुना बढ़ा देती हैं. रसोई से जुड़ी परेशानियों और उन्हें दूर भगाने के लिए आप कुछ घरेलू टिप्स की मदद ले सकते हैं. जिनके प्रयोग से आपके घर का किचन आसानी से चमक उठेगा.

  1. रसोई के सेल्फ में राख रखने से कीड़े  नहीं आते |
  1. सिंक में नेपथलीन बॉल (ball) डाल देने से कॉकरोच नहीं आते |
  1. बोरिक पाउडर व चीनी (sugar) की बराबर मात्रा कच्चे दूध में बनाकर रखें कॉकरोच नहीं आएंगे |
  1. रसोई के सेल्फ में ताजा नीम के पत्ते रखने पर कीड़े नहीं आते |
  1. चीनी के जार में 1-2 लौंग डालने पर चींटियां (ants) नहीं आएगी |
  1. खाने की मेज पर नमक मिले पानी से साफ़ करने पर मक्खियां (flies) नहीं आएगी |
  1. पानी में फिटकरी मिलाकर फर्श पौंछने से मक्खियां नहीं आती |
  1. कॉफी पाउडर तवे पर भूनकर धुंवां करने से मच्छर मक्खी  भाग जायेंगे |
  1. हल्दी पाउडर व बोरिक पाउडर छिड़कने पर भी चींटियां (ants) नहीं आएगी |
  1. मेथी के परांठे अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए थोड़ा बेसन डालें ,करारे (crunchy)  बनेंगे |

यह 5 चीजें खाना, खून की कमी कभी नहीं होगी

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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में पौष्टिक खान-पान ना होने से शरीर को सैंकड़ों बीमारियां घेर लेती हैं। जिसके बाद व्यक्ति अस्पताल के चक्कर लगाते-लगाते परेशान हो जाता है लेकिन उसे बीमारयों से निजात नहीं मिल पाता है सबसे ज्यादा व्यक्ति शरीर में खून की कमी ज्यादा बढ़ रही है, शरीर में हीमोग्लोबिन कम होना मतलब व्यक्ति के अंदर सारा आयरन गायब हो जाना और जब शरीर में आयरन की कमी होने लगती है तो उसे ऑक्सीजन में परेशानी होने लगती है.

ऐसे में अगर आपको लगता है कि आपके शरीर में खून की कमी हो रही है तो आज से ही घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल करना शुरू कर दें. नीचे कुछ दाने बताये जा रहे हैं जो खून बनाने के लिए मशीन की तरह काम करते हैं यकीन न हो तो खुद आजमा कर देख लें.

बादाम

बादाम में भी भरपूर मात्रा में आयरन होता है खून की कमी वाले रोगी को रोजाना बादाम का सेवन करना चाहिए. बादाम में मैग्रीशियम होता है जो आपको 163 ग्राम कैलोरी का उपभोग करने में मदद करता है.

काजू

काजू न केवल खाने में स्वाद होता है बल्कि इसमे कई पौष्टिक गुण भी होते हैं, जो हमारे शरीर में खून बनाने में सहायक होते है. इसके लिए आपको डेली करीब दस ग्राम काजू खाने चाहिए. काजू से आयरन पर्याप्त मात्रा में मिलती है. इसलिए भारत जैसे गर्म देश में इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाता है. क्योंकि ज्यादा काजू खाना भी शरीर के नुकसानदायक हो सकते हैं.

पिस्ता

पिस्ता भी इंसान को स्वस्थ्य रखने में मददगार साबित हुआ है. 28 ग्राम पिस्ते में 1.1 मिलीग्राम आयरन होता है और भारत में पिस्ता आसानी से मिल जाता है. पिस्ते में आयरन के साथ-साथ मैग्रीरशियम और विटामिन बी भी होता है. सूखे पिस्ते का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए.

मूंगफली

2 चम्मच पीसी मूंगफली में 0.6 मिलीग्राम आयरन होता है जो शरीर के लिए बहुत लाभकारी हैं, साथ ही मूंगफली में पोटेशियम, मैग्रीलशियम और विटामिन बी भी काफी मात्रा में होता है.

चिलगोजा

चिलगोजा शरीर में रक्त बढ़ाने में सबसे बड़ा मददगार साबित होता है. दस ग्राम चिलगोजा में करीब 0.6 मिलीग्राम आयरन होता है. इसे भूनकर भी खाया जा सकता है नहीं तो कच्चा भी खा सकते है, साथ में चिलगोजा रक्त मं हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने में काम करता है.

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