90% लोग नहीं जानते इन बीमारियों में होता है पपीते का सेवन जहर के समान

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पपीता एक ऐसा फल है जो पूरे साल आसानी से मिल जाता है. भारत के ज्यादातर घरों में पपीते का पौधा आसानी से लगा हुआ मिल जाता है. पपीता जितना स्वादिष्ट होता है, यह उतना हीं हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी है. पपीते का रस भी बहुत फायदेमंद होता है. पपीते के बीज के भी ढेर सारे उपयोग हैं।

पपीता बालों और त्वचा के लिए भी अच्छा होता है. पपीते का उपयोग उपयोग सलाद के रूप में भी किया जाता है। तो आइए पपीता के क्या-क्या फायदे हैं और इसका उपयोग किस-किस तरह से किया जा सकता है। पपीता केवल फल नहीं है यह एक दवाई भी है क्योंकि यह पेट से दिल तक स्वस्थ्य लाभ पहुंचता है। पपीता एक ऐसा फल है, जो कच्चा और पका हुआ दोनों ही रूप में खाया जाता है। सबसे अच्छी बात यह है पपीते में कई तरह के विटामिन मिलते हैं, नियमित रूप से खाने से शरीर में कभी विटामिन्स की कमी नहीं होती। बीमार व्यक्ति के लिए भी यह बहुत फायदेमंद होता है। यह आसानी से अवशोषित होकर शारीर को काफी फायदा पहुचता है। पपीते में पपेन नामक पदार्थ पाया जाता है जो मांसाहार गलाने के काम आता है। भोजन पचाने में भी यह अत्यंत सहायक होता है।

पपीता आसानी से हजम होने वाला फल है। पपीता भूख व शक्ति को बढ़ाता है। यह प्लीहा (तिल्ली), यकृत (लीवर), पांडु (पीलिया) आदि रोग को समाप्त करता है। पेट के रोगों को दूर करने के लिए पपीते का सेवन करना लाभकारी होता है। पपीते के सेवन से पाचनतंत्र ठीक होता है। पपीते का रस अरूचि, अनिद्रा (नींद का न आना), सिर दर्द, कब्ज व आंवदस्त आदि रोगों को ठीक करता है। पपीते का रस सेवन करने से अम्लपित्त (खट्टी डकारें) बंद हो जाती है। पपीता पेट रोग, हृदय रोग , आंतों की कमजोरी आदि को दूर करता है। पके या कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर खाना पेट के लिए लाभकारी होता है। पपीते के पत्तों के उपयोग से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है और हृदय की धड़कन नियमित होती है।

पपीता साल भर मिलने वाला फल है। पपीता कच्चा हो या पक्का खाया जा सकता है। पपीता खाने से हमारे शरीर को बहुत सारे फायदे मिलते हैं। पपीता इतना फायदेमंद होने के बावजूद भी इसको ग*र्भवती महिलाओं को खाने के लिए नहीं देना चाहिए। क्योंकि ग*र्भवती महिलाओं पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। चलिए जान लेते हैं किन अवस्थाओं में आपको पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए।

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किन अवस्थाओं में पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए

  1. हम सभी पपीते को एक अच्छे फल के रुप में जानते हैं। लेकिन इसका अत्यधिक सेवन हमारे भोजन नली पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। हम जो भी खाना खाते हैं वह इसी भोजन नली के द्वारा पेट तक पहुंचता है। इसीलिए इस फल को हमेशा कम मात्रा मे ही खाना चाहिए।
  2. अगर आप कच्चा पपीता खाते हैं तो यह आपके लिए कभी-कभी एलर्जी का कारण भी बन सकता है। क्योंकि कच्चे पपीते में पाए जाने वाला लेटेक्स एलर्जी का कारण बन सकता है। इसलिए अगली बार जब भी कच्चा पपीता खाने की सोचे तो सावधानी जरूर बरतें।
  3. इस फल के बहुत सारे आयुर्वेदिक लाभ हैं मगर इस फल के बीज और जड़ ग*र्भपात की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं। खासकर ग*र्भवती महिलाओं को इसका सेवन बड़ी सावधानी से करना चाहिए।
  4. इसका अत्यधिक सेवन आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। क्योंकि इसमें अति संवेदनशील बेंजीन आइसोथियोसाइनेट जैसे विषाक्त तत्व पाए जाते हैं।

ज्यादा पपीता सेवन के हानिकारक प्रभाव

गर्भा*वस्था के दौरान कच्चा या पका पपीता नहीं खाना चाहिए। जिन स्त्रियों को मासिक*धर्म अधिक आता हो उन्हें भी पपीता नहीं खाना चाहिए। प्रमेह, कुष्ठ व अर्श (बवासीर) के रोगियों के लिए कच्चा पपीता हानिकारक होता है। पपीता के बीजो का सेवन करने से ग*र्भपात हो सकता है।

इस वेबसाइट में जो भी जानकारिया दी जा रही हैं, वो हमारे घरों में सदियों से अपनाये जाने वाले घरेल नुस्खे हैं जो हमारी दादी नानी या बड़े बुज़ुर्ग अक्सर ही इस्तेमाल किया करते थे, आज कल हम भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में इन सब को भूल गए हैं और छोटी मोटी बीमारी के लिए बिना डॉक्टर की सलाह से तुरंत गोली खा कर अपने शरीर को खराब कर देते हैं। तो ये वेबसाइट बस उसी भूले बिसरे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लक्षय से बनाई गयी है। आप कोई भी उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर से या वैद से परामर्श ज़रूर कर ले। यहाँ पर हम दवाएं नहीं बता रहे, हम सिर्फ घरेलु नुस्खे बता रहे हैं। कई बार एक ही घरेलु नुस्खा दो व्यक्तियों के लिए अलग अलग परिणाम देता हैं। इसलिए अपनी प्रकृति को जानते हुए उसके बाद ही कोई प्रयोग करे। इसके लिए आप अपने वैद से या डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करे।

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